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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
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प्रेरित 4:32-37

शिष्यों का धन

32 शिष्यों के इस समुदाय में सभी एक मन और एक प्राण थे. कोई भी अपने धन पर अपना अधिकार नहीं जताता था. उन सभी का धन एक में मिला हुआ था. 33 प्रेरितगण असाधारण सामर्थ के साथ प्रभु मसीह येशु के दोबारा जी उठने की गवाही दिया करते थे और परमेश्वर का असीम अनुग्रह उन पर बना था. 34 उनमें कोई भी निर्धन नहीं था क्योंकि उनमें जो खेतों व मकानों के स्वामी थे, अपनी सम्पत्ति बेच कर उससे प्राप्त धनराशि लाते 35 और प्रेरितों के चरणों में रख देते थे, जिसे ज़रूरत के अनुसार निर्धनों में बांट दिया जाता था.

बारनबास की उदारता

36 योसेफ़ नामक एक कुप्रोसवासी लेवी थे, जिन्हें प्रेरितों द्वारा बारनबास नाम दिया गया था, जिसका अर्थ है प्रोत्साहन का पुत्र, 37 उन्होंने अपनी भूमि को बेच दिया और उससे प्राप्त धन लाकर प्रेरितों के चरणों में रख दिया.

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प्रेरित 9:26-31

शाऊल का येरूशालेम प्रवास

26 येरूशालेम पहुँच कर शाऊल ने मसीह येशु के शिष्यों में शामिल होने का प्रयास किया किन्तु वे सब उनसे भयभीत थे क्योंकि वे विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि शाऊल भी अब वास्तव में मसीह येशु के शिष्य हो गए हैं 27 परन्तु बारनबास उन्हें प्रेरितों के पास ले गए और उन्हें स्पष्ट बताया कि मार्ग में किस प्रकार शाऊल को प्रभु का दर्शन प्राप्त हुआ और प्रभु ने उनसे बातचीत की तथा कैसे उन्होंने दमिश्क नगर में मसीह येशु के नाम का प्रचार निडरता से किया है.

28 इसलिए शाऊल येरूशालेम में प्रेरितों के साथ निधड़क होकर रहने लगे तथा मसीह येशु के नाम का प्रचार निडरता से करने लगे. 29 वह यूनानी भाषा के यहूदियों से बातचीत और वाद-विवाद करते थे जबकि वे भी उनकी हत्या की कोशिश कर रहे थे. 30 जब अन्य शिष्यों को इसके विषय में मालूम हुआ, वे उन्हें कयसरिया नगर ले गए जहाँ से उन्होंने उन्हें तारस्यॉस नगर भेज दिया.

31 सारे यहूदिया प्रदेश, गलील प्रदेश और शोमरोन प्रदेश में प्रभु में श्रद्धा के कारण कलीसिया में शान्ति का विकास-विस्तार हो रहा था. पवित्रात्मा के प्रोत्साहन के कारण उनकी संख्या बढ़ती जा रही थी.

Saral Hindi Bible (SHB)

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