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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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गलातिया 4:12-20

12 प्रियजन, मैं तुमसे विनती करता हूँ कि तुम मेरे समान बन जाओ क्योंकि मैं भी तुम्हारे समान बन गया हूँ. तुमने मुझे कोई हानि नहीं पहुंचाई. 13 तुम्हें याद होगा कि मैंने पहली बार अपनी अस्वस्थता की स्थिति में तुम्हें ईश्वरीय सुसमाचार सुनाया था 14 परन्तु मेरी शारीरिक स्थिति के कारण, जो तुम्हारे लिए एक परख थी, तुमने न तो मुझसे घृणा की और न ही मुझसे मुख मोड़ा, परन्तु मुझे इस प्रकार स्वीकार किया, मानो मैं परमेश्वर का स्वर्गदूत हूँ, मसीह येशु हूँ. 15 अब कहाँ गया तुम्हारा आनन्द मनाना? मैं स्वयं गवाह हूँ कि यदि सम्भव होता तो उस समय तुम अपनी आँखें तक निकाल कर मुझे दे देते. 16 क्या सिर्फ सच बोलने के कारण मैं तुम्हारा शत्रु हो गया?

17 वे तुम्हें अपने पक्ष में करने को उत्सुक हैं, किन्तु किसी भले मतलब से नहीं; उनका मतलब तो तुम्हें मुझसे अलग करना है कि तुम उनके शिष्य बन जाओ. 18 हमेशा ही अच्छे उद्धेश्य के लिए उत्साही होना उत्तम होता है और मात्र उसी समय नहीं, जब मैं तुम्हारे मध्य उपस्थित होता हूँ. 19 हे बालकों, तुममें मसीह का स्वरूप पूरी तरह विकसित होने तक मैं दोबारा प्रसव-पीड़ा में रहूँगा. 20 बड़ी अभिलाषा थी कि इस समय मैं तुम्हारे पास होता और मीठी वाणी में तुमसे बातें करता, क्योंकि तुम्हारे विषय में मैं दुविधा में पड़ा हूँ.

मत्तियाह 15:21-28

कनानवासी स्त्री का सराहनीय विश्वास

(मारक 7:24-30)

21 तब येशु वहाँ से निकल कर त्सोर और त्सीदोन प्रदेश में एकान्तवास करने लगे. 22 वहाँ एक कनानवासी स्त्री आई और पुकार-पुकार कर कहने लगी, “प्रभु! मुझ पर दया कीजिए. दाविद की सन्तान! मेरी पुत्री में एक क्रूर प्रेत समाया हुआ है.”

23 किन्तु येशु ने उसकी ओर लेशमात्र भी ध्यान नहीं दिया. शिष्य आ कर उनसे विनती करने लगे, “प्रभु! उसे विदा कर दीजिए. वह चिल्लाती हुई हमारे पीछे लगी है.”

24 येशु ने उससे कहा, “मुझे मात्र इस्राएल वंश के लिए, जिसकी स्थिति खोई हुई भेड़ों समान है, संसार में भेजा गया है.”

25 किन्तु उस स्त्री ने येशु के पास आ झुकते हुए उनसे विनती की, “प्रभु! मेरी सहायता कीजिए!”

26 येशु ने उसे उत्तर दिया, “बालकों को परोसा भोजन उनसे ले कर कुत्तों को दे देना अच्छा नहीं है!”

27 उस स्त्री ने उत्तर दिया, “सच है, प्रभु, किन्तु यह भी तो सच है कि स्वामी की मेज़ से गिरे चूर-चार से कुत्ते अपना पेट भर लेते हैं.” 28 येशु कह उठे, “सराहनीय है तुम्हारा विश्वास! वैसा ही हो, जैसा तुम चाहती हो.” उसी क्षण उसकी पुत्री स्वस्थ हो गई.

Saral Hindi Bible (SHB)

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