Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'भजन संहिता 101 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 109:1-30' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 119:121-144' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'यशायाह 4:2-6' not found for the version: Saral Hindi Bible
इफ़ेसॉस 4:1-16

एकता के लिए बुलाया जाना

इसलिए मैं, जो प्रभु के लिए बन्दी हूँ, तुमसे विनती करता हूँ कि तुम्हारी जीवनशैली तुम्हारी बुलाहट के अनुरूप हो. तुम में विशुद्ध विनम्रता, सौम्यता तथा धीरज के साथ आपस में प्रेम में सहने का भाव भर जाए. शान्ति के बन्धन में पवित्रात्मा की एकता को यथाशक्ति संरक्षित बनाए रखो. एक ही शरीर है, एक ही आत्मा. ठीक इसी प्रकार वह आशा भी एक ही है जिसमें तुम्हें बुलाया गया है. एक ही प्रभु, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा और सारी मानवजाति के पिता, जो सबके ऊपर, सबके बीच और सब में एक ही परमेश्वर हैं.

किन्तु हममें से हर एक को मसीह के वरदान के परिमाण के अनुसार अनुग्रह प्रदान किया गया है, इसी सन्दर्भ में पवित्रशास्त्र का लेख है:

जब वह सबसे ऊँचे पर चढ़ गए,
    बन्दियों को बन्दी बना कर ले गए और
    उन्होंने मनुष्यों को वरदान प्रदान किए.

इस कहावत का मतलब क्या हो सकता है कि वह सबसे ऊँचे पर चढ़ गए, सिवाय इसके कि वह पहले अधोलोक में नीचे उतर गए? 10 वह, जो नीचे उतरे, वही हैं, जो ऊँचे स्थान में बड़े सम्मान के साथ चढ़े कि सारे सृष्टि को परिपूर्ण कर दें. 11 उन्होंने कलीसिया को कुछ प्रेरित, कुछ भविष्यद्वक्ता, कुछ ईश्वरीय सुसमाचार सुनानेवाले तथा कुछ कलीसिया के रखवाले उपदेशक प्रदान किए 12 कि पवित्र सेवकाई के लिए सुसज्जित किए जाएँ, कि मसीह का शरीर विकसित होता जाए; 13 जब तक हम सभी को विश्वास और परमेश्वर-पुत्र के बहुत ज्ञान की एकता उपलब्ध न हो जाए—सिद्ध मनुष्य के समान—जो मसीह का सम्पूर्ण डील-डौल है.

14 तब हम बालक न रहेंगे, जो समुद्री लहरों जैसे इधर-उधर उछाले व फेंके जाते तथा मनुष्यों की ठग विद्या की आँधी और मनुष्य की चतुराइयों द्वारा बहाए जाते हैं; 15 परन्तु सच को प्रेमपूर्वक व्यक्त करते हुए हर एक पक्ष में हमारी उन्नति उनमें होती जाए, जो प्रधान हैं अर्थात् मसीह, 16 जिनके द्वारा सारा शरीर जोड़ों द्वारा गठकर और एक साथ मिलकर प्रेम में विकसित होता जाता है क्योंकि हर एक अंग अपना तय किया गया काम ठीक-ठाक करता जाता है.

मत्तियाह 8:28-34

प्रेतों को सूअरों के झुण्ड में भेजना

(मारक 5:1-20; लूकॉ 8:26-39)

28 झील पार कर वे गदारा नामक अंचल (प्रदेश) में आए. वहाँ क़ब्रों की गुफाओं से निकल कर दो प्रेतात्मा से पीड़ित व्यक्ति उनके सामने आ गए. वे दोनों इतने अधिक हिंसक थे कि कोई भी उस ओर से निकल नहीं पाता था. 29 येशु को देख वे दोनों चिल्ला-चिल्ला कर कहने लगे, “परमेश्वर-पुत्र, आपका हमसे क्या लेना-देना? क्या आप समय से पहले ही हमें दुःख देने आ पहुँचे हैं?”

30 वहाँ कुछ दूर सूअरों का एक झुण्ड चर रहा था. 31 प्रेत येशु से विनती करने लगे, “यदि आप हमें बाहर निकाल ही रहे हैं तो हमें इन सूअरों के झुण्ड में भेज दीजिए.”

32 येशु ने उन्हें आज्ञा दी, “जाओ!” वे निकल कर सूअरों में प्रवेश कर गए और पूरा झुण्ड ढलान पर सरपट भागता हुआ झील में जा गिरा और डूब गया. 33 रखवाले भागे और नगर में जा कर घटना का सारा हाल कह सुनाया; साथ ही यह भी कि उन प्रेतात्मा से पीड़ित व्यक्तियों के साथ क्या-क्या हुआ. 34 सभी नागरिक नगर से निकल कर येशु के पास आने लगे. जब उन्होंने येशु को देखा तो उनसे विनती करने लगे कि वह उस क्षेत्र की सीमा से बाहर चले जाएँ.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.