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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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2 कोरिन्थॉस 1:23-2:11

23 परमेश्वर मेरी इस सच्चाई के गवाह हैं कि मैं दोबारा कोरिन्थॉस इसलिए नहीं आया कि मैं तुम्हें कष्ट देना नहीं चाहता था. 24 इसका मतलब यह नहीं कि हम तुम्हारे विश्वास पर अपना अधिकार जताएं क्योंकि तुम अपने विश्वास में स्थिर खड़े हो. हम तो तुम्हारे ही आनन्द के लिए तुम्हारे सहकर्मी हैं.

अपनी ओर से मैं यह निश्चय कर चुका था कि मैं एक बार फिर वहाँ आकर तुम्हें दुःख न दूँ, क्योंकि वहाँ आकर यदि मैं ही तुम्हें दुःखी करूँ तो मुझे वहाँ आनन्द किनसे प्राप्त होगा, केवल उनसे, जिन्हें मेरे द्वारा दुःख पहुँचा है? मैंने तुम्हें इसी उद्धेश्य से पत्र लिखा था कि जब मैं वहाँ आऊँ तो वे ही लोग मेरे दुःख का कारण न हो जाएँ, जिनसे मुझे आनन्द की आशा है. मुझे निश्चय है कि मेरा आनन्द तुम सभी का आनन्द है. हृदय के कष्ट और क्लेश के कारण आँसू बहा-बहा कर मैंने तुम्हें यह पत्र लिखा है, इसलिए नहीं कि तुम्हें दुःखी करूँ परन्तु इसलिए कि तुम तुम्हारे प्रति मेरे अत्याधिक प्रेम को समझ सको.

पापी को क्षमा दी जाए

यदि कोई दुःख का कारण है तो वह मात्र मेरे लिए नहीं परन्तु किसी सीमा तक तुम सभी के लिए दुःख का कारण बना है. मैं इसके विषय में इससे अधिक कुछ और नहीं कहना चाहता. काफी है ऐसे व्यक्ति के लिए बहुमत द्वारा तय किया गया दण्ड. इसकी बजाय भला यह होगा कि तुम उसे क्षमा कर धीरज दो. कहीं ऐसा न हो कि कष्ट की अधिकाई उसे निराशा में डुबो दे. इसलिए तुमसे मेरी विनती है कि तुम दोबारा उसके प्रति अपने प्रेम की पुष्टि करो. यह पत्र मैंने यह जानने के उद्धेश्य से भी लिखा है कि तुम सब विषयों में आज्ञाकारी हो या नहीं. 10 जिसे तुम किसी विषय में क्षमा करते हो, उसे मैं भी क्षमा करता हूँ. जिस विषय में मैंने क्षमा किया है—यदि वह वास्तव में क्षमा-योग्य था—उसे मैंने मसीह को उपस्थित जानकर तुम्हारे लिए क्षमा किया है 11 कि शैतान हमारी स्थिति का कोई भी लाभ न उठाने पाए—हम उसकी चालों से अनजान नहीं हैं.

मारक 12:1-11

बुरे किसानों का दृष्टान्त

(मत्ति 21:33-46; लूकॉ 20:9-19)

12 मसीह येशु ने उन्हें दृष्टान्तों के माध्यम से शिक्षा देना प्रारम्भ किया: “एक व्यक्ति ने बगीचे में अंगूर की बेल लगाई, उसके चारों ओर बाड़ लगाई, उसमें रसकुण्ड खोदा, रक्षा करने का मचान बनाया और उसे किसानों को पट्टे पर दे कर यात्रा पर चला गया. उपज के अवसर पर उसने अपने एक दास को उन किसानों के पास भेजा कि वह उनसे उपज का कुछ भाग ले आए. 3 किसानों ने उस दास को पकड़ा, उसकी पिटाई की तथा उसे खाली हाथ लौटा दिया. उस व्यक्ति ने फिर एक अन्य दास को भेजा. किसानों ने उसके सिर पर प्रहार कर उसे घायल कर दिया तथा उसके साथ शर्मनाक व्यवहार किया. उस व्यक्ति ने एक बार फिर एक और दास को उनके पास भेजा, जिसकी तो उन्होंने हत्या ही कर दी. उसके द्वारा भेजे हुए अन्य दासों के साथ भी उन्होंने ऐसा ही व्यवहार किया: उन्होंने कुछ को मारा-पीटा तथा बाकियों की हत्या कर दी.

“अब उसके पास भेजने के लिए एक ही व्यक्ति शेष था—उसका प्रिय पुत्र. अन्ततः: उसने उसे ही उनके पास भेज दिया. उसका विचार था, ‘वे मेरे पुत्र का तो सम्मान करेंगे.’

“उन किसानों ने आपस में विचार किया, ‘सुनो, यह वारिस है. यदि इसकी हत्या कर दें तो यह सम्पत्ति ही हमारी हो जाएगी!’ उन्होंने उसे पकड़ उसकी हत्या कर दी तथा उसका शव बगीचे के बाहर फेंक दिया.

“अब बगीचे के स्वामी के सामने इसके अतिरिक्त और कौन सा विकल्प शेष रह गया है कि वह आ कर उन किसानों का नाश करे और उद्यान का पट्टा अन्य किसानों को दे दे? 10 क्या तुमने पवित्रशास्त्र का यह लेख नहीं पढ़ा:

“‘जिस पत्थर को राज मिस्त्रियों ने निकम्मा घोषित कर दिया था,
    वही कोने का मुख्य पत्थर बन गया;
11 यह प्रभु की ओर से हुआ,
    और यह हमारी दृष्टि में अद्भुत है’?”

Saral Hindi Bible (SHB)

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