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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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2 कोरिन्थॉस 4:1-12

मिट्टी के पात्रों में रखी हुई निधि

इसलिए कि यह सेवकाई हमें परमेश्वर की कृपा से प्राप्त हुई है, हम निराश नहीं होते. हमने लज्जा के गुप्त कामों को त्याग दिया है. न तो हमारे स्वभाव में किसी प्रकार की चतुराई है और न ही हम परमेश्वर के वचन को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं. किन्तु सच्चाई को प्रकट करके हम परमेश्वर के सामने स्वयं को हर एक के विवेक के लिए प्रस्तुत करते हैं. यदि हमारा ईश्वरीय सुसमाचार ढ़का हुआ है, तो यह उन्हीं के लिए ढ़का हुआ है, जो विनाश की ओर जा रहे हैं. इस संसार के ईश्वर ने उन अविश्वासियों की बुद्धि को अंधा कर दिया है कि वे परमेश्वर के प्रतिरूप, मसीह के तेजोमय ईश्वरीय सुसमाचार के प्रकाश को न देख सकें. हम स्वयं को ऊँचा नहीं करते—हम मसीह येशु को प्रभु तथा स्वयं को मसीह येशु के लिए तुम्हारे दास घोषित करते हैं. परमेश्वर, जिन्होंने कहा, “अंधकार में से ज्योति चमके,” वही परमेश्वर हैं, जिन्होंने हमारा हृदय चमका दिया कि हमें मसीह के मुख में चमकते हुए परमेश्वर के प्रताप के ज्ञान का प्रकाश प्रदान करें.

यह बेशकीमती खजाना मिट्टी के पात्रों में इसलिए रखा हुआ है कि यह साफ़ हो जाए कि यह असीम सामर्थ हमारा नहीं परन्तु परमेश्वर का है. हम चारों ओर से कष्टों से घिरे रहते हैं किन्तु कुचले नहीं जाते; घबराते तो हैं किन्तु निराश नहीं जाते; सताए तो जाते हैं किन्तु त्यागे नहीं जाते; बहुत चोटिल किए जाते हैं किन्तु नष्ट नहीं किए जाते. 10 हम हरदम मसीह येशु की मृत्यु को अपने शरीर में लिए फिरते हैं कि मसीह येशु का जीवन हमारे शरीर में प्रकट हो जाए. 11 इसलिए हम, जो जीवित हैं, हरदम मसीह येशु के लिए मृत्यु को सौंपे जाते हैं कि हमारी शारीरिक देह में मसीह येशु का जीवन प्रकट हो जाए. 12 इस स्थिति में मृत्यु हममें सक्रिय है और जीवन तुममें.

मारक 10:32-45

दुःखभोग और क्रूस की मृत्यु की तीसरी भविष्यवाणी

(मत्ति 20:17-19; लूकॉ 18:31-34)

32 येरूशालेम नगर की ओर जाते हुए मसीह येशु उन सबके आगे-आगे चल रहे थे. शिष्य चकित थे तथा अन्य पीछे चलने वाले लोग डरे हुए थे. बारहों को अलग ले जाकर मसीह येशु ने उन्हें बताना प्रारम्भ किया कि स्वयं उनके साथ क्या-क्या होना ज़रूरी है. 33 “हम येरूशालेम नगर को जा रहे हैं. वहाँ मनुष्य के पुत्र को प्रधान पुरोहितों तथा शास्त्रियों के हाथों में सौंप दिया जाएगा. वे उस पर मृत्युदण्ड की आज्ञा प्रसारित करेंगे तथा उसे अन्यजातियों को सौंप देंगे. 34 वे सब उसकी ठठ्ठा करेंगे, उस पर थूकेंगे, कोड़े लगाएँगे, और उसकी हत्या कर देंगे तथा तीन दिन बाद वह मरे हुओं में से फिर जीवित हो जाएगा.”

ज़ेबेदियॉस के पुत्रों की विनती

35 ज़ेबेदियॉस के दोनों पुत्र, याक़ोब तथा योहन, मसीह येशु के पास आ कर विनती कर कहने लगे, “गुरुवर, हमारी इच्छा है कि हम आप से जो भी विनती करें, आप उसे हमारे लिए पूरी कर दें.”

36 मसीह येशु ने उनसे पूछा, “क्या चाहते हो?”

37 “हमारी इच्छा है कि आपकी महिमा के समय में हम आपकी दायीं तथा बायीं ओर में बैठें,” उन्होंने विनती की.

38 इस पर मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम्हें तो यह मालूम ही नहीं कि तुम क्या माँग रहे हो. क्या तुम में वह प्याला पीने की क्षमता है जिसे मैं पीने पर हूँ, या तुममें उस बपतिस्मा में बपतिस्मित होने की क्षमता है, जिसमें मुझे बपतिस्मा दिया गया है?”

39 उन्होंने उत्तर दिया, “अवश्य.” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “वह प्याला, जो मैं पिऊँगा, तुम भी पिओगे तथा तुम्हें वही बपतिस्मा दिया जाएगा, जो मुझे दिया गया है 40 किन्तु किसी को अपने दायें या बायें पक्ष में बैठाना मेरा अधिकार नहीं है. ये स्थान उन्हीं के लिए सुरक्षित हैं, जिन्हें इनके लिए तैयार किया गया है.”

41 जब शेष दस ने यह सब सुना तो वे याक़ोब और योहन पर नाराज़ हो गए. 42 उन सब को अपने पास बुला कर मसीह येशु ने उनसे कहा, “वे, जो अन्यजातियों में शासकों के रूप में जाने जाते हैं, उनको दबाया करते तथा उनके बड़े अधिकारी उन पर अपना अधिकार दिखाया करते हैं 43 किन्तु तुम्हारे विषय में ऐसा नहीं है. तुममें जो बड़ा बनने का इच्छुक है, उसको तुम्हारा सेवक हो जाना ज़रूरी है. 44 तुममें जो प्रथम होने का इच्छुक है, उसको सबका दास हो जाना ज़रूरी है 45 क्योंकि स्वयं मनुष्य का पुत्र अन्यों से सेवा कराने नहीं परन्तु सेवा करने तथा अनेकों के उद्धार के लिए फिरौती के रूप में अपने प्राण बलिदान करने आया है.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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