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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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लूकॉ 3:1-18

बपतिस्मा देने वाले योहन का उपदेश

(मत्ति 3:1-12; मारक 1:1-8)

सम्राट कयसर तिबेरियॉस के शासनकाल के पन्द्रहवें वर्ष में जब पोन्तियॉस पिलातॉस यहूदिया प्रदेश का, हेरोदेस गलील प्रदेश का, उसका भाई फ़िलिप्पॉस इतूरिया और त्रख़ोनीतिस प्रदेश का तथा लिसनियस एबिलीन का राज्यपाल था तथा जब हन्ना और कायाफ़स महायाजक पद पर थे; ज़कर्याह के पुत्र योहन को, जब वह जंगल में थे, परमेश्वर की ओर से एक सन्देश प्राप्त हुआ. इसलिए योहन यरदन नदी के आस-पास के सभी क्षेत्र में भ्रमण करते हुए पाप-क्षमा के लिए पश्चाताप के बपतिस्मा का प्रचार करने लगे; जैसी बपतिस्मा देने वाले योहन के विषय में भविष्यद्वक्ता यशायाह की भविष्यवाणी है:

जंगल में पुकारती हुई आवाज़
प्रभु के लिए मार्ग तैयार करो.
    उनके लिए रास्ते सीधे बनाओ.
हर एक घाटी भर दी जाएगी,
    हर एक पर्वत और पहाड़ी समतल की जाएगी.
    टेढ़े रास्ते सीधे हो जाएँगे तथा असमतल पथ समतल.
हर एक मनुष्य के सामने परमेश्वर का उद्धार स्पष्ट हो जाएगा.

बपतिस्मा लेने के उद्देश्य से अपने पास आई भीड़ को सम्बोधित करते हुए योहन कहते थे, “अरे ओ विषैले सर्पों की सन्तान! तुम्हें आनेवाले महाक्रोध से बच कर लौटने की चेतावनी किसने दे दी? सच्चे मन फिराने का प्रमाण दो और इस भ्रम में स्वयं को धोखा न दो: ‘हम तो अब्राहाम की सन्तान हैं!’ क्योंकि यह समझ लो कि परमेश्वर में इन पत्थरों तक से अब्राहाम की सन्तान उत्पन्न करने का सामर्थ्य है. पहले ही वृक्षों की जड़ पर कुल्हाड़ी रखी हुई है. हर एक ऐसा पेड़, जिसका फल अच्छा नहीं है, काटा और आग में झोंक दिया जाता है.”

10 इस पर भीड़ ने उनसे प्रश्न किया, “तब हम क्या करें?”

11 योहन ने उन्हें उत्तर दिया, “जिस व्यक्ति के पास दो कुर्ते हैं, वह एक उसे दे दे, जिसके पास एक भी नहीं है. जिसके पास भोजन है, वह भी यही करे.”

12 चुँगी लेने वाले भी बपतिस्मा के लिए उनके पास आए और उन्होंने योहन से प्रश्न किया, “गुरुवर! हमारे लिए उचित क्या है?”

13 “निर्धारित राशि से अधिक मत लो.” योहन ने उत्तर दिया. 14 कुछ सिपाहियों ने उनसे प्रश्न किया, “हमें बताइए—हम क्या करें?”

योहन ने उत्तर दिया, “न तो डरा-धमका कर लोगों से पैसा ऐंठो और न ही उन पर झूठा आरोप लगाओ परन्तु अपने वेतन में ही सन्तुष्ट रहो.”

15 बड़ी जिज्ञासा के भाव में भीड़ यह जानने का प्रयास कर रही थी और अपने-अपने हृदय में यही विचार कर रहे था कि कहीं योहन ही तो मसीह नहीं हैं. 16 भीड़ को सम्बोधित करते हुए योहन ने स्पष्ट किया, “मेरा बपतिस्मा तो मात्र जल-बपतिस्मा है किन्तु एक मुझसे अधिक शक्तिमान आ रहे हैं. मैं तो उनकी जूतियों के बन्ध खोलने योग्य भी नहीं. वही हैं, जो तुम्हें पवित्रात्मा और आग में बपतिस्मा देंगे. 17 वह गेहूं को निरुपयोगी भूसी और डण्ठल से अलग करते हैं. वह गेहूं को खलिहान में इकट्ठा करेंगे तथा भूसी को कभी न बुझनेवाली आग में स्वाहा कर देंगे.” 18 योहन अनेक प्रकार से शिक्षा देते हुए लोगों में सुसमाचार का प्रचार करते रहे.

Saral Hindi Bible (SHB)

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