Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
येरूशालेम कलीसिया
12 तब वे उस पहाड़ी से, जिसे ज़ैतून पर्वत भी कहा जाता है, येरूशालेम लौट गए. यह स्थान येरूशालेम से शब्बाथ के लिए ठहराई हुई दूरी पर है. 13 नगर में पहुँच कर वे ऊपर के कमरे में इकट्ठा हो गए, जहाँ वे रह रहे थे. वहाँ पेतरॉस, योहन, याक़ोब, आन्द्रेयास, फ़िलिप्पॉस, थोमॉस, बारथोलोमेयॉस, मत्तियाह, हलफ़ेयॉस के पुत्र याक़ोब, शिमोन ज़ेलोतेस तथा याक़ोब के पुत्र यहूदाह उपस्थित थे. 14 ये सभी वहाँ नियमित रूप से सच्चाई के साथ एक मन होकर, मसीह येशु की माता मरियम, उनके भाइयों तथा अन्य स्त्रियों के साथ प्रार्थना के लिए इकट्ठा होने लगे.
यहूदाह के स्थान पर मत्तियाह की नियुक्ति
15 तब एक दिन, जब लगभग एक सौ बीस विश्वासी इकट्ठा थे, पेतरॉस उनके बीच खड़े होकर कहने लगे, 16 “प्रियजन, मसीह येशु को पकड़वाने के लिए अगुवा यहूदाह, के विषय में दाविद के माध्यम से पवित्रात्मा के द्वारा कहा गया पवित्रशास्त्र का वचन पूरा होना ज़रूरी था. 17 वह हम में से एक तथा सेवा के कार्य में सहभागी था.”
21 इसलिए यह ज़रूरी है कि एक ऐसे व्यक्ति को चुना जाए, जो प्रभु मसीह येशु के कार्यों के सारे समय का गवाह है. 22 मसीह येशु को योहन द्वारा बपतिस्मा दिए जाने से लेकर उनके स्वर्ग में स्वीकार किए जाने तक—यह व्यक्ति हमारे साथ मसीह येशु के पुनरुत्थान का गवाह बने.”
23 इसलिए दो नाम सुझाए गए: योसेफ़ जिसे बारसब्बास के नाम से जाना जाता है, जिसका उपनाम था जस्तुस तथा दूसरा व्यक्ति मत्तियाह. 24 तब उन्होंने यह प्रार्थना की, “हे मनों को जाँचने वाले प्रभु, हम पर यह साफ़ कीजिए कि इन दोनों में से आपने किसे चुना है 25 कि वह इस सेवा के कार्य और प्रेरितों की वह खाली जगह ले, जिससे मुक्त होकर यहूदाह अपने ठहराए हुए स्थान पर चला गया.” 26 तब उन्होंने चिट डालें और मत मत्तियाह के पक्ष में पड़े, इसलिए वह ग्यारह प्रेरितों में सम्मिलित कर लिया गया.
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