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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रेरित 13:16-25

यहूदियों के सामने पौलॉस द्वारा भाषण

16 इस पर पौलॉस ने हाथ से संकेत करते हुए खड़े होकर कहा. “इस्राएलवासियो तथा परमेश्वर के श्रद्धालुओ, सुनो! 17 इस्राएल के परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को चुना तथा मिस्र देश में उनके घर की अवधि में उन्हें एक फलवन्त राष्ट्र बनाया और प्रभु ही अपने बाहुबल से उन्हें उस देश से बाहर निकाल लाए; 18 इसके बाद जंगल में वह लगभग चालीस वर्ष तक उनके प्रति सहनशील बने रहे 19 और उन्होंने कनान देश की सात जातियों को नाश कर उनकी भूमि अपने लोगों को मीरास में दे दी. 20 इस सारी प्रक्रिया में लगभग चार सौ पचास वर्ष लगे.

“इसके बाद परमेश्वर उनके लिए भविष्यद्वक्ता शमुएल के आने तक न्यायाधीश ठहराते रहे. 21 फिर इस्राएल ने अपने लिए राजा की विनती की. इसलिए परमेश्वर ने उन्हें बिन्यामीन के वंश से कीश का पुत्र शाऊल दे दिया, जो चालीस वर्ष तक उनका राजा रहा. 22 परमेश्वर ने शाऊल को पद से हटा कर उसके स्थान पर दाविद को राजा बनाया जिनके विषय में उन्होंने स्वयं कहा था कि यिशै का पुत्र दाविद मेरे मन के अनुसार व्यक्ति है. वही मेरी सारी इच्छा पूरी करेगा.

23 “उन्हीं के वंश से, अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार, परमेश्वर ने इस्राएल के लिए एक उद्धारकर्ता मसीह येशु की उत्पत्ति की. 24 मसीह येशु के आने के पहले योहन ने सारी इस्राएली प्रजा में पश्चाताप के बपतिस्मे का प्रचार किया. 25 अपनी तय की हुई सेवा का कार्य पूरा करते हुए योहन घोषणा करते रहे, ‘क्या है मेरे विषय में आपका विश्वास? मैं वह नहीं हूँ. यह समझ लीजिए: मेरे बाद एक आ रहे हैं. मैं जिनकी जूती का बन्ध खोलने योग्य तक नहीं हूँ.’

Saral Hindi Bible (SHB)

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