Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
पौलॉस की आश्वस्तता
14 प्रियजन, तुम्हारे विषय में स्वयं मैं भी निश्चित हूँ कि तुम भी सर्वगुणसम्पन्न, सभी ज्ञान से भरकर तथा एक-दूसरे को कर्तव्य की याद दिलाने में पूरी तरह सक्षम हो. 15 फिर भी मैंने कुछ विषयों पर तुम्हें साहस करके लिखा है कि तुम्हें इनका दोबारा स्मरण दिला सकूँ. यह इसीलिए कि मुझे परमेश्वर के द्वारा अनुग्रह प्रदान किया गया 16 कि मैं परमेश्वर के ईश्वरीय सुसमाचार के याजक के रूप में अन्यजातियों के लिए मसीह येशु का सेवक बनूँ कि अन्यजाति पवित्रात्मा के द्वारा अलग किए जा कर परमेश्वर के लिए ग्रहण योग्य भेंट बन जाएँ.
17 अब मेरे पास मसीह येशु में परमेश्वर सम्बन्धित विषयों पर गर्व करने का कारण है. 18 मैं मात्र उन विषयों का वर्णन करना चाहूँगा, जो मसीह येशु ने मुझे माध्यम बनाकर मेरे प्रचार के द्वारा पूरे किए, जिसका परिणाम हुआ अन्यजातियों की आज्ञाकारिता. 19 ये सब अद्भुत चिह्नों तथा पवित्रात्मा के सामर्थ्य में किए गए कि येरूशालेम से लेकर सुदूर इल्लिरिकुम तक मसीह येशु के ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार किया जाए. 20 स्वयं मेरी बड़ी इच्छा तो यही रही है कि ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार उन्हीं क्षेत्रों में हो, जहाँ मसीह येशु के विषय में अब तक सुना नहीं गया कि मैं किसी अन्य व्यक्ति द्वारा रखी गई नींव पर निर्माण न कर बैठूँ. 21 जैसा पवित्रशास्त्र का लेख है:
वे, जिन्होंने उनका समाचार प्राप्त नहीं किया,
उन्हें देखेंगे तथा वे,
जिन्होंने कुछ भी नहीं सुना, समझ लेंगे.
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