Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
22 यही वह कारण है कि तुमसे भेंट करने के लिए मेरे आने में बाधा पड़ती रही.
पौलॉस की योजनाएँ
23 अब इन देशों में मेरे सामने कोई स्थान बाकी नहीं रहा और अनेक वर्षों से मेरी यह इच्छा भी रही है कि तुमसे भेंट करूँ. 24 मेरे लिए यह सम्भव हो सकेगा जब मैं स्पेन यात्रा को जाऊँगा. मुझे आशा है कि जाते हुए तुमसे भेंट हो तथा थोड़े समय के लिए तुम्हारी संगति का आनन्द लूँ और तुम्हारी सहायता भी प्राप्त कर सकूँ 25 किन्तु इस समय तो मैं येरूशालेम के पवित्र लोगों की सहायता के लिए येरूशालेम की ओर जा रहा हूँ. 26 मकेदोनिया तथा आख़ेया प्रदेश की कलीसियाएँ येरूशालेम के निर्धन पवित्र लोगों की सहायता के लिए खुशी से सामने आईं. 27 सच मानो, उन्होंने यह खुशी से किया है. वे येरूशालेमवासियों के कर्ज़दार हैं क्योंकि जब अन्यजातियों ने उनसे आत्मिक धन प्राप्त किया है तो यह उचित ही है कि अब वे भौतिक वस्तुओं द्वारा भी उनकी सहायता करें. 28 इसलिए अपने कर्तव्य को पूरा कर जब मैं निश्चित हो जाऊँगा कि उन्हें यह राशि प्राप्त हो गई है, मैं स्पेन की ओर जाऊँगा तथा मार्ग में तुमसे भेंट करूँगा. 29 यह तो मुझे मालूम है कि जब मैं तुमसे भेंट करूँगा, मेरे साथ मसीह येशु की आशीष पूरी तरह होंगी.
30 अब, प्रियजन, हमारे प्रभु मसीह येशु तथा पवित्रात्मा के प्रेम के द्वारा तुमसे मेरी विनती है कि मेरे साथ मिलकर परमेश्वर से मेरे लिए प्रार्थनाओं में जुट जाओ 31 कि मैं यहूदिया प्रदेश के अविश्वासी व्यक्तियों की योजनाओं से बच सकूँ तथा येरूशालेम के पवित्र लोगों के प्रति मेरी सेवा उन्हें स्वीकार हो 32 कि मैं परमेश्वर की इच्छा के द्वारा तुमसे आनन्दपूर्वक भेंट कर सकूँ तथा तुम्हारी संगति मेरे लिए एक सुखद विश्राम हो जाए. 33 शान्ति के परमेश्वर तुम सबके साथ रहें. आमेन.
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