Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
कोरिन्थॉस में तीतॉस का भेजा जाना
16 तीतॉस के मन में तुम्हारे प्रति ऐसा ही उत्साह जगाने के लिए मैं परमेश्वर का आभारी हूँ. 17 उसने न केवल हमारी विनती ही सहर्ष स्वीकार की बल्कि वह उत्साह में अपनी इच्छा से तुम्हारे पास चला गया है. 18 हम उसके साथ एक ऐसे व्यक्ति को भेज रहे हैं, जो सारी कलीसियाओं में ईश्वरीय सुसमाचार के प्रचार के लिए सराहा जा रहा है. 19 इतना ही नहीं, स्वयं प्रभु की महिमा तथा लोगों पर इस सहायता के लिए हमारी तत्परता प्रकट करने के उद्धेश्य से कलीसियाओं ने इस व्यक्ति को हमारे साथ यात्रा करने के लिए चुना है. 20 हम सावधान हैं कि किसी को भी इस सहायता की राशि के प्रबन्ध करने में हम पर उँगली उठाने का अवसर न मिले. 21 हमारा उद्धेश्य न केवल वह है, जो प्रभु की दृष्टि में सुशोभनीय और भला है परन्तु मनुष्यों की दृष्टि में भी.
22 इनके साथ हम एक और व्यक्ति को भेज रहे हैं. अनेक अवसरों पर हमने उसे परखा है और उसे सच्चा ही पाया है. अब तो तुम्हारे लिए उसके भरोसे ने उसमें और अधिक उत्साह तथा सहायता के लिए तेज़ी का संचार किया है. 23 तीतॉस तुम्हारे बीच मेरा साथी तथा सहकर्मी है. उसके साथी यात्री कलीसियाओं के भेजे हुए तथा मसीह का गौरव हैं. 24 इसलिए कलीसियाओं के सामने खुले दिल से उन पर अपने प्रेम तथा तुम्हारे प्रति हमारे घमण्ड़ के कारणों का प्रमाण दो.
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