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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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लूकॉ 1:57-80

बपतिस्मा देने वाले योहन का जन्म

57 एलिज़ाबेथ का प्रसवकाल पूरा हुआ और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया. 58 जब पड़ोसियों और परिजनों ने यह सुना कि एलिज़ाबेथ पर यह अनुग्रह हुआ है, तो वे भी उनके इस आनन्द में सम्मिलित हो गए.

बपतिस्मा देने वाले योहन का ख़तना

59 आठवें दिन वे शिशु के ख़तना के लिए इकट्ठा हुए. वे शिशु को उसके पिता के नाम पर ज़कर्याह पुकारने लगे 60 किन्तु शिशु की माता ने उत्तर दिया; “नहीं! इसका नाम योहन होगा!”

61 इस पर उन्होंने एलिज़ाबेथ से कहा, “आपके परिजनों में तो इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है!”

62 तब उन्होंने शिशु के पिता से संकेत में प्रश्न किया कि वह शिशु का नाम क्या रखना चाहते हैं? 63 ज़कर्याह ने एक लेखन पट्ट मँगा कर उस पर लिख दिया, “इसका नाम योहन है.” यह देख सभी चकित रह गए. 64 उसी क्षण उनकी आवाज़ लौट आई. उनकी जीभ के बन्धन खुल गए और वह परमेश्वर का स्तुति करने लगे. 65 सभी पड़ोसियों में परमेश्वर के प्रति श्रद्धाभाव आ गया और यहूदिया प्रदेश के सभी पर्वतीय क्षेत्र में इसकी चर्चा होने लगी. 66 निस्सन्देह प्रभु का हाथ उस बालक पर था. जिन्होंने यह सुना, उन्होंने इसे याद रखा और यह विचार करते रहे: “क्या होगा यह बालक!”

ज़कर्याह का मंगल-गान

67 पवित्रात्मा से भरकर उनके पिता ज़कर्याह इस प्रकार भविष्यवाणियों का वर्णानुभाषण करना शुरू किया:

68 “धन्य हैं प्रभु, इस्राएल के परमेश्वर,
    क्योंकि उन्होंने अपनी प्रजा की सुधि ली और उसका उद्धार किया.
69 उन्होंने हमारे लिए अपने सेवक दाविद के वंश में
    एक उद्धारकर्ता उत्पन्न किया है,
70 (जैसा उन्होंने प्राचीन काल के अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से प्रकट किया)
71 शत्रुओं तथा उन सब से, जो हमसे घृणा करते हैं, बचाए रखा
72 कि वह हमारे पूर्वजों पर अपनी कृपादृष्टि प्रदर्शित करें
    तथा अपनी पवित्र वाचा को पूरा करें;
73 वही वाचा,
जो उन्होंने हमारे पूर्वज अब्राहाम से स्थापित की थी:
74-75 वह हमें हमारे शत्रुओं से छुड़ाएंगे कि हम पवित्रता और धार्मिकता में
    निर्भय हो जीवन भर उनकी सेवा कर सकें.

76 “और बालक तुम, मेरे पुत्र, परमप्रधान परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता कहलाओगे;
    क्योंकि तुम उनका मार्ग तैयार करने के लिए प्रभु के आगे-आगे चलोगे,
77 तुम परमेश्वर की प्रजा को
    उसके पापों की क्षमा के द्वारा उद्धार का ज्ञान प्रदान करोगे.
78 हमारे परमेश्वर की अत्याधिक कृपा के कारण स्वर्ग से हम पर प्रकाश का उदय
79 होगा उन पर, जो अन्धकार और मृत्यु की छाया में हैं;
    कि इसके द्वारा शान्ति के मार्ग पर हमारा मार्गदर्शन हो.”

80 बालक योहन का विकास होता गया तथा वह आत्मिक रूप से भी बलवन्त होते गए. इस्राएल के सामने सार्वजनिक रूप से प्रकट होने के पहले वह जंगल में निवास करते रहे.

Saral Hindi Bible (SHB)

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