Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
9 वास्तव में यह आवश्यक ही नहीं कि मैं पवित्र लोगों में अपनी सेवकाई के विषय में तुम्हें कुछ लिखूँ 2 क्योंकि सहायता के लिए तुम्हारी तैयारी से मैं भली-भांति परिचित हूँ. मकेदोनियावासियों के सामने मैं इसका घमण्ड़ भी करता रहा हूँ कि अखाया प्रदेश की कलीसिया पिछले एक वर्ष से इसके लिए तैयार है और उनमें से अधिकांश को तुम्हारे उत्साह से प्रेरणा प्राप्त हुई. 3 मैंने कुछ साथी विश्वासियों को तुम्हारे पास इसलिए भेजा है कि तुम्हारे विषय में मेरा घमण्ड़ करना खोखला न ठहरे, परन्तु वे स्वयं तुम्हें सेवा के लिए तैयार पाएँ—ठीक जैसा मैं उनसे कहता रहा हूँ. 4 ऐसा न हो कि जब कोई मकेदोनियावासी मेरे साथ आए और तुम्हें दान देने के लिए तैयार न पाए तो हमें तुम्हारे प्रति ऐसे आश्वस्त होने के कारण लज्जित होना पड़े—तुम्हारी अपनी लज्जा तो एक अलग विषय होगा. 5 इसलिए मैंने यह आवश्यक समझा कि मैं साथी विश्वासियों से यह विनती करूँ कि वे पहले ही तुम्हारे पास चले जाएँ तथा उस प्रतिज्ञा की गई भेंट का प्रबन्ध कर लें, जो तुमने उदारता के भाव में दी है, न कि कंजूसी के भाव में.
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