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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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2 कोरिन्थॉस 11:16-33

पौलॉस द्वारा अपने कष्टों का गुणगान

16 मैं दोबारा याद दिला रहा हूँ: कोई मुझे मूर्ख न समझे किन्तु यदि तुमने मुझे ऐसा मान ही लिया है तो मुझे मूर्ख के रूप में ही स्वीकार कर लो. इससे मुझे भी गर्व करने का अवसर मिल जाएगा. 17 बेधड़क कहा गया मेरा वचन प्रभु द्वारा दिया गया नहीं है—यह सब तो एक मूर्ख की घमण्ड़ में कही गई बात है. 18 कितने तो अपनी मानवीय उपलब्धियों का घमण्ड़ कर रहे हैं, तो मैं भी घमण्ड़ क्यों न करूँ? 19 तुम तो ऐसे बुद्धिमान हो कि मूर्खों की खुशी से सह लेते हो. 20 वस्तुत: तुम तो उसकी तक सह लेते हो, जो तुम्हें दास बना लेता है, जो तुम्हारा शोषण करता है, तुम्हारा अनुचित लाभ उठाता है, स्वयं को उन्नत करता है, यहाँ तक कि वह तुम्हारे मुख पर थप्पड़ तक मार देता है! 21 मुझे स्वयं लज्जित हो कहना पड़ रहा है कि हम इन सब की तुलना में बहुत दुर्बल थे.

कोई किसी भी विषय का अभिमान करने का साहस करे—मैं यह मूर्खतापूर्वक कह रहा हूँ—मैं भी उसी प्रकार अभिमान करने का साहस कर रहा हूँ. 22 क्या वे इब्री हैं? इब्री मैं भी हूँ, क्या वे इस्राएली हैं? इस्राएली मैं भी हूँ, क्या वे अब्राहाम के वंशज हैं? अब्राहाम का वंशज मैं भी हूँ. 23 क्या वे मसीह के सेवक हैं? मैं पागल व्यक्ति की तरह कहता हूँ, मैं उनसे कहीं बढ़कर हूँ: मैंने उनसे कहीं अधिक परिश्रम किया है, उनसे कहीं अधिक बन्दी बनाया गया हूँ, अनगिनत बार पीटा गया हूँ, अक्सर ही मेरे प्राण संकट में पड़े हैं. 24 यहूदियों ने मुझे पाँच बार एक कम चालीस कोड़े लगाए. 25 तीन बार मैं बेंत से पीटा गया, एक बार मेरा पथराव किया गया और तीन बार मेरा जलयान ध्वस्त हुआ, एक रात तथा एक दिन मुझे समुद्र में व्यतीत करना पड़ा. 26 बार-बार मुझे यात्राएँ करनी पड़ीं. कभी नदियों के, कभी डाकुओं के, कभी अपने देशवासियों के, कभी अन्यजातियों के, कभी नगरों में, कभी जंगल में, कभी समुद्र में जोखिम का और कभी झूठे विश्वासियों के जोखिम का सामना करना पड़ा है. 27 मैंने अनेक रातें जाग कर, भूखे-प्यासे रह कर, अक्सर भूखे रह कर, सर्दी और थोड़े वस्त्रों में रहते हुए कठिन परिश्रम किया तथा अनेक कठिनाइयाँ झेली हैं. 28 इन सब बाहरी कठिनाइयों के अलावा प्रतिदिन मुझ पर सभी कलीसियाओं की भलाई-चिन्ता का बोझ बना रहता है. 29 कौन कमज़ोर है, जिसकी कमज़ोरी का अहसास मुझे नहीं होता? किसके पाप में पड़ने से मैं चिन्तित नहीं होता?

30 यदि मुझे घमण्ड़ करना ही है तो मैं अपनी कमज़ोरी का घमण्ड़ करूँगा. 31 प्रभु मसीह येशु के परमेश्वर तथा पिता, जो युगानुयुग धन्य हैं, गवाह हैं कि मैं झूठ नहीं बोल रहा: 32 जब मैं दमिश्क में था तो राजा अरेतॉस के राज्यपाल ने मुझे बन्दी बनाने के उद्धेश्य से नगर में पहरा बैठा दिया था 33 किन्तु मुझे शहरपनाह के एक झरोखे से एक टोकरे में बैठा कर नीचे उतार दिया गया और इस प्रकार मैं उसके हाथों से बच निकला.

Saral Hindi Bible (SHB)

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