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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
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Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'भजन संहिता 103-104' not found for the version: Saral Hindi Bible
1 कोरिन्थॉस 2

प्रियजन, मैं तुम्हारे यहाँ न तो बातों की चतुराई का उपयोग करने आया और न ही उत्तम ज्ञान का प्रदर्शन करने, परन्तु मैं तुम्हारे यहाँ परमेश्वर के भेद का प्रकाशन करने आया था, क्योंकि तुम्हारे बीच मैं इस निश्चय के साथ आया था कि मैं मसीह येशु और उनकी क्रूस की मृत्यु के अलावा किसी भी अन्य विषय को न जानूँ. जब मैं तुम्हारे बीच था, मैं निर्बल था—भयभीत और थरथराता हुआ. मेरा वचन तथा मेरा प्रचार मनुष्य के ज्ञान भरे शब्दों की लुभावनी शैली में नहीं परन्तु पवित्रात्मा तथा सामर्थ्य के प्रमाण में था कि तुम्हारे विश्वास का आधार परमेश्वर का सामर्थ्य हो, न कि मनुष्य का ज्ञान.

पवित्रात्मा द्वारा दिया गया ज्ञान

फिर भी मैं उन्हें, जो मजबूत हैं, ज्ञान भरा सन्देश देता हूँ परन्तु यह ज्ञान न इस युग का है और न इस युग के शासकों का, जिनका नाश होना तय है. हम परमेश्वर के ज्ञान का—उस रहस्यमय भेद का—जो गुप्त रखा गया है, प्रकट करते हैं, जिसे परमेश्वर ने युगों से पहले हमारी महिमा के लिए तय किया था. इस ज्ञान को इस युग के किसी भी राजा ने न पहचाना. यदि वे इसे पहचान लेते, वे ज्योतिर्मय प्रभु को क्रूसित न करते. किन्तु ठीक जैसा पवित्रशास्त्र का लेख है:

जो कभी आँखों से दिखाई नहीं दिया,
    जो कभी कानों से सुना नहीं गया और जो मनुष्य के हृदय में नहीं उतरा,
वह सब परमेश्वर ने उनके लिए,
    जो उनसे प्रेम करते हैं, तैयार किया है.

10 यह सब परमेश्वर ने हम पर आत्मा के माध्यम से प्रकट किया. आत्मा सबकी, यहाँ तक कि परमेश्वर की गूढ़ बातों की भी खोज करते हैं. 11 मनुष्यों में मनुष्य की अन्तरात्मा के अतिरिक्त अन्य कोई भी उनके मन की बातों को नहीं जानता. 12 हमें संसार की आत्मा नहीं परन्तु वह आत्मा प्राप्त हुई है, जो परमेश्वर की ओर से हैं कि हम वह सब जान सकें, जो परमेश्वर ने हमें उदारतापूर्वक प्रदान किया है.

13 हम उनके लिए, जो आत्मिक हैं, आत्मिक बातों का वर्णन मनुष्य के ज्ञान के शब्दों के द्वारा नहीं परन्तु आत्मिक शब्दों में करते हैं. 14 बिना आत्मा का व्यक्ति परमेश्वर की आत्मा के विषय की बातों को स्वीकार नहीं करता क्योंकि इन्हें वह मूर्खता मानता है. ये सब उसकी समझ से परे हैं क्योंकि इनकी विवेचना पवित्रात्मा द्वारा की जाती है; 15 किन्तु वह, जो आत्मिक है, हरेक बात की जांच करता है किन्तु स्वयं उसकी जांच कोई नहीं करता:

16 “क्योंकि कौन है वह,
    जिसने प्रभु के मन को जान लिया है कि वह उन्हें निर्देश दे सके?”

किन्तु हम वे हैं, जिनमें मसीह का मन मौजूद है.

Saral Hindi Bible (SHB)

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