Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'निर्गमन 34 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
योहन 13

मसीह येशु द्वारा शिष्यों का पद-प्रक्षालन

13 फ़सह उत्सव के पूर्व ही मसीह येशु को यह पता था कि उनका संसार को छोड़ कर पिता परमेश्वर के पास लौट जाने का समय पास आ गया है. वह उनसे हमेशा प्रेम करते रहे, जो संसार में उनके अपने थे किन्तु अब उन्होंने उनसे अन्त तक वैसा ही प्रेम रखा.

शिमोन के पुत्र कारियोतवासी यहूदाह के मन में शैतान यह विचार डाल चुका था कि वह मसीह येशु के साथ धोखा करे. भोज के समय मसीह येशु ने भली-भांति यह जानते हुए कि पिता ने सब कुछ उनके हाथ में कर दिया है और यह भी कि वह परमेश्वर की ओर से आए हैं और परमेश्वर के पास लौट रहे हैं, भोजन की मेज़ से उठ कर अपने बाहरी कपड़े उतारे, कमर में अंगोछा बान्ध लिया और एक बर्तन में जल उण्डेल कर शिष्यों के पांव धोने और कमर में बँधे अँगोछे से पोंछने लगे.

जब वह शिमोन पेतरॉस के पास आए तो पेतरॉस ने उनसे कहा, “प्रभु, आप मेरे पांव धोएंगे?”

मसीह येशु ने उत्तर दिया, “जो मैं कर रहा हूँ, तुम उसे इस समय नहीं, कुछ समय बाद समझोगे.” पेतरॉस ने कहा, “नहीं, प्रभु, आप मेरे पांव कभी भी न धोएंगे.” “यदि मैं तुम्हारे पांव न धोऊँ तो तुम्हारा मेरे साथ कोई सम्बन्ध नहीं रह जाएगा,” मसीह येशु ने कहा.

इस पर शिमोन पेतरॉस ने मसीह येशु से कहा, “प्रभु, तब तो मेरे पांव ही नहीं, हाथ और सिर भी धो दीजिए.”

10 मसीह येशु ने कहा, “जो स्नान कर चुका है, वह पूरी तरह साफ़ हो चुका है, उसे ज़रूरत है मात्र पांव धोने की; तुम लोग साफ़ हो परन्तु सबके सब साफ़ नहीं.” 11 मसीह येशु यह जानते थे कि कौन उनके साथ धोखा कर रहा है इसीलिए उन्होंने यह कहा: “परन्तु सब के सब साफ़ नहीं.”

12 जब मसीह येशु शिष्यों के पांव धो कर, अपने बाहरी कपड़े दोबारा पहन कर भोजन के लिए बैठ गए तो उन्होंने शिष्यों से कहा, “तुम समझ रहे हो कि मैंने तुम्हारे साथ यह क्या किया है?” 13 “तुम लोग मुझे ‘गुरु’ और ‘प्रभु’, कहते हो, सही ही है—क्योंकि मैं वह हूँ. 14 इसलिए यदि मैंने प्रभु और गुरु हो कर तुम्हारे पांव धोए हैं तो सही है कि तुम भी एक दूसरे के पांव धोओ. 15 मैंने तुम्हारे सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है—तुम भी वैसा ही करो, जैसा मैंने तुम्हारे साथ किया है. 16 मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: दास अपने स्वामी से बढ़कर नहीं होता और न ही कोई भेजा हुआ अपने भेजनेवाले से. 17 ये सब तो तुम जानते ही हो. सुखद होगा तुम्हारा जीवन यदि तुम इनका पालन भी करो.

धोखा की पूर्वघोषणा

18 “मैं तुम सबके विषय में नहीं कह रहा हूँ—मैं जानता हूँ कि मैंने किन्हें चुना है. मैं यह इसलिए कह रहा हूँ कि पवित्रशास्त्र का यह लेख पूरा हो: जो मेरी रोटी खाता है, उसी ने मुझ पर लात उठाई है.

19 “यह सब घटित होने के पूर्व ही मैं तुम्हें बता रहा हूँ कि जब ये सब घटित हो तो तुम विश्वास करो कि मैं वही हूँ. 20 मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: जो मेरे किसी भी भेजे हुए को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है और जो मुझे ग्रहण करता है, मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है.”

शिष्यों के साथ मसीह येशु का अन्तिम भोज

(मत्ति 26:20-30; मारक 14:17-26; लूकॉ 22:14-30)

21 यह कहते-कहते मसीह येशु आत्मा में व्याकुल हो उठे. उन्होंने कहा, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: तुम में से एक मेरे साथ धोखा करेगा.”

22 शिष्य संदेह में एक दूसरे को देखने लगे कि गुरु यह किसके विषय में कह रहे हैं. 23 एक शिष्य, जो मसीह येशु का विशेष प्रियजन था, उनके अत्यन्त पास बैठा था; 24 शिमोन पेतरॉस ने उससे संकेत से पूछा, “प्रभु ऐसा किसके विषय में कह रहे हैं?”

25 उस शिष्य ने मसीह येशु से पूछा, “कौन है वह, प्रभु?” 26 मसीह येशु ने उत्तर दिया, “जिसे मैं यह रोटी डुबो कर दूँगा, वह.” तब उन्होंने रोटी शिमोन के पुत्र कारियोतवासी यहूदाह को दे दी. 27 टुकड़ा लेते ही उसमें शैतान समा गया. मसीह येशु ने उससे कहा.

“तुम्हें जो कुछ करना है, शीघ्र करो.”

28 भोजन पर बैठे किसी भी शिष्य को यह मालूम न हो पाया कि उन्होंने यह उससे किस मतलब से कहा था. 29 कुछ ने यह समझा कि मसीह येशु उससे कह रहे हैं कि जो कुछ हमें पर्व के लिए चाहिए, शीघ्र मोल लो या गरीबों को कुछ दे दो क्योंकि यहूदाह के पास धन की थैली रहती थी. 30 इसलिए यहूदाह तत्काल बाहर चला गया. वह रात का समय था.

निकट आती विदाई तथा एक नई आज्ञा

31 जब यहूदाह बाहर चला गया तो मसीह येशु ने कहा, “अब मनुष्य का पुत्र महिमित हुआ है और उसमें परमेश्वर महिमित हुए हैं. 32 यदि उसमें परमेश्वर महिमित हुए हैं तो परमेश्वर भी उसे स्वयं महिमित करेंगे और शीघ्र ही महिमित करेंगे.

33 “मैं बस अब थोड़ी ही देर तुम्हारे साथ हूँ, तुम मुझे ढूंढ़ोगे और जैसा मैंने यहूदियों से कहा है, वैसा मैं तुमसे भी कहता हूँ, ‘जहाँ मैं जा रहा हूँ वहाँ तुम नहीं आ सकते.’

34 “मैं तुम्हें एक नई आज्ञा दे रहा हूँ: एक दूसरे से प्रेम करो—जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम करो. 35 यदि तुम एक दूसरे से प्रेम करोगे तो यह सब जान लेंगे कि तुम मेरे चेले हो.”

पेतरॉस द्वारा नकारे जाने की पूर्वघोषणा

(लूकॉ 22:31-38)

36 शिमोन पेतरॉस ने पूछा, “प्रभु, आप कहाँ जा रहे हैं?” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “जहाँ मैं जा रहा हूँ, वहाँ मेरे पीछे चलते हुए तुम अभी नहीं आ सकते—तुम वहाँ कुछ समय बाद आओगे.”

37 पेतरॉस ने उनसे दोबारा पूछा, “प्रभु, मैं आपके पीछे अभी क्यों नहीं चल सकता? मैं तो आपके लिए अपने प्राण भी दे दूँगा.”

38 मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम मेरे लिए अपने प्राण देने का दावा करते हो? मैं तुमसे कहता हूँ, मुर्गा उस समय तक बाँग नहीं देगा जब तक तुम तीन बार मुझे नकार न दोगे.

Error: 'नीतिवचन 10 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
इफ़ेसॉस 3

एक भेद के सेवक पौलॉस

इसलिए मैं, पौलॉस, तुम अन्यजातियों के लिए मसीह येशु का बन्दी हूँ.

निश्चित ही तुमने परमेश्वर के अनुग्रह के उस प्रबन्धन के विषय में सुना है, जो मुझे तुम्हारे लिए प्रदान किया गया अर्थात् वह भेद, जो मुझ पर प्रकाशन के द्वारा प्रकट किया गया, जिसका संक्षेप में वर्णन मैं पहले कर चुका हूँ. इसे पढ़ते हुए तुम मसीह के भेद के विषय में मेरे विवेक को समझ सकते हो, जो मानवजाति पर अन्य पीढ़ियों में इस प्रकार प्रकट नहीं किया गया था, जिस प्रकार अब प्रभु के पवित्र प्रेरितों तथा भविष्यद्वक्ताओं पर पवित्रात्मा में प्रकट किया गया है: अब ईश्वरीय सुसमाचार के द्वारा अन्यजाति मसीह येशु में मीरास के साझी, एक ही शरीर के अंग और प्रतिज्ञा के सहभागी हैं.

परमेश्वर के अनुग्रह के वरदान में उनकी सक्रिय सामर्थ के अनुसार यह ईश्वरीय सुसमाचार मुझे सौंपा गया और मैं जिसका सेवक चुना गया. मुझे, जो पवित्र लोगों में छोटे से भी छोटा हूँ, अन्यजातियों में मसीह के अगम्य धन का प्रचार करने के लिए यह अनुग्रह प्रदान किया गया कि सभी सृष्टि के सृजनहार परमेश्वर में युगों से गुप्त रखे गए इस भेद के प्रबन्धन को सब पर प्रकट करूँ 10 कि अब कलीसिया के द्वारा परमेश्वर का विभिन्न प्रकार का ज्ञान आकाशमण्डल के प्रधानों और अधिकारियों पर प्रकट किया जाए. 11 यह उस सनातन उद्धेश्य के अनुसार हुआ, जो परमेश्वर ने मसीह येशु हमारे प्रभु में पूरा किया, 12 जिनमें अपने विश्वास के द्वारा प्रवेश के लिए हमें साहस तथा भरोसा प्राप्त हुआ है. 13 इसलिए तुमसे मेरी यह विनती है कि तुम उन सताहटों के कारण, जो मैं तुम्हारे लिए सह रहा हूँ, निराश न हो; क्योंकि वे तुम्हारा गौरव हैं.

पौलॉस की प्रार्थना

14 यही कारण है कि मैं पिता के सामने घुटने टेकता हूँ, 15 जिनमें स्वर्ग और पृथ्वी के हर एक कुल का नाम रखा जाता है 16 कि वह अपनी अपार महिमा के अनुसार अपने पवित्रात्मा के द्वारा तुम्हारे जीवन की आत्मा को शक्ति-सम्पन्न करें, 17 कि विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में वास करें कि प्रेम में मजबूत व स्थिर होकर 18 तुम सभी पवित्र मसीह के प्रेम की लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई व गहराई को भली-भांति समझ सको 19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको, जो ज्ञान से परे है कि परमेश्वर की सारी भरपूरी तुममें स्थापित हो जाए.

20 अब उन्हें जो हम में कार्यशील सामर्थ्य के द्वारा हमारी विनती और सोच और समझ से अपार कहीं अधिक बढ़कर करने में सक्षम हैं, 21 हममें इस समय सक्रिय सामर्थ्य के द्वारा, कलीसिया और मसीह येशु में उनकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी, सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.