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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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लूकॉ 16

बुद्धिमान भण्ड़ारी

16 मसीह येशु ने अपने शिष्यों को यह वृत्तान्त भी सुनाया: “किसी धनी व्यक्ति का एक भण्ड़ारी था, जिसके विषय में उसे यह सूचना दी गई कि वह उसकी सम्पत्ति का दुरुपयोग कर रहा है. इसलिए स्वामी ने उसे बुला कर उससे पूछताछ की: ‘तुम्हारे विषय में मैं यह क्या सुन रहा हूँ? अपने प्रबन्धन का हिसाब दे दो क्योंकि अब तुम भण्ड़ारी के पद पर नहीं रह सकते.’

“भण्ड़ारी मन में विचार करने लगा, ‘अब मैं क्या करूँ? मेरा पद मुझसे छीना जा रहा है. मेरा शरीर इतना बलवान नहीं कि मैं भूमि खोदने का काम करूँ और लज्जा के कारण मैं भीख भी न माँग सकूँगा. अब मेरे सामने क्या रास्ता बचा रह गया है, मैं समझ गया कि मेरे लिए क्या करना सही है कि मुझे पद से हटा दिए जाने के बाद भी लोगों की मित्रता मेरे साथ बनी रहे.’

“उसने अपने स्वामी के हर एक कर्ज़दार को बुलवाया. पहिले कर्ज़दार से उसने प्रश्न किया, ‘तुम पर मेरे स्वामी का कितना कर्ज़ है?’

“‘3,000 लीटर तेल,’ उसने उत्तर दिया. भण्ड़ारी ने उससे कहा, ‘लो, यह है तुम्हारा बही खाता. तुरन्त बैठ कर इसमें 1,500 लिख दो.’

“तब उसने दूसरे को बुलाया उससे पूछा, ‘तुम पर कितना कर्ज़ है?’

“‘30 टन गेहूं.’ भण्ड़ारी ने कहा, ‘अपना बही खाता ले कर उसमें 24 लिख दो.’

“स्वामी ने इस ठग भण्ड़ारी की इस चतुराई भरी योजना की सराहना की: सांसारिक लोग ज्योति की सन्तान की तुलना में अपने जैसे लोगों के साथ अपने आचार-व्यवहार में कितने अधिक चतुर हैं!

“मैं तुमसे कहता हूँ कि सांसारिक सम्पत्ति का उपयोग अपने मित्र बनाने के लिए करो कि जब यह सम्पत्ति न रहे तो अनन्त काल के घर में तुम्हारा स्वागत हो.

10 “वह, जो थोड़े में विश्वासयोग्य है, वह उस ज़्यादा में भी विश्वासयोग्य होता है; वह, जो थोड़े में भ्रष्ट है, ज़्यादा में भी भ्रष्ट होगा. 11 इसलिए यदि तुम सांसारिक सम्पत्ति के प्रति विश्वासयोग्य न पाए गए तो तुम्हें सच्चा धन कौन सौंपेगा? 12 यदि तुम किसी अन्य की सम्पत्ति के प्रति विश्वासयोग्य प्रमाणित न हुए तो कौन तुम्हें वह सौंपेगा, जो तुम्हारा ही है?

13 “किसी भी दास के लिए दो स्वामियों की सेवा करना सम्भव नहीं है. वह एक से प्रेम तथा दूसरे से घृणा करेगा या वह एक के प्रति समर्पित रहेगा तथा दूसरे को तुच्छ दृष्टि से देखेगा. तुम परमेश्वर तथा धन दोनों ही की सेवा नहीं कर सकते.”

14 वे फ़रीसी, जिन्हें धन से लगाव था, ये सब सुन कर मसीह येशु का उपहास करने लगे. 15 उन्हें सम्बोधित करते हुए मसीह येशु ने कहा, “तुम स्वयं को अन्यों के सामने धर्मी रूप में प्रस्तुत करते हो किन्तु परमेश्वर तुम्हारे हृदय को जानते हैं. वह, जो मनुष्यों के सामने महान है, परमेश्वर की दृष्टि में घृणित है.

परमेश्वर के राज्य का वर्णनीय प्रसार

16 “व्यवस्था और भविष्यवाणियां बपतिस्मा देने वाले योहन तक प्रभाव में थीं. उसके बाद से परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया जा रहा है और हर एक इसमें प्रबलता से प्रवेश करता जा रहा है.

17 “स्वर्ग और पृथ्वी का खत्म हो जाना सरल है बजाय इसके कि व्यवस्था का एक भी बिन्दु व्यर्थ प्रमाणित हो.

18 “वह, जो अपनी पत्नी से तलाक ले कर अन्य स्त्री से विवाह करता है, व्यभिचार करता है; और वह पुरुष, जो इस त्यागी हुई स्त्री से विवाह करता है, व्यभिचार करता है.”

धनी व्यक्ति तथा लाज़रॉस

19 मसीह येशु ने आगे कहा, “एक धनवान व्यक्ति था, जो हमेशा कीमती तथा अच्छे वस्त्र ही पहनता था. उसकी जीवनशैली विलासिता से भरी थी. 20 उसके द्वार पर लाज़रॉस नामक एक गरीब व्यक्ति को, जिसका सारा शरीर घावों से भरा था, ला कर छोड़ दिया जाता था. 21 वह धनवान व्यक्ति की मेज़ से नीचे गिरे हुए चूर-चार को खाने के लिए तरसता रहता था; ऊपर से कुत्ते आ-आ कर उसके घावों को चाटते रहते थे.

22 “एक तय समय पर उस गरीब व्यक्ति की मृत्यु हुई और स्वर्गदूत उसे अब्राहाम के सामने ले गए. कुछ समय बाद धनी व्यक्ति की भी मृत्यु हुई और उसे भूमि में गाड़ दिया गया.

23 “अधोलोक की ताड़ना में पड़े हुए धनवान व्यक्ति ने दूर से ही अब्राहाम को देखा, जिनके सामने लाज़रॉस बैठा हुआ था. 24 उसने अब्राहाम को पुकारा और उनसे कहा, ‘पिता अब्राहाम, मुझ पर कृपा कीजिए और लाज़रॉस को मेरे पास भेज दीजिए कि वह अपनी उँगली को जल में डुबो कर उससे मेरी जीभ को ठण्डक प्रदान करे क्योंकि मैं यहाँ इस आग की ताड़ना में पड़ा हुआ हूँ.’

25 “किन्तु अब्राहाम ने उसे उत्तर दिया, ‘मेरे पुत्र, यह न भूलो कि अपने शारीरिक जीवन में तुमने अच्छी से अच्छी वस्तुएं प्राप्त कीं जबकि लाज़रॉस ने तुच्छ वस्तुएं किन्तु वह अब यहाँ सुख और संतोष में है; 26 और फिर इन सबके अलावा तुम्हारे और हमारे बीच में एक बड़ा गड्ढा बनाया गया है, जिससे कि यहाँ से वहाँ जाने के इच्छुक वहाँ न जा सकें और न ही वहाँ से कोई यहाँ आ सके.’

27 “इस पर उस धनवान व्यक्ति ने विनती की, ‘तो पिता, मेरी विनती है कि आप उसे मेरे परिजनों के पास भेज दें; 28 वहाँ मेरे पाँच भाई हैं—कि वह उन्हें सावधान कर दे, ऐसा न हो कि वे भी इस ताड़ना के स्थान में आ जाएँ.’

29 “अब्राहाम ने उत्तर दिया, ‘उनके पास मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं के लेख हैं. सही होगा कि वे उनका पालन करें.’

30 “‘नहीं पिता अब्राहाम,’ उसने विरोध करते हुए कहा, ‘वे मन तभी फिराएँगे जब कोई मृत व्यक्ति पुनर्जीवित हो कर उनके पास जाएगा.’

31 “अब्राहाम ने इसके उत्तर में कहा, ‘जब वे मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं के आदेशों का पालन नहीं करते तो वे किसी दोबारा जीवित हुए व्यक्ति का भी विश्वास न करेंगे.’”

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2 कोरिन्थॉस 1

सम्बोधन, नमस्कार तथा आभार व्यक्ति

परमेश्वर की इच्छा के द्वारा मसीह येशु के प्रेरित पौलॉस तथा हमारे भाई तिमोथियॉस.

की ओर से कोरिन्थॉस नगर में परमेश्वर की कलीसिया तथा आख़ेया प्रदेश के सभी पवित्र लोगों को:

परमेश्वर हमारे पिता तथा प्रभु मसीह येशु की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति प्राप्त हो.

सारे धीरज के परमेश्वर

स्तुति के योग्य हैं परमेश्वर हमारे प्रभु मसीह येशु के पिता—करुणा के पिता तथा सब प्रकार के धीरज के स्त्रोत परमेश्वर, जो हमारी सारी पीड़ाओं में धीरज प्रदान करते हैं कि हम पीड़ितों को उसी प्रकार धीरज प्रदान कर सकें, जिस प्रकार परमेश्वर हमें धीरज प्रदान करते हैं. ठीक जिस प्रकार हम में मसीह के दुःखों की बहुतायत है, उसी प्रकार बहुत है मसीह के द्वारा हमारा धीरज. यदि हम यातनाएँ सहते हैं तो यह तुम्हारे धीरज और उद्धार के लिए है; यदि हमें धीरज प्राप्त हुआ है तो यह तुम्हारे प्रोत्साहन के लिए है कि तुम भी उन्हीं यातनाओं को धीरज के साथ सह सको, जो हम सह रहे हैं. इस अहसास के प्रकाश में तुम्हारे विषय में हमारी आशा अटल है कि जिस प्रकार तुम हमारी सताहटों में सहभागी हो, उसी प्रकार तुम हमारे धीरज में भी सहभागी होगे.

प्रियजन, हम नहीं चाहते कि तुम उन सब क्लेश के विषय में अनजान रहो, जो आसिया प्रदेश में हम पर आए. हम ऐसे बोझ से दब गए थे, जो हमारी सहनशक्ति से परे था. यहाँ तक कि हम जीवन की आशा तक खो चुके थे. हमें ऐसा लग रहा था, मानो हम पर दण्ड की आज्ञा ही प्रसारित हो चुकी है. यह इसलिए हुआ कि हम स्वयं पर नहीं परन्तु परमेश्वर में विश्वास स्थिर रखें, जो मरे हुओं को जीवित करते हैं. 10 हमने परमेश्वर पर, जिन्होंने हमें घोर संकट से उबारा और उबारते ही रहेंगे, आशा रखी है, वह हमें भविष्य में भी उबारते ही रहेंगे 11 क्योंकि तुम अपनी प्रार्थनाओं के द्वारा हमारी सहायता करते हो कि हमारी ओर से अनेकों द्वारा उस अनुग्रह के लिए धन्यवाद प्रकट किया जा सके, जो अनेकों की प्रार्थनाओं के फलस्वरूप हमें प्राप्त हुआ है.

पौलॉस की योजना बदलने का कारण

12 इसलिए हमारे गर्व करने का कारण यह है: हमारी अन्तरात्मा की पुष्टि कि हमारे शारीरिक जीवन में, विशेष रूप से तुम्हारे सम्बन्ध में हमारा व्यवहार परमेश्वर द्वारा दी गई पवित्रता तथा सच्चाई सहित रहा है. यह सांसारिक ज्ञान का नहीं परन्तु मात्र परमेश्वर के अनुग्रह का परिणाम था. 13 हमारे पत्रों में ऐसा कुछ नहीं होता, जो तुम पढ़ या समझ न सको और मेरी आशा यह है कि तुम अन्त में सब कुछ समझ लोगे. 14 ठीक जिस प्रकार तुम हमें बहुत थोड़ा ही समझ पाए हो कि तुम हमारे गर्व का विषय हो, प्रभु के दिन तुम भी हम पर गर्व करोगे.

15 इस निश्चय के द्वारा सबसे पहिले, मैं इस उद्धेश्य से तुम्हारे पास आना चाहता था कि तुम्हें दुगनी कृपा का अनुभव हो. 16 मेरी योजना थी कि मैं मकेदोनिया जाते हुए तुम्हारे पास आऊँ तथा वहाँ से लौटते हुए भी. इसके बाद तुम मुझे यहूदिया प्रदेश की यात्रा पर भेज देते. 17 क्या मेरी यह योजना मेरी अस्थिर मानसिकता थी? या मेरे उद्धेश्य मनुष्य के ज्ञान प्रेरित होते हैं कि मेरा बोलना एक ही समय में हाँ-हाँ भी होता है और न-न भी?

18 जिस प्रकार निस्सन्देह परमेश्वर विश्वासयोग्य हैं, उसी प्रकार हमारी बातों में भी “हाँ” का मतलब हाँ और “न” का मतलब न ही होता है. 19 परमेश्वर-पुत्र मसीह येशु, जिनका प्रचार सिलवानॉस, तिमोथियॉस तथा मैंने तुम्हारे मध्य किया, वह प्रचार कभी “हाँ” या कभी “न” नहीं परन्तु परमेश्वर में हमेशा हाँ ही रहा है. 20 परमेश्वर की सारी प्रतिज्ञाएँ उनमें “हाँ” ही हैं. इसीलिए हम परमेश्वर की महिमा के लिए मसीह येशु के द्वारा “आमेन” कहते हैं. 21-22 परमेश्वर ही हैं, जो तुम्हारे साथ हमें मसीह में मजबूत करते हैं. परमेश्वर ने हम पर अपनी मोहर लगा कर बयाने के रूप में अपना आत्मा हमारे हृदय में रख कर हमारा अभिषेक किया है.

23 परमेश्वर मेरी इस सच्चाई के गवाह हैं कि मैं दोबारा कोरिन्थॉस इसलिए नहीं आया कि मैं तुम्हें कष्ट देना नहीं चाहता था. 24 इसका मतलब यह नहीं कि हम तुम्हारे विश्वास पर अपना अधिकार जताएं क्योंकि तुम अपने विश्वास में स्थिर खड़े हो. हम तो तुम्हारे ही आनन्द के लिए तुम्हारे सहकर्मी हैं.

Saral Hindi Bible (SHB)

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