Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
दरसन 19-22

स्‍वरग म इस्तुति के गीत

19 एकर बाद मेंह स्‍वरग म, एक बड़े भीड़ के गरजन सहीं अवाज सुनेंव, जऊन ह चिचियाके ए कहत रहय:

“हलिलूयाह!
उद्धार, महिमा अऊ सामरथ हमर परमेसर के अय[a],
    काबरकि ओकर नियाय सच्‍चा अऊ सही अय।
ओह ओ बड़े बेस्या ला दंड दे हवय,
    जऊन ह अपन छिनारीपन ले धरती के मनखेमन ला खराप करत रिहिस।
परमेसर ह ओकर ले अपन सेवकमन के लहू के बदला ले हवय।”

ओमन फेर चिचियाके कहिन:

“हलिलूयाह!
ओ बड़े सहर के जरे के धुआं जुग-जुग तक उठत रहिथे।”

चौबीस अगुवा अऊ चारों जीयत परानीमन माड़ी के भार गिरिन अऊ ओमन ए कहत सिंघासन ऊपर बिराजे परमेसर के अराधना करिन। अऊ ओमन ऊंचहा अवाज म कहिन:

“आमीन, हलिलूयाह[b]!”

तब सिंघासन ले ए कहत एक अवाज आईस:

“तुमन जम्मो परमेसर के सेवकमन,
    अऊ छोटे बड़े तुमन, जऊन मन ओकर भय मानथव,
हमर परमेसर के परसंसा करव!”

तब मेंह एक बड़े भीड़ के अवाज ला सुनेंव, जऊन ह पानी के लहरामन सहीं अऊ बादर के बड़े गरजन सहीं रहय; भीड़ ह चिचियाके ए कहत रहय:

“हलिलूयाह!
काबरकि हमर सर्वसक्तिमान परभू परमेसर ह राज करत हवय।
आवव! हमन आनंद अऊ खुसी मनावन,
    अऊ परमेसर के महिमा करन।
काबरकि मेढ़ा-पीला के बिहाव के बेरा ह आ गे हवय,
    अऊ ओकर दुल्हिन ह अपन-आप ला तियार कर ले हवय।
सुघर, चमकत अऊ साफ मलमल के कपड़ा,
ओला पहिरे बर दिये गे हवय।”

(सुघर मलमल कपड़ा ह पबितर मनखेमन के धरमी काम के चिन्‍हां ए।)

तब स्‍वरगदूत ह मोला कहिस, “एला लिख: ‘धइन अंय ओमन, जऊन मन मेढ़ा-पीला के बिहाव-भोज के नेवता पाथें।’ ” अऊ स्‍वरगदूत ह ए घलो कहिस, “एमन परमेसर के सत बचन अंय।”

10 तब मेंह ओकर अराधना करे बर ओकर गोड़ खाल्‍हे गिरेंव। पर ओह मोला कहिस, “अइसने झन कर। मेंह घलो तोर अऊ तोर ओ भाईमन संग एक संगी सेवक अंव, जऊन मन यीसू के गवाही रखथें। परमेसर के अराधना कर। काबरकि यीसू के गवाही ह अगमबानी के आतमा ए।”

सफेद घोड़ा ऊपर सवार मनखे

11 तब मेंह स्‍वरग ला खुले हुए देखेंव अऊ उहां एक सफेद घोड़ा रहय, अऊ जऊन ह ओ घोड़ा ऊपर सवारी करे रहय, ओला बिसवास लइक अऊ सच कहे जाथे। ओह धरमीपन के संग नियाय करथे अऊ लड़ई करथे। 12 ओकर आंखीमन आगी सहीं धधकत रहय, अऊ ओकर मुड़ी म कतको मुकुट रहंय। ओकर देहें म एक नांव लिखाय रहय, जऊन ला ओकर छोंड़ अऊ कोनो नइं जानंय। 13 ओह लहू म डुबोय कपड़ा पहिरे रहय, अऊ ओकर नांव परमेसर के बचन ए। 14 स्‍वरग के सेनामन सुघर, सफेद अऊ साफ मलमल के कपड़ा पहिरे अऊ सफेद घोड़ामन म सवार होके ओकर पाछू-पाछू आवत रहंय। 15 ओकर मुहूं ले एक धारदार तलवार निकरत रहय, जेकर दुवारा ओह देस-देस के मनखेमन ला मारही। ओह लोहा के राजदंड ले ओमन ऊपर राज करही। ओह सर्वसक्तिमान परमेसर के भयानक कोरोध रूपी मंद के कुन्‍ड ला रौंदही। 16 ओकर कपड़ा अऊ ओकर जांघ म ए नांव लिखाय रहय:

“राजामन के राजा अऊ परभूमन के परभू।”

17 तब मेंह एक स्‍वरगदूत ला सूरज ऊपर ठाढ़े देखेंव। ओह ऊंचहा अवाज म अकास मंडल म उड़त जम्मो चिरईमन ला पुकारके कहिस, “आवव! परमेसर के बड़े भोज म सामिल होय बर जूरव, 18 ताकि तुमन राजा, सेनापति, सक्तिसाली मनखे, घोड़ा अऊ ओकर सवारमन के मांस, अऊ सुतंतर अऊ गुलाम, छोटे अऊ बड़े जम्मो झन के मांस खा सकव।”

19 तब मेंह देखेंव कि ओ पसु अऊ धरती के राजामन अपन सेनामन संग, ओ घुड़सवार अऊ ओकर सेना ले लड़े बर जुरे रहंय। 20 पर ओ पसु ह पकड़े गीस अऊ ओकर संग ओ लबरा अगमजानी घलो पकड़े गीस, जऊन ह पसु के आघू म अचरज के चिन्‍हां देखाके, ओ मनखेमन ला बहकाय रिहिस, जऊन मन ओ पसु के छाप लेय रिहिन अऊ ओकर मूरती के पूजा करे रिहिन। ओ दूनों जीयते-जीयत धधकत गंधक के आगी के कुन्‍ड म झोंक दिये गीन। 21 ओम के बांचे मनखेमन घुड़सवार के मुहूं ले निकरे तलवार ले मारे गीन, अऊ जम्मो चिरईमन ओमन के मांस खाके अघा गीन।

एक हजार साल

20 तब मेंह एक स्‍वरगदूत ला स्‍वरग ले उतरत देखेंव। ओह अपन हांथ म अथाह कुन्‍ड के कुची अऊ एक बड़े सांकर धरे रहय। ओह ओ सांप सहीं पसु याने कि पुराना सांप ला पकड़िस, जऊन ह इबलीस या सैतान ए अऊ ओला एक हजार साल बर सांकर म बांध दीस। स्‍वरगदूत ह ओला अथाह कुन्‍ड म डार दीस अऊ ओम ताला लगाके ओकर ऊपर मुहर लगा दीस, ताकि ओ पुराना सांप ह एक हजार साल के पूरा होवत तक, देसमन के मनखेमन ला बहकाय झन सकय। ओकर बाद, ए जरूरी अय कि ओला थोरकन समय बर छोंड़े जावय।

तब मेंह सिंघासनमन ला देखेंव, जऊन म ओ मनखेमन बईठे रहंय, जऊन मन ला नियाय करे के अधिकार देय गे रिहिस। मेंह ओ मनखेमन के आतमामन ला घलो देखेंव, जेमन के मुड़ी ला यीसू के गवाही देय के कारन अऊ परमेसर के बचन म बने रहे के कारन काट डारे गे रिहिस। ओमन पसु या ओकर मूरती के अराधना नइं करे रिहिन अऊ ओमन अपन माथा या अपन हांथ म ओकर छाप नइं लेय रिहिन। ओमन जी उठिन अऊ मसीह के संग म एक हजार साल तक राज करिन। बाकि मरे मनखेमन एक हजार साल के पूरा होवत तक जी नइं उठिन। एह मरे मनखेमन के पहिली जी उठई अय। धइन अऊ पबितर अंय ओ मनखेमन, जऊन मन ए पहिली जी उठई म भागीदार होथें। एमन ऊपर दूसरा मिरतू के कोनो अधिकार नइं रहय। एमन परमेसर अऊ मसीह के पुरोहित होहीं अऊ ओकर संग एक हजार साल तक राज करहीं।

सैतान के बिनास

जब एक हजार साल पूरा हो जाही, त सैतान ला कैद ले छोंड़ दिये जाही। अऊ ओह धरती के जम्मो देस के मनखेमन ला बहकाय बर निकरही; ए देसमन याजूज अऊ माजूज अंय। सैतान ह ओमन ला लड़ई बर संकेलही। ओमन समुंदर तीर के बालू सहीं अनगिनत होहीं। ओमन जम्मो धरती ऊपर बगर गीन। ओमन पबितर मनखेमन के सिविर अऊ परमेसर के मयारू सहर ला घेर लीन, पर स्‍वरग ले आगी उतरिस अऊ ओमन ला भसम कर दीस। 10 तब ओमन ला बहकवइया सैतान ला आगी अऊ गंधक के कुन्‍ड म डार दिये गीस, जिहां ओ पसु अऊ लबरा अगमजानी ला डारे गे रिहिस। ओमन सदाकाल तक दिन-रात पीरा भोगहीं।

मरे मनखेमन के नियाय

11 तब मेंह एक बड़े सफेद सिंघासन अऊ ओकर ऊपर बिराजे एक मनखे ला देखेंव। धरती अऊ अकास ओकर आघू ले भाग गीन अऊ ओमन बर कोनो जगह नइं बंचिस। 12 अऊ मेंह छोटे-बड़े जम्मो मरे मनखेमन ला सिंघासन के आघू म ठाढ़े देखेंव, अऊ किताबमन खोले गीन। तब एक आने किताब खोले गीस, जऊन ह जिनगी के किताब ए। किताबमन म लिखाय मरे मनखेमन के काम के मुताबिक ओमन के नियाय करे गीस। 13 तब समुंदर ह अपन मरे मनखेमन ला दे दीस। मिरतू अऊ पताल-लोक अपन मरे मनखेमन ला दे दीन, अऊ हर एक के नियाय ओकर काम के मुताबिक करे गीस। 14 तब मिरतू अऊ पताल-लोक ला आगी के कुन्‍ड म डार दिये गीस। आगी के कुन्‍ड ह दूसरा मिरतू ए। 15 जेमन के नांव जिनगी के किताब म लिखाय नइं मिलिस, ओमन आगी के कुन्‍ड म डार दिये गीन।

नवां यरूसलेम

21 तब मेंह एक “नवां अकास अऊ एक नवां धरती”[c] देखेंव। पहिली अकास अऊ पहिली धरती दूनों लोप हो गे रिहिन, अऊ कोनो समुंदर घलो नइं रिहिस। अऊ मेंह पबितर सहर नवां यरूसलेम ला परमेसर के इहां ले स्‍वरग ले उतरत देखेंव। ओह अपन घरवाला खातिर दुल्हिन के सहीं सुघर सजे रहय। अऊ मेंह सिंघासन ले ऊंचहा अवाज म, ए कहत सुनेंव, “देखव! अब परमेसर के निवास मनखेमन के बीच हवय, अऊ ओह ओमन के संग रहिही। ओमन ओकर मनखे होहीं, अऊ परमेसर ह खुद ओमन के संग रहिही। ओह ओमन के आंखी के जम्मो आंसू ला पोंछही। उहां न मिरतू होही, न कोनो सोक मनाही या रोही, अऊ न ही कोनो ला कोनो किसम के पीरा होही, काबरकि पुराना बातमन खतम हो गे हवंय।”

जऊन ह सिंघासन म बिराजे रिहिस ओह कहिस, “मेंह हर एक चीज ला नवां बनावत हवंव।” तब ओह कहिस, “एला लिख ले, काबरकि ए बात ह बिसवास लइक अऊ सत ए।”

ओह मोला कहिस, “एह पूरा होईस। मेंह अलफा अऊ ओमेगा, आदि अऊ अंत अंव। जऊन ह पियासा हवय, ओला मेंह जिनगी के पानी के सोता म ले मुफत म पीये बर दूहूं। जऊन ह जय पाही, ओला ए जम्मो चीज मिलही, अऊ मेंह ओकर परमेसर होहूं, अऊ ओह मोर बेटा होही। पर डरपोक, अबिसवासी, दुस्‍ट, हतियारा, छिनारी करइया, जादू-टोनहा करइया, मूरती पूजा करइया अऊ जम्मो लबरामन ओ कुन्‍ड म जगह पाहीं, जऊन ह आगी अऊ गंधक ले धधकत हवय। एह दूसरा मिरतू ए।”

तब ओ सात स्वरगदूतमन, जेमन करा सात ठन आखिरी महामारी ले भरे सात ठन कटोरा रहय, ओम ले एक झन मोर करा आईस अऊ कहिस, “आ, मेंह तोला दुल्हिन याने कि मेढ़ा-पीला के घरवाली ला देखाहूं।” 10 ओ स्‍वरगदूत ह आतमा के सामरथ ले मोला एक बड़े अऊ ऊंच पहाड़ ऊपर ले गीस, अऊ ओ पबितर सहर – यरूसलेम ला देखाईस, जऊन ह स्‍वरग ले परमेसर के इहां ले उतरत रहय। 11 ओह परमेसर के महिमा ले चमकत रहय अऊ ओकर चमक ह एक बहुंत महंगा पथरा – मनी सहीं एकदम साफ रहय। 12 ओकर चारों कोति एक बड़े अऊ ऊंच दिवाल रहय। दिवाल म बारह ठन कपाट रहय अऊ ए कपाटमन म बारह झन स्‍वरगदूत ठाढ़े रहंय। ए कपाटमन म इसरायल के बारह गोत्र के नांव लिखाय रहय – हर कपाट म एक नांव। 13 पूरब म तीन, उत्तर म तीन, दक्खिन म तीन अऊ पछिम म तीन कपाट रिहिन। 14 सहर के दिवाल के बारह ठन नींव के पथरा रहय अऊ ओमन म मेढ़ा-पीला के बारह प्रेरितमन के नांव लिखाय रहय – हर पथरा म एक नांव।

15 जऊन स्‍वरगदूत ह मोर ले गोठियावत रिहिस, ओकर करा सहर, ओकर कपाट अऊ दिवाल ला नापे बर नापे के सोन के एक छड़ रहय। 16 ओ सहर ह चौखट्टा आकार म बसे रिहिस। ओकर लम्‍बई ह ओकर चौड़ई के बरोबर रहय। स्‍वरगदूत ह सहर ला सोन के छड़ म नापिस, त ओह करीब दू हजार दू सौ चालीस किलोमीटर निकरिस। ओकर लम्‍बई, चौड़ई अऊ ऊंचई बरोबर रिहिस। 17 ओह सहर के दिवाल ला घलो नापिस। स्‍वरगदूत ह मनखे के नाप के हिसाब म नापिस, अऊ सहर के दिवाल के ऊंचई ह करीब 65 मीटर निकरिस। 18 सहर के दिवाल ह मनी के बने रिहिस अऊ सहर ह चोखा सोना के बने रिहिस, जऊन ह कांच सहीं सुध रिहिस। 19 सहर के दिवाल के नींव ह जम्मो किसम के कीमती पथरा ले सजे रहय। पहिली नींव ह मनी के रिहिस, दूसरा ह नीलम, तीसरा ह सुलेमानी, चौथा ह पन्ना, 20 पांचवां ह गोमेदक, छठवां ह मानिक्‍य, सातवां ह पीतमनी, आठवां ह फिरोजा, नौवां ह पुखराज, दसवां ह लहसनिये, गियारहवां ह नगीना अऊ बारहवां ह नीलमनी के बने रिहिस। 21 बारह कपाटमन बारह मोतीमन ले बने रिहिन। एक-एक कपाट ह एक-एक मोती के बने रिहिस। सहर के गली ह आर-पार दिखइया साफ कांच सहीं चोखा सोना के बने रिहिस।

22 मेंह सहर म कोनो मंदिर नइं देखेंव, काबरकि सर्वसक्तिमान परभू परमेसर अऊ मेढ़ा-पीला एकर मंदिर अंय। 23 अऊ सहर ला सूरज या चंदा के अंजोर के जरूरत नइं रिहिस, काबरकि परमेसर के महिमा ओला अंजोर देवत रिहिस अऊ मेढ़ा-पीला ओकर दीया रिहिस। 24 संसार के मनखेमन ओकर अंजोर म रेंगही अऊ संसार के राजामन ओम अपन सोभा लानहीं। 25 ओ सहर के कपाटमन कभू बंद नइं होही, अऊ उहां कभू रात नइं होही। 26 जम्मो देस के महिमा अऊ आदर ओम लाने जाही। 27 कोनो असुध चीज कभू ओ सहर म घुसरे नइं पाही अऊ न ही ओ मनखे, जऊन ह लज्‍जा के काम करथे या धोखा देवइया काम करथे; पर सिरिप ओमन घुसरे पाहीं, जेमन के नांव मेढ़ा-पीला के जिनगी के किताब म लिखाय हवय।

जिनगी देवइया पानी के नदिया

22 तब स्‍वरगदूत ह मोला जिनगी देवइया पानी के नदिया ला देखाईस, जेकर पानी ह इसफटिक के सहीं साफ रिहिस। ओ नदिया ह परमेसर अऊ मेढ़ा-पीला के सिंघासन ले सहर के गली के बीचों-बीच बोहावत रिहिस। नदिया के दूनों तीर म जिनगी के रूख रिहिस, जऊन म एक साल म बारह किसम के फर धरय – याने कि हर एक महिना ओम फर धरय अऊ ओ रूख के पान ले देस-देस के मनखेमन के बेमारी के इलाज होवत रिहिस। उहां कोनो किसम के सराप नइं होही। ओ सहर म परमेसर अऊ मेढ़ा-पीला के सिंघासन होही, अऊ ओकर सेवकमन ओकर अराधना करहीं। ओमन ओकर चेहरा ला देखहीं अऊ ओकर नांव ह ओमन के माथा म लिखाय होही। उहां कभू रात नइं होही। ओमन ला दीया या सूरज के अंजोर के जरूरत नइं पड़ही, काबरकि परभू परमेसर ह ओमन के अंजोर होही, अऊ ओमन सदाकाल तक राज करहीं।

तब स्‍वरगदूत ह मोला कहिस, “ए बातमन बिसवास लइक अऊ सच अंय। परभू परमेसर जऊन ह अगमजानीमन ला अपन आतमा देथे, ओह अपन स्‍वरगदूत ला अपन सेवकमन करा ओ बातमन ला देखाय बर पठोय हवय, जऊन ह निकट भविस्य म होवइया हवय।”

यीसू के अवई

यीसू ह कहिस, “देखव! मेंह जल्दी आवत हंव। धइन ए ओ, जऊन ह ए किताब के अगम के बातमन ला मानथे।”

में यूहन्ना ए बातमन ला सुने अऊ देखे हवंव। अऊ जब मेंह एमन ला सुन अऊ देख चुकेंव, त जऊन स्‍वरगदूत ह मोला ए बातमन ला देखाईस, ओकर गोड़ खाल्‍हे मेंह ओकर अराधना करे बर गिरेंव। पर ओह मोला कहिस, “अइसने झन कर। मेंह घलो तोर सहीं अऊ तोर भाई अगमजानीमन सहीं अऊ ओ जम्मो झन जऊन मन ए किताब के बात ला मानथें, ओमन सहीं एक संगी सेवक अंव। परमेसर के अराधना कर।”

10 अऊ ओह मोला फेर कहिस, “तेंह ए किताब के अगम के बातमन ला गुपत म झन रख, काबरकि समय ह लकठा आ गे हवय। 11 जऊन ह अधरम करथे, ओह अधरम करते रहय। जऊन ह दुस्‍ट मनखे ए, ओह दुस्‍ट मनखे बने रहय। जऊन ह धरमी ए, ओह भलई करते रहय; अऊ जऊन ह पबितर ए, ओह पबितर बने रहय।”

12 यीसू ह कहिस, “देखव! मेंह जल्दी आवत हंव। मेंह अपन इनाम ला अपन संग लेके आहूं अऊ हर एक मनखे ला ओकर काम के मुताबिक इनाम दूहूं। 13 मेंह अलफा अऊ ओमेगा, पहिली अऊ आखिरी, आदि अऊ अंत अंव। 14 धइन अंय ओमन, जऊन मन अपन कपड़ा ला धोथें। ओमन ला जिनगी के रूख म ले फर खाय के अधिकार अऊ कपाट म ले होके सहर के भीतर जाय के अधिकार मिलही। 15 पर कुकुर, जादू-टोना करइया, छिनारी करइया, हतियारा, मूरती पूजा करइया अऊ लबरा बात अऊ काम करइयामन सहर ले बाहिर रहिहीं।”

16 में यीसू ह अपन स्‍वरगदूत ला तुम्‍हर करा पठोय हवंव कि ओह कलीसियामन ला ए बात बतावय। मेंह दाऊद राजा के मूल अऊ बंसज अंव, अऊ मेंह बिहनियां के चमकत तारा अंव।

17 पबितर आतमा अऊ दुल्हिन कहिथें, “आवव!” अऊ जऊन ह सुनथे, ओह कहय, “आवव!” जऊन ह पियासा हवय, ओह आवय; अऊ जऊन ह चाहथे, ओह जिनगी के पानी ला बिगर कोनो दाम के ले लेवय।

18 में यूहन्ना ओ जम्मो मनखे ला चेतावत हंव, जऊन मन ए किताब के अगम के बात ला सुनथें; कहूं कोनो एम कुछू जोड़ही, त परमेसर ह ए किताब म लिखाय महामारीमन ला ओकर ऊपर लानही। 19 अऊ कहूं कोनो अगम के ए किताब म ले कुछू बात ला निकारही, त परमेसर ह ए किताब म लिखाय जिनगी के रूख अऊ पबितर सहर म ले ओकर बांटा ला निकार दिही।

20 जऊन ह ए बातमन के गवाही देथे, ओह कहिथे, “सही म, मेंह जल्दी आवत हंव।”

आमीन! हे परभू यीसू, आ।

21 परभू यीसू के अनुग्रह परमेसर के मनखेमन ऊपर होवय। आमीन।

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)

Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.