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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
इबरानीमन 1-6

बेटा ह स्वरगदूतमन ले बड़े ए

पहिली जमाना म, परमेसर ह हमर पुरखामन ले, कतको बार अऊ कतको किसम ले अगमजानीमन के दुवारा गोठियाईस, पर ए आखिरी दिन म, ओह हमर ले अपन बेटा के दुवारा गोठियाईस, जऊन ला ओह जम्मो चीज के ऊपर वारिस ठहराईस अऊ ओकरे दुवारा, ओह संसार ला बनाईस। ओह परमेसर के महिमा के अंजोर ए अऊ ओह परमेसर के रूप के एकदम सही परतिनिधि ए अऊ ओह अपन सामरथी बचन के दुवारा जम्मो चीजमन ला संभालके रखथे। ओह मनखेमन के पाप ला सुध करके, स्‍वरग म परमेसर के जेवनी हांथ कोति जा बईठिस। एकरसेति ओह स्वरगदूतमन ले जादा उत्तम ठहरिस, जइसने कि परमेसर ह ओला स्वरगदूतमन ले उत्तम नांव घलो दे रिहिस।

काबरकि परमेसर ह कोनो स्‍वरगदूत ला कभू ए नइं कहिस,

“तेंह मोर बेटा अस;
    आज मेंह तोला पैदा करेंव।”[a]

या फेर ए नइं कहिस,

“मेंह ओकर ददा होहूं,
    अऊ ओह मोर बेटा होही।”[b]

पर जब परमेसर ह अपन पहिलांत बेटा ला संसार म लानथे, त कहिथे,

“परमेसर के जम्मो स्वरगदूतमन ओकर अराधना करंय।”

स्वरगदूतमन के बारे म परमेसर ह ए कहिथे,

“परमेसर ह अपन स्वरगदूतमन ला पवन,
    अऊ अपन सेवकमन ला धधकत आगी बनाथे।”[c]

पर बेटा के बारे म ओह कहिथे,

“हे परमेसर, तोर सिंघासन ह सदाकाल तक रहिही,
    अऊ धरमीपन ह तोर राज के राज-दंड होही।
तेंह धरमीपन ले मया करय अऊ अधरम ले घिन करय;
    एकरसेति, परमेसर,
    तोर परमेसर ह आनंद के तेल ले तोर अभिसेक करे के दुवारा तोला तोर संगीमन ले ऊपर करे हवय[d]।”[e]

10 ओह ए घलो कहिथे,

“हे परभू, सुरू म, तेंह धरती के नीव रखय,
    अऊ तेंह अपन हांथ ले स्वरगमन ला बनाय।
11 ओमन तो नास हो जाहीं,
    फेर तेंह बने रहिबे; ओमन जम्मो पहिरे के कपड़ा सहीं जुन्ना हो जाहीं।
12 तेंह ओमन ला चादर सहीं घरियाबे;
    अऊ ओन्ढा के सहीं ओमन बदल दिये जाहीं।
फेर तेंह हमेसा वइसनेच के वइसने रहिथस,
अऊ तेंह कभू डोकरा नइं होवस।”[f]

13 परमेसर कभू कोनो स्‍वरगदूत ला ए नइं कहिस,

“मोर जेवनी हांथ कोति बईठ,
जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला तोर गोड़ तरी के चौकी नइं बना देवंव।”[g]

14 का जम्मो स्वरगदूतमन सेवा करइया आतमा नो हंय? हव, ओमन अंय। अऊ ए स्वरगदूतमन ओमन के सेवा करे खातिर पठोय जाथें, जऊन मन उद्धार पाहीं।

चेतउनी

एकरसेति, जऊन बातमन ला हमन सुने हवन, ओकर ऊपर हमन ला अऊ धियान देना चाही, ताकि हमन ओ बातमन ले झन भटक जावन। काबरकि स्वरगदूतमन के दुवारा कहे गे संदेस ह सच रिहिस अऊ जऊन कोनो ओकर पाछू नइं चलिस या ओला नइं मानिस, ओला ओकर सही-सही दंड मिलिस। यदि हमन अइसने बड़े उद्धार ला धियान नइं देवन, त हमन कइसने बच सकथन। ए उद्धार के बखान पहिली परभू के दुवारा करे गीस, अऊ जऊन मन एला सुनिन, ओमन के दुवारा हमन ला एकर निस्चय होईस। परमेसर ह घलो चिन्‍हां, अद्भूत काम अऊ कतको किसम के चमतकार के दुवारा एकर गवाही दीस अऊ ओह पबितर आतमा के बरदान के दुवारा घलो एकर गवाही दीस, जऊन ला कि ओह अपन ईछा के मुताबिक मनखेमन ला दे हवय।

यीसू ह अपन भाईमन सहीं बनिस

अवइया संसार, जेकर बारे म हमन चरचा करत हवन, परमेसर ह ओला स्वरगदूतमन के अधीन म नइं करिस। परमेसर के बचन म एक झन एक जगह गवाही दे हवय:

“मनखे ह का ए कि तेंह ओकर चिंता करथस,
    या मनखे के बेटा ह का ए कि तेंह ओकर देख-रेख करथस[h]?
तेंह ओला स्वरगदूतमन ले थोरकन कम करके बनाय,
    तेंह ओकर ऊपर महिमा अऊ आदर के मुकुट रखय।
    अऊ हर एक चीज ला ओकर गोड़ के खाल्‍हे कर देय।”[i]

हर एक चीज ला ओकर अधीन करके, परमेसर ह अइसने कोनो चीज ला नइं छोंड़िस, जऊन ह ओकर अधिकार म नइं ए। पर अभी हमन हर एक चीज ला ओकर अधीन म नइं देखथन। पर हमन यीसू ला देखथन, जऊन ह स्वरगदूतमन ले थोरकन कम करके बनाय गीस अऊ अब मिरतू के दुःख उठाय के कारन, ओह महिमा अऊ आदर के मुकुट पहिरे हवय, ताकि परमेसर के अनुग्रह के दुवारा ओह जम्मो मनखे बर मर जावय।

10 एह उचित रिहिस कि परमेसर, जेकर दुवारा अऊ जेकर बर हर एक चीज बनाय गीस, ओह यीसू ला दुःख उठाय के जरिये सिद्ध करय, ताकि ओह बहुंते बेटामन ला लानय अऊ यीसू के महिमा म भागी बनावय। काबरकि यीसू ह ओ जन ए, जेकर दुवारा ओमन उद्धार पाथें। 11 जऊन ह मनखेमन ला पबितर करथे अऊ जऊन मन पबितर करे जाथें; ए दूनों एक ही परिवार के अंय। एकरसेति, यीसू ह ओमन ला अपन भाई कहे ले नइं लजावय। 12 ओह कहिथे,

“हे परमेसर, मेंह अपन भाईमन ला तोर बारे म बताहूं;
    सभा के आघू म तोर परसंसा के गीत गाहूं।”[j]

13 ओह फेर कहिथे,

“मेंह ओकर ऊपर अपन भरोसा रखहूं।”

अऊ ओह फेर कहिथे,

“इहां मेंह लइकामन संग हवंव, जऊन मन ला परमेसर मोला दे हवय।”[k]

14 जब लइकामन मांस अऊ लहू के बने हवंय, त यीसू ह खुद ओमन के सहीं बनिस अऊ ओमन के मनखे सुभाव म भागी होईस, ताकि अपन मिरतू के दुवारा, ओह सैतान के नास करय, जेकर करा मिरतू के सक्ति हवय – 15 अऊ ओह ओमन ला छोंड़ावय, जऊन मन अपन मिरतू के डर के कारन जिनगी भर गुलामी म रिहिन। 16 काबरकि ए बात ह पक्‍का ए कि ओह स्वरगदूतमन के नइं, पर अब्राहम के संतानमन के मदद करथे। 17 एकरसेति, ओला हर किसम ले अपन भाईमन सहीं बने बर पड़िस, ताकि ओह परमेसर के सेवा म, एक दयालु अऊ बिसवास लइक महा पुरोहित बनय अऊ ओह मनखेमन के पाप के समाधान (पछताप) करय। 18 काबरकि जब ओकर परिछा करे गीस, त ओह खुद दुःख उठाईस, एकरसेति ओह ओमन के मदद कर सकथे, जऊन मन परिछा म पड़थें।

यीसू ह मूसा ले महान ए

एकरसेति, हे पबितर भाईमन, जऊन मन स्वरगीय बुलावा म सहभागी हव; अपन धियान यीसू ऊपर लगावव, जऊन ला हमन प्रेरित अऊ महा पुरोहित मानथन। परमेसर ह ओला चुने रिहिस, अऊ ओह परमेसर के बिसवास लइक रिहिस, जइसने कि मूसा ह परमेसर के जम्मो घराना म बिसवास लइक रिहिस। घर के बनइया ह घर ले जादा आदर पाथे, वइसनेच यीसू ह मूसा ले बढ़के आदर पाय के लइक समझे गीस। काबरकि हर एक घर के कोनो न कोनो बनइया होथे। पर जऊन ह जम्मो चीज ला बनाईस, ओह परमेसर ए। एक सेवक के रूप म मूसा ह परमेसर के जम्मो घराना म बिसवास लइक रिहिस, अऊ ओह ओ बात के गवाही दीस, जऊन ला परमेसर ह अवइया समय म बताने वाला रिहिस। पर मसीह ह एक बेटा के रूप म, परमेसर के घराना ऊपर बिसवास लइक अय। अऊ हमन ओकर घराना अन, यदि हमन अपन हिम्मत अऊ आसा म बने रहिथन, जेकर कि हमन ला घमंड हवय।

अबिसवास के बिरोध म चेतउनी

एकरसेति, जइसने कि पबितर आतमा ह कहिथे:

“आज, यदि तुमन ओकर अवाज ला सुनथव,
    त अपन हिरदय ला कठोर झन करव,
जइसने कि तुम्‍हर पुरखामन निरजन प्रदेस म,
    बिदरोही होके परखे जाय के बेरा परमेसर के बिरोध म करे रिहिन।
ओमन उहां मोला परखिन अऊ जांचिन,
    अऊ चालीस साल तक मोर काम ला देखिन।
10 एकरे कारन, मेंह ओ पीढ़ी के मनखेमन ले नराज रहेंव,
    अऊ मेंह कहेंव, ‘ओमन के मन ह हमेसा भटकत रहिथे,
    अऊ ओमन मोर रसता ला नइं जानंय।’
11 एकरसेति, मेंह कोरोध म कसम खाके कहेंव,
    ‘ओमन ओ ठऊर म कभू नइं जा सकहीं, जिहां मेंह ओमन ला अराम देवइया रहेंव।’ ”[l]

12 हे भाईमन हो, एकर धियान रखव कि तुमन ले काकरो पापमय अऊ अबिसवासी हिरदय झन होवय, जऊन ह कि जीयत परमेसर ले दूरिहा हो जाथे। 13 पर हर एक दिन, एक-दूसर ला ढाढ़स बंधावव, जब तक कि एला आज कहे जाथे, ताकि तुमन कोनो घलो पाप के छल म पड़के कठोर झन होवव। 14 जऊन बिसवास, हमर करा सुरू म रिहिस, यदि हमन ओम आखिरी तक मजबूत बने रहन, तभे मसीह के काम म हमर बांटा हवय। 15 जइसने कि परमेसर के बचन म ए कहे गे हवय:

“यदि आज तुमन ओकर अवाज ला सुनथव,
    त अपन हिरदय ला कठोर झन करव,
    जइसने कि तुम्‍हर पुरखामन परमेसर के बिरोध म बिदरोही होके करिन।”[m]

16 ओमन कोन रिहिन, जऊन मन परमेसर के अवाज ला सुनिन, अऊ ओकर बिरोध म बिदरोह करिन? का ओमन ओ जम्मो मनखे नइं रिहिन, जऊन मन ला मूसा ह मिसर देस ले निकारके लानिस? 17 अऊ काकर ले परमेसर ह चालीस साल तक नराज रिहिस? का ओमन ले नो हय, जऊन मन पाप करिन अऊ निरजन प्रदेस म गिरके मर गीन? 18 अऊ परमेसर ह कसम खाके कोन ला कहिस कि ओमन ओकर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं[n]? सिरिप ओमन ला, जऊन मन ओकर हुकूम नइं मानिन। 19 ए किसम ले, हमन देखथन कि ओमन अपन अबिसवास के कारन ओ देस म नइं जा सकिन।

परमेसर के मनखेमन बर बिसराम

एकरसेति, जब परमेसर के बिसराम म जाय के वायदा ह अभी तक कायम हवय, त हमन ला सचेत रहना चाही ताकि तुमन ले कोनो घलो ओ बिसराम म जाय बर नकाबिल झन होवव। काबरकि हमन ला घलो सुघर संदेस सुनाय गीस, जइसने ओमन ला सुनाय गे रिहिस, पर जऊन संदेस ओमन सुनिन, ओकर ले ओमन ला कोनो फायदा नइं होईस, काबरकि जऊन मन एला सुनिन, ओमन बिसवास के संग एला गरहन नइं करिन। हमन जऊन मन कि बिसवास करे हवन, ओ बिसराम म जाथन, जइसने कि परमेसर ह कहे हवय,

“एकरसेति मेंह नराज होके कसम खाएंव,
    ओमन मोर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं।”[o]

हालाकि ओकर काम ह ओ समय पूरा हो गे रिहिस, जब ओह संसार ला बनाईस। काबरकि कोनो मेर, ओह सातवां दिन के बारे म अइसने कहे हवय, “अऊ सातवां दिन, परमेसर ह अपन जम्मो काम ले बिसराम करिस।”[p] अऊ फेर, ओही बिसय म, ओह ए कहिथे, “ओमन मोर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं।”

एह अभी तक लागू हवय कि कुछू मनखे, ओ बिसराम म जा सकहीं अऊ जऊन मन ला पहिली सुघर संदेस सुनाय गे रिहिस, ओमन एम नइं जा सकिन, काबरकि ओमन परमेसर के हुकूम ला नइं मानिन। एकरसेति, परमेसर ह एक आने दिन ला तय करथे, जऊन ला “आज” कहे जाथे। बहुंत समय के बाद, ओह दाऊद राजा के जरिये एकर बारे म कहिस, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखाय हवय:

“यदि आज तुमन ओकर अवाज ला सुनथव,
    त अपन हिरदय ला कठोर झन करव।”[q]

काबरकि, यदि यहोसू ह ओमन ला बिसराम दे रिहिस, त परमेसर ह बाद म, आने दिन के बारे म नइं गोठियाय रहितिस। एकरसेति, परमेसर के मनखेमन बर, एक बिसराम बचे हवय। 10 काबरकि जऊन ह परमेसर के बिसराम म जाथे, ओह अपन काम ले घलो बिसराम करथे, जइसने परमेसर ह अपन काम ले बिसराम करिस। 11 एकरसेति, आवव, हमन ओ बिसराम म जाय के पूरा कोसिस करन, ताकि अइसने झन होवय कि कोनो मनखे ओमन सहीं हुकूम नइं मानके गिर पड़ंय।

12 परमेसर के बचन ह जीयत अऊ काम करत हवय। एह दू धार वाले तलवार ले घलो चोक हवय। एह जीव अऊ आतमा, जोड़ अऊ गुदा मन ला अलग-अलग करके आर-पार छेदथे। एह मनखे के मन के बिचार अऊ ईछा ला जांचथे। 13 संसार के कोनो घलो चीज परमेसर के नजर ले छिपे नइं ए। ओकर आंखी के आघू म जम्मो चीजमन खुला अऊ बिगर परदा के हवंय अऊ हमर बर ए जरूरी अय कि हमन ओला अपन लेखा देवन।

यीसू – बड़े महा पुरोहित

14 एकरसेति, जब हमर एक बड़े महा पुरोहित हवय, जऊन ह स्वरगमन ले होके गे हवय। अऊ ओह परमेसर के बेटा यीसू ए; त आवव, हमन ओ बिसवास म मजबूत बने रहन, जऊन ला हमन मानथन। 15 काबरकि हमर महा पुरोहित अइसने नो हय, जऊन ह हमर कमजोरी म, हमर संग सहानुभूति नइं रखय, पर हमर महा पुरोहित हमर सहीं हर किसम ले परखे गीस, पर ओह पाप नइं करिस। 16 एकरसेति आवव, हमन बिसवास के संग अनुग्रह के सिंघासन करा चलन, ताकि हमर ऊपर दया होवय अऊ जरूरत के बखत, हमन ला मदद करे बर अनुग्रह मिलय।

हर एक महा पुरोहित ह मनखेमन ले चुने जाथे अऊ ओह मनखेमन कोति ले परमेसर के सेवा करे बर ठहिराय जाथे कि ओह परमेसर ला भेंट अऊ पाप खातिर बलि चघावय। ओह अगियानी अऊ भटके मनखेमन ले नरमी से बरताव करे सकथे, काबरकि ओह खुद एक निरबल मनखे ए। एकरे कारन, ओला खुद के पाप खातिर अऊ संगे-संग मनखेमन के पाप खातिर बलिदान चघाना जरूरी ए।

कोनो खुद होके आदर के ए पद ला नइं लेवय; ओकर बुलाहट परमेसर के दुवारा होना जरूरी ए, जइसने कि हारून ह बलाय गे रिहिस। एकरसेति, मसीह घलो महा पुरोहित बने के महिमा ला अपन ऊपर नइं लीस। पर परमेसर ह ओला कहिस,

“तेंह मोर बेटा अस;
    आज मेंह तोला पैदा करे हवंव।”[r]

ओह दूसर जगह म घलो कहिथे,

“तेंह मलकिसिदक के सहीं
    सदाकाल बर एक पुरोहित अस।”[s]

धरती म जब यीसू ह रिहिस, त ओह चिचिया-चिचियाके अऊ आंसू बोहाके परमेसर ले पराथना अऊ बिनती करिस, जऊन ह ओला मिरतू ले बचा सकत रिहिस, अऊ ओकर भक्ति के कारन, परमेसर ह ओकर बात ला सुनिस। ओह परमेसर के बेटा रिहिस, फेर दुःख सहे के दुवारा, ओह हुकूम माने बर सिखिस, अऊ जब ओह सिद्ध हो गीस, त ओह ओ जम्मो मन बर सदाकाल के उद्धार के जरिया बन गीस, जऊन मन ओकर हुकूम ला मानथें, 10 अऊ मलकिसिदक के सहीं, परमेसर ह ओला महा पुरोहित के पद दीस।

बिसवास ले दूरिहा होय के बिरोध म चेतउनी

11 एकर बारे म कहे बर, हमर करा कतको बात हवय, पर एला समझाना कठिन ए, काबरकि तुमन बहुंत धीरे सिखथव। 12 वास्तव म, अब तक तुमन ला गुरू बन जाना रिहिस, पर अभी घलो ए बात के जरूरत हवय कि कोनो तुमन ला फेर परमेसर के बचन के सुरू के बातमन ला सिखोवय। ठोस भोजन के बदले, तुमन ला अभी घलो गोरस के जरूरत हवय। 13 जऊन ह गोरस पीके जीथे, ओला धरमीपन के पहिचान नइं रहय, काबरकि ओह अभी तक लइका हवय। 14 पर ठोस भोजन ह सियाना मनखेमन बर अय, जऊन मन लगातार अभियास के दुवारा भलई अऊ बुरई के पहिचान करे म, अपन-आप ला पक्‍का कर ले हवंय।

एकरसेति आवव, मसीह के बारे म जऊन सुरू के सिकछा ए, ओला छोंड़के हमन ओकर सिकछा म सियान होवत जावन। हमन ए बातमन के नीव फेर झन रखन – जइसने कि ओ काम ले पछतावा करई, जऊन ह हमन ला मिरतू कोति ले जाथे, परमेसर के ऊपर बिसवास करई, बतिसमा, हांथ रखई, मरे मन के जी उठई अऊ सदाकाल के नियाय के बारे निरदेस। अऊ कहूं परमेसर के अनुमती होही, त हमन ए काम घलो करबो।

एक बार जऊन मन परमेसर के अंजोर म आ गे हवंय, जऊन मन स्वरगीय बरदान के सुवाद ला चख ले हवंय, जऊन मन पबितर आतमा के भागीदार हो गे हवंय, जऊन मन परमेसर के बचन के भलई अऊ अवइया समय के सक्ति ला जान गे हवंय, कहूं ओमन बिसवास ले भटक जावंय, त ओमन ला पछताप करे बर वापिस लाना असंभव ए, काबरकि अपन नुकसान करके, ओमन परमेसर के बेटा ला फेर कुरुस म चघावत हवंय अऊ खुले आम ओकर ऊपर कलंक लगावथें।

परमेसर ह ओ भुइयां ला आसिस देथे, जऊन ह अक्सर अपन ऊपर गिरइया बरसात के पानी ला सोंख लेथे अऊ ओमन बर बने फसल उपजाथे, जऊन मन एम खेती-बाड़ी करथें। पर ओ भुइयां, जऊन ह कांटा अऊ कंटिला पौधा उपजाथे, ओह बेकार ए, अऊ ओकर ऊपर परमेसर ले सराप पाय के खतरा हवय। आखिरी म, एह आगी म बारे जाही।

मयारू संगवारी हो, हालाकि हमन अइसने गोठियावत हन, पर हमन ला तुम्‍हर बारे म अऊ बने बातमन के भरोसा हवय, जऊन बातमन उद्धार के संग आथें। 10 परमेसर ह अनियायी नो हय; ओह तुम्‍हर काम ला नइं भुलावय, अऊ ओ मया ला नइं भुलावय, जऊन ला तुमन ओकर मनखेमन के मदद करे के दुवारा ओला देखाय हवव अऊ तुमन अभी घलो ओमन के मदद करत हवव। 11 हमन चाहथन कि तुमन ले हर एक झन आखिरी तक अइसनेच मिहनत करते रहय, ताकि तुम्‍हर आसा ह पक्‍का होवय। 12 हमन नइं चाहथन कि तुमन आलसी बनव, पर ओमन के नकल करव, जऊन मन बिसवास अऊ धीरज के दुवारा ओ चीज के वारिस बनथें, जेकर वायदा परमेसर ह करे हवय।

परमेसर के परतिगियां अटल ए

13 जब परमेसर ह अब्राहम ले परतिगियां करिस, त ओकर ले बड़े अऊ कोनो नइं रिहिन, जेकर ओह किरिया खा सकय, एकरसेति ओह अपन खुद के किरिया खाके 14 कहिस, “ए बात पक्‍का अय कि मेंह तोला आसिस दूहूं अऊ तोर बंस म बहुंत संतान होहीं।”[t] 15 अब्राहम ह धीरज धरके बाट जोहिस; अऊ तब ओह ओ चीजमन ला पाईस, जेकर परतिगियां परमेसर ह करे रिहिस।

16 मनखेमन अपन ले कोनो बड़े के कसम खाथें, अऊ कसम ह कहे गे बात ला पक्‍का करथे अऊ जम्मो बिवाद के निपटारा करथे। 17 काबरकि परमेसर ह अपन परतिगियां के वारिसमन ला, ए साफ-साफ बता दे बर चाहिस कि ओकर उदेस्य ह कभू नइं बदलय; एकरसेति ओह कसम खाय के दुवारा एला पक्‍का करिस। 18 परमेसर ह ए करिस, ताकि नइं बदलइया दू ठन बात (परमेसर के परतिगियां अऊ ओकर कसम) के जरिये परमेसर ला लबरा साबित करना असंभव होवय, अऊ हमन ला, जऊन मन कि सरन पाय बर भागे हवन, बहुंते उत्साह मिलय, अऊ हमन ओ आसा ला पा सकन, जऊन ला हमर आघू म रखे गे हवय। 19 हमर करा ए आसा ह हमर जीव बर पानी जहाज के एक लंगर सहीं अय – मजबूत अऊ सुरछित। एह पबितर जगह के भीतरी भाग म जाथे, जऊन ह परदा के पाछू म हवय, 20 जिहां यीसू ह हमर ले पहिली, हमर कोति ले गे हवय। ओह मलकिसिदक के सहीं सदाकाल बर एक महा पुरोहित बन गे हवय।

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