Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
2 कुरिन्‍थुस 5-9

स्‍वरग म हमर निवास

हमन जानथन कि ए संसारिक देहें जऊन म हमन रहिथन, जब नास करे जाही, तब परमेसर कोति ले हमन ला एक घर मिलही; अऊ एह स्‍वरग म सदाकाल के घर ए, जऊन ह मनखे के हांथ के बनाय नो हय। इहां रहत हमन दुःख म कल्हरत हवन अऊ हमर स्वरगीय घर ला पाय के ईछा रखथन। अऊ जब हमन ए घर म रहिबो, त हमन नंगरा नइं पाय जाबो। ए देहें म रहे के दौरान, हमन कल्हरत रहिथन अऊ बोझ ले दबे रहिथन, काबरकि हमन बिगर कपड़ा पहिरे नइं रहे चाहन, पर हमन स्वरगीय घर ला पहिरे चाहथन, ताकि नासमान देहें ह सदाकाल के जीयत देहें म बदल दिये जावय। ए उदेस्य खातिर जऊन ह हमन ला बनाय हवय, ओह खुद परमेसर ए अऊ ओह हमन ला सदाकाल के घर के गारंटी के रूप म पबितर आतमा दे हवय।

एकरसेति, हमन हमेसा भरोसा करथन अऊ जानथन कि जब तक हमन ए देहें म रहिथन, तब तक हमन परभू ले दूरिहा हवन। अब हमन कोनो चीज ला देखके नइं, पर बिसवास के दुवारा चलथन। हमन ला भरोसा हवय अऊ हमन ए देहें ले अलग होके परभू के संग रहई अऊ बढ़िया समझथन। एकरसेति, चाहे हमन ए देहें म रहन या एकर ले अलग रहन, हमर उदेस्य ए अय कि हमन परभू ला खुस रखन। 10 काबरकि हमन जम्मो झन ला मसीह के नियाय आसन के आघू म जाना जरूरी ए, ताकि हर एक मनखे सरीर म रहत, जऊन काम करे हवय, चाहे भलई के काम होवय या बुरई के, ओला ओकर परतिफल मिलय।

मेल-मिलाप के सेवा

11 एकरसेति, परभू के भय ला जानके, हमन मनखेमन ला मनाय के कोसिस करथन। हमन का अन, एला परमेसर ह जानथे अऊ मोला आसा हवय कि तुम्‍हर बिवेक घलो एला जानथे। 12 हमन तुम्‍हर आघू म फेर अपन-आप के बड़ई करे के कोसिस नइं करथन, पर हमन तुमन ला हमर बारे म घमंड करे के एक मऊका देवत हवन; ताकि तुमन ओमन ला जबाब दे सकव, जऊन मन मनखे के सुघर चाल-चलन ऊपर नइं, पर मनखे के पद ऊपर घमंड करथें। 13 यदि हमन सुध-बुध खो दे हवन, त एह परमेसर खातिर ए, अऊ यदि हमन सुध-बुध म हवन, त एह तुम्‍हर खातिर ए। 14 मसीह के मया ह हमन ला बाध्य करथे। हमन समझ गे हवन कि एक झन ह जम्मो झन बर मरिस अऊ एकरसेति जम्मो झन मर गीन। 15 अऊ ओह जम्मो झन बर मरिस ताकि जऊन मन जीयथें, ओमन अब अपन बर नइं, पर मसीह बर जीयंय, जऊन ह ओमन बर मरिस अऊ फेर जी उठिस।

16 एकरसेति, हमन अब संसारिक नजर ले काकरो बारे म अपन बिचार नइं रखन। हालाकि एक समय रिहिस जब मसीह के बारे म, हमर ए किसम के बिचार रिहिस, पर हमन अब अइसने नइं करन। 17 यदि कोनो मनखे मसीह म हवय, त ओह एक नवां सिरिस्टी ए। पुराना बात खतम हो गीस, अऊ जम्मो बात ह नवां हो गे हवय। 18 ए जम्मो ह परमेसर के दुवारा होईस, जऊन ह मसीह के जरिये अपन संग हमर मेल-मिलाप करिस अऊ हमन ला मेल-मिलाप के सेवा दीस। 19 एकर मतलब ए कि परमेसर ह मसीह के जरिये अपन संग जम्मो मनखेमन के मेल-मिलाप करिस अऊ ओह मनखेमन ऊपर ओमन के पाप के दोस नइं लगाईस। अऊ ओह मेल-मिलाप के संदेस के परचार के जिम्मेदारी हमन ला दीस।

20 एकरसेति, हमन मसीह के राजदूत अन, मानो परमेसर ह हमर जरिये तुमन ले बिनती करत हवय। मसीह कोति ले, हमन तुम्‍हर ले बिनती करथन कि परमेसर के संग मेल-मिलाप कर लेवव। 21 मसीह ह कोनो पाप नइं करे रिहिस, पर हमर हित म, परमेसर ह हमर पाप ला ओकर ऊपर डार दीस ताकि मसीह के जरिये परमेसर के धरमीपन ह हमन म आ जावय।

हमन परमेसर के संगी करमी के रूप म, तुमन ले बिनती करथन कि परमेसर ले मिले अनुग्रह ला बेकार झन होवन देवव। काबरकि परमेसर ह कहिथे,

“अपन ठीक समय म मेंह तुम्‍हर पराथना ला सुनेंव,
    अऊ उद्धार के दिन म मेंह तुम्‍हर मदद करेंव।”[a]

मेंह तुमन ला बतावत हंव, देखव, एह सही समय ए, एह उद्धार के दिन ए।

पौलुस के दुःख सहई

हमन काकरो रसता म बाधा नइं डालन, ताकि कोनो हमर सेवा म दोस झन पावय। पर हर बात म हमन अपन-आप ला परमेसर के सेवक जताथन – सहन करे म, समस्या, दुःख, अऊ बिपत्ती म, मार खाय, जेल जाय म अऊ मनखेमन के हंगामा करे म; कठोर मिहनत, रात-रात भर जगई अऊ भूख म; सुधता, समझ, धीरज अऊ दयालुता म; पबितर आतमा म अऊ निस्कपट मया म; सच बात गोठियाय म, अऊ परमेसर के सामरथ म; धरमीपन के हथियार संग लड़े म अऊ बचाव करे म; आदर अऊ अनादर म, बड़ई अऊ बदनामी म। हमन सच गोठियाथन, तभो ले हमर संग लबरामन सहीं बरताव करे जाथे। हमन ला जम्मो झन जानथें, तभो ले हमर संग अनजानमन सहीं बरताव करे जाथे। हमन मरे सहीं रहिथन, पर हमन जीयत हवन। हमन मार खाथन, पर मार डारे नइं जावन। 10 हमन दुःखी तो हवन, पर हमेसा आनंद मनावत रहिथन। हमन गरीब अन, पर बहुंत झन ला धनवान बनाथन। हमर करा कुछू नइं ए, तभो ले हमन जम्मो चीज ऊपर अधिकार रखथन।

11 हे कुरिन्‍थुस सहर के मनखेमन, हमन तुमन ले खुलके गोठियाय हवन अऊ हमर हिरदय तुम्‍हर बर खुला हवय। 12 तुम्‍हर बर हमन अपन मया ला नइं रोकत हवन, पर हमर बर तुमन अपन मया ला रोकत हवव। 13 मेंह तुमन ला अपन लइका जानके कहथंव कि एकर बदला म, तुमन घलो अपन हिरदय ला खोल देवव।

अबिसवासीमन संग साझीदार झन होवव

14 अबिसवासीमन के संग साझीदार झन बनव। काबरकि धरमीपन अऊ अधरम म का समानता? या अंजोर अऊ अंधियार के का संगति? 15 मसीह अऊ सैतान के बीच म का मेल हवय? एक बिसवासी के एक अबिसवासी संग का समानता? 16 परमेसर के मंदिर अऊ मूरतीमन के बीच म का सहमती? काबरकि हमन जीयत परमेसर के मंदिर अन; जइसने कि परमेसर ह कहे हवय:

“मेंह ओमन के संग रहिहूं अऊ ओमन के बीच चलहूं-फिरहूं,
    अऊ मेंह ओमन के परमेसर होहूं अऊ ओमन मोर मनखे होहीं।”[b]

17 एकरसेति परभू ह कहिथे,

“ओमन के बीच म ले निकर आवव अऊ अलग रहव। असुध चीज ला झन छूवव,
    त मेंह तुमन ला गरहन करहूं।”[c]

18 सर्वसक्तिमान परभू ह कहिथे,

“मेंह तुम्‍हर ददा होहूं,
    अऊ तुमन मोर बेटा अऊ बेटी होहू।”

हे मयारू संगवारीमन, जब हमर संग परमेसर ह ए परतिगियां करे हवय, त आवव, हमन अपन देहें अऊ आतमा ला जम्मो गंदगी ले सुध करन, अऊ परमेसर के भय म रहत अपन-आप ला पूरा-पूरी पबितर करन।

पौलुस के आनंद

हमर बर अपन हिरदय ला खोलव। हमन काकरो अनियाय नइं करे हवन; हमन काकरो नइं बिगाड़े हवन अऊ हमन काकरो ले कोनो फायदा नइं उठाय हवन। मेंह तुमन ला दोसी ठहराय बर, ए नइं कहत हवंव। काबरकि मेंह पहिली ले कह चुके हवंव कि तुमन हमर हिरदय म अइसने बस गे हवव कि हमन तुम्‍हर संग मरे या जीये बर घलो तियार हवन। मोला तुम्‍हर ऊपर बहुंत भरोसा हवय; मोला तुम्‍हर ऊपर बड़ घमंड हवय। मेंह बहुंत उत्साहित हवंव। अपन जम्मो समस्या म घलो, मेंह बहुंत आनंदित हवंव।

काबरकि जब हमन मकिदुनिया म आयेंन, त हमन ला कोनो अराम नइं मिलिस, पर हमन हर तरफ ले दुःख पायेन – बाहिर म झगरा होवत रहय अऊ हमर हिरदय म डर बने रहय। पर परमेसर जऊन ह उदास मनखेमन ला सांति देथे, तीतुस के आय के दुवारा हमन ला सांति दीस[d] अऊ सिरिप ओकर आय के दुवारा ही नइं, पर जऊन सांति ओला तुमन दे हवव, ओकर दुवारा घलो। ओह हमन ला तुम्‍हर मया, तुम्‍हर दुःख अऊ मोर बर तुम्‍हर चिंता के बारे बताईस, जेकर ले मेंह अऊ आनंदित होवत हवंव।

हालाकि मोर चिट्ठी के दुवारा तुमन ला दुःख पहुंचिस, पर मेंह ओकर बर नइं पछतावत हंव, जइसने कि पहिली पछतावत रहेंव; काबरकि मेंह देखत हंव कि मोर चिट्ठी ले तुमन ला दुःख तो पहुंचिस, पर ओह थोरकन समय बर रिहिस। पर अब मेंह खुस हवंव। मोर खुसी ह एकरसेति नो हय कि तुमन ला दुःख पहुंचिस, पर एकरसेति अय कि ओ दुःख के कारन तुमन पछताप करेव। परमेसर के ईछा के मुताबिक तुमन ला दुःख पहुंचिस अऊ ए किसम ले तुमन ला हमर कोति ले कोनो नुकसान नइं होईस। 10 काबरकि परमेसर के ईछा के मुताबिक दुःख सहे ले पछतावा होथे, जेकर ले उद्धार मिलथे अऊ एकर ले दुःख नइं होवय, पर संसारिक दुःख ले मिरतू होथे। 11 देखव, ए दुःख जऊन ह तुमन ला परमेसर के ईछा के मुताबिक मिलिस, तुमन म कतेक उत्‍सुकता अऊ अपन-आप ला निदरोस साबित करे बर उत्साह, कोरोध, भय, लालसा, बियाकुलता अऊ नियाय देवाय बर तत्‍परता लानिस। हर किसम ले तुमन अपन-आप ला ए चीज म निरदोस साबित करे हवव। 12 मेंह तुमन ला ओ चिट्ठी एकरसेति नइं लिखेंव कि मोला अनियाय करइया या अनियाय सहइया के चिंता रिहिस, पर एकरसेति लिखेंव कि परमेसर के आघू म तुमन खुद जान लेवव कि हमर बर तुम्‍हर कतेक लगाव हवय। 13 ए जम्मो के दुवारा हमन ला उत्साह मिलिस। अऊ हमन सिरिप उत्साहित ही नइं होएन, पर हमन ला ए देखके खुसी होईस कि जऊन मदद तुमन तीतुस ला दे रहेव, ओकर सेति ओह बड़ खुस हवय। 14 मेंह तीतुस के आघू म तुम्‍हर बड़ई करे रहेंव अऊ तुमन एकर बारे म मोला सरमिन्‍दा नइं करेव। पर जइसने हमन तुम्‍हर ले हमेसा सच गोठियाय हवन, वइसने तुम्‍हर बारे म हमर बड़ई ह तीतुस के आघू म सच साबित होय हवय। 15 जब ओह सुरता करथे कि कइसने तुमन जम्मो झन हुकूम ला मानत रहेव अऊ कइसने तुमन डरत अऊ कांपत ओला गरहन करेव, त तुम्‍हर बर ओकर मया ह अऊ बढ़ जाथे। 16 मोला खुसी हवय कि मेंह तुम्‍हर ऊपर पूरा भरोसा कर सकथंव।

हर बात म उदार बनव

हे भाईमन हो, हमन चाहथन कि तुमन ओ अनुग्रह के बारे म जानव, जऊन ला परमेसर ह मकिदुनिया के कलीसियामन ला दे हवय। दुःख के भारी परिछा म ओमन बड़ आनंद मनावत हवंय अऊ भयंकर गरीबी म ओमन अब्‍बड़ दानी हो गे हवंय। काबरकि मेंह गवाही दे सकथंव कि अपन सक्ति के मुताबिक ओमन जतकी जादा हो सकिस, दे हवंय; अऊ त अऊ ओमन अपन सक्ति ले बाहिर घलो दे हवंय। अऊ अपन पूरा ईछा ले दे हवंय। ओमन बार-बार हमर ले बिनती करिन कि ओमन ला संतमन के सेवा म मदद करे बर मऊका मिलय। अऊ जइसने हमन आसा करत रहेंन, ओमन वइसने नइं करिन, पर ओमन पहिली अपन-आप ला परभू ला दे दीन अऊ तब परमेसर के ईछा के मुताबिक अपन-आप ला हमर अधीन कर दीन। तीतुस ह पहिली ए काम ला सुरू करे रिहिस, एकरसेति हमन ओकर ले बिनती करेन कि ओह अनुग्रह के ए काम ला तुम्‍हर बीच म पूरा घलो करय। पर जइसने तुमन हर बात म बढ़त जावत हव – बिसवास म, बचन बोलई म, गियान म, लगन से काम करई म अऊ हमर बर तुम्‍हर मया म – वइसने ही तुमन दान देय के मामला म घलो बढ़त जावव।

मेंह तुमन ला हुकूम नइं देवत हंव, पर आने मन के उत्साह के तुलना म, मेंह परखे चाहथंव कि तुम्‍हर मया म कतेक सच्‍चई हवय। काबरकि तुमन हमर परभू यीसू मसीह के अनुग्रह ला जानत हव। हालाकि ओह धनी रिहिस, पर तुम्‍हर हित म ओह गरीब बन गीस, ताकि ओकर गरीबी के जरिये तुमन धनवान हो जावव।

10 इहां मेंह तुमन ला एकर बारे म सलाह देवत हंव कि तुम्‍हर बर का बुता ह सबले बने होही। पऊर साल, तुमन सिरिप देय के मामला म ही पहिली नइं रहेव, पर तुम्‍हर अइसने करे के ईछा घलो रिहिस। 11 अब ओ काम ला पूरा करव ताकि एला करे के तुम्‍हर जऊन उत्‍सुकता हवय, ओह काम के पूरा करे म मेल खावय, अऊ जऊन कुछू तुम्‍हर करा हवय, ओकर मुताबिक एला करव। 12 काबरकि यदि तुम्‍हर देय के ईछा हवय, त जऊन कुछू तुम्‍हर करा हवय, ओकर आधार म तुम्‍हर दान ह गरहन होही, जऊन ह तुम्‍हर करा नइं ए, ओकर आधार म नइं।

13 एह हमर ईछा नो हय कि आने मन ला अराम मिलय अऊ तुम्‍हर ऊपर बोझ पड़य, पर हमन चाहथन कि बरोबरी के बात होवय। 14 अभी तुम्‍हर करा बहुंत हवय, त तुमन ओमन के जरूरत म देवव, ताकि बदले म, जब ओमन करा बहुंत होही, त ओमन तुम्‍हर जरूरत म दिहीं। तभे बरोबरी होही। 15 जइसने कि परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: “जऊन ह बहुंते बटोरिस, ओकर करा जादा नइं बांचिस, अऊ जऊन ह थोरकन बटोरिस, ओला घटी नइं होईस।”[e]

तीतुस ला कुरिन्‍थुस सहर म पठोय गीस

16 मेंह परमेसर ला धनबाद देथंव कि ओह तीतुस के मन म ओहीच चिंता डाल दीस, जऊन ह मोर मन म तुम्‍हर बर हवय। 17 तीतुस ह सिरिप हमर बात ला ही नइं मानिस, पर ओह अपन ईछा ले बहुंत उत्साह के संग तुम्‍हर करा आवत हवय। 18 अऊ हमन ओकर संग ओ भाई ला पठोवत हन, जेकर बड़ई जम्मो कलीसिया के मन सुघर संदेस के ओकर सेवा खातिर करथें। 19 एकर अलावा, ओह कलीसियामन के दुवारा चुने गे हवय ताकि ओह हमर संग जावय, जब हमन दान लेके जाथन। हमन ए सेवा ला परभू के महिमा बर करथन अऊ ए देखाय बर करथन कि हमन आने के मदद करे बर उत्सुक हवन। 20 हमन ए धियान रखथन कि उदारता के दान के हमर जऊन सेवा हवय, ओकर बारे म कोनो हमर ऊपर दोस झन लगावंय। 21 हमर उदेस्य ए अय कि हमन सही काम करन, सिरिप परभू के नजर म ही नइं, पर मनखेमन के नजर म घलो।

22 एकरसेति, ओमन के संग हमन अपन भाई ला पठोवत हन, जऊन ला हमन कतको बार परखे हवन अऊ ए पायेन कि ओह तुम्‍हर मदद करे बर हमेसा उत्सुक रहिथे, अऊ अब ओह अऊ घलो उत्सुक हवय, काबरकि तुम्‍हर ऊपर ओला बड़ भरोसा हवय। 23 यदि कोनो तीतुस के बारे म पुछथे, त बतावव कि ओह मोर भागीदार अऊ तुम्‍हर बीच म मोर सहकरमी अय; अऊ यदि कोनो हमर भाईमन के बारे म पुछथे, त बतावव कि ओमन कलीसिया के परतिनिधि अऊ मसीह के महिमा अंय। 24 एकरसेति तुम्‍हर मया अऊ तुम्‍हर बारे म हमर जऊन घमंड हवय, ओला ए मनखेमन के आघू म साबित करव, ताकि जम्मो कलीसियामन एला देख सकंय।

संतमन बर जऊन सेवा करे जाथे, ओकर बारे म तुमन ला लिखे के जरूरत नइं ए। काबरकि मेंह जानथंव कि तुमन मदद करे बर उत्सुक रहिथव अऊ मेंह मकिदुनिया के मनखेमन के आघू म तुम्‍हर बारे म डींग हांकके ए कहे हवंव कि पऊर साल ले तुमन, जऊन मन अखया म रहिथव, मदद करे बर तियार हवव अऊ तुम्‍हर उत्साह ह ओम के बहुंते झन ला उत्साहित करे हवय। पर मेंह ए भाईमन ला एकरसेति पठोवत हवंव ताकि ए बिसय म तुम्‍हर बारे, हमन जऊन घमंड करे हवन, ओह लबरा साबित झन होवय, पर जइसने मेंह कहे हवंव, तुमन तियार रहव। काबरकि यदि कोनो मकिदुनिया के मनखे ह मोर संग आथे अऊ ए देखथे कि तुमन तियार नइं अव, त हमन तुम्‍हर बारे म कुछू कहे नइं सकबो, अऊ तुम्‍हर ऊपर अतेक भरोसा करे के बाद हमर बेजत्ती होही। एकरसेति, मेंह भाईमन ले ए बिनती करना जरूरी समझेंव कि ओमन पहिली ले तुम्‍हर करा जावंय अऊ ओ दान के परबंध करंय, जऊन ला तुमन देय के वायदा करे हवव। तब एह दबाव म दिये गय दान नइं, पर उदार मन ले दिये गय दान होही।

उदार मन ले बोवव

ए बात ला सुरता रखव: जऊन ह थोरकन बोथे, ओह थोरकन काटही घलो, अऊ जऊन ह बहुंत बोथे, ओह बहुंते काटही घलो। हर एक मनखे वइसने ही दान करय, जइसने ओह अपन मन म ठाने हवय; न अनिछा ले अऊ न ही दबाव ले, काबरकि परमेसर ह ओकर ले मया करथे जऊन ह खुसी मन ले देथे। परमेसर ह तुमन ला जम्मो किसम के आसिस बहुंतायत ले देय म सामरथी अय, ताकि तुम्‍हर करा जरूरत के हर चीज हमेसा बहुंतायत म रहय अऊ तुमन हर एक बने काम म बहुंतायत से दे सकव। जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय:

“ओह दिल खोलके गरीबमन ला दान देथे; ओकर धरमीपन ह सदाकाल तक बने रहिथे।”[f]

10 जऊन परमेसर ह बोवइया ला बीजा अऊ खाय बर रोटी देथे, ओह तुमन ला घलो बीजा अऊ खाय बर रोटी दिही अऊ तुम्‍हर बीजा के भंडार ला बढ़ाही अऊ तुम्‍हर धरमीपन के काम ला बगराही। 11 तुमन ला हर किसम ले धनवान बनाय जाही, ताकि तुमन हर समय उदार बनव अऊ हमर जरिये तुमन जऊन उदारता ले देथव, ओकरे कारन बहुंते झन परमेसर ला धनबाद दिहीं।

12 तुम्‍हर ए सेवा के कारन, परमेसर के मनखेमन के सिरिप जरूरत ही पूरा नइं होवत हवय, पर कतेक किसम ले बहुंतायत ले परमेसर के धनबाद घलो होवत हवय। 13 ए सेवा के दुवारा तुमन अपन-आप ला साबित कर चुके हवव, एकरसेति मनखेमन परमेसर के महिमा करहीं, काबरकि तुमन मसीह के सुघर संदेस ला गरहन करके ओकर मुताबिक चलत हवव अऊ दिल खोलके तुमन ओमन ला अऊ आने जम्मो झन ला दान देवत हवव। 14 ओमन तुम्‍हर बर पराथना करथें अऊ ओमन के मन ह तुमन म लगे रहिथे, काबरकि परमेसर के अनुग्रह तुम्‍हर ऊपर बहुंतायत ले होय हवय। 15 परमेसर के धनबाद होवय ओकर ओ दान खातिर, जेकर बयान नइं करे जा सकय।

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)

Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.