Chronological
1 में पौलुस ह हमर उद्धार करइया परमेसर अऊ हमर आसा मसीह यीसू के हुकूम ले मसीह यीसू के प्रेरित अंव, 2 बिसवास म मोर पक्का बेटा तीमुथियुस, तोला मेंह ए चिट्ठी लिखत हवंव।
हमर ददा परमेसर अऊ हमर परभू मसीह यीसू ले तोला अनुग्रह, दया अऊ सांति मिलत रहय।
कानून के लबरा गुरूमन के बिरोध म चेतउनी
3 जइसने कि मेंह मकिदुनिया जावत बेरा तोर ले बिनती करे रहेंव कि तें इफिसुस म रहिके ओ मनखेमन ला हुकूम दे कि ओमन गलत बात झन सीखोवंय, 4 अऊ न ही ओमन कथा-कहानी अऊ अन्तहीन बंसावलीमन म मन लगावंय, जेकर ले बिवाद होथे। अइसने बात ले परमेसर के काम, जऊन ह बिसवास म अधारित हवय, नइं होवय। 5 ए हुकूम के उदेस्य ह मया अय, जऊन ह साफ मन, बने बिवेक अऊ सही बिसवास ले पैदा होथे। 6 कुछू मनखेमन ए बातमन ले भटकके बेकार के बात म मन लगाय हवंय। 7 ओमन चाहत हवंय कि मनखेमन ओमन ला मूसा के कानून के गुरू के रूप म जानंय, पर ओमन अपनेच बातमन ला नइं समझंय या ओ बात ला नइं जानंय, जेकर बारे म ओमन बहुंत जोर देके गोठियाथें।
8 हमन जानत हन कि मूसा के कानून ह बने ए, यदि मनखे ह ओकर सही उपयोग करय त। 9 हमन ए घलो जानत हन कि कानून ह बने मनखेमन बर नो हय, पर एह कानून टोरइया, निरंकुस, भक्तिहीन, पापी, अपबितर मनखे अऊ अधरमी, दाई-ददा के हतिया करइया, हतियारा, 10 छिनारी करइया, बेभिचारी, मनखेमन ला बेचइया, लबरा अऊ लबरा गवाही देवइया अऊ सही उपदेस के बिरोध करइयामन बर अय। 11 एहीच ह अद्भूत परमेसर के महिमामय सुघर-संदेस के मुताबिक ए, जऊन ला मोला सऊंपे गे हवय।
पौलुस ऊपर परभू के अनुग्रह
12 मेंह अपन परभू मसीह यीसू के धनबाद करत हंव, जऊन ह मोला ताकत दे हवय अऊ मोला बिसवास के लइक समझके अपन सेवा बर ठहिराय हवय। 13 मेंह तो पहिली ओकर निन्दा करइया, अतियाचारी अऊ ओकर बेजत्ती करइया रहेंव, तभो ले परमेसर के दया मोर ऊपर होईस काबरकि मेंह ए जम्मो ला नासमझी म करेंव अऊ ओकर ऊपर बिसवास नइं करत रहेंव। 14 हमर परभू के अनुग्रह, ओ बिसवास अऊ मया के संग, जऊन ह मसीह यीसू म हवय, मोर ऊपर बहुंत अकन होईस।
15 ए बात सच ए अऊ पूरा-पूरी माने अऊ बिसवास करे के लइक अय कि मसीह यीसू ह ए संसार म पापीमन के उद्धार करे बर आईस, जेम सबले बड़े पापी मेंह अंव। 16 पर मोर ऊपर एकरसेति दया होईस कि मोर म, जऊन ह कि सबले बड़े पापी अंव, यीसू मसीह ह अपन पूरा सहनसीलता देखावय, ताकि जऊन मनखेमन मसीह ऊपर बिसवास करहीं अऊ परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाहीं, ओमन बर मेंह एक नमूना बनंव। 17 सदाकाल के राजा, अबिनासी, अनदेखे, सिरिप एकेच परमेसर के आदर अऊ महिमा जुग-जुग होवत रहय। आमीन।
18 हे बेटा तीमुथियुस, ओ अगम बात के मुताबिक, जऊन ह पहिली तोर बारे म कहे गे रिहिस, मेंह तोला ए हुकूम देवत हंव कि ओकर मुताबिक सही जिनगी म चलत रह, 19 अऊ बिसवास अऊ सही बिवेक म बने रह। कुछू मनखेमन एला नइं मानिन अऊ एकरसेति ओमन के बिसवास ह खतम हो गीस। 20 ओमन म हुमिनयुस अऊ सिकन्दर अंय, जेमन ला मेंह सैतान ला सऊंप दे हवंव, ताकि ओमन सिखंय अऊ परमेसर के निन्दा झन करंय।
अराधना के बारे म निरदेस
2 सबले पहिली ए अनुरोध करत हंव कि बिनती, पराथना, निबेदन अऊ धनबाद जम्मो मनखे बर करे जावय – 2 राजा अऊ जम्मो ऊंच पद के मनखे बर ए करे जावय, ताकि हमन सांति अऊ सुख के जिनगी भक्ति अऊ पबितरता के संग जीयन। 3 एह बने बात ए अऊ एह हमर उद्धार करइया परमेसर ला भाथे। 4 ओह चाहथे कि जम्मो मनखेमन के उद्धार होवय अऊ ओमन सत के गियान ला जानंय। 5 काबरकि सिरिप एके परमेसर हवय अऊ परमेसर अऊ मनखेमन के बीच म एकेच बिचवई हवय, याने मसीह यीसू, जऊन ह मनखे अय। 6 ओह जम्मो मनखेमन के पाप के छुटकारा खातिर अपन-आप ला दे दीस अऊ ए गवाही ह ठीक समय म दिये गीस। 7 मेंह सच कहत हंव, लबारी नइं मारत हंव। एकरे खातिर, मेंह सुघर संदेस के परचारक, प्रेरित अऊ आनजातमन बर सही बिसवास के एक गुरू ठहिराय गे हवंव।
8 मेंह चाहत हंव कि जम्मो जगह मनखेमन बिगर गुस्सा या बिवाद के, पबितरता के संग अपन हांथ ऊपर उठाके पराथना करंय।
9 मेंह ए घलो चाहत हंव कि माईलोगनमन संकोच अऊ बने आचरन के संग ठीक से कपड़ा पहिरंय; न कि बाल गुंथके या सोना या मोती या मंहगा कपड़ा ले अपन-आप ला संवारंय, 10 पर भलई के काम करंय, जइसने कि ओ माईलोगनमन ला सोभा देथे, जऊन मन अपन-आप ला परमेसर के भक्त कहिथें।
11 माईलोगन ला चुपेचाप अऊ पूरा अधीनता म रहिके सिखना चाही। 12 मेंह माईलोगन ला ए अनुमती नइं देवंव कि ओह सिखोय या मरद के ऊपर अधिकार रखय, पर ओह एकदम चुपेचाप रहय। 13 काबरकि आदम ह पहिली बनाय गीस अऊ ओकर बाद हवा बनाय गीस। 14 अऊ आदम ह बहकाय नइं गीस, पर माईलोगन ह बहकाय गीस अऊ पापिन बनिस। 15 तभो ले माईलोगनमन लइका जने के दुवारा उद्धार पाहीं, यदि ओमन बने आचरन के संग बिसवास, मया अऊ पबितरता म बने रहंय।
पास्टर अऊ डीकन
3 ए बात सही ए: कि कहूं कोनो मनखे पास्टर बने चाहथे, त ओह बहुंत बढ़िया काम करे के ईछा करथे। 2 पास्टर ला बिलकुल निरदोस होना चाही। ओकर सिरिप एकेच घरवाली होवय। ओह संयमी, सुसील, सभ्य, पहुनई करइया अऊ बने गुरू होवय। 3 ओह पियक्कड़ या मारपीट करइया झन होवय, पर नरम सुभाव के होवय। ओह न झगरा करइया अऊ न रूपिया-पईसा के लोभी होवय। 4 ओह अपन परिवार के सुघर परबंध करइया होवय, अऊ ओह ए देखय कि ओकर लइकामन पूरा आदर-मान के संग ओकर बात मानंय। 5 (कहूं कोनो अपन खुद के परिवार के परबंध नइं कर सकय, त फेर ओह परमेसर के कलीसिया के खियाल कइसने रख सकथे?) 6 ओह नवां मसीही झन होवय, नइं तो ओला घमंड हो सकथे अऊ सैतान के सहीं दंड पा सकथे। 7 कलीसिया के बाहिर के मनखेमन म घलो ओकर बने नांव होना चाही, ताकि ओकर निन्दा झन होवय अऊ ओह सैतान के फांदा म झन फंसय।
8 एही किसम ले, डीकनमन ला घलो आदर के लइक होना चाही। ओमन ईमानदार होवंय अऊ पियक्कड़ अऊ नीच कमई के लोभी झन होवंय। 9 ओमन बिसवास के गहिरा सच ला सही बिवेक के संग थामे रहंय। 10 ओमन पहिली जरूर परखे जावंय अऊ यदि निरदोस निकरंय, त ओमन डीकन के काम करंय।
11 ओही किसम ले, डीकनमन के घरवालीमन ला घलो आदर के लइक होना चाही। ओमन बकबक करइया झन होवंय, पर संयमी अऊ जम्मो बात म बिसवास के लइक होवंय[a]।
12 डीकन के सिरिप एक घरवाली होवय अऊ ओह अपन लइकामन के अऊ घर के सुघर परबंध करय। 13 जऊन मन बने सेवा करे हवंय, ओमन बने आदरमान पाथें अऊ मसीह यीसू म अपन बिसवास के दुवारा भरोसा के लइक समझे जाथें।
14 हालाकि मेंह तोर करा जल्दी आय के आसा करत हंव, तभो ले तोला ए बात लिखत हवंव, 15 ताकि कहूं मोर आय म देरी होवय, त तोला जानकारी होना चाही कि मनखेमन परमेसर के परिवार म कइसने बरताव करंय अऊ ए परिवार ह जीयत परमेसर के कलीसिया ए, जऊन ह परमेसर के सच के आधार ए अऊ एह सच ला थामे रहिथे। 16 ए बात म कोनो संका नइं ए कि परमेसर के भक्ति के भेद ह महान ए:
ओह (मसीह) मनखे के रूप म परगट होईस,
पबितर आतमा के दुवारा साबित करे गीस,
स्वरगदूतमन ला दिखाई दीस,
जाति-जाति म ओकर परचार होईस,
जम्मो संसार म मनखेमन ओकर ऊपर बिसवास करिन,
अऊ ओह महिमा म स्वरग ऊपर उठा लिये गीस।
तीमुथियुस ला निरदेस
4 परमेसर के आतमा ह साफ-साफ कहिथे कि अवइया समय म कुछू मनखेमन बिसवास ला छोंड़ दिहीं अऊ धोखा देवइया आतमा अऊ परेत आतमामन के सिखोय बात ला मानहीं। 2 ए बातमन धोखा देवइया मनखेमन ले आथे, जऊन मन लबारी मारथें अऊ जेमन के बिवेक ह मर गे हवय, मानो ओह गरम लोहा ले दागे गे हवय। 3 ओमन मनखेमन ला बिहाव करे बर मना करथें अऊ कुछू खाय के चीजमन ला खाय बर मना करथें जऊन ला परमेसर ह एकरसेति बनाईस कि सत ला जाननेवाला बिसवासीमन, ए भोजन-वस्तु बर धनबाद के पराथना करंय अऊ ओला खावंय। 4 परमेसर के बनाय हर चीज ह बने ए, अऊ कोनो घलो चीज अस्वीकार करे के लइक नो हय, यदि ओला परमेसर ला धनबाद देके खाय जाथे। 5 काबरकि ओह परमेसर के बचन अऊ पराथना के दुवारा सुध हो जाथे।
6 कहूं तेंह बिसवासी भाईमन ला ए बातमन के सुरता कराथस, त तेंह मसीह यीसू के बने सेवक बनबे, जइसने कि तेंह परमेसर के बचन के बिसवास म पले-बढ़े अऊ सही सिकछा म चले हवस। 7 अपन-आप ला अधरमी अऊ डोकरी मन के कथा-कहानी ले दूरिहा रख अऊ अपन-आप ला आतमिक बात म बढ़ा।
8 सारीरिक कसरत करे ले कुछू फायदा होथे, पर भक्ति के साधना ले जम्मो बात म फायदा होथे, काबरकि एह ए जिनगी अऊ अवइया जिनगी दूनों के वायदा करथे।
9 ए बात सच ए अऊ हर किसम ले माने अऊ बिसवास करे के लइक ए 10 (अऊ एकरसेति, हमन मिहनत अऊ संघर्स करथन), काबरकि हमर आसा ओ जीयत परमेसर ऊपर हवय, जऊन ह जम्मो मनखेमन के, अऊ बिसेस करके बिसवासीमन के उद्धार करइया अय।
11 ए बातमन के हुकूम दे अऊ सिखोय कर। 12 अइसने कर कि कोनो मनखे तोर जवानी के कारन, तोला तुछ झन समझय, पर बिसवासीमन खातिर अपन गोठ-बात, अपन जिनगी, अपन मया, बिसवास अऊ सुधता के दुवारा एक नमूना पेस कर। 13 जब तक मेंह नइं आ जावंव, तब तक अपन-आप ला मनखेमन के आघू म परमेसर के बचन पढ़े, उपदेस करे अऊ सिखोय म लगाय रख। 14 अपन बरदान के खियाल रख, जऊन ह एक अगम संदेस के जरिये दिये गे रिहिस, जब अगुवामन अपन हांथ ला तोर ऊपर रखिन।
15 ए काममन ला करते रह; अऊ एमन खातिर अपन-आप ला पूरा-पूरी लगा दे, ताकि हर एक झन तोर बढ़ती ला देख सकंय। 16 अपन जिनगी अऊ अपन सिकछा ला बिसेस धियान दे। ओम लगे रह, काबरकि यदि तेंह अइसने करबे, त तेंह, तोर अऊ तोर बात सुनइया, दूनों के उद्धार करबे।
बिधवा, अगुवा अऊ गुलाम मन के बारे म सलाह
5 कोनो सियाना मनखे ला झन डांट, पर ओला अपन ददा सहीं जानके समझा दे। जवानमन ला भाई, 2 डोकरी माईलोगनमन ला दाई अऊ जवान माईलोगनमन ला पूरा-पूरी सुध मन ले बहिनी जानके ओमन के संग बरताव कर।
3 ओ बिधवामन के आदर कर, जऊन मन ला मदद के जरूरत हवय। 4 कहूं कोनो बिधवा के लइका अऊ नाती-नतनिन हवंय, त ओमन ला अपन परिवार के देख-रेख करे के दुवारा पहिली अपन धरम के काम ला पूरा करना चाही। ए किसम ले ओमन अपन दाई-ददा अऊ डोकरी दाई-ददा मन के बदला चुकावंय, काबरकि ए काम ह परमेसर ला भाथे। 5 ओह सही बिधवा ए, जेकर कोनो नइं ए अऊ जऊन ह परमेसर ऊपर भरोसा रखथे अऊ रात-दिन पराथना म लगे रहिथे अऊ परमेसर ले मदद मांगथे। 6 पर ओ बिधवा, जऊन ह भोग-बिलास म जिनगी बिताथे, ओह जीते-जीयत मर गीस। 7 ओमन ला हुकूम दे, ताकि ओमन निरदोस जिनगी जीयंय। 8 यदि कोनो अपन रिस्तेदार अऊ बिसेस करके अपन परिवार के देख-रेख नइं करय, त एकर ले पता चलथे कि ओह मसीह के ऊपर बिसवास करे बर छोंड़ दे हवय, अऊ एक अबिसवासी ले घलो खराप हो गे हवय।
9 बिधवामन के सूची म, ओ बिधवा के नांव लिखे जावय, जेकर उमर साठ साल ले ऊपर हवय अऊ जऊन ह एके झन मनखे के घरवाली रहे हवय। 10 अऊ भलई के काम करे म ओकर बने नांव होवय – जइसने कि अपन लइकामन के पालन-पोसन-करई, पहुनई करई, परमेसर के मनखेमन के गोड़ धोवई, जऊन मन मुसिबत म हवंय, ओमन के मदद करई अऊ अपन-आप ला जम्मो किसम के बने काम म लगाय रखई।
11 पर जवान बिधवामन ला अइसने सूची म झन रख, काबरकि जब ओमन के सारीरिक भोग-बिलास के ईछा ह ओमन ला मसीह ले दूरिहा ले जाथे, त ओमन बिहाव करे चाहथें। 12 ए किसम ले ओमन दोसी होथें, काबरकि ओमन मसीह के संग करे अपन पहिली परतिगियां ला टोर देथें। 13 एकर अलावा, ओमन घर-घर जाके आलसी बन जाथें। अऊ सिरिप आलसी ही नइं बनंय, पर बक-बक करथें अऊ आने मन के काम म दखल देथें, ओ बातमन ला कहिके जऊन ला कि नइं कहना चाही। 14 एकरसेति, बने होतिस कि जवान बिधवामन बिहाव करंय अऊ लइका जनमावंय, अपन घर-बार ला संभालंय अऊ बईरी ला बदनाम करे के कोनो मऊका झन देवंय। 15 काबरकि कुछू बिधवामन बहकके सैतान के पाछू चलत हवंय।
16 कहूं कोनो बिसवासी माईलोगन के अइसने रिस्तेदार हवंय, जऊन मन बिधवा अंय, त ओह ओमन के मदद करय ताकि ओमन के बोझा कलीसिया ऊपर झन होवय अऊ कलीसिया ह आने मन के मदद कर सकय, जऊन मन सही म बिधवा अंय।
17 ओ अगुवा जऊन मन कलीसिया के बने काम करथें, ओमन दू गुना आदर के लइक समझे जावंय, बिसेस करके जऊन मन परमेसर के बचन के परचार अऊ सिखोय के काम करथें। 18 काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “दंऊरी म चलत बइला के मुहूं ला झन बांध”[b] अऊ “बनिहार ला अपन बनी पाय के हक हवय।”[c] 19 कहूं कोनो मनखे ह कोनो अगुवा ऊपर दोस लगाथे, त बिगर दू या तीन गवाह के ओकर झन सुने कर। 20 जऊन मन पाप करथें, ओमन ला जम्मो के आघू म डांट, ताकि आने मन पाप करे बर डर्रावंय।
21 परमेसर, मसीह यीसू अऊ चुने स्वरगदूतमन ला हाजिर जानके, मेंह तोला हुकूम देवत हंव कि ए बातमन ला बिगर काकरो तरफदारी के माने कर अऊ कोनो काम म पखियपात झन कर।
22 कोनो मनखे ला परभू के सेवा खातिर चुने म जल्दबाजी करके ओकर ऊपर हांथ झन रख अऊ आने मन के पाप म भागीदार झन हो। अपन-आप ला सुध बनाय रख।
23 सिरिप पानी झन पीये कर, पर अपन पेट खातिर अऊ बार-बार बेमार पड़े के कारन, थोरकन अंगूर के मंद घलो पीये कर।
24 कुछू मनखेमन के पाप ह साफ-साफ दिख जाथे अऊ ओमन के पाप ह ओमन ले पहिले नियाय बर पहुंच जाथे; पर आने मन के पाप ह बाद म दिखथे। 25 वइसनेच बने काममन साफ-साफ दिखथें अऊ कहूं साफ नइं घलो दिखंय, त ओमन सदाकाल तक छुपे नइं रह सकंय।
6 जऊन मन गुलाम अंय, ओमन अपन मालिक ला बड़े आदर के लइक समझंय, ताकि परमेसर के नांव अऊ हमर सिकछा के निन्दा झन होवय। 2 जेमन के मालिकमन बिसवासी अंय, ओमन अपन मालिक के आदर करे म कमी झन करंय, काबरकि ओमन परभू म भाई अंय। बल्कि ओमन ला अपन मालिकमन के अऊ बने सेवा करना चाही काबरकि जऊन मन सेवा के लाभ उठाथें, ओमन ह बिसवासी अऊ ओमन के मयारू अंय। ए बात तेंह ओमन ला सिखोय अऊ समझाय कर।
रूपिया-पईसा के लोभ
3 कहूं कोनो आने किसम के उपदेस देथे अऊ हमर परभू यीसू मसीह के सही निरदेस अऊ परमेसर के सिकछा ले सहमत नइं ए, 4 त ओह घमंडी हो गे हवय अऊ कुछू नइं जानय। ओह बाद-बिवाद अऊ परमेसर के बचन के बारे झगरा करे म बेकार के रूचि रखथे, जेकर ले जलन, झगरा, निन्दा के बात, खराप भरम, 5 अऊ बिगड़े बुद्धि वाले मनखेमन के बीच म लगातार मतभेद पैदा होथे, जेमन कि सत ले दूरिहा हो गे हवंय। अऊ ओमन सोचथें कि परमेसर के भक्ति ह पईसा कमाय के रसता ए।
6 पर संतोस सहित परमेसर के भक्ति म जिनगी बितई ह बहुंत बड़े कमई ए। 7 काबरकि हमन ए संसार म कुछू नइं लाने हवन अऊ हमन इहां ले कुछू नइं ले जा सकन। 8 एकरसेति कहूं हमर करा भोजन अऊ कपड़ा हवय, त हमन ला ओहीच म संतोस रहना चाही। 9 जऊन मन धनी होय चाहथें, ओमन लालच म, अऊ फांदा म अऊ कतको किसम के मुरुख अऊ हानिकारक ईछा म फंसथें, जऊन ह मनखेमन ला नास अऊ बरबाद कर देथे। 10 काबरकि रूपिया-पईसा ले मया करई ह जम्मो बुरई के जरी अय। कुछू मनखेमन रूपिया-पईसा के लोभ म पड़के बिसवास ले भटक गे हवंय अऊ अपन-आप ला नाना किसम के दुःख म डार दे हवंय।
तीमुथियुस ला पौलुस के निरदेस
11 पर, हे परमेसर के जन, तेंह ए जम्मो चीज ले दूरिहा रह अऊ धरमीपन, भक्ति, बिसवास, मया, सहनसीलता अऊ नमरता के काम म अपन मन ला लगाय रख। 12 बिसवास के बने लड़ई लड़त रह अऊ परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी ला थामे रह, काबरकि एकरे बर तोला बलाय गे रिहिस, जब तेंह कतको गवाहमन के आघू म अपन बिसवास के सही गवाही देय रहय। 13 परमेसर ला हाजिर जानके, जऊन ह जम्मो ला जिनगी देथे अऊ मसीह यीसू ला हाजिर जानके, जऊन ह पुन्तियुस पीलातुस के आघू म निडर होके गवाही दीस, मेंह तोला हुकूम देवत हंव 14 कि तेंह हमर परभू यीसू मसीह के परगट होवत तक, ए हुकूम ला निस्कलंक अऊ सही-सही मानत रह। 15 यीसू ला परमेसर ह अपन सही समय म परगट करही। परमेसर ह परमधन्य, राजामन के राजा अऊ परभूमन के परभू अय। 16 ओह एके झन अमर अय, ओह ओ अंजोर म रहिथे, जिहां कोनो नइं जा सकंय। ओला कोनो नइं देखे हवंय अऊ न कोनो ओला देख सकंय। ओकर आदर अऊ पराकरम जुग-जुग होवत रहय। आमीन।
17 ए संसार के धनवानमन ला हुकूम दे कि ओमन घमंडी झन होवंय अऊ नासमान धन ऊपर आसा झन रखंय, पर परमेसर ऊपर आसा रखंय, जऊन ह हमन ला आनंद मनाय बर हर चीज उदार मन ले देथे। 18 ओमन ला हुकूम दे कि ओमन भलई करंय अऊ भलई के काम म धनी बनंय अऊ ओमन उदार बनंय अऊ मदद करे बर तियार रहंय। 19 ए किसम ले ओमन अपन बर खजाना बटोरहीं, जऊन ह अवइया समय बर एक मजबूत नींव होही। अऊ तब ओमन ओ जिनगी म बने रह सकथें, जऊन ह कि सही के जिनगी ए।
20 हे तीमुथियुस, जऊन चीज ला तोर देख रेख म दिये गे हवय, ओकर रखवारी कर। अऊ जऊन गियान ला गियान कहना ही गलत ए, ओकर बिरोध के बात अऊ भक्तिहीन बातचीत ले दूरिहा रह। 21 काबरकि कुछू मनखेमन ए गियान ला मानके बिसवास ले दूरिहा हो गे हवंय। तोर ऊपर अनुग्रह होवत रहय।
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.