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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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योहन 1:43-51

43 अगले दिन गलील जाते हुए मसीह येशु की भेंट फ़िलिप्पॉस से हुई. उन्होंने उनसे कहा, “मेरे पीछे हो ले.” 44 आन्द्रेयास और शिमोन के समान फ़िलिप्पॉस भी बैथसैदा नगर के निवासी थे. 45 फ़िलिप्पॉस ने नाथानाएल को खोज कर उनसे कहा, “जिनका वर्णन व्यवस्था में मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हमें मिल गए हैं—नाज़रेथ निवासी योसेफ़ के पुत्र येशु.”

46 यह सुन नाथानाएल ने तुरन्त उनसे पूछा, “क्या नाज़रेथ से कुछ भी उत्तम निकल सकता है?”

“आकर स्वयं देख लो,” फ़िलिप्पॉस ने उत्तर दिया.

47 मसीह येशु ने नाथानाएल को अपनी ओर आते देख उनके विषय में कहा, “देखो! एक सच्चा इस्राएली है, जिसमें कोई कपट नहीं है.”

48 नाथानाएल ने मसीह येशु से पूछा, “आप मुझे कैसे जानते हैं?” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “इससे पूर्व कि फ़िलिप्पॉस ने तुम्हें बुलाया, मैंने तुम्हें अंजीर के पेड़ के नीचे देखा था.”

49 नाथानाएल कह उठे, “रब्बी, आप परमेश्वर-पुत्र हैं! आप इस्राएल के राजा हैं!”

50 तब मसीह येशु ने उनसे कहा, “क्या तुम विश्वास इसलिए करते हो कि मैंने तुम से यह कहा कि मैंने तुम्हें अंजीर के पेड़ के नीचे देखा? तुम इससे भी अधिक बड़े-बड़े काम देखोगे.” 51 तब उन्होंने यह भी कहा, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: तुम स्वर्ग को खुला हुआ और परमेश्वर के स्वर्गदूतों को मनुष्य के पुत्र के लिए नीचे आते और ऊपर जाते हुए देखोगे.”

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1 पेतरॉस 5:1-11

प्राचीन

इसलिए मैं, एक सह-प्राचीन होकर, जो मसीह येशु के दुःखों का प्रत्यक्ष गवाह तथा उस महिमा का सहभागी हूँ, जो भविष्य में प्रकट होने पर है, तुम्हारे पुरनियों से विनती कर रहा हूँ कि वे परमेश्वर की इच्छा में परमेश्वर के झुण्ड़ की देखरेख करें—दबाव में नहीं परन्तु अपनी इच्छा के अनुसार; अनुचित लाभ की दृष्टि से नहीं परन्तु शुद्ध सेवाभाव में, अपने झुण्ड़ पर प्रभुता दिखाकर नहीं परन्तु उनके लिए एक आदर्श बन कर; क्योंकि प्रधान चरवाहे के प्रकट होने पर तुम महिमा का अविनाशी मुकुट प्राप्त करोगे.

विनीत भावना

इसी प्रकार युवाओ, तुम प्राचीनों के अधीन रहो तथा तुम सभी एकदूसरे के प्रति दीनता की भावना धारण करो क्योंकि

“परमेश्वर घमण्ड़ियों का विरोध करते हैं
    परन्तु दीनों के पक्ष में रहते हैं.”

इसलिए परमेश्वर के सामर्थी हाथों के नीचे स्वयं को दीन बनाए रखो कि वह तुम्हें सही समय पर बढ़ाएं. अपनी सारी चिन्ता का बोझ परमेश्वर पर डाल दो क्योंकि वह तुम्हारा ध्यान रखते हैं.

धीरज रखो, सावधान रहो. तुम्हारा विरोधी शैतान गरजते हुए सिंह जैसे इस खोज में फिरता रहता है कि किसको फाड़ खाए. विश्वास में स्थिर रहकर उसका सामना करो क्योंकि तुम जानते हो कि इस संसार में साथी विश्वासी इसी प्रकार दुःख भोग रहे हैं.

10 जब तुम थोड़े समय के लिए दुःख भोग चुके होगे तब सारे अनुग्रह के परमेश्वर, जिन्होंने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त काल की महिमा में आमन्त्रित किया है, स्वयं तुम्हें सिद्ध, स्थिर, मजबूत तथा प्रतिष्ठित करेंगे. 11 उनका साम्राज्य सदा-सर्वदा हो, आमेन.

Saral Hindi Bible (SHB)

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