Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
लाबान याकूब क धोखा देत ह
15 एक दिन लाबान याकूब स कहेस, “इ ठीक नाही अहइ कि तू हमरे हिआँ बे पगारे क काम करतइ रहा। तू नातेदार अहा, नउकर नाही। मइँ तोहका का पगार देउँ?”
16 लाबान क दुइ बिटिया रहिन। बड़की लिआ रही अउ लहुरी राहेल।
17 राहेल सुन्नर रही अउ लिआ क आँखियन कमजोर अउ धुँधरी रहिन। 18 याकूब राहेल स पिरेस करत रहा। याकूब लाबान स कहेस, “जदि तू मोका आपन बिटिया राहेल क संग बियाह करइ द्या तउ मइँ तोहरे हिआँ सात बरिस तलक काम कइ सकत हउँ।”
19 लाबान कहेस, “इ ओकरे बरे नीक होइ कि कउनो दूसर क बजाय उ तोहसे बियाह करइ। ऍह बरे मोरे संग ठहरा।”
20 ऍह बरे याकूब ठहरा अउ सात बरिस तलक लाबान बरे काम करत रहा। लेकिन इ समइ ओका बहोत कम लगा काहेकि उ राहेल स पिरेम करत रहा।
21 सात बरिस क पाछे उ लाबान स कहेस, “मोका राहेल क द्या जेहसे मइँ बियाह करउँ। तोहरे हिआँ मोरे काम करइ क टेम पूर होइ गवा।”
22 ऍह बरे लाबान उ जगह क सब लोगन क एक भोज दिहस। 23 उहइ राति लाबान आपन बिटिया लिआ क याकूब क लगे लावा। याकूब अउ लिआ अपुस मँ तन क संबंध जोड़ेन। 24 (लाबान आपन बिटिया बरे, दासी क रुप मँ आपन नउकरानी जिल्पा क दिहस।) 25 भिन्सारे याकूब जानेस कि उ लिआ क संग सोवा रहा। याकूब लाबान स कहेस, “तू मोका धोखा दिहा ह। मइँ तोहरे बरे कठिन मेहनत ऍह बरे किहेउँ कि मइँ राहेल स बियाह कइ सकउँ। तू मोका धोखा काहे दिहा ह?”
26 लाबान कहेस, “हम पचे आपन देस मँ लहुरी बिटिया क जेठ बिटिया स पहिले बियाह नाहीं करइ देइत। 27 मुला बियाह क रस्म क पूरा हफता तलक मनावत रहा अउ मइँ राहेल क भी तोहका बियाह बरे देब। मुला तोहका सात बरिस तलक मोर सेवा करइ क पड़ी।”
28 ऍह बरे याकूब इहइ किहस अउ हप्ता क बिताएस। तब लाबान आपन बिटिया राहेल क भी ओका आपन मेहरारु क रुप मँ दिहस।
1 यहोवा क धन्यवाद करा, ओकरे नाउँ क पुकारा।
रास्ट्रन क ओकरे अदभुत कारजन क बारे मँ बतावा।
2 यहोवा बरे तू गावा, तू ओकर बड़कई क गीत गावा।
ओन सबहिं अचरज स भरी बातन कर वर्णन करा जेनका उ करत ह।
3 यहोवा क पवित्तर नाउँ पइ गर्व करा।
ओ सबहिं लोगो जउन यहोवा क उपासक अहा, तू पचे खुस होइ जा।
4 सामरथ पावइ क तू यहोवा क लगे जा।
सहारा पावइ क तू ओकरे लगे जा।
5 ओन अद्भुत बातन क सुमिरा जेनका यहोवा करत ह।
ओकरे अचरज कर्म अउर ओकर विवेक स भरा फइसला क याद राखा।
6 तू परमेस्सर क सेवक इब्राहीम क संतान अहा।
तू याकूब क संतान अहा, उ मनई जेका परमेस्सर चुने रहा।
7 यहोवा ही हमार परमेस्सर अहइ।
सारे संसार पइ यहोवा क सासन अहइ।
8 उ आपन करार क सदा याद रखत ह।
उ आपन आदेसन क हजार पीढ़ियन तलक याद रखत ह।
9 इब्राहीम क संग परमेस्सर करार बाँधे रहा।
परमेस्सर इसहाक क वचन दिहे रहा।
10 उ याकूब क आपन करार क कानून क रूप मँ दिहे रहा।
परमेस्सर इस्राएल क संग करार किहस।
इ सदा सदा ही बना रही।
11 परमेस्सर कहे रहा, “मइँ कनान क भुइँया क
तोहका आपन सम्पत्ति क रूप देब।”
45 परमेस्सर अइसा एह बरे किहस ताकि लोग ओकर व्यवस्था मानइँ।
परमेस्सर अइसा एह बरे किहस ताकि उ पचे ओकरी सिच्छा पइ चलइँ।
यहोवा क गुण गावा।
आरोहण गीत।
1 जउन कउनो यहोवा क सम्मान करत हीं धन्न अहइँ।
उ पचे ओकरे राहन पइ चलत हीं।
2 तू पचे जेनके बरे काम किहा ह, ओन चिजियन क तू आनन्द लेब्या।
ओन अइसी वस्तुअन क कउनो भी मनई तू सबन्स नाहीं छोरी।
तू पचे खुस रहब्या अउर तोहरे संग भली बातन घटिहीं।
3 घरे पइ तोहार घरवाली अंगूरे क बेल क नाई फलवती होइ।
मेज क चारिहुँ कइँती तोहार संतानन अइसी होइहीं, जइसे जइतून क उ सबइ बृच्छ जेनका तू रोप्या ह।
4 जउन मनई यहोवा क सम्मान करत हीं उ वइसा ही धन्न अहइँ।
5 यहोवा सिय्योन स तोहका आसीस दइ।
जीवन भर यरूसलेम मँ तोहका वरदानन क आनन्द मिलइ।
6 तू आपन नाती पोतन क लखइ बरे जिअत रहा।
इ मोर कामना अहइ।
इस्राएल मँ सान्ति रहइ।
26 अइसन ही जइसेन हम कराहत अही, आतिमा हमरे दुर्बलता मँ हमार सहायता करइ आवत ह काहेकि हम नाहीं जानित ह कि हम केकरे बरे पराथना करी! परन्तु आतिमा खुद अइसेन आह भरिके जेकर सबदन मँ जाहिर नाहीं कीन्ह जाइ सकत हमरे बरे बिनती करत ह। 27 परन्तु उ जउन लोगन क दिल क देख सकत ह वह जानत ह कि आतिमा क मन्सा का अहइ। काहेकि परमेस्सर क इच्छा स ही उ परमेस्सर क पवित्तर लोग क बरे बीच बिचाऊ करत ह।
28 अउर हम जानित ह कि हर परिस्थिति मँ उ आतिमा परमेस्सर क भक्तन क साथे मिलिके उ काम करत ह जउन भलाइ ही लियावत हीं ओन्हन सबके बरे जेका ओकरे प्रयोजन क अनुसार इ बोलावा गवा बा। 29 जेका उ पहिले ही चुनेस ओनका पहिलौटी क पूत क रूप मँ ठहराएस ताकि बहुत स भाइयो तथा बहिनियो! मँ उ पहलौठी बनि सकइ। 30 जेनका उ पहिले स निस्चित किहेस उहूँ क उ बोलाएस अउर जेनका उ बोलाएस, ओनका उ धर्मी ठहराएस। अउर जेका उ धर्मी ठहराएस, ओनका महिमा प्रदान किहेस।
परमेस्सर क पिरेम
31 तउ एका देखत हम का कही? अगर परमेस्सर हमरे पच्छ मँ बा हमरे विरोध मँ कउन होइ सकत ह? 32 उ जे अपने पूत तलक क नाहीं छोड़ेस बल्कि ओका हम सबके बरे मरइ क सउँप दिहेस। उ भला हमका ओकरे साथ अउर सब कछू काहे न देई? 33 परमेस्सर क चुना भवा लोगन पे अइसेन कउन बा जउन दोस लगावइ? उ परमेस्सर ही अहइ जउन ओनका धर्मी ठहराता ह? 34 अइसेन कउन अहइ जउन ओका दोसी ठहरावइ? मसीह ईसू उ अहइ जउन मरि गवा अउर (इहींउँ स जियादा जरूरी इ बा कि) ओका फिन जियावा गवा। जउन परमेस्सर क दहिनी कइँती बइठा अहइ अउर हमरे कइँती स बिनती भी करत ह 35 कउन अहइ जउन हमका मसीह क पियार स अलग करी? यातना या कठिनाइ या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोखिम या तलवार? 36 जइसेन कि सास्तर कहत ह:
“तोहरे (मसीह) बरे सारा दिन हमका मउत क सौंपा जात ह।
हम काटी जाइवाली भेड़ जइसेन समझा जात हीं।” (A)
37 तबउ ओकरे जरिये जउन हमसे पिरेम करत ह, ऐन सब बातन मँ हम एक सानदार विजय पावत अही। 38 काहेकि मइँ मान चुका हउँ कि न मउत, न जीवन, न सरगदूतन अउर न सासन करइवाली आतिमन, न वर्तमान क कउनउ चीज अउर न भविस्स क कउनउ चीज, न आत्मिक सक्ति, 39 न कउनउ हमरे ऊपर क, अउर न हमसे नीचे क, न सृस्टि क कउनउ अउर चीज हमका पर्भू क ओह पिरेम स, जउन हमरे भीतर पर्भू मसीह ईसू बरे बाटइ, हमका अलग कइ सकइ।
अउर दिस्टान्त कथा
(मरकुस 4:30-34; लूका 13:18-21)
31 ईसू ओनके समन्वा अउर दिस्टान्त कथन्क राखेस: “सरग क राज्य राई क बिआ क छोटवार बिआ क नाईं अहइ, जेका कउनो लइके खेते मँ बोई दिहे होय। 32 ई बिआ नान्ह स नान्ह होत ह मुला बड़वार होए प इ बगिया क सबइ पउधन स बड़वार होइ जात ह। इ पेड़ बनत ह अउर अकासे क पंछी आइके ऍकर डारन प सरन लेत हीं।”
33 ईसू ओनका एक दिस्टान्त कथा अउ कहेस, “सरगे क राज्य खमीर क नाई अहइ, जेका जउनो स्त्री तीन अढ़इया आटा मँ मिलाएस अउर तब ताई ओका राखि दिहेस जब तलक उ सबइ क सबइ खमीर नाहीं भवा।”
धने क भण्डार अउर मोती क दिस्टान्त
44 “सरग क राज्य खेत मँ गड़ा भवा खजाना क नाईं अहइ, जेका कउनो मनई पाएस अउर फिन ओका हुवँई गाड़ दिहेस। उ ऍतना खुस भवा कि ओकरे लगे जउन कछू रहा उ ओका बेंच दिहस अउर उ खेत बेसहि लिहस।
45 “सरग क राज्य एक अइसे बेवपारी क नाईं अहइ कि जउन बढ़िया मोती क खोज मँ होइ। 46 जइसेन ओका एक अनमोल मोती मिला तउ जाइके जउन कछू ओकरे पास रहा, उ बेंच डाएस अउर मोती वेसहि लिहस।
मछरी पकड़इ क जाल
47 “सरगे क राज्य मछरी पकड़इ बरे झीले मँ फेंक गवा जाल क नाईं भी अहइ। जेहमाँ किसिम किसिम क मछरी पकड़ लीन्ह गइन। 48 जब उ जाले मँ मछरी मुचामुच भरि गइन तउ किनारे ओका हींच लीन्ह गवा अउर हुवाँ बैठिके नीक मछरी छाँटिके टोकरिन मँ भरि लीन्ह गइन मुला बेकार मछरी फेंकि दीन्ह गइन। 49 सृस्टि क अंत मँ अइसे ही होई। सरगदूतन अइहीं अउर धर्मियन मँ स दुस्ट मनइयन क छाँटिके 50 धधकत भट्ठी मँ झोकि देइहीं। हुवाँ बस रोउब अउर दाँत पीसब होई।”
51 ईसू आपन चेलन स पूछेस, “का तू सबइ इ बातन क समझत ह”
उ पचे जबाव दिहन, “हाँ।”
52 फिन उ ओनसे कहेस, “देखा, एह बरे हर धरम सास्तरी जउन सरग क राज्य क जानत ह, एक अइसे ग्रिहस्त क नाई अहइ, जउन आपन बखरी स नई पुरानी चीजन्क बाहेर निकारत ह।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.