Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
इसहाक क परिवार
19 इ इसहाक क कहानी बाटइ। इब्राहीम क एक पूत इसहाक रहा। 20 जब इसहाक चालीस बरिस क रहा तब उ रिबका स बियाइ किहस। रिबका पद्दनराम क रहइवाली रही। उ अरामी बतूएल क बिटिया रही अउ लाबान क बहिन रही। 21 इसहाक क बसही बच्चा नाही पइदा कइ सकी। ऍह बरे इसहाक यहोवा स आपन मेहरारु बरे पराथना किहस। यहोवा इसहाक क बिनती सुनेस अउ यहोवा रिबका क गरभ धारण करइ दिहस।
22 जब रिबका गरभ धारण किहे रही तब ओकरे गर्भ मँ बच्चे एक दूसर क संग धक्का धक्की करत रहेन। रिबका यहोवा स पराथना किहेस, अउ बोली, “मोरे संग अइसा काहे होत अहइ।” 23 यहोवा कहेस,
“तोहरे गर्भ मँ दुइ रास्ट्र अहइँ।
दुइ परिवारन क राजा तोहसे पइदा होइहीं
अउ उ पचे अलगाइ जइही।
एक पूत दूसर स बलवान होइ।
बड़का पूत छोटके पूत क सेवा करी।”
24 अउर जब टेम पूरा भवा तउ रिबका जुड़ौधा लरिकन क जन्मेस। 25 पहिला लरिका लाल भवा। ओकर खाल रोवाँदार ओढ़ना क नाईं रही। ऍह बरे ओकर नाउँ एसाव पड़ा। 26 जब दूसर लरिका पइदा भवा, उ एसाव क एँड़ी क मजबूती स धरे रहा। ऍह बरे उ लरिका क नाउँ याकूब पड़ा। इसहाक क उमिर उ टेम साठ बरिस क रही। जब याकूब अउ एसाव पइदा भएन।
27 लरिकन बड़ा भएन। एसाव एक होसियार सिकारी भवा। उ मइदानन मँ रहब पसन्द करइ लाग। मुला याकूब सान्त रहा। उ आपन तम्बू मँ रहत रहा। 28 इसहाक एसाव क पिआर करत रहा। उ ओन जनावरन क खाब पसन्द करत रहा जेका एसाव मारि क लइ आवत रहा। मुला रिबका याकूब क पिआर करत रही।
29 एक दाईं एसाव सिकार स लउटा। उ भूख स थका अउ कमजोर होइ गवा रहा। याकूब कछू दाल पकावत रहा। 30 इ कारण एसाव याकूब स कहेस, “मइँ भूख स कमजोर होत अहउँ। तू उ लाल दाल मँ स कछू मोका द्या।” (इहइ कारण अहइ कि लोग ओका एदोम कहत हीं।)
31 मुला याकूब कहेस, “तोहका पहिलौठी होइ क आधिकार मोका आज बेचइ करइ क होइ।”
32 एसाव कहेस, “मइँ भूख स मरा जात अहउँ। अगर मइँ मरि जात अहउँ तउ मोरे बाप क सब धन मोर मदद नाही कर पाइ। ऍह बरे तोहका मइँ आपन हींसा देब।”
33 मुला याकूब कहेस, “पहिले बचन द्या कि तू इ मोका देब्या।” ऍह बरे एसाव याकूब क बचन दिहस। एसाव आपन पिता क धन क आपन हीसां याकूब क बेच दिहस। 34 तब याकूब एसाव क रोटी अउ भोजन दिहस। एसाव खाएस, पिएस अउ तब चला गवा। इ तरह एसाव इ देखॅाएस कि उ पहिलौटा होइ क आपन आधिकार क परवाह नाही किहेस।
नून
105 हे यहोवा, तोहार सिच्छन मोका बुद्धिमान बनावत हीं।
तउ झूठी सिच्छन स मइँ घिना किया करत हउँ।
106 तोहार फइसलन बहोत नीक अहइँ।
मइँ ओनका पालन करइ क प्रतिग्या किहेउँ, एह बरे मइँ पालन करब।
107 हे यहोवा, बहोत समइ तलक मइँ विपदन झेलेउँ ह,
कृपा कइके मोका वइसी जिन्नगी द्या जइसा तू देइ क वादा किहा ह।
108 हे यहोवा, मोरी बिनती क तू अंगीकार करा जउन मइँ तोहका भेंट करत हउँ,
अउर मोका आपन फइसलन क सिच्छा द्या।
109 होइ सकत ह कि मइँ हर दिन आपन जीवन जोखिम मँ डालत हउँ,
किन्तु मइँ तोहार उपदेसन क कबहुँ नाहीं बिसरत हउँ।
110 दुट्ठ जन मोका फँसावइ क जतन करत हीं,
मुला मइँ तोहरे उपदेसन नाहीं मुरेउँ ह।
111 तोहार करार सदा बरे मोर खज़ाना अहइ।
इ मोका बहोत खुस किया करत ह।
112 मइँ सदा तोहरे विधान पइ चलइ क
बहोत कठोर जतन करब।
आतिमा स जीवन
8 एह तरह अब ओनके बरे जउन मसीह ईसू मँ स्थित बाटेन ओनके बरे, कउनउ दण्ड नाहीं बा। 2 काहेकि आतिमा क व्यवस्था त जउन मसीह ईसू मँ जीवन देत ह, मोका पाप क व्यवस्था स जउन मउत क तरफ लइ जात ह, स्वतन्त्र कई दीन्ह बा। 3 जेका मूसा क उ व्यवस्था जउन मनई क भौतिक सुभाऊ क कारण कमजोर बनाइ दीन्ह गइ रही, नाहीं कई सकी ओका परमेस्सर अपने पूत क हमरेन जइसे सरीर मँ पठइ क जेहसे हम पाप करत ह-ओकर भौतिक देह क पापवाली बवाइ क पाप क खतम कइके पूरा किहेस। 4 जेहसे कि हमरे जरिये, देहे क भौतिक पातकी अहम स नाही, बल्कि आतिमा क विधि स जिअत हीं व्यवस्था क जरूरत पूरी कई जाइ सकइ।
5 काहेकि उ सबइ जउन अपने भौतिक मनई सुभाउ क अनुसार जिअत हीं, ओनकर भौतिक मनई सुभाउ क इच्छा पर टिकी रहत ह परन्तु उ जउन आतिमा क अनुसार जिअत हीं, ओनकर बुद्धि जउन आतिमा चाहत ह ओनहिन इच्छा मँ लगी रहत ह। 6 भौतिक मनई सुभाउ क बस मँ रहइवाला मने क अन्त मउत अहइ, परन्तु आतिमा क बस मँ रहइवाली बुद्धि क परिणाम अहइ जीवन अउ सान्ति। 7 इही तहर भौतिक मनई सुभाउ स अनुसासित मन परमेस्सर क विरोधी अहइ। काहेकि उ न तउ परमेस्सर क व्यवस्था क अधीन बा अउ न होइ सकत ह। 8 अउर उ जउन भौतिक मनइ सुभाउ क अनुसार जिअत हीं परमेस्सर क खुस नाहीं कइ सकत हीं।
9 परन्तु तू पचे भौतिक मनई सुभाउ क अधीन नाहीं अहा, बल्कि आतिमा क अधीन अहा अगर सही मँ तोहसे परमेस्सर क आतिमा क निवास बा। परन्तु अगर कउनो मँ ईसू मसीह क आतिमा नाहीं बा त उ मसीह क नाहीं बा। 10 दुसरे कइँती अगर तोहमाँ मसीह अहइ तउ चाहे तोहरे देह पाप क बरे मरि चुकी होइ बा पवित्तर आतिमा परमेस्सर क साथे तोहे धार्मिक ठहराइ क खुद तोहरे बरे जीवन बन जात ह। 11 अउर अगर उ आतिमा जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रही, तोहरे भित्तर बास करत ह, तउ उ परमेस्सर जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रहा, तोहरे नासमान सरीरन क आपन आतिमा स जउन तोहरे ही भित्तर बसत ह, जीवन देई।
किसान अउर बिआ क दिस्टान्त
(मरकुस 4:1-9; लूका 8:4-8)
13 उहइ दिन ईसू उ घरवा क छोड़िके झिलिया क किनारे उपदेस देइ जाइ बइठा। 2 बहोत मिला ओकरे चारिउँ कइँती ऍकट्ठा होइ गएन। तउ एक दिन उ नाउ प चढ़िके बइठि गवा। अउ भीड़ किनारे खड़ी रही। 3 उ ओनका दिस्टान्त क सहारा लेत भवा बहोत सी बात बताएस। उ कहेस,
“एक किसान बिआ बोअइ निकरा। 4 उ जब बोआई करत रहा तउ कछू बिआ राहे क किनारे जाइ गिरेन। चिड़ियन आइन अउर चुन गइन। 5 तनिक बिआ चट्टान क धरती प जाइ गिरेन। हुआँ क माटी उथली रही। बिआ फउरन उगेन, काहेकि माटी गहिर नाहीं रही। 6 यह बरे जइसे सूरज निकरा तउ उ पउधन झुराइ गएन। अउर काहेकि उ सबइ जिआदा जर पकड़े नाहीं रहेन एह बरे झुराइके गिर गएन। 7 बिआ क एक हींसा कँटहरी झाड़िन मँ जाइ गिरा, झाड़िन बाढ़िन, अउर उ सबइ उ पउधन क दहबोच लिहेन। 8 मुला थोड़ा बिआ जउन बढ़िया धरती प गिरा रहेन, बढ़िया फसल देइ लागेन। फसल, जेतना बोइ ग रही, ओसे कउनो तीस गुनी, साठ गुनी, या सौ गुनी स भी जिआदा भई। 9 जउन सुन सकत ह, उ सुनि लेई!”
बिआ बोवइ क दिस्टान्त कथा क अरथ
(मरकुस 4:13-20; लूका 8:11-15)
18 “तउ बिआ बोअइ क दिस्टान्त क अरथ सुन ल्या।
19 “उ बिआ जउन राह क किनारे गिर गवा रहा, ओकर अरथ अहइ कि जबहिं कउनो सरगे क राज्य क उपदेस सुनावत ह अउर समझत नाहीं तउ दुस्ट आइके, ओकरे मनवा मँ जउन उगा रहा, उखाड़ लइ जात ह।
20 “उ सबइ बिआ जउन पथरही धरती प छितराइ ग रहेन, ओकर अरथ अहइ उ मनई जउन उपदेस सुनत ह, ओका खुसी होइके फउरन अपनावत ह 21 मुला आपन भीतर ओनकइ जड़ नाहीं जमइ देत, उ तनिक देर ठहर पावत ह, जब उपदेस क कारण ओह प कस्ट अउर यातना आवत हीं तउ उ फउरन डगमगाइ जात ह।
22 “कँटवन मँ छितराइ गवा बिआ क मतलब अहइ, उ मनई जउन उपदेस क तउ सुनत ह, मुला संसार क फिकिर अउर धन क लालच उपदेस क दहबोच लेत ह अउर उ मनई सफल नाहीं होइ पावत।
23 “नीक धरती प छितरान बिआ क अरथ अहइ उ मनई जउन उपदेस क सुनत ह अउर समझत ह। उ सफल होत ह। ओकर सफलता तीस गुनी, साठ गुनी या सौ गुनी तक होत ह।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.