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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 45:10-17

10 हे राजपुत्री, मोरी बात क सुना।
    धियानदइके सुना, तबहिं तू मोरी बात क समझबू।
तू आपन निज लोगन अउर बाप क घराने क बिसरि जा।
11     राजा तोहरे सुन्दरता पइ मोहित अहइ।
इ तोहार नवा सुआमी होइ।
    तोहका एकर सम्मान करब अहइ।
12 सूर सहर क लोग तोहरे बरे उपहार[a] लइ अइहीं।
    अउर धनी मानी तोहसे मिलइ चइहीं।

13 उ राजकन्या उ मूल्यवान रत्न क नाई अहइ
    जेका सुन्नर मूल्यवान सुवर्ण मँ जड़ा गवा होइ।
14 ओका रमणीक वस्त्र पहिराइके लिआवा गवा बाटइ।
    ओकरी सखियन क भी जउन ओकरे पाछे अहइँ राजा क समन्वा लावा गवा।
15 उ पचे हिआँ उल्लास मँ आई अहइँ।
    उ पचे आनन्द मँ मगन होइके राजमहल मँ प्रवेस करिहीं।

16 राजा, तोहरे पाछे तोहार पूत सासक होइहीं।
    तू ओनका समूचे धरती क राजा बनउब्या।
17 मइँ तोहरे नाउँ क प्रचार जुग जुग तलक करब।
    तू प्रसिद्ध होब्या, तोहरे जसे क गीतन क लोग सदा सदा ही गावत रइहीं।

उत्पत्ति 27:1-17

उत्तराधिकार क झगड़ा

27 जब इसहाक बुढ़ाइ वा तउ ओकर अँखियन नीक नाही रहिन। इसहाक साफ-साफ नाही लखि सकत रहा। एक दिन उ आपन बड़का पूत एसाव क बोलाएस। इसहाक कहेस, “बेटवा!”

एसाव जवाब दिहस, “हाँ, पिताजी!”

इसहाक कहेस, “लखा, मइँ बुढाइ गवा अहउँ। होइ सकत ह कि मइँ हाली ही मरि जाउँ। अब तू आपन तीरन अउ धनुख लइके, मोरे खातिर सिकार प जा। मोरे खाइ बरे एक ठु जनावर मारि लिआवा। मोर मनचाहा खइया क बनावा। ओका मोरे लगे लिआवा, अउर मइँ एका खाब। तब मइँ मरइ स पहिले असीसब।” ऍह बरे एसाव सिकार करइ गवा।

रिबका उ सबइ बात सुनि लिहे रही, जउन इसहाक आपन पूत एसाव स कहेस। रिबका आपन पूत याकूब स कहेस, “सुना, मइँ तोहरे बाप क, तोहरे भाई स बतियात सुनेउँ ह। तोहार पिता कहेस, ‘मोरे खाइ बरे एक जनावर मारा। मोरे बरे भोजन बनावा, अउ मइँ ओका खाब। तब मइँ मरइ क पहिले तोहका आसीर्बाद देबा’ ऍह बरे पूत सुना। मइँ जउन कहति अहउँ, करा। आपन बोकरियान क बीच जा अउ दुइ नई बोकरी लिआवा। मइँ ओनका वइसा बनाउब जइसा तोहरे पिता क सोहाइ। 10 तबइ तू उ भोजन आपन पिता क लगे लइ जाब्या अउ उ मरइ क पहिले तोहका ही आसीर्बाद देइ।”

11 मुला याकूब आपन महतारी रिबका स कहेस, “मुला मोर भाई रोंवादार अहइ अउ मइँ ओकरी जगह रोवांदार नाहीं अहउँ। 12 जदि मोर बाप मोका छुअत ही, तउ जान लेइहीं कि मइँ एसाव नाही अहउँ। तब उ पचे मोका आसीर्बाद नाही देइहीं। उ पचे मोका सरापिही काहेकि मइँ ओनके संग छल-कपट करइ क जतन किहेउँ ह।”

13 यह पइ रिबका ओसे कहेस, “जदि कउनो परेसानी होइ तउ मइँ आपन दोख मान लेब। जउन मइँ कहति हउँ करा। जा, मोरे बरे बोकरियन लिआवा।”

14 याहूब ऍह बरे बाहेर गवा अउ उ दुइ बोकरियन क धरेस अउ आपन महतारी क लगे लइ आवा। ओकर महतारी इसहाक क पसंद क अनुसार विसेख तरीका स पकाएस। 15 तब रिबका उ पोसाक क उठाएस जउन ओकर बड़का पूत एसाव पहिरब पसंद करत रहा। रिबका आपन छोटका पूत याकूब क ओढ़ना पहिराइ दिहस। 16 रिबका बोकरियन क चाम क लिहस अउ याकूब क हाथे अउर गला प बाँध दिहस। 17 तब रिबका आपन पकावा भोजन उठाएस अउ ओका याकूब क दिहस।

रोमियन 7:7-20

पाप स लड़ाई

त फिन हम का कही? का हम कही कि व्यवस्था पाप अहइ? निस्चय ही नाहीं। जउन भी होइ, अगर व्यवस्था नाहीं होत तउ मइँ पहिचान नहीं पाइत कि पाप का अहइ? अगर व्यवस्था न बतावत, “जउन उचित नाहीं बा लालच जिन करा तउ निस्चय ही मइँ पहचान नाहीं पाइत कि जउन उचित इच्छा नाहीं अहइ का बा।” परन्तु पाप मौका पावत ही व्यवस्था का लाभ उठावत भवा मोहमाँ गलत सबइ इच्छा क भर दिहेस जउन अनुचित बरे रहिन। एकसमइ मइँ बिना व्यवस्था क ही जिन्दा रहेउँ, परन्तु जब व्यवस्था क आदेस आवा तउ पाप जीवन मँ उभरिके आवा। 10 अउर मइँ मर गएउँ। उहइ व्यवस्था क आदेस जउन जीवन देइ बरे रहा, मोरे बरे मउत लइ आवा। 11 काहेकि पाप क अउसर मिलि गवा अउर उ उहइ व्यवस्था क आदेस क जरिये मोका छलेस अउर उहइ जरिये मोका मार डाएस।

12 इही तरह व्यवस्था पवित्तर बा अउर उ आदेस पवित्तर, धर्मी अउर उत्तिम बा। 13 तउ फिन का एकर मतलब इ बाटइ कि जउन उत्तिम बा, उहइ मोरी मउत क कारण बन गवा निस्चय ही नाहीं? बल्कि पाप उ उत्तिम क जरिये मोरे बरे मउत क कारण एह बरे बना कि पे क पाहिचाना जाइ सकइ। अउर व्यवस्था क जरिये ओकर खौफनाक पाप क पूर्णता देखॉइ दीन्ह जाइ।

मानसिक द्वन्द्व

14 काहेकि हम जानित ह कि व्यवस्था तउ आत्मिक अहई अउर मइँ हाड़ माँस क बना भवा भौतिक मनई अहउँ जउन पाप क दासता बरे बिका भआ हउँ। 15 मइँ नाहीं जानित मइँ का करत हउँ काहेकि मइँ जउन करइ चाहित हउँ नाहीं करत हउँ, बल्कि मोका उ करे पड़त ह, जेसे मइँ घिना करत हउँ। 16 अउ अगर मइँ उहइ करत हउँ जउन मइँ नाहीं करइ चाहित ह तउ मइँ अंगीकार करत हउँ कि व्यवस्था उत्तम बा।

17 परन्तु सही मँ उ मइँ नाहीं हउँ जउन इ सब कछू करत बा, बल्कि उ पाप मोरे भितरे बसा पाप बा। 18 हाँ, मइँ जानित अहइँ कि मोरे मँ भौतिक मानुस सरीर मँ कउनउ अच्छी चीजे क बास नाहीं अहइ। नेकी करइ क इच्छा तउ मोहमाँ अहइ पर नेक काम मोसे नाहीं होत। 19 काहेकि जउन अच्छा काम मइँ करइ चाहित ह, मइँ नाहीं करित अहउँ बल्कि जउन मइँ नाहीं करइ चाहित, उहइ सबइ मइँ खराब काम करइ नाहीं चाहित ह मइँ नाहीं करित बल्कि जउन मइँ नाहीं करइ चाहित, उहई सब खराब काम मइँ करित हउँ। 20 अउर अगर मइँ उहइ काम करित ह जेका करइ नाहीं चाहित ह तउ सही मँ ओकर कर्त्ता जउन ओन्हे करत ह, मइँ नाहीं हउँ, बल्कि उ पाप अहइ जउन बसा बा।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.