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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 142

दाऊद क एक कला गीत।

मइँ मदद बरे यहोवा क गोहराएउँ।
    मइँ यहोवा क समन्वा पराथना किहेउँ ह।
मइँ यहोवा क समन्वा आपन दुःख रोउब।
    मइँ यहोवा स आपन कठिनाइयन कहब।
मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल बिछाएन ह।
    मइँ आसा छोरइ बरे तइयार अहउँ।
    मुला यहोवा जानत अहइ कि मोरे संग का घटत अहइ।

मोर चारिहुँ कइँती नज़र करा अउ लखा,
    कउनो मीत कहूँ भी देखॉत नाहीं अहइ।
हिआँ बचइ क कउनो जगह नाहीं बा।
    कउनो मनई मोका बचावइ क जतन नाहीं करत अहइ।
एह बरे मइँ यहोवा क मदद बरे गोहराएउँ ह।
    मइँ कहेउँ, “हे यहोवा, तू मोर सरणस्थल अहा।
    तू ही अकेल्ले मोर जिन्नगी मँ एक स्रोत अहइ।”
हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब दया,
    काहेकि मोर बहोत दुर्दसा होइ गवा ह।
तू मोका ओन लोगन स बचाइ ल्या जउन मोर पाछा करत ह
    काहेकि उ पचे मोहे स जियादा मज़बूत अहइँ।
मोका सहारा द्या कि इ कैद स पराइ जाउँ
    अउर तोहार नाउँ क स्तुति कइ सकेउँ।
सच्चे लोगन मोर चारिहुँ कइँती इकट्ठा होइहीं।
    उ पचे आपस मँ मिलिहीं अउर तोहार गुणगान करिहीं काहेकि तू मोर रच्छा किहा ह।

यिर्मयाह 49:7-11

एबोम क बारे मँ सँदेसा

इ सँदेसा एदोम क बारे मँ अहइ: सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,

“का तोमान नगर मँ बुद्धि बची नाहीं रह गई अहइ?
    का एदोम क बुद्धिमान लोग अच्छी सलाह देइ क जोग्य नाहीं रहेन?
    का उ पचे आपन बुद्धिमानी खोइ चुका अहइँ?
ददान क निवासियो, भागा छुपा।
    काहेकि मइँ एसाव क ओकर कामन बरे सजा देब।

“जदि अंगूर तोड़इवाले आवत हीं अउर आपन अंगूर क बगियन स अंगूर तोड़त हीं
    अउर बेलन पइ कछू अंगूर छोड़ ही देत हीं।
जदि चोर रात क आवत हीं
    तउ उ पचे ओतना ही लइ जात हीं जेतना ओनका चाही सब नाहीं।
10 किन्तु मइँ एसाव स हर चीज लइ लेब।
    मइँ ओकर सबहिं छुपइ क जगह ढूँढ़ि डाउब।
उ मोहसे छुपा नाहीं रह सकत।
    ओकर, बच्चन, रिस्तेदार अउर पड़ोसी मरिहीं।
11 कउनो भी मनई मनई ओनकर बच्चन क देख-रेख बरे नाहीं बची।
    ओनकर मेहररूअन कउनो भी बिस्सासपात्र क नाहीं पइहीं।”

इफिसियन 4:17-5:2

अइसन जिआ

17 मइँ इही बरे इ कहत हउँ अउर पर्भू क साच्छी कइके तोहे चेतावनी देत हउँ कि ओन व्यर्थ क विचारन क साथे अधर्मियन क जइसेन जीवन जीअत रहा। 18 ओनकर बुद्धि अंधकार स भरी बा। उ परमेस्सर स मिलइ वाले जीवन स पूर अहई। काहेकि उ अबोध बा अउर ओनकर मन जड़ होइ गवा बा। 19 सरम क भावना ओनमें स जात रही। अउर ओ आपन क इन्द्रियन क बुरे काम मँ लगाई दिहेन। बिना कउनउ बन्धन माने ओ सब तरह क अपवित्रता मँ जुटा हयेन। 20 परन्तु मसीह क बारे मँ तू जउन कछू जाने अहा, उ त अइसेन नाहीं बा। 21 (मोका कउनउ सन्देह नाहीं बा कि तू ओकरे बारे मँ सुने अहा, अउर उ सच जउन ईसू मँ निवास करत ह, ओकरे अनुसार तोहे ओकर चेलन क रुप मँ सिच्छित कीन्ह गवा बा।) 22 जहाँ तलक तोहरे पुराने जीवन प्रकार क सम्बन्ध बा, तोहे सिच्छा दीन्ह गइ रही कि तू आपन पुराना व्यत्तित्व जउन जर्जर होइ रहा बाटइ ओका उतारके फेंका जउन ओकर भटकावइवाली इच्छान क कारण भ्रस्ट बना भआ बा। 23 जेहसे बुद्धि अउर आतिमा मँ तोहे नवा कीन्ह जाइ सकई। 24 अउर तू उ नवा सरूप क धारण कइ सका जउन परमेस्सर क अनुरूप सचमुस नेक अउर पवित्तर बनवइ बरे रचा गवा बा।

25 तउन तू पचे झूठ बोलइ क तियाग कइ द्या। आपस मँ सब कउनो क सच बोलई चाही काहेकि हम सब एक सरीर क अंग अही। 26 जब तू त्रोध करा, तब पाप करइ स बचा। तोर किरोध सूरज अस्त होय तक बना न रहइ। 27 सइतान क आपन पर हावी न होइ द्या। 28 जे चोरी करत आवत, उ आगे चोरी न करइ। बल्कि ओका काम करइ चाही, खुद आपन हाथे स उपयोगी काम। ताकि ओकर पास जेकर आवस्यकता बा ओकर साथे बाटइ क कछू होइ सकइ।

29 तोहरे मुँहे स कउनउ अनुचित शब्द न निकलइ चाही, बल्कि लोगन क विकास क बरे जेकर अपेच्छा बा, अइसेन उतम बातई निकलई चाही, ताकि जे सुनई ओकर ओसे भला होइ। 30 परमेस्सर क पवित्तर आतिमा क दुःखी न करत रहा काहेकि परमेस्सर क सम्पत्ति क रूप मँ तोह पर छुटकारा क दिना क बरे आतिमा क साथे मोहर लगाई दीन्ह गइ बा। 31 पूरी कड़वाहट, झुँझलाहट, क्रोध, चीख-चिल्लाहट अउर निन्दा क तू आपन भीतर स सब तरह क बुराई क साथे निकारिके बाहर फेंका। 32 परस्पर एक दूसरे क बरे दयालु अउर करुनावन बना। अउर आपस मँ एक दूसरे क अपराधन क वइसेन ही छमा करा जइसे मसीह क द्वारा तोहका परमेस्सर छमा किहे अहइ।

ज्योतिर्मय जीवन

पिआरे बच्चन क समान परमेस्सर क अनुकरण करा। पिरेम क साथे जिआ ठीक वइसेन ही जइसे मसीह हमसे पिरेम कीहे अहइ अउर आपन आप क, सुगन्धि सुलगाइके बलि भेंट क रूप मँ हमरे बरे परमेस्सर क अर्पित कइ दिहे अहइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.