Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
मेहरारू क बचन
8 मइँ आपन प्रियतम क अवाज अनकत हउँ।
इ पहाड़न स उछरत भइ
अउर पहाड़ियन स कूदत भइ आवत ह।
9 मोर प्रियतम कुरंग या जवान हरिन जइसा सुन्नर अहइ।
लखा, उ हमरी देवारे क पीछे खड़ा अहइ,
खिरकी स लखत अहइ, पर्दा क छेद स झाँकत अहइ।
10 मोर प्रियतम मोसे बोलत ह:
“हे मोर प्रिये, उठा, हे मोर सुन्नरी,
आवा कहूँ चली।
11 लखा, सीत-रितु बीत गइ अहइ।
बर्खा खतम होइ गइ अउ चली गइ अहइ।
12 धरती पइ फूल खिले भए अहइँ।
चिरइयन क गावइ क समइ आइ ग अहइ।
धरती पइ कबूतरे क अवाज गूँजत अहइ।
13 अंजीर क बृच्छन पइ अंजीर, पकइ लागेन हँ।
अंगूरे क बेल फूलत अहइँ अउर ओनकर भीती गन्ध फइलत अहइ।
मोर प्रिय उठा, हे मोर सुन्नर,
आवा कहूँ दूर चली।”
एसाव क “आसीर्बाद”
30 इसहाक याकूब क आसीर्बाद देब पूरा किहेस। तब जइसेन ही याकूब आपन बाप इसहाक क निचके स गवा, बइसेन ही एसाव सिकार कइके भीतर आवा। 31 एसाव आपन पिता क मनचाहा भोजन बनाएस। एसाव ऍका आपन पिता क निचके लिआवा। उ आपन पिता स कहेस, “पिता जी, उठइँ अउ उ भोजने क खाइँ जउन आपका पूत आप क बरे मारेस ह। तब आप मोका आसीर्बाद दइ सकत ही।”
32 मुला इसहाक ओसे कहेस, “तू कउन अहा?”
उ जवाब दिहस, “मइँ आप क पहिलौठी पूत एसाव अहउँ।”
33 तब इसहाक बहोतइ परेसान होइ गवा अउ बोला, “तब तोहरे आवइ स पहिले उ कउन रहा? जउन भोजन बनाएस अउ मोरे संग लावा। मइँ उ सब खाएउँ अउ ओका आसीर्बाद दिहेउँ। अब आपन आसीर्बाद क लउटावइ क टेम निकरि गवा अहइ।”
34 एसाव आपन पिता क बात सुनेस। उ बहोतइ गुस्साइ गवा अउ करुआइ गवा। उ चिचियान। उ आपन बाप स कहेस, “पिताजी, तब मोका भी आसीर्बाद देइँ।”
35 इसहाक कहेस, “तोहार भाई मोका धोखा दिहेस। उ आवा अउ तोहार आसिर्बाद लइके गवा।”
36 एसाव कहेस, “ओकर नाउँ ही याकूब अहइ। इ नाउँ ओकरे बरे ठिक ही अहइ। ओकर इ नाउँ बिल्कुल ठीक ही रखा गवा अहइ। उ फुरइ चालबाज अहइ। उ मोका दुइ दाईं धोखा दिहेस। उ पहिलउठी होइ क मोरे आधिकार क लइ ही चुका बाटइ अउर अब उ मोरे हीसा क आसीर्बाद क भी लइ लिहस।” तब एसाव कहेस, “का आप मोरे बरे कउनो आसीर्बाद बचाइके रख्या ह?”
37 इसहाक जवाब दिहस, “नाही, अब बहोत देर होइ गइ। मइँ याकूब क तोहरे ऊपर राज्ज करइ क आधिकार दइ दिहेउँ ह। मइँ इ भी कहि दिहेउँ ह कि सब भाई ओकर सेवक होइही। मइँ ओका बहोत जियादा अन्न अउ दाखरस क आसीर्बाद दिहेउँ ह। पूत तोहका देइ क कछू नाही बचा अहइ।”
38 मुला एसाव आपन पिता स माँगत रहा। “पिता जी, का आप क लगे एक भी आसीर्बाद नाही बाटइ? पिताजी, मोका भी असीसा।” अइसेन एसाव रोवइ लाग।
39 तब इसहाक ओसे कहेस,
“तू अच्छी भुइँया प नाही रहब्या।
तोहरे लगे बहोत जियादा अन्न नाही होइ।
40 तोहका जिअइ बरे संघर्स करइ क होइ
अउर तू आपन भाई क दास होब्या।
मुला तू अजादी बरे लड़ब्या,
अउ ओकरे राज्ज स अजाद होइ जाब्या।”
41 एकरे पाछे इ आसीर्बाद क कारण जउन ओकर पिता दिए रहे एसाव याकूब स घिना करत रहा। एसाव मन ही मन सोचेस, “मोर बाप हाली ही मरि जाइ अउ मइँ ओकर दुःख मनाउब। मुला ओकरे पाछे मइँ याकूब क मारि डाउब।”
42 जब रिबका याकूब क मारइ बरे एसाव क जोजना क सुनेस। तउ उ याकूब क बोलाएस अउर कहेस, “सुना, तोहार भाई एसाव तोहका मारि डावइ बरे जोजना बनावत ह। 43 ऍह बरे पुत जउन मइँ कहति हउँ, करा। मोर भाई लाबान हारान मँ रहत ह। ओकरे पास जा अउ लुकान रहा। 44 ओकरे लगे तनिक टेम तलक रहा जब तलक तोहरे भाई क किरोध नाही उतरत। 45 तनिक समइ पाछे तोहार भाई भूलि जाइ कि तू ओनके संग का किहा? तब मइँ तोहका लउटावइ बरे एक ठु नउकर क पठउब। एक ही दिन दुइनउँ पूतन क मइँ खोइ देइ नाही चाहित।”
46 तब रिबका इसहाक स कहेस, “तोहरा पूत एसाव हित्ती मेहरारुअन स बियाह कइ लिहस ह। मइँ इ मेहररुअन स तंग भए गवा अहउँ काहेकि इ सबइ हमरे परिवार क लोगन मँ स नाही अहइँ। अगर याकूब भी इ मेहररुअन मँ स कउनो क संग बियाह करत ह तउ मइँ मरि जाइ चाहबिउँ।”
सबहिं तउ पाप किहे अहइँ
18 सरग स परमेस्सर का कोप लोगन क न कहइवालन अउर अधार्मिक काम पइ परगट होत ह जे सत्य का अधरम स दबावत हीं अउर जे बुरे करम करत हीं। 19 इ बात नाहीं अहइ कि केउ ऐका जानत नाहीं परमेस्सर का सबइ जानत ह काहेकि परमेस्सर सबका जनाइ देत ह।
20 इ संसार जब स देखाइ पड़ा तबइ स परमेस्सर क अनन्त सक्ति परमेस्सर क साफ देखात ह उहउ क ऍक एहसे जाना जाइ सकत ह जेका परमेस्सर खुदइ बनाइस ह। एहसे लोगन क पास कउनो बहाना नहीं बाटइ उ बुरा काम बरे जेका उ करत ह।
21 अगर इ सबइ परमेस्सर क जानत हीं तबउ उ पचे परमेस्सर क महिमा क इज्जत नाहीं करत हीं। उनके विचार गलत कामन मँ लग गएन अउर मन मँ अँधियारा छाइ गवा। 22 उ पचे अपने क बहुत बुद्धिवाला समझत रहेन मुला सब क सब बज्र मूरख रहेन। 23 अउइ जउऩ परमेस्सर अहइ उ क कबहुँ मर नाहीं सकत मुला इ सबइ ओका मरइवाले लोगन चिरिया, गोरू, अउर साँप क मूरत मँ देखेन अउर समझइ लागेन।
24 एह बरे परमेस्सर ओनन्ह क बदनियती क हाथे सौंप दिहेस अउर उ पचे दुराचार मँ पड़ि क एक दूसरे क सरीर क साथ खिलवाड़ करइ लागेन। 25 उ लोगन झूठ क साथे परमेस्सर क सत्य क सौदा किहन अउर वे सृस्टि क बनावइवाले को तजिके अउरन क आराधना करइ लागेन। परमेस्सर धन्य अहइ। आमीन!
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.