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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 89:5-37

हे यहोवा, तोहरे ओन अद्भुत करमन क अकास स्तुति करत हीं।
    सरगदूतन क सभा तोहरी ईमानदारी क गीत गावत हीं।
सरगे मँ कउनो मनई यहोवा क तुलना नाहीं कइ सकत।
    कउनो भी देवता यहोवा क समान नाहीं।
पवित्तर सरगदूतन क सभा मँ परमेस्सर अत्यंत सम्मानित बाटइ।
    उ सबइ जउन ओकर चारिहुँ कइँती अहइ,
    क जरूर डरइ चाही अउर ओकर आदर करइ चाही।
सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा, तोहस जियादा कउनो सक्तिसाली नाहीं अहइ।
    अउर यहोवा तू हमेसा भरोसेमन्द अहा।
तू गरजत समुद्दर पइ सासन करत अहा।
    तू ओकर उमंगित तंरगन क सांत करत अहा।
10 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन राहाब[a] क हराए रह्या अउर ओका जुद्ध मँ मार डाए रह्या।
    तू आपन महासक्ति स आपन दुस्मन बिखराइ दिह्या।
11 सरग अउ धरती तोहार अहइ।
    उ तू ही अहा जउन इस संसार क बनाय अउर संसार मँ क हर वस्तु रच्या।
12 तू ही सब कछू उत्तर दक्खिन रच्या ह।
    ताबोर अउ हर्मोन पर्वत तोहार गुन गावत हीं।
13 तू सक्तिसाली अहा।
    तोहार सक्ति महान अहइ।
    तोहार सक्ति क सम्मान कीन्ह जात हीं।
14 तोहार राज्ज धार्मिकता अउ निआउ पइ टिका बाटइ।
    पिरेम अउ बिस्सासी तोहरे सेवा करत अहइँ।
15 जउन तोहमाँ खुस अहइँ उ धन्न अहइँ।
    उ पचे तोहरी समर्थन क प्रकास मँ जिअत रहत हीं।
16 तोहार नाउँ ओनका सदा खुस करत ह
    अउर तोहार धार्मिकता क कारण उ सम्मान पावत ह।
17 तू ओनकर सक्ति क अद्भुत स्रोत अहा।
    उ तोहार समर्थन क कारण तोहसे सक्ति पावत ह।
18 काहेकि हमार रच्छा यहोवा स सम्बंधित अहइ।
    हम लोगन क राजा इस्राएल क पवित्तर क कइँती स अहइ।
19 एक बार दर्सन मँ तू आपन सच्चे मनइयन स कहे रहा,
“मइँ ओनका मदद दिहे हउँ जउन मज़बूत अहइ,
    मइँ लोगन क बीच मँ स नउ जवान मनई क प्रतिस्ठित किहेउँ।
20 मइँ आपन सेवक दाऊद क पाइ लिहेउँ,
    अउर मइँ ओकर ताजपोसी किहेउँ ह अउ ओकरे अभिसेक आपन तेल स किहेउँ ह।
21 मइँ आपन दाहिने हाथे स दाऊद क सहारा दिहेउँ,
    अउर मइँ ओका आपन सक्ति स बलवान बनाएउँ।
22 कउनो दुस्मन चुने भए राजा क धोखा नाहीं देइ सकतेन।
    दुट्ठ जन ओहे पइ अत्याचार नाहीं कइ सकतेन।
23 मइँ ओकरे दुस्मनन क समाप्त कइ दिहेउँ।
    जउन लोग चुने भए राजा स बैर राखत रहेन, मइँ ओनका हराइ दिहेउँ।
24 मइँ हमेसा आपन चुने भए राजा स पिरेम राखब अउर ओका समर्थन देब।
    उ मोहे पइ निर्भर रहिके मोर सक्ती स भरि जाइ।
25 मइँ आपन चुने भए राजा क महासागर क नियंत्रक तइनात करब।
    उ नदियन पइ हुकुमत करी।
26 उ मोहसे कही, ‘तू मोर पिता अहा।
    तू मोर परमेस्सर, मोर चट्टान अउ मोर उद्धारकर्ता अहा।’
27 मइँ ओका आपन पहिलौटा पूत बनाउब।
    उ सबइ राजन पइ प्रमुख होइ।
28 मइँ सदा ओका आपन पिरेम दिखावत हउँ।
    मोर करार ओकरे संग दृढ़ता स स्थापित होइ।
29 मइँ इ बंस क अमर बनाउब।
    ओकर सासन हुआँ तब तलक टिका रही जब तलक कटनी क समई रही।
30 अगर ओकर संतानन मोर कानून अउर आदेस क पालन तजि दिहन ह,
    अउर अगर उ लोग मोरे उपदेसन क मानब तजि दिहन ह।
31 अगर मोर अभिसिक्त राजा क संतानन मोरे कानून क पालन नाहीं किहन
    अउर अगर मोरे आदेसन क न मानेन।
32 तउ मइँ ओकर बिद्रोह बरे ओका दण्ड देइ बरे अधर्म चिजियन क न होइ देब,
    अउर मइँ ओकरे आग्याभंग करइ बरे मनइयन क दण्ड क रूप मँ देब।
33 मुला मइँ ओन लोगन क परिवार स आपन पिरेम क नाहीं हटाउब।
    मइँ सदा ही ओनके बरे बिस्सासी रहब।
34 जउन करार मोर दाऊद क संग अहइ, मइँ ओका नाहीं तोड़ब।
    मइँ आपन वाचा क नाहीं बदलब।
35 मइँ आपन पवित्तरता प्रतिग्या लेब,
    अउर मइँ ओहे स आपन वाचा क नाहीं तोड़ब।
36 दाऊद क बंस हुवाँ सदा बना रही।
    जब तलक हुवाँ सूरज रही तब तलक ओकर सिंहासन भी रही।
37 उ सदा हुवाँ रहब।
    निहचय ही जब तलक आकासे मँ चन्द्रमा साच्छी रही तब तलक लगातार रही।” (सेला)

यसायाह 51:1-16

इस्राएल क इब्राहीम क जइसा होइ चाही

51 “मोर सुन्या, तोहमाँ स जउन लोग उत्तिम जिन्नगी जिअइ क कठिन प्रयत्न करत अहा अउर यहोवा क मदद खोजत अहा। अगर तू सही तरीके से जिअइ क उदाहरण चहात ह, लखा चट्टा (इब्राहीम) क जेहसे तू पचन्क काटि गवा अहइ, लखा खोखला चट्टान (सारा) क जेहसे तू पचन्क तरासत भवा अहइ। हाँ, लखा आपन पिता इब्राहीम अउर आपन माँ सारा क जउन तू पचन्क जन्म दिहेस ह। उ इब्राहीम ही अकेला रहा जेका मइँ बोलाए रहा। किन्तु मइँ ओका वरदान दिहा अउर ओका एक बड़के रास्ट्र बनाइ दिहस।”

सिय्योन पर्वत क यहोवा वइसे ही आसीर्वाद देइ। यहोवा क यरूसलेम अउर ओकरे खंडहरन क बरे खेद होइ अउर उ नगर बरे कउनो बहोत बड़ा काम करी। यहोवा रेगिस्तान क बदल देइ। उ रेगिस्तान अदन क उपवन क जइसे एक उपवन मँ बदल जाइ। उ उजाड़ स्थान यहोवा क बगीचे जइसा होइ जाइ। लोग बहोत जियादा खुस होइहीं। लोग हुवाँ आनन्द परगट करिहीं। उ सबइ लोग धन्नबाद अउर विजय क गीत गइहीं।

“हे मेरे लोगो, मोर सुना! मइँ तू पचन क आपन उपदेसन क देब।
    मइँ आपन नेमन क प्रकास क तरह बनाउब जउन लोगन क देखइहीं कि कइसे ठीक तरह स जिया जात ह।
मइँ हाली ही परगट करब कि मइँ निआव स पूर्ण हउँ।
    मइँ हाली ही तोहार पचन्क रच्छा करब।
मइँ आपन सक्ति क काम मँ लिआउब अउर मइँ सबहिं रास्ट्रन क निआव करब।
    सबहिं दूर-दूर क देस मोर बाट जोहत अहइँ।
    ओनकर मोर सक्ति क प्रतीच्छा अहइ जउन ओनका बचाई।
ऊपर अकासन क लखा,
    अकास अइसे लोप होइ जाइ जइसे धुआँ क एक बादर खोइ जात ह।
अउर धरती अइसे ही बेकार होइ जाइ
    जइसे पुरान ओढ़ना बगैर कीमत क होत हीं।
धरती क वासी आपन प्राण तजिहीं
    किन्तु मोर मुक्ति सदा ही बनी रही।
    मोर उत्तिमता कबहुँ नाहीं मिटी।
अरे ओ उत्तिमता क समुझइवाले लोगो, तू पचे मोर बात सुना।
    अरे ओ मोर सिच्छन पइ चलइवालो, तू पचे उ सबइ बातन सुना जेनका मइँ बतावत हउँ।
दुट्ठ लोगन स तू पचे जिन डेराअ।
    ओन बुरी बातन स जेनका उ पचे तू पचन्स कहत हीं, तू पचे भयभीत जिन ह्वा।
काहेकि उ पचे पुराना कपड़न क नाईं होइहीं।
    ओनका किरवन खाइ जइहीं, उ पचे ऊन क जइसे होइहीं जेका किरवन चाट जइहीं।
संसार क लोग मरिहीं, किन्तु मोर मुक्ति सदा ही बना रही।
    मोर अच्छाइ निरन्तर बनी रही।”

परमेस्सर क सामर्थ्य ओकरे लोगन क रच्छा करत ह

यहोवा क भुजा जाग-जाग।
    आपन सक्ति क सज्जित करा।
तू आपन सक्ति क प्रयोग करा।
    तू वइसे जाग जा जइसे तू बहोत बहोत पहिले जागा रह्या।
तू उहइ सक्ति अहा जउन रहाब क छक्कन छुड़ाए रहा।
    तू भयानक मगरमच्छ क ध्वाये रह्या।
10 तू सागरे क सुखाया।
    तू गहिर समुद्दर क जलहीन बनाइ दिहा।
    तू सागर क गहिर सतह क एक राहे मँ बदल दिहा अउर तोहार लोग उ राह स पार भएन अउर बच गए रहेन।
11 यहोवा आपन लोगन क रच्छा करी।
    उ पचे सिय्योन पर्वत कइँती आनन्द मनावत भए लउटि अइहीं।
इ सबइ सबहिं आनन्द मँ मगन होइहीं।
    सारे ही दुःख ओनसे दूर कहूँ भाग जइहीं।

12 यहोवा कहत ह, “मइँ उहइ हउँ जउन तू पचन्क चइन दिया करत ह।
    एह बरे तू पचन्क दूसर लोगन्स काहे डेराइ चाही?
उ पचे तउ बस मनइयन अहइँ जउन जिया करत हीं अउर मरि जात हीं।
    उ पचे वइसे मरि जात हीं जइसे घास मरि जात ह।”

13 यहोवा तू पचन्क रचेस ह।
    उ निज सक्ति स इ धरती क बनाएस ह।
    उ निज सक्ति स धरती पइ अकास तान दिहस।
किन्तु तू पचे ओका अउर ओकर सक्ति क बिसरि गवा।
    एह बरे तू पचे सदा ही उ मनइयन स भयभीत रहत ह जउन तू पचन्क हानि पहोंचावत हीं।
तोहार नास करइ क ओन लोग जोजना बनाएन,
    किन्तु आजु उ पचे कहाँ अहइँ? उ पचे सबहिं चलि गए रहेन!

14 लोग जउन बन्दी अहइँ, हाली ही मुक्त होइ जइहीं।
    ओन लोगन क मउत काल कोठरी मँ नाहीं होइ अउर न ही उ पचे कारागार मँ सड़त रइहीं।
    ओन लोगन्क लगे खाइके पर्याप्त होइ।

15 “मइँ ही यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर हउँ।
    मइँ ही सागर क झकोरत हउँ अउर मइँ ही लहरन उठावन हउ।”
    ओकर नाउँ सर्वसक्तीमान यहोवा अहइ।

16 “मोर सेवक, मइँ तोहका उ सबइ सब्द देब जेनका मइँ तोहसे कहलवावइ चाहत हउँ। मइँ तोहका आपन हाथन स ढकिके तोर रच्छा करब। मइँ तोहसे नवा अकास अउ नई धरती बनवाउब। मइँ तू पचन क जरिये सिय्योन क इ कहलवा वइ बरे कि तू पचे मोर लोग अहा, ‘तोहार उपयोग करब।’”

मत्ती 12:15-21

ईसू उहइ करत ह जेकरे बरे परमेस्सर ओका चुनेस

15 ईसू इ जान गवा अउर हुवाँ स चला गवा। भारी भीड़ पाछे पाछे होइ गइ। उ ओनका चंगा करत 16 चिताउनी दिहस कि ओकरे बारे मँ मनइयन क कछू न बतावइँ। 17 इ एह बरे भवा कि नबी यसायाह पर्भू क बारे मँ जउन कछू कहेस ह, उ पूरा होइ जाइ:

18 “इ मोर सेवक अहइ,
    मइँ जेका चुनेउ हउँ।
इ मोर पिआरा अहइ,
    ऍहसे मइँ आनंद मँ हउँ
आपन आतिमा ऍह प मइँ रखियउँ
    सब देसन क सब मनइयन क इ निआव क एलान करी।
19 इ कबहुँ नाहीं चिचिआई,
    या झगड़ी ही मनइयन ऍका गली कूचा मँ न सुनिहइँ
20 उ सरते क न उ तोड़ीन
    इ बुझत दिया तलक उ न बुझाई डटा रही
तब ताई जब ताईं निआव क जीत न होइ जाई।
21     तब फिन सबइ लोग आपन आसा ओहमाँ बँधिहीं, फिन उहइ नाउँ मँ।” (A)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.