Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
5 हे यहोवा, तोहरे ओन अद्भुत करमन क अकास स्तुति करत हीं।
सरगदूतन क सभा तोहरी ईमानदारी क गीत गावत हीं।
6 सरगे मँ कउनो मनई यहोवा क तुलना नाहीं कइ सकत।
कउनो भी देवता यहोवा क समान नाहीं।
7 पवित्तर सरगदूतन क सभा मँ परमेस्सर अत्यंत सम्मानित बाटइ।
उ सबइ जउन ओकर चारिहुँ कइँती अहइ,
क जरूर डरइ चाही अउर ओकर आदर करइ चाही।
8 सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा, तोहस जियादा कउनो सक्तिसाली नाहीं अहइ।
अउर यहोवा तू हमेसा भरोसेमन्द अहा।
9 तू गरजत समुद्दर पइ सासन करत अहा।
तू ओकर उमंगित तंरगन क सांत करत अहा।
10 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन राहाब[a] क हराए रह्या अउर ओका जुद्ध मँ मार डाए रह्या।
तू आपन महासक्ति स आपन दुस्मन बिखराइ दिह्या।
11 सरग अउ धरती तोहार अहइ।
उ तू ही अहा जउन इस संसार क बनाय अउर संसार मँ क हर वस्तु रच्या।
12 तू ही सब कछू उत्तर दक्खिन रच्या ह।
ताबोर अउ हर्मोन पर्वत तोहार गुन गावत हीं।
13 तू सक्तिसाली अहा।
तोहार सक्ति महान अहइ।
तोहार सक्ति क सम्मान कीन्ह जात हीं।
14 तोहार राज्ज धार्मिकता अउ निआउ पइ टिका बाटइ।
पिरेम अउ बिस्सासी तोहरे सेवा करत अहइँ।
15 जउन तोहमाँ खुस अहइँ उ धन्न अहइँ।
उ पचे तोहरी समर्थन क प्रकास मँ जिअत रहत हीं।
16 तोहार नाउँ ओनका सदा खुस करत ह
अउर तोहार धार्मिकता क कारण उ सम्मान पावत ह।
17 तू ओनकर सक्ति क अद्भुत स्रोत अहा।
उ तोहार समर्थन क कारण तोहसे सक्ति पावत ह।
18 काहेकि हमार रच्छा यहोवा स सम्बंधित अहइ।
हम लोगन क राजा इस्राएल क पवित्तर क कइँती स अहइ।
19 एक बार दर्सन मँ तू आपन सच्चे मनइयन स कहे रहा,
“मइँ ओनका मदद दिहे हउँ जउन मज़बूत अहइ,
मइँ लोगन क बीच मँ स नउ जवान मनई क प्रतिस्ठित किहेउँ।
20 मइँ आपन सेवक दाऊद क पाइ लिहेउँ,
अउर मइँ ओकर ताजपोसी किहेउँ ह अउ ओकरे अभिसेक आपन तेल स किहेउँ ह।
21 मइँ आपन दाहिने हाथे स दाऊद क सहारा दिहेउँ,
अउर मइँ ओका आपन सक्ति स बलवान बनाएउँ।
22 कउनो दुस्मन चुने भए राजा क धोखा नाहीं देइ सकतेन।
दुट्ठ जन ओहे पइ अत्याचार नाहीं कइ सकतेन।
23 मइँ ओकरे दुस्मनन क समाप्त कइ दिहेउँ।
जउन लोग चुने भए राजा स बैर राखत रहेन, मइँ ओनका हराइ दिहेउँ।
24 मइँ हमेसा आपन चुने भए राजा स पिरेम राखब अउर ओका समर्थन देब।
उ मोहे पइ निर्भर रहिके मोर सक्ती स भरि जाइ।
25 मइँ आपन चुने भए राजा क महासागर क नियंत्रक तइनात करब।
उ नदियन पइ हुकुमत करी।
26 उ मोहसे कही, ‘तू मोर पिता अहा।
तू मोर परमेस्सर, मोर चट्टान अउ मोर उद्धारकर्ता अहा।’
27 मइँ ओका आपन पहिलौटा पूत बनाउब।
उ सबइ राजन पइ प्रमुख होइ।
28 मइँ सदा ओका आपन पिरेम दिखावत हउँ।
मोर करार ओकरे संग दृढ़ता स स्थापित होइ।
29 मइँ इ बंस क अमर बनाउब।
ओकर सासन हुआँ तब तलक टिका रही जब तलक कटनी क समई रही।
30 अगर ओकर संतानन मोर कानून अउर आदेस क पालन तजि दिहन ह,
अउर अगर उ लोग मोरे उपदेसन क मानब तजि दिहन ह।
31 अगर मोर अभिसिक्त राजा क संतानन मोरे कानून क पालन नाहीं किहन
अउर अगर मोरे आदेसन क न मानेन।
32 तउ मइँ ओकर बिद्रोह बरे ओका दण्ड देइ बरे अधर्म चिजियन क न होइ देब,
अउर मइँ ओकरे आग्याभंग करइ बरे मनइयन क दण्ड क रूप मँ देब।
33 मुला मइँ ओन लोगन क परिवार स आपन पिरेम क नाहीं हटाउब।
मइँ सदा ही ओनके बरे बिस्सासी रहब।
34 जउन करार मोर दाऊद क संग अहइ, मइँ ओका नाहीं तोड़ब।
मइँ आपन वाचा क नाहीं बदलब।
35 मइँ आपन पवित्तरता प्रतिग्या लेब,
अउर मइँ ओहे स आपन वाचा क नाहीं तोड़ब।
36 दाऊद क बंस हुवाँ सदा बना रही।
जब तलक हुवाँ सूरज रही तब तलक ओकर सिंहासन भी रही।
37 उ सदा हुवाँ रहब।
निहचय ही जब तलक आकासे मँ चन्द्रमा साच्छी रही तब तलक लगातार रही।” (सेला)
याकूब बेतेल मँ
35 परमेस्सर याकूब स कहेस, “बेतेल सहर क जा, हुआँ बस जा अउ हुवँइ ‘एल’ परमेस्सर बरे जउन तोहरे समन्वा परगट भवा रहा जब तू आपन भाई एसाव स बचि के परात रह्या एक वेदी बनावा।”
2 ऍह बरे याकूब आपन परिवार अउ आपन सबहि नउकरन स कहेस, “काठ अउ धातु क बना जउन बिदेसी देवतन तू पचन क लगे अहइँ ओनका नस्ट कइ द्या। अपने क पवित्र करा। ओढ़ना साफ पहिरा। 3 हम पचे इ जगह क तजि देब अउ बेतेल क जाब। उ जगह मँ आपन परमेस्सर बरे एक वेदी बनाउब। इ उहइ परमेस्सर अहइ जउन मोरे कस्ट क समइ मोर मदद किहस अउ जहाँ कहु मइँ गवा उ मोरे संग रहा।”
4 ऍह बरे मनइयन क लगे जउन बिदेसी देवता रहेन, ओन सबहि क उ पचे याकूब क दइ दिहन। उ पचे आपन काने मँ पहिरी भइ सब बालियन क भी याकूब क दइ दिहन। याकूब सकेम नाउँ क सहर क नगिचे एक बलूत क बृच्छ क तरे इ सबहि चिजियन क गाड़ दिहस।
5 तउ उ पचे तजि गऐन अउर परमेस्सर ओनका चरीहू कइँती क सभी सहरन पइ भयंकर डर डाल दिएन। ऍह ठू बरे उ पचे याकूब क पूतन पाछा नाही किहस। 6 ऍह बरे याकूब अउ ओकर लोग लूज पहोंचेन। अब लूज क बेतेल कहत हीं। इ कनान प्रदेस मँ बाटइ। 7 याकूब हुआँ एक ठु वेदी बनाएस। याकूब उ जगह क नाउँ “एल बेतेल” राखेस। याकूब इ नाउँ क ऍह बरे चुनेस कि जब उ आपन भाई क हिआँ स परात रहत रहा, तब पहिली दाईं परमेस्सर हिअँई परगट भवा।
8 रिबका क धाई दबोरा हिअँई मरी रही, उ पचे बेतेल मँ सिन्दूर क बृच्छ क खाले ओका गाड़ दिहन। उ पचे उ ठउर क नाउँ अल्लोनबक्कूत रखेन।
याकूब क नवा नाउँ
9 जब याकूब पद्दान अराम स लउटा तब परमेस्सर फुन ओकरे समन्वा परगट भवा। परमेस्सर याकूब क असीसेस। 10 परमेस्सर याकूब स कहेस, “तोहार नाउँ याकूब अहइ। मुला मइँ उ नाउँ क बदलब। अब तू याकूब नाही कहवउब्या। तोहार नवा नाउँ इस्राएल होइ।” ऍह बरे एकरे पाछे याकूब क नाउँ इस्राएल भवा।
11 परमेस्सर ओसे कहेस, “मइँ सर्वोच्च परमेस्सर अहउँ अउ तोहका मइँ इ आसीर्बाद देत हउँ तोहरे बहोत संतान होइँ अउर तु एक महान रास्ट्र बनी जाब्या। बहोत सारे रास्ट्र तोहसे अइहीं अउर राजा लोग तोहसे आइहीं। 12 मइँ इब्राहीम अउ इसहाक क इ भुइँया दिहे रहेउँ। अब मइँ इ भुइँया तोहका अउर तोहार सन्तानन क देत अहउँ।” 13 तब परमेस्सर उ जगह तजि दिहस। 14-15 याकूब इ ठउरे प एक स्मृति चट्टान खड़ी किहस, याकूब ओह चट्टान पइ दाखरस अउर तेल क भेंट उड़ेरेस। इ एक खास ठउर रहा काहेकि परमेस्सर हुआँ याकूब स बात किहस अउर याकूब उ ठउर क नाउँ बेतेल राखेस।
गैर यहूदियन प पवित्तर आतिमा क उतरब
44 पतरस अबहिं इ बातन क करत ही रहा कि ओन सब प पवित्तर आतिमा उतरि आइ जउन सुसमाचार सुने रहेन। 45 काहेकि पवित्तर आतिमा क बरदान गैर यहूदी प उड़ेरा जात रहा, तउ पतरस क संग आए भए यहूदी अचरज मँ पड़ि गएन। 46 उ पचे किसिम किसिम क भाखा बोलत रहेन अउर परमेस्सर क स्तुति करत भए अनकत रहेन। तब पतरस बोला, 47 “का कउनो इ मनइयन क बपतिस्मा देइ बरे, जल आसानी स देइ बरे मना कइ सकत ह? ऍनका भी वइसे ही पवित्तर आतिमा मिलि गवा ह, जइसेन हम पचन क।” 48 इ तरह उ ईसू मसीह क नाउँ मँ ओनका बपतिस्मा देइ क हुकुम दिहेस। फिन पतरस स उ पचे पराथना किहेन कि कछू दिन ओनकइ संग ठहरइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.