Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
12 हे यरूसलेम, यहोवा क गुण गावा।
सिय्योन, आपन परमेस्सर क बड़कई करा।
13 हे यरूसलेम, तोहरे फाटकन क परमेस्सर सुदृढ़ बनावत ह।
तोहरे नगर क लोगन क परमेस्सर असीस देत ह।
14 परमेस्सर तोहार देस क सान्ति स आसीस देत ह,
एह बरे तोहरे लगे खाइ बरे अनाज क ढेर अहइ।
15 परमेस्सर धरती क आदेस देत ह
अउर ओकर आदेस क फउरन पालन होत ह।
16 परमेस्सर धरती पइ तब तलक पाला गिरावत जब तलक धरातल वइसा सफेद नाहीं होइ जात जइसा उज्जर ऊन होत ह।
उ बर्फ क छोटा टूकन क हवा क संग धूरि क नाई उड़त ह।
17 परमेस्सर ओलन क अइसा बनावत ह मानो पाथरन अकासे स गिरत हीं।
कउनो मनई उ ठिठुरन क नाहीं सह सकत ह जउन ओकरे दुआरा भेजा जात ह।
18 फुन परमेस्सर दूसर आग्या देत ह, अउर गरम हवा फुन बहइ लग जात ह।
बर्फ टेघरइ लागत अउर जल बहइ लग जात ह।
19 परमेस्सर आपन आदेस याकूब क दिहे रहा।
परमेस्सर इस्राएल क निज बिधि क बिधान अउ नेमन क दिहस।
20 यहोवा कउनो दूसर रास्ट्र क बरे अइसा नाहीं किहस।
परमेस्सर आपन नेमन क, कउनो दूसर जाति क नाहीं सिखाएस।
यहोवा क जस गावा।
7 उ राति परमेस्सर सुलैमान क लगे आवा। परमेस्सर कहेस, “सुलैमान, मोहसे तू उ माँगा जउन कछू तू चाहत अहा कि मइँ तोहका देउँ।”
8 सुलैमान परमेस्सर स कहेस, “तू मोरे दाऊद क बरे बहोत कृपालु अहा। तू मोका, मोरे बाप क जगह पइ नवा राजा होइ बरे चुन्या ह। 9 यहोवा परमेस्सर, अब, तू जउन बचन मोरे पिता दाऊद क दिहा ह ओका बना रहइ द्या। तू मोका अइसी प्रजा क राजा बनाया, जउन पृथ्वी क रेत कणन क नाईं अनगिनत अहइँ। 10 तू मोका बुद्धि अउ गियान द्या। ताकि मइँ एन लोगन क सही रहा पइ लइ चल सकब। कउनो भी मनई तोहरी मदद क बिना तोहार ऍन महान लोगन पइ हुकूमत नाहीं कइ सकत ह।”
11 परमेस्सर सुलैमान स कहेस, “तोहार रूख बिल्कुल ठीक अहइँ। तू धन या सम्पत्ति या सम्मान नाहीं माँग्या ह। तू इ भी नाहीं माँग्या ह कि तोहार दुस्मन मरि जाइँ। तू लम्बी उमिर भी नाहीं माँग्या ह। किन्तु तू अपने बरे बुद्धि अउ गियान मँग्या ह जेहसे तू मोर प्रजा क सम्बन्ध मँ बुद्धिमानी स निर्णय लइ सका, जेकर मइँ तोहका राजा बनाएउँ ह। 12 एह बरे मइँ तोहका बुद्धि अउ गियान देब। मइँ तोहका धन, बैभव अउर सम्मान भी देब। तोहरे पहिले होइवाले राजा लोगन क लगे एतना धन अउर सम्मान कबहुँ नाहीं रहा अउर तोहरे पाछे होइवाले राजा लोगन क लगे भी ऍतना धन अउर सम्मान नाहीं होइ।”
13 तउ सुलैमान गिबोन क आराधना क जगह मँ गवा। जब सुलैमान उ मिलापवाले तम्बू क छोड़ेस अउ यरूसलेम लउट गवा अउ इस्राएल पइ राज्ज करइ लाग।
32 “उ दिन या उ घड़ी क बारे मँ कउनो कछू गियान नाहीं, न सरग क दूतन अउर न अबहिं मनई क पूत क, सिरिफ परमपिता जानत बाटइ। 33 होसियार! जागत रहा काहेकि तू नाहीं जनत्या कि उ समइया कब आइ जाई।
34 “ई अइसे अहई कि जइसे कउनो मनई कउनो जात्रा प जात जात आपन नउकरन प आपन घरवा छोड़ि जाए अउर हर मनई क ओकर आपन आपन काम बाँटि दे अउर चौकीदार क हुकुम दइ जाए कि तू जागत रहा। 35 एह बरे तू जागत रहा काहेकि घरे क मालिक न जानी कब आइ जाए। चाहे सांझ होई, की आधी रात की मुर्गन क बाँग क समइ की फिन दिन निकरि आवइ। 36 जदि उ अचानक आइ जा तउ अइसा करा कि जेसे उ तोहका सोवत न पावइ। 37 जउन मइँ तोसे कहत हउँ, उहइ सबते कहत हउँ, ‘जानत रहा!’”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.