Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
चिताउनी: बुद्धि हीन जिन बना
20 बुद्धि, गलियन मँ गोहरावत ह, उ सर्वजनिक जगहन मँ आपन आवाज उठावत ह। 21 सोर स भरी गलियन क नोक्कड़ पइ गोहरावत ह, सहर क फाटक पइ आपन भासण देत ह:
22 “अरे नादान लोगन! तू कब तलक आपन नादानी स पिरेम करत रहब्या? हँसी ठ्टाकरइवालन, तू कब तलक ठटा करइ मँ आनन्द लेब्या? अरे मूर्खो, तू कब तलक गियान स घिना करब्या? 23 अगर मोर फटकार तोह पइ असर डावत तउ मइँ तोह पइ आपन हिरदय उड़ेर देत अउर तोहका अपने सबहिं विचार देखाइ देतेउँ।
24 “मुला काहेकि तू तउ मोका नकार दिहा जब मइँ तोहका गोहराएउँ, अउर कउनो धियान नाहीं दिहस, जब मइँ आपन हथवा बढ़ाए रहेउँ। 25 तू मोर सबहि उपदेस क उपेच्छा किहा अउर मोर फटकार कबहुँ नाहीं स्वीकार किहा। 26 एह बरे, बदले मँ, मइँ तोहरे नासे पइ हँसब। मइँ हँसी ठट्टा करब जब तोहार बिनास तोहका घेरी। 27 जब बिनास तोहका वइसे ही घेरी जइसे खउफनाक बबूला क चक्रवाद घेरत ह, जब बिनास जकड़ी, अउर जब बिनास अउ संकट तोहका बोर देइहीं।
28 “तब, उ पचे मोका गोहरइहीं किंतु मइँ कउनो भी जवाब नाहीं देबउँ। उ पचे मोका हेरत फिरिहीं मुला नाहीं पइहीं। 29 काहेकि उ पचे हमेसा गियान स घिना करत रहेन, अउर उ पचे कबहुँ नाहीं चाहेन कि उ पचे यहोवा स डेराइँ। 30 काहेकि उ पचे, मोर उपदेस कबहुँ धारन नाहीं किहन, अउर मोर डाट-फटकार क रद्द करिहीं। 31 उ पचे अपन जीवन क करमन क फल जरूर भोगिहीं, उ पचे आपन बुरे जोजना स खुद आपन पेट भरिहीं।
32 “नादान लोगन क हटी ओनका ही बिनास करिहीं मूरखन लोगन क लापरवाही वाला रवैया ओनका नस्ट कइ देइ। 33 मुला जउन मोर सुनी उ सुरच्छित रही, उ बगैर कउनो नोस्कान अउर कउनो डर क हमेसा चैन स रही।”
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु पद।
1 अकास परमेस्सर क महिमा बखानत ह,
अउ अकासमण्डल परमेस्सर क उत्तिम सबइ रचना क देखाँवत ह।
2 हर नवा दिन ओकर नई कथा कहत ह,
अउ हर रात परमेस्सर क नई-नई सक्तियन क परगट करत ह।
3 हुवाँ न कउनो भासन या सब्दन होइ।
न कउनो आवाज़ सुनाइ पड़त।
4 मुला ओकर “वाणी” भूमण्डल मँ बियापत ह
अउर ओकर “सब्दन” धरती क छोर तलक पहोंचत हीं।
ओनमाँ उ सूरज बरे एक घर जइसा तय्यार किहस ह।
5 सूरज नवखिल दुल्हा क नाई आपन सयन कच्छ स निकरत ह।
सूरज आपन राहे पइ अकास क पार करइ निकरि पड़त ह,
जइसे कउनो खिलाड़ी आपन दउड़ पूरी करइ बरे तइयार होइ।
6 अकासे क एक छोर स सूरज चल पड़त ह अउर ओह पार पहोंचइ क, उ सारी राह दउड़त रहत ह।
अइसी कउनो वस्तु नाहीं जउन आपन क ओकरी गर्मी स छुपाइ लेइ।
यहोवा क उपदेस भी अइसेन ही होत हीं।
7 यहोवा क सिच्छन सम्पूर्ण होत हीं,
इ सबइ भक्त जनन क सक्ती देत हीं।
यहोवा क करार पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।
जेनके लगे बुद्धि नाहीं अहइ इ ओनका सुबुद्धि देत ह।
8 यहोवा क नेम निआव स पूरा होत हीं,
उ सबइ लोगन्क खुसी स भरि देत हीं।
यहोवा क आदेस उत्तिम अहइँ,
उ सबइ मनइयन क जिअइ क नई राह देखाँवत हीं।
9 यहोवा क आराधना प्रकास जइसी होत ह,
इ तउ सदा सर्वदा जोति स भरी रही।
यहोवा क निआव निस्पच्छ होत हीं,
उ सबइ पूरी तरह निआव स पूरा होत हीं।
10 यहोवा क उपदेस उत्तिम सुबरन अउ कुन्दन स भी बढ़िके मनोहर अहइँ,
उ सबइ उत्तिम सहद स भी जियादा मधुर अहइँ, जउन सोझ सहद क छत्ता स टपक आवत ह।
11 हे यहोवा, तोहार उपदेस तोहरे सेवक क आगाह करत हीं।
अउर जउन ओनकइ पालन करत हीं ओनका तउ बरदान मिलत ह।
12 हे यहोवा, आपन सबहिं दोसन क कउनो नाहीं लख पावत।
एह बरे तू मोका ओन पापन्स बचावा जउन एकान्त मँ छुपिके कीन्ह जात हीं।
13 हे यहोवा, मोका ओन पापन्क करइ स बचावा जेनका मइँ करइ चाहत हउँ।
ओन पापन्क मोह पइ सासन न करइ द्या।
अगर तू मोका बचावत ह तउ मइँ इमानदारी स भरि भवा होइ सकत हउँ
अउ बहोत सारा पापन्स मुक्त होइ सकत हउँ।
14 मोका आसा अहइ कि, मोर वचन अउ चिंतन तोहका प्रसन्न करिहीं।
हे यहोवा, तू मोर चट्टान, अउर मोर बचावइवाला अहा।
बानी क संयम
3 मोर भाइयो तथा बहिनियो, तोहमाँ स बहुतन क सिच्छक बनइ क इच्छा न करइ चाही। तू जनतइ अहा कि हम सिच्छकन क अउर जियादा कड़ाइ क साथे निआव कीन्ह जाई।
2 काहेकि मइँ सब कइयउ बातन मँ चूक जाइत ह। सभन स बहुत स भूल होतइ रहत हीं। अगर केउ बोलइ मँ कउनउ चूक न करइ तउ उ एक सिद्ध मनई अहइ तउ फिन अउर उ पूरी देह प नियन्त्रण कइ सकत ह? 3 हम घोड़न क मुँह मँ एह बरे लगाम लगावत अही कि उ हमरे बस मँ रहइ। अउर एह तरह ओनके पूरे सरीर क हम बस मँ कई सकित ह। 4 अउर जल-यानन क बारे मँ भी इ बात सत्य अहइ। देखा, चाहे उ जहानन केतनउ बड़ा होत हीं अउर सक्तिसाली हवा क द्वारा चलावा जात हीं, परन्तु एक छोटी स पतवार स ओनका नाविक ओन्हे जहाँ कहूँ लइ जाइ चाहत ह। ओह प काबू पाइ क ओन्हे लइ जात ह। 5 इही तरह जीभ, जउन सरीर क एव्क छोटी स अंग अहइ, तबहुँ बड़ी बड़ी बात कहि डावइ क डींग मारत रहत ह।
अब तनिक सोचा एक जरा स लपट पूरा जंगल क जराइ सकत ह। 6 हाँ, जीभ: एक एक आग क साथ अहइ। इ बुराइ क एक पूरा संसार अहइ। इ जीभ हमरे सरीर क अंग मँ एक अइसेन अंग अहइ, जउन पूरा सरीर क नियन्त्रण मँ रखीके भ्रस्ट कइ डावइत ह अउर हमार पूरा जीवन चक्र मँ ही आग लगाइ देत ह। इ जीभ नरक क आग स धधकत रहत ह।
7 देखा, हर तरह क हिंसक पसु, पंछी, रेंगइवाला जीव जंतु अउर मछरी प्राणी मनई द्वारा बस मँ कीन्ह जाइ सकत ह अउर कीन्ह भी गवा अहइँ। 8 परन्तु जीभ क केउ भी मनई बस मँ नाहीं कइ सकत। इ घातक बिस स भरा एक अइसेन बुराइ अहइ जउन कभउँ चैन स नाहीं रहत। 9 हम इही जीभ स अपने पर्भू अउर परमेस्सर क स्तुति करत अही अउर इही जीभ स लोगन क जउन परमेस्सर क समानता मँ पैदा कीन्ह गवा अहइँ, मनइयन क कोसत अही। 10 एक्कइ मुँहे स स्तुति अउर अभिसाप दुन्नऊ निकरत हीं! मोर भाइयो तथा बहिनियो, अइसेन तउ न होइ चाही। 11 सोतन क एक्कइ मुहाने स भला का मीठ अउर खारा दुन्नऊ तरह क जल निकर सकत ह। 12 मोर भाइयो तथा बहिनियो, का अंजीर क पेड़े पे जइतून क लता प कभउँ अंजीर लगत ह? निस्चय ही नाहीं। अउर न तउ खारा स्रोत स कभउँ मीठ जल निकर पावत ह।
पतरस कहत ह ईसू अहइ मसीह
(मत्ती 16:13-20; लूका 9:18-21)
27 अउर ईसू अउर ओकर चेलन कैसरिया फिलिप्पी क पड़ोसी गाउँन मँ चलेन। ईसू राहे मँ चेलन स पूछेस, “लोग का कहत हीं कि मइँ कउन हउँ?”
28 अउर उ सबई जवाब दिहेन, “बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना। मुला दूसर कछू लोग एलिय्याह अउर दूसर कछू तोहका नबियन मँ एक नबी कहत हीं।”
29 फिन उ ओनसे पूछेस, “तू का कहत ह मइँ कउन हउँ?”
पतरस ओसे जवाब दिहेन, “तू मसीह अहा।”
30 तबहिं ईसू ओन चेलन क चितावनी दिहेस, कि ओकरे बारे मँ कउनो स जिन कहइँ।
ईसू द्वारा आपन मउत क भविस्सवाणी
(मत्ती 16:21-28; लूका 9:22-27)
31 अउर उ ओनका समझाउब सुरु करेस, “मनई क पूत क बहोत दुःख झेलइ पड़इ क होइ अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन, मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन स धकियाइ दीन्ह जाइ। अउर उ निहचइ ही मारि डावा जाइ अउर फिन उ तिसरे दिन जी उठी।” 32 ईसू ओनका इ बात सच सच बताइ दिहस।
फिन पतरस ओका एक कइँती लइ गवा अउर फटकारइ लाग। 33 मुला ईसू पाछे घूमि के आपन चेलन निहारेस अउर पतरस क फटकारि के कहेस, “सइतान! मोसे पाछे जा। परमेस्सर क बातन स तोहका कउनो मतलब नाहीं, मुला मनई क बातन्क तोहका मतलब अहइ।”
34 तब उ भीर क चेलन संग निअरे बोलाएस अउर उ ओनसे कहेस, “जदि कउनो मोरे पाछे आवा चाहत ह तउ उ आपन सब कछू तजि दे। ओका आपन क्रूस उठाइ लेइ चाही अउर ओका मोरे पाछे होइ चाही। 35 मुला जउन आपन जिन्नगी क बचावा चाहत ह, उ एका खोइ देइ। अउर जउन आपन जिन्नगी मोका अउर सुसमाचार बरे खोई उ एका बचावा चाही। 36 अगर कउनो मनई आपन आतिमा खोइ के समूची दुनिया लइ लेत ह, तउ ओसे का फाइदा? 37 अइसे कउनो मनई कउनो ठो चीज क बदले आतिमा नाहीं पाइ सकत। 38 जदि कउनो व्यभिचार अउर पापी पीढ़ी मँ मोर नाउँ अउर उपदेस क कारण सर्मात ह तउ मनई क पूत जब पवित्तर सरगदूतन क संग आपन परमपिता क महिमा लइ के आई तउ उहउ सर्माइ जाई।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.