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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 125

आरोहण गीत।

जउन लोग यहोवा क भरोसे रहत हीं, उ पचे सिय्योन क पहाड़ जइसे होइहीं।
    ओनका कबहुँ कउनो डुगाइ नाहीं पाई।
    उ पचे सदा ही अटल रइहीं।
यहोवा आपन लोगन क वइसे ही आपन आस्रय मँ लिहस ह, जइसे यरूसलेम चारिहुँ कइँती पहाड़न स घिरा बाटइ।
    यहोवा सदा-सर्वदा आपन लोगन क रच्छा करी।
बुरे लोग भले लोगन क धरती क ऊपर राज्ज नाहीं कइ सकिहीं,
    अगर बुरे लोग अइसा करइ लग जाइँ तउ होइ सकत ह सज्जन लोग भी बुरा काम करइ लागइँ।

हे यहोवा, भले लोगन क संग भला करा,
    जेनकर मन बेकसूर अहइँ।
मुला यहोवा ओन लोगन क सज़ा देइ
    जउन दुट्ठ मनई क संग ओनका मानइ तजि दिहस ह।

हुवाँ इस्राएल मँ सान्ति रहइ द्या।

नीतिवचन 8:1-31

सुबुद्धि क पुकार

का बुद्धि तोहका गोहरावत नाहीं अहइ?
    का समुझबूझ ऊँचकी अवाज स तोहका नाहीं बुलावत अहइ?
उ राह क किनारे ऊँचे ठउरन पइ
    अउर चौराहे पइ खड़ी रहत ह।
उ सहर क जाइवालन दुआरन क सहारे
    सिंह दुआर क ऊपर गोहराइके कहत ह,

“हे लोगो, मइँ तोहका गोहरावत हउँ,
    मइ समूची मानवजाति बरे अवाज उठावत हउँ।
अरे नादा ने लोगो! बुद्धिमानी स रहइ क सिखा
    तू जउन मूरख बना अहा समुझबूझ सिखा।
सुना। काहेकि मोरे लगे कहइ क उत्तिम बातन अहइँ,
    आपन मुँहन खोलति हउँ, जउन कहइ क उचित बा
मेरे मुखे स तउ उहइ निकरत ह जउन फुरइ अहइ,
    काहेकि मोरे ओंठन क दुट्ठता स घिन अहइ।
मोरे मुँहे स निकलइ वाले सबइ सब्द निआव स पूर्ण अहइ।
    ओन मँ स कउनो भी धोका देइ वाला नाहीं अहइ।
विचारवान मनई बरे उ सबइ साफ साफ अहइँ
    अउर गियानी जन बरे उ सबइ सब दोख रहित अहइँ।
10 चाँदी नाहीं बल्कि तू मोर हिदायत ग्रहण करा
    उत्तिम सोना नाहीं बल्कि तू मोर गियान ल्या।
11 सुबुद्धि रत्नन मणि माणिकन स जियादा कीमती अहइँ।
    तोहार अइसी मनचाही कउनो वस्तु स ओकर तुलना नाहीं होइ।”

सुबुद्धि का करत ह

12 “मइँ बुद्धि अउर गियान क संग रहत हउँ।
    नीक अउर विवेक मोर मीत अहइ।।
13 यहोवा स डरब, बुराई स घिना करब अहइ।
    स्वार्थीपन अउर घमण्ड, बुराइ क मारग झुटी मुँह स मइँ घिना करत हउँ।
14 मोर लगे परामर्स अउ गियान अहइ।
    मोरे लगे बुद्धि सक्ती अहइ।
15 मोरे ही सहारे राजा राज्ज करत हीं,
    अउर सासक नेम रचत हीं, जउन निआउ स पूर्ण अहइ।
16 केवल मोरी ही मदद स
    धरती क सबइ नीक सासक राज्ज चलावत हीं।
17 जउन मोहसे पिरेम करत हीं, मइँ भी ओनसे पिरेम करत हउँ,
    मोका जउन हेरत हीं, मोका पाइ लेत हीं।
18 सम्पत्तियन अउ आदर मोर संग अहइँ।
    मइँ खरी सम्पत्ति अउ जस देत हउँ।
19 मोर फल सोना स उत्तिम अहइँ।
    मइँ जउन उपजावत हउँ, उ सुद्ध-चाँदी स जियादा नीक अहइ।
20 मइँ निआउ क मारग क संग संग
    सत्य क मारग पइ चलत आवत हउँ।
21 मोहसे जउन पिरेम करतेन ओनका मइँ धन देत हउँ,
    अउर ओनकर भंडार भरि देत हउँ।

22 “यहोवा सबइ चिजियन क रचइ स पहिले
    आपन पुराने करमन स भी पहिले मोका रचेस ह।
23 मोर रचना सनातन काल मँ भइ रहा।
    धरती क रचान स पहिले मोर रचान भइ रहा।
24 जब मोरे रचना कीन्हा गवा रहा तब न तउ सागर रहा
    अउर न ही पानी क सोता रहेन।
25 मोका पहाड़न पहाड़ियन क थिर करइ स पहिले ही
    जन्म दीन्ह गवा।
26 धरती क रचना, या ओकर खेत या जब धरती क,
    धूल कण रचा गएन, ओसे पहिले मोका रचेस ह।
27 जब यहोवा अकासे क कायम किहे रहा ओहसे भी पहिले मोर अस्तित्व रहा।
    जब यहोवा सागार क पइ छितिज रेखा खिँचे रहा ओहसे भी पहिले मोर अस्तित्व रहा।
28 उ जब अकासे मँ सघन बादल टिकाए रहा,
    अउर गहिर सागर क पानी स भरे रहा तउ स भी मइँ हुवाँ रहा।
29 जब उ समुद्दर क चउहद्दी बाँधे रहा ताकि पानी ओहसे आगे न चला जाइ मइँ हुवाँ रहा।
    जब उ धरती क नेवन रखे रहा ओहेस पहिले मइँ राह।
30 तब मइँ ओकरे संग कुसल सिल्पी स रहेउँ, मइँ दिन-प्रतिदिन आनन्द स पूरिपूर्ण होत चली गएउँ।
    ओकर समन्वा हमेसा आनन्द मनावत।
31 ओकर पूरी दुनिया स मइँ आनन्दित रहेउँ।
    मोर खुसी समूचइ मानवता रही।

मत्ती 15:21-31

गैर यहूदी स्त्री क मदद

(मरकुस 7:24-30)

21 फिन ईसू उ ठउर क तजिके सूर अउ सैदा कइँती चला गवा। 22 हुवाँ क एक कनानी स्त्री आइ अउर चिचियाइ लाग, “हे पर्भू, दाऊद क पूत मोहे प दाया करा। मोरी बिटिया प दुस्ट आतिमा बुरी तरह स सवार अहइ।”

23 ईसू ओसे एक सब्द भी नाहीं कहेस, तउ ओकर चेलन ओकरे लगे आएन अउर बिनती करइ लागेन, “इ हमरे पाछे चिचिआत भई आवति अहइ। ऍका दूर हटावा।”

24 ईसू जवाब दिहेस, “मोका सिरिफ इस्राएल क लोगन क भटक गई भेड़न क बजाय कउनो अउर बरे नाहीं पठवा ग अहइ।”

25 तब उ स्त्री ईसू क समन्वा निहुरिके बिनती करेस, “हे पर्भू, मोर सहायता करा!”

26 जवाबे मँ ईसू कहेस, “इ ठीक नाहीं कि गदेलन क खइया लइके ओका कुकुरन क अगवा नाईं दीन्ह जाइ।”

27 उ बोली, “इ ठीक बाटइ पर्भू, मुला आपन मालिक क मेजे स गिरि गवा चूर चरावा मँ स थोड़ बहोत तउ घरे क कुकुर खाइ लेत ही।”

28 तब ईसू कहेस, “बिटिया, तोहार बिसवास बहोत मजबूत क अहइ। जउन तू चाहत ह, पूर होइ जाइ।” अउ फउरन ओकर बिटिया चंगी होइ गइ।

ईसू क बहोतन क चंगा करब

29 फिन ईसू हुवाँ स चल पड़ा अउर गलील झीले क किनारे पहुँच गवा। उ एक पहाड़े प चढ़िके बइठ गवा।

30 बहोत बड़ी भीड़ लँगड़ा, लूला, आँधर, अपाहिज, बहिरा, गूँगा अउर अइसे दूसर बेरमिया क लइके ओकरे लगे आवइ लागेन। भिड़िया ओकरे गोड़वा प भुइयाँ प डाइ दिहेस अउ ईसू ओन पचेन क चंगा किहेस। 31 ऍहसे भीड़ क मनइयन क, इ लखिके बहिर, गूँगा बोलत अहइँ, अपाहिज नीक होइ गएन, लँगड़ा लूला चलइ फिरइ लागेन अउ आँधर अब देख पावत हीं, बड़ा अचरज भवा। उ सबइ इस्राएल क परमेस्सर क सराहना करइ लागन।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.