Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आरोहण गीत।
1 जउन लोग यहोवा क भरोसे रहत हीं, उ पचे सिय्योन क पहाड़ जइसे होइहीं।
ओनका कबहुँ कउनो डुगाइ नाहीं पाई।
उ पचे सदा ही अटल रइहीं।
2 यहोवा आपन लोगन क वइसे ही आपन आस्रय मँ लिहस ह, जइसे यरूसलेम चारिहुँ कइँती पहाड़न स घिरा बाटइ।
यहोवा सदा-सर्वदा आपन लोगन क रच्छा करी।
3 बुरे लोग भले लोगन क धरती क ऊपर राज्ज नाहीं कइ सकिहीं,
अगर बुरे लोग अइसा करइ लग जाइँ तउ होइ सकत ह सज्जन लोग भी बुरा काम करइ लागइँ।
4 हे यहोवा, भले लोगन क संग भला करा,
जेनकर मन बेकसूर अहइँ।
5 मुला यहोवा ओन लोगन क सज़ा देइ
जउन दुट्ठ मनई क संग ओनका मानइ तजि दिहस ह।
हुवाँ इस्राएल मँ सान्ति रहइ द्या।
प्रस्तावना
1 दाऊद क पूत अउ इस्राएल क राजा सुलैमान क नीतिवचन (कहावतन)। 2 इ सबइ बातन क मनइ क बुद्धि क पावइ, अनुसासन क ग्रहण करइ, जेनसे समुझ स भरी बातन क गियान होइ, 3 मनई धरम स पूर्ण, निआव स पूर्ण सत्त्य स पूर्ण क करम करइ क विवेकसील अउर अनुसासन मँ रहइ क जिन्नगी पावइ, 4 सहल सोझवाले लोगन क इ सिखावाइ बरे कि विवेकसील जिन्नगी कइसे बिताइ जाइ, अउर जवान लोगन क गियान अउर बुद्धीमत्ता सिखावइ बरे, लिखा गवा अहइँ। 5 बुद्धिमान लोगन क ओनका सुनिके आपन बुद्धि अउर समुझदारी बढ़ावइ द्या। 6 एह बरे लिखा गवा, ताकि मनई नीतिवचन, गियानी क दृष्टान्तन क अउर पहेली भरी बातन क समुझ सकइँ।
7 यहोवा क डर मानब गियान क प्रारम्भ अहइ। मुला मूरख जन तउ बुद्धि अउ सिच्छा क निरर्थक मानत हीं।
विवेकपूर्ण बना चिताउनी: प्रलोभन स बचा
8 हे मोर पूत, आपन बाप क सिच्छा पइ धियान द्या अउर आपन महतारी क नसीहत क जिन बिसरा। 9 उ पचे तोहार मूँड़ सजावइ क मुकुट अउ सोभा स जोरइ तोहरे गले क हार बनिहीं। चिताउनी: बुरी संगत स बचा
10 हे मोर पूत, अगर पापी लोग तोहका बहलावइ फुसलावइ आवइँ ओनकर कबहुँ जिन मान्या। 11 अउर अगर उ पचे कहइँ, “आवा हमरे संग। आ, हम पचे कउनो क घाते मँ बइठी। आ, निर्दोख पइ छुपिके वार करी। 12 आ, हम पचे ओनका जिअत ही सारा क सारा लील जाइ वइसे ही जइसे कब्र लील लेत हीं। जइसे खाले पाताल मँ कहूँ फिसरत चला जात ह। 13 हम सबहिं बहोत कीमती चिजियन पाइ जाब अउर आपन इ लूट स घरवा भरि लेब। 14 आपन भाग्य क पाँसा हम लोग आपन बीच लोकावा, हम पचे सामुहिक बटुआ क सहभागी होब।”
15 हे मोर पूत, तू ओनकर राहन पइ जिन चला, तू आपन गोड़ ओन लोगन क राहे पइ जिन रखा।
16 काहेकि ओनकर गोड़ बुराई क ओर बढ़त हीं। उ पचे रकत बहावइ क बहोत सन्नध रहत हीं।
17 उ समइ जाल क फइलाना केतना बेकार अहइ जबकि पंछी पूरी तरह स लखत हीं। 18 जउन कउनो क रकत बहावइ क इंतजार मँ बइठा अहइँ उ पचे अपने आप जालि मँ फँसि जइहीं। 19 उ सबइ जउन बेइमानी क धन हासिल करइ क जतन करत ह उ पचे आपन जिन्नगी उहइ मँ खो देत हीं।
तू सबइ पापी अहा
2 अरे वो, सुना ह, मोर मित्र तू सब निआव करत अहा मुला तू उहइ करत अहा जउन बरे दूसरन का सजा देत अहा तू का कउनो बहाना नाहीं चल सकत अहा। उहइ स तू अपने आपको भी अपराधी सिद्ध करत अहा काहेकि तू जिन करमन क निआव करत अहा ओनका आप खुद भी करत अहा। 2 अब हम पचे इ सब जानइ लागिन कि जे अइसन काम करत ह ओनका परमेस्सर उचित निरनय देत ह। 3 मुला मोर दोस्त तू सुना, तू का सोचत ह कि जउने बरे तू दूसरन पर निरनय देत अहा अउर अपनउ उहइ काम करत ह तउ तू का समझत अहा कि तू परमेस्सर क निआव स बच सकत ह। 4 या तू ओकरे अनुग्रह ब सहनसीलता अउर धीरज का हीन समझत बाट्या तू लोगन इ बात क अपेक्षा करत अहा कि परमेस्सर क अनुग्रह तोहार मनफिराव करत अहइ।
5 मुला तू पचे जान ल्या कि अपने कठोरता अउर कबहुँ न पछताइवाले मन क कारण तू परमेस्सर क गुस्सा का बहोत दिना बरे बटोरत अहा जब परमेस्सर क सचमुच निआव परगट होइ। 6 परमेस्सर सबन का ओकरे करतब क कारण फल चखाई। 7 जे अच्छा काम करत बा, परमेस्सर क महिमा आदर अउर अमरता का खोजत बा, उ सब तो अनन्त जीवन पइहीं। 8 मुला जे अपने स्वारथ स सत्य पर नहीं चलिके बस अधरम करत बाटेन ओन्हन का ओकरे बदले मँ क्रोध व प्रकोप मिली। 9 उ सब मनइयन पै दुःख अउर संकट आई जे अधरम पर चलत अहइँ। पहले यहूदियन फिन उ लोग जे गैर यहूदियन अहइँ। 10 इहइ तरह जे कोइ अच्छाई प चलइ ओका महिमा स आदर अउर सान्ति मिली, पहले यहूदियन क फिन गैर यहूदियन अहइँ। 11 काहेकि परमेस्सर केहू क साथे भेदभाव नाहीं करत।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.