Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 125

आरोहण गीत।

जउन लोग यहोवा क भरोसे रहत हीं, उ पचे सिय्योन क पहाड़ जइसे होइहीं।
    ओनका कबहुँ कउनो डुगाइ नाहीं पाई।
    उ पचे सदा ही अटल रइहीं।
यहोवा आपन लोगन क वइसे ही आपन आस्रय मँ लिहस ह, जइसे यरूसलेम चारिहुँ कइँती पहाड़न स घिरा बाटइ।
    यहोवा सदा-सर्वदा आपन लोगन क रच्छा करी।
बुरे लोग भले लोगन क धरती क ऊपर राज्ज नाहीं कइ सकिहीं,
    अगर बुरे लोग अइसा करइ लग जाइँ तउ होइ सकत ह सज्जन लोग भी बुरा काम करइ लागइँ।

हे यहोवा, भले लोगन क संग भला करा,
    जेनकर मन बेकसूर अहइँ।
मुला यहोवा ओन लोगन क सज़ा देइ
    जउन दुट्ठ मनई क संग ओनका मानइ तजि दिहस ह।

हुवाँ इस्राएल मँ सान्ति रहइ द्या।

नीतिवचन 4:10-27

10 सुना, हे मोर पूत! जउन कछू मइँ कहत हउँ तू ओका ग्रहण करा। तू अनगिनत बरिस जिअत रहब्या। 11 मइँ तोहका बुद्धि क मागेर् पइ चलइ क राह देखावत हउँ, अउर सरल मार्गन पइ अगुवाई करत हउँ। 12 जब तू अगवा बढ़ब्या तोहार गोड़ रूकावट नाहीं पइहीं, अउर जब तू दउड़ब्या ठोकर नाहीं खाब्या। 13 सिच्छा क थामे रहा, ओका तू जिन छो़ड़ा। एकर रखवारी करा। इहइ तोहार जिन्नगी अहइ।

14 तू दुट्ठ लोगन क राहे पइ कदम जिन धरा। बुरे लोगन क राहे पइ जिन चला। 15 तू एहसे बचत रहा। एह क ओर कदम जिन बढ़ावा। एहसे तू मुड़ि जा अउर एकरे बगल स गुजर जा। 16 उ पचे बुरे करम किए बगैर सोइ नाहीं पउतेन। उ पचे नींद खोइ चुकत हीं जब तलक कउनो क नाहीं गिरउतेन। 17 उ पचे तउ बस हमेसा नीच होइ क रोटी खात हीं अउर हिंसा क दाखरस पिअत हीं।

18 मुला नीक लोगन क राह वइसे होत ह जइसे भिंसारे क किरण होत ह, जउन दिन क पूर्ण होइ तलक आपन प्रकास मँ बढ़त ही चली जात ह। 19 मुला दुठ्न लोगन क मारग अँधियारा जइसा होत ह। उ पचे नाहीं जानत ह कि केकर कारण उ पचे ठोकर खात ह या गिरत ह।

20 हे मोर पूत, जउन कछू मइँ कहत हउँ ओह पइ तू धियान द्या। मोर बचनन क तू कान लगाइके सुना। 21 ओनका आपन दृस्टि स ओझर जिन होइ द्या। आपन हिरदय पइ तू ओनका धरे रहा। 22 काहेकि जउन ओनका पावत हीं ओनके बरे उ सबइ जिन्नगी बन जात हीं अउर उ पचे एक मनई क संपूर्ण तने क तन्दुरूस्ती बनत हीं। 23 सबन स बड़की बात इ अहइ कि तू आपन विचार क बारे मँ होसियार रहा। काहेकि तोहार विचार जिन्नगी क कब्जे मँ राखत हीं।

24 तू आपन मुँह स कुटिलता क दूर राखा। तू आपन ओंठन स गलत बात दूर राखा। 25 आपन आंखिन क हमेसा सिधे रखा, आपन पलकन क समन्वा क ओर रखा। 26 आपन गोड़न बरे तू सोझ मारग बनावा। बस तू ओन राहन पइ चला जउन निहचइ ही सुरच्छित अहइँ। 27 दाहिने क या बाएँ क जिन डुगा। तू आपन गोड़न क बुराई स रोके रहा।

रोमियन 2:12-16

12 जे व्यवस्था क पाए बगैर पाप किहेन उ सब व्यवास्था क बाहेर ही उ छिन्न होइ जइहीं अउर जे व्यवस्था मँ रहिके पाप किहेन ओनकइ निपटारा व्यवस्था क अन्दरइ दण्ड दीन्ह जाई। 13 काहेकि जे कोई सिरफ व्यवस्था क कथा सुनत ह परमेस्सर की दृष्टि मँ धर्मी नाहीं अहइ बल्कि जे व्यवस्था पर चलत अहइँ उही धरमी कहरावा जइही।

14 सो जब गैर यहूदियन जेनके लगे व्यवस्था नाहीं बा, सुभाव स व्यवस्था क बातन पर चलत ह, तउ चाहे ओनके पास व्यवस्था न भी होइ तउ भी उ आपन व्यवस्था खुद ही अहइँ। 15 उ लोगन अपने मन प लिखे व्यवस्था क करमन का देखावत बाटेन। ओनके विवेक ओनकइ साच्छी अहइँ। ओनके मानसिक संघर्ष ओनका अपराधी व निरदोस कहत अहइ।

16 इ सब बातन उ दिना होइही जउने दिना परमेस्सर मनइयन क छुपी बातन क, जउने क मइँ उपदेस देइत हउँ इ उ सुसमाचार क मुताबिक मसीह ईसू निआव करी।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.