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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 73:1-20

तीसर भाग

(भजन 73–89)

आसाफ क गीत।

इस्राएल बरे परमेस्सर नीक अहइ।
    परमेस्सर ओन लोगन बरे नीक होत ह जेनकर हिरदइ पवित्तर अहइ।
मइँ तउ करीब-करीब फिसल गवा रहा
    अउर मइँ तउ करीब-करीब गिर गवा रहा।
काहेकि मइँ लखेउँ कि पापी सफल होत अहइँ अउर सान्ति स रहत अहइँ।
    तउ ओन अभिमानी लोगन स मोका जलन भइ।
उ सबइ लोग तन्दुरुस्त अहइँ।
    ओनके जिन्नगी मँ कउनो संघर्स नाहीं अहइ।
ओन अहंकारी लोग दूसर लोगन क नाईं परेसानी नाहीं उठावत हीं।
    उ पचे दूसर क नाई तकलीफ नाहीं झेलत हीं।
एह बरे उ पचे सदा अहंकार स भरा रहत हीं।
    अउर उ पचे हिंसा स भी भरा भवा रहत हीं।
उ पचे बुरे बिचारन स भरा भवा अहइँ
    अउर उ पचे बुरे जोजना मँ बह गवा रहेन।
उ पचे लोगन क बारे चिन्ता नाहीं करत हीं अउर ओनका सोसण करइ बरे बुरी जोजना बनावत हीं।
    उ पचे घमण्ड मँ बात करत हीं।
उ घमण्डी लोगन अइसे बात करत हीं जइसे उ पचे देवता अहइँ।
    उ पचे अइसे बात करत हीं जइसे उपचे धरती क सासक हीं।
10 ऍह बरे हिआँ तलक कि परमेस्सर क जन भी ओन दुट्ठन कइँती मुड़त अउर जइसा उ पचे कहत हीं,
    वइसा बिस्सास कइ लेत हीं।
11 उ सबइ दुट्ठ जन कहत ही,
    “हमरे ओन कामन क परमेस्सर नाहीं जानत जेनका हम करत अही।”

12 दुट्ठ जन आराम क जिन्नगी जिअत हीं
    अउर उ पचे धनवान होत चला जात हीं।
13 तउ मोका आपन हिरदय क पवित्तर रखइ क का लाभ अहइ!
    आपन मूँड़े क निर्मल रखइ क का लाभ अहइ!
14 हे परमेस्सर, मइँ सारे ही दिन दुःख भोगा करत हउँ।
    तू हर भिन्सारे मोका दण्ड देत अहा।

15 हे परमेस्सर, मइँ इ सबइ बातन दूसरन क बतावइ क निर्णय कइ लिहे रहेउँ।
    मुला मइँ जानत रहेउँ कि मइँ तोहार लोगन क धोका देते रहेउँ।
16 ऍन बातन क समुझइ क, मइँ जतन किहेउँ
    मुला ऍनका समुझब मोरे बरे बहोत कठिन रहा।
17 जब तलक मई परमेस्सर क मन्दिर मँ नाहीं गवा
    तब तलक मइँ एका नाहीं समुझेउँ।
18 हे परमेस्सर, फुरइ तू ओन लोगन क भाग फिसलइ वाले मार्ग मँ राख्या ह।
    तू ओन लोगन क गिरइ द्या अउर बर्बाद होइ द्या।
19 एकाएक ओन पइ विपत्ति अइहीं।
    उ सबइ घमण्डी लोग बरबाद होइ जात हीं।
ओनके संग भयंकर घटना घटिहीं।
    अउर फुन ओनकर अंत होइ जात ह।
20 हे यहोवा, उ सबइ मनई अइसे होइहीं
    जइसे सपन जेका हम जागत ही बिसरि जात अहीं।
ऍह बरे तू अइसे लोगन क
    हमरे सपन क भयानक जानवर क नाई अछन्न कइ द्या।

नीतिवचन 11

11 यहोवा छले क तराजू स घिना करत ह, मुला ओकर आंनद सही नाप-तौल पइ अहइ।

अभिमान क संग अपमान आवत ह, मुला नम्रता क संग विवेक आवत ह।

इमानदार लोगन क नेकी ओनकर अगुवाई करत ह, मुला बिस्सासघाती क कपट ओनका विनास करत ह।

जब परमेस्सर लोगन क परखत ह तउ धन बियर्थ रहत ह। इ काम नाहीं आवत ह। मुला तब नेकी लोगन क मउत स बचावत ह।

नेकी निर्दोख जन बरे मारग सरल सोझ बनावत ह, मुला दुट्ठ जन क ओकर आपन ही दुट्ठई धूरि चटाइ देत ह।

नेकी सज्जन लोगन क छोड़ावत ह। मुला धोकाबाज आपन ही बुरे जोजना जालि क मँ फँस जात ह।

जब दुट्ठ मरत ह तउ ओकर बरे कउनो आसा नाही रहत ह। बुरे मनइ क आसा बियर्थ होइ जाइ।

धर्मी जन तउ बिपत्ति स छुटकारा पाइ लेत ह, जबकि ओकरे बदले उ दुट्ठ पइ आइ पड़त ह।

बुरे लोगन क वाणी आपन पड़ोसी क लइ बूड़त ह। मुला गियान क जरिये धर्मी जन तउ बचि निकरत ह।

10 धर्मी क विकास सहर क आनन्द स भरि देत ह। जबकि दुट्ठ क नास हर्सनाद उपजावत।

11 सच्चे जने क आसीस तउ सहर क ऊँच उठाइ देत ह मुला दुट्ठ क बातन खाले गिराइ देत हीं।

12 अइसा मनई जेकरे लगे विवेक नाहीं होत, उ आपन पड़ोसी क अपमान करत ह, मुला समुझदार मनई चुपचाप रहत ह।

13 जउन अफवाह फैलावत ह उ भेद परगट करत ह, किन्तु बिस्सासी जन भेद क छुपावत ह।

14 जहाँ मारग दर्सन नाहीं, हुआँ रास्ट्र पतित होत ह, मुला बहुत सलाहकार जीत क सुनिस्चित करत हीं।

15 जउन अनजाने मनइयन क जामिन बनत ह, उ निहचइ ही पीड़ा उठाइ। मुला जउन जामिन बनावइ स बचत ह उ आपन आप क सुरच्छा करत ह।

16 दयालु मेहरारू तउ आदर पावत ह जबकि क्रूर मनई क लाभ सिरिफ धन अहइ।

17 दयालु मनई खुद आपन भला करत ह, जबकि निर्दयी मनई खुद पइ विपत्ति लिआवत ह।

18 दुट्ठ जन कपट भरी कमाई कमाता ह, मुला जउन नेकी क बोवत ह, ओका तउ सच्चा प्रतिफले क पाउब अहइ।

19 उ जउन धार्मिकता मँ मजबूत अहइ लम्बी उमिर पावत ह। किन्तु जउन बुराई क अनुसरण करत ह कुसमइ मरि जात ह।

20 कुटिल जनन स, यहोवा घिना करत ह मुला उ ओनसे खुस होत ह जेनका जिन्नगी स्वच्छ होत हीं।

21 इ जाना निहचित अहइ कि दुट्ठ जन कबहुँ सजा स नाहीं बचिहीं। किन्तु धर्मी जन अउर ओनकर गदेलन सजा स बचिहीं।

22 जउन नीक बुरा मँ फरक नाहीं करत, उ मेहरारू क सुन्नरता अइसी अहइ जइसे कउनो सुअरे क थूथुन मँ सोना क नथुनी।

23 धर्मी मनई क अभिलासा क भलाई मँ अंत होत ह। मुला दुट्ठ क आसा सिरिफ किरोध मँ अंत होत ह।

24 जउन उदार अजाद भाव स दान देत ह, उन्नती करिहीं। मुल उ जउन ओन चिजियन क आपन लगे रखत ह जेका देइ चाही, ओकर लगे उ नाही होइ जेन्का जरुरत ओका अहइ।

25 उदार जन तउ हमेसा, फूली फली अउर जउन दूसरन क पिआस बुझाइ, ओकर तउ पिआस अपने आप ही बुझी।

26 अन्न क जमाखोर लोगन क गारी खात हीं, मुला जउन ओका बेचइ क राजी होत ह ओकरे मूँड़ बरदान क मकुट स सजत ह।

27 जउन भलाई पावइ क जतन करत ह उहइ जस पावत ह; मुला जउन बुराई क पाछे पड़ा रहत ओकरे तउ हथवा बुराई ही लागत ह।

28 जउन कउनो आपन धने क भरोसा करत ह, झरि जाइ उ बेजीव झुरान पाते जइसा; मुला धर्मी जन नवी हरियर कोंपर स हरा-भरा ही रही।

29 जउने आपन घराने पइ अपमान लिआइ ओका कछू भी नाही मिली। एक मूरख, बुद्धिमान क दास बनिके रही।

30 धर्मी मनई क करम-फल “जिन्नगी क बृच्छ” अहइ, अउर जउन जन आतिमान क जीत लेत ह, उहइ बुद्धिमान अहइ।

31 अगर इ धरती पइ धर्मी जन आपन उचित प्रतिफल पावत हीं, तउ फुन पापी अउ दुट्ठ जन आपन कुकरमन क केँतना फल हिआँ पइहीं।

इब्रनियन 12:3-13

ओकर धियान करा जे पापियन क अइसेन विरोध एह बरे सहन किहेस ताकि थकिके तोहार मन हार न मानि बइठइ।

परमेस्सर पिता जइसा

पाप क बिरुद्ध आपन संघर्स मँ तोहे सबन क एतॅना नाहीं अड़इ पड़ा रहा कि आपन लहू बहावइ पड़ा होइ। तू उ साहसपूर्ण बचन क भूलि गवा अहा। जउन तोहरे बेटवा नाते सम्बोधित अहइः

“मोर बेटवा, पर्भू क अनुसासन क महत्व को समझइ मँ असफल न ह्वा।
    तिरस्कार जिन करा, ओकरे फटकार क बुरा कबहुँ जिन माना
काहेकि पर्भू ओनका अनुसासन करत ह।
    उ जेनसे पिरेम करत ह।
    अउर जइसेन बेटवा बनाइ लेत अहइ, ओनका दंड भी देत ह।” (A)

कठिनाइ क अनुसासन क रूप मँ सहन करा। परमेस्सर तोहरे साथे अपने बेटवा क समान व्यवहार करत ह। अइसा बेटवा के होइ जउन अपने बाप क द्वारा अऩुसासित न भवा होइ? अगर तोहे अइसेन नाहीं दण्डित कीन्ह गवा होइ जइसेन सबन क दण्ड दीन्ह जात ह तउ तू अपने बाप स पैदा भवा बेटवा नाहीं अहा। तउ सच्चा सन्तान नाहीं अहा। अउर फिन इहउ कि एन सबन क उ बापउ जे हमरे सरीर क जन्म दिहे अहइ, हमका सिधावत अहइ। अउर एकरे बरे हम ओन्हे मान देइ ह तउ फिन हमका आपन आतिमन क बाप क अनुसासन क तउ केतना जियादा अधीन रहत भए जिअत चाही। 10 हमार बाप तउ तनिक समइ मँ जइसा उ नीक समझेस, हमका दंडित किहेस। हमका दण्ड, मुला परमेस्सर हमका हमार भलाइ क बरे दण्डित करत ह, जइसेन हम ओकर पवित्रता क सहभागी होइ सकी। 11 लोगन क जउने समइ सिधावा जात ह, ओह समइ सिधाउब अच्छा नाहीं लागत, बल्कि उ दुखद लागत ह मुला कछू भी होइ, उ जउन एकरे द्वारा सिधावा जाइ चुका बाटेन, ओनके बरे इ आगे चलिके नेकी अउर सान्ति क सुफल प्रदान करत ह।

चेतावनी: कइसे रहा

12 इही बरे आपन कमजोर भुजा अउर कमजोर घुटनन क सबल बनावा। 13 अपने गोड़न क बरे रस्ता बनावा तू समतल। तकि जउन लँगड़ा हयेन, उ अपंग नाहीं, वरन चंगा होइ जाइँ।

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Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.