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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 112

यहोवा की प्रशंसा करो!
ऐसा व्यक्ति जो यहोवा से डरता है। और उसका आदर करता है।
    वह अति प्रसन्न रहेगा। परमेश्वर के आदेश ऐसे व्यक्ति को भाते हैं।
धरती पर ऐसे व्यक्ति की संतानें महान होंगी।
    अच्छे व्यक्तियों कि संताने सचमुच धन्य होंगी।
ऐसे व्यक्ति का घराना बहुत धनवान होगा
    और उसकी धार्मिकता सदा सदा बनी रहेगी।
सज्जनों के लिये परमेश्वर ऐसा होता है जैसे अंधेरे में चमकता प्रकाश हो।
    परमेश्वर खरा है, और करूणापूर्ण है और दया से भरा है।
मनुष्य को अच्छा है कि वह दयालु और उदार हो।
    मनुष्य को यह उत्तम है कि वह अपने व्यापार में खरा रहे।
ऐसा व्यक्ति का पतन कभी नहीं होगा।
    एक अच्छे व्यक्ति को सदा याद किया जायेगा।
सज्जन को विपद से डरने की जरूरत नहीं।
    ऐसा व्यक्ति यहोवा के भरोसे है आश्वस्त रहता है।
ऐसा व्यक्ति आश्वस्त रहता है।
    वह भयभीत नहीं होगा। वह अपने शत्रुओं को हरा देगा।
ऐसा व्यक्ति दीन जनों को मुक्त दान देता है।
    उसके पुण्य कर्म जिन्हें वह करता रहता है
    वह सदा सदा बने रहेंगे।
10 कुटिल जन उसको देखेंगे और कुपित होंगे।
    वे क्रोध में अपने दाँतों को पीसेंगे और फिर लुप्त हो जायेंगे।
    दुष्ट लोग उसको कभी नहीं पायेंगे जिसे वह सब से अधिक पाना चाहते हैं।

नीतिवचन 15:13-17

13 मन की प्रसन्नता मुख को चमकाती, किन्तु मन का दर्द आत्मा को कुचल देता है।

14 जिस मन को भले बुरे का बोध होता है वह तो ज्ञान की खोज में रहता है किन्तु मूर्ख का मन, मूढ़ता पर लगता है।

15 कुछ गरीब सदा के लिये दुःखी रहते हैं, किन्तु प्रफुल्लित चित उत्सव मनाता रहता है।

16 बैचेनी के साथ प्रचुर धन उत्तम नहीं, यहोवा का भय मानते रहने से थोड़ा भी धन उत्तम है।

17 घृणा के साथ अधिक भोजन से, प्रेम के साथ थोड़ा भोजन उत्तम है।

1 पतरस 3:8-12

सतकर्मों के लिए दुःख झेलना

अन्त में तुम सब को समानविचार, सहानुभूतिशील, अपने बन्धुओं से प्रेम करने वाला, दयालु और नम्र बनना चाहिए। एक बुराई का बदला दूसरी बुराई से मत दो। अथवा अपमान के बदले अपमान मत करो बल्कि बदले में आशीर्वाद दो क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हें ऐसा ही करने को बुलाया है। इसी से तुम्हें परमेश्वर के आशीर्वाद का उत्तराधिकार मिलेगा। 10 शास्त्र कहता है:

“जो जीवन का आनन्द उठाना चाहे
    जो समय की सद्गति को देखना चाहे
उसे चाहिए वह कभी कहीं बुरे बोल न बोले।
    वह अपने होठों को छल वाणी से रोके
11 उसे चाहिए वह मुँह फेरे उससे जो नेक नहीं होता वह उन कर्मों को सदा करे जो उत्तम हैं,
    उसे चाहिए यत्नशील हो शांति पाने को उसे चाहिए वह शांति का अनुसरण करे।
12 प्रभु की आँखें टिकी हैं उन्हीं पर जो उत्तम हैं
    प्रभु के कान लगे उनकी प्रार्थनाओं पर जो बुरे कर्म करते हैं,
प्रभु उनसे सदा मुख फेरता है।”(A)

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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