Revised Common Lectionary (Complementary)
आसाप का एक स्तुति गीत।
1 परमेश्वर देवों की सभा के बीच विराजता है।
उन देवों की सभा का परमेश्वर न्यायाधीश है।
2 परमेश्वर कहता है, “कब तक तुम लोग अन्यायपूर्ण न्याय करोगे?
कब तक तुम लोग दुराचारी लोगों को यूँ ही बिना दण्ड दिए छोड़ते रहोगे?”
3 अनाथों और दीन लोगों की रक्षा कर,
जिन्हें उचित व्यवहार नहीं मिलता तू उनके अधिकारों कि रक्षा कर।
4 दीन और असहाय जन की रक्षा कर।
दुष्टों के चंगुल से उनको बचा ले।
5 “इस्राएल के लोग नहीं जानते क्या कुछ घट रहा है।
वे समझते नहीं!
वे जानते नहीं वे क्या कर रहे हैं।
उनका जगत उनके चारों ओर गिर रहा है।”
6 मैंने (परमेश्वर) कहा, “तुम लोग ईश्वर हो,
तुम परम परमेश्वर के पुत्र हो।
7 किन्तु तुम भी वैसे ही मर जाओगे जैसे निश्चय ही सब लोग मर जाते हैं।
तुम वैसे मरोगे जैसे अन्य नेता मर जाते हैं।”
8 हे परमेश्वर, खड़ा हो! तू न्यायाधीश बन जा!
हे परमेश्वर, तू सारे ही राष्ट्रों का नेता बन जा!
परमेश्वर का पवित्र सन्दूक अपने घर लौटाया गया
6 पलिश्तियों ने पवित्र सन्दूक को अपने देश में सात महीने रखा। 2 पलिश्तियों ने अपने याजक और जादूगरों को बुलाया। पलिश्तियों ने कहा, “हम यहोवा के सन्दूक का क्या करें? बताओ कि हम कैसे सन्दूक को वापस इसके घर भेजें?”
3 याजकों और जादूगरों ने उत्तर दिया, “यदि तुम इस्राएल के परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को भेजते हो तो, इसे बिना किसी भेंट के न भेजो। तुम्हें इस्राएल के परमेश्वर को भेंटें चढ़ानी चाहिये। जिससे इस्राएल का परमेश्वर तुम्हारे पापों को दूर करेगा। तब तुम स्वस्थ हो जाओगे। तुम पवित्र हो जाओगे। तुम्हें यह इसलिए करना चाहिए जिससे कि परमेश्वर तुम लोगों को दण्ड देना बन्द करे।”
4 पलिश्तयों ने पूछा, “हम लोगों को कौन सी भेंट, अपने को क्षमा कराने के लिये इस्राएल के परमेश्वर को भेजनी चाहिये?”
याजकों और जादूगरों ने कहा, “यहाँ पाँच पलिश्ती प्रमुख हैं। हर एक नगर के लिये एक प्रमुख है। तुम सभी लोगों और तुम्हारे प्रमुखों की एक ही समस्या है। इसलिए तुम्हे पाँच सोने के ऐसे नमूने जो पाँच फोड़ों के रुप में दिखने वाले बनाने चाहिये और पाँच नमूने पाँच चूहों के रूप में दिखने वाले बनाने चाहिए। 5 इस प्रकार फोड़ों के नमूने बनाओ और चूहों के नमूने बनाओ जो देश को बरबाद कर रहे हैं। इस्राएल के परमेश्वर को इन सोने के नमूनों को भुगतान के रूप में दो। तब यह संभव है कि इस्राएल का परमेश्वर तुमको, तुम्हारे देवताओं को, और तुम्हारे देश को दण्ड देना रोक दे। 6 फ़िरौन और मिस्रियों की तरह हठी न बनो। परमेश्वर ने मिस्रियों को दण्ड दिया। यही कारण था कि मिस्रियों ने इस्राएलियों को मिस्र छोड़ने दिया।
7 “तुम्हें एक नई बन्द गाड़ी बनानी चाहिए और दो गायें जिन्होंने अभी बछड़े दिये हों लानी चाहिए। ये गायें ऐसी होनी चाहिये जिन्होंने खेतों में काम न किया हो। गायों को बन्द गाड़ी में जोड़ो और बछड़ों को घर लौटा ले जाओ। बछड़ों को गौशाला में रखो। उन्हें अपनी माताओं के पीछे न जाने दो।[a] 8 यहोवा के पवित्र सन्दूक को बन्द गाड़ी में रखो। तुम्हें सोने के नमूनों को थैले में सन्दूक के बगल में रखना चाहिये। तुम्हारे पापों को क्षमा करने के लिये सोने के नमूने परमेश्वर के लिये तुम्हारी भेंट हैं। बन्द गाड़ी को सीधे इसके रास्ते पर भेजो। 9 बन्द गाड़ी को देखते रहो। यदि बन्द गाड़ी बेतशेमेश की ओर इस्राएल की भूमि में जाती है, तो यह संकेत है कि यहोवा ने हमें यह बड़ा रोग दिया है। किन्तु यदि गायें बेतशेमेश को नहीं जातीं, तो हम समझेंगे कि इस्राएल के परमेश्वर ने हमें दण्ड नहीं दिया है। हम समझ जायेंगे कि हमारी बीमारी स्वतः ही हो गई।”
10 पलिश्तियों ने वही किया जो याजकों और जादूगरों ने कहा। पलिश्तियों ने वैसी दो गायें लीं जिनहोने शीघ्र ही बछड़े दिये थे। पलिश्तिययों ने गायों को बन्द गाड़ी से जोड़ दिया। पलिश्तियों ने बछडों को घर पर गौशाला में रखा। 11 तब पलिश्तियों ने यहोवा के पवित्र सन्दूक को बन्द गाड़ी में रखा। 12 गायें सीधे बेतशेमेश को गईं। गायें लगातार रंभाती हुई सड़क पर टिकी रहीं। गायें दायें या बायें नहीं मुड़ीं। पलिश्ती शासक गायों के पीछे बेतशेमेश की नगर सीमा तक गए।
13 बेतशेमेश के लोग घाटी में अपनी गेहूँ की फसल काट रहे थे। उन्होंने निगाह उठाई और पवित्र सन्दूक को देखा। वे सन्दूक को फिर देखकर बहुत प्रसन्न हुए। वे उसे लेने के लिये दौड़े। 14-15 बन्द गाड़ी उस खेत में आई जो बेतशेमेश के यहोशू का था। इस खेत में बन्द गाड़ी एक विशाल चट्टान के सामने रूकी। बेतशेमेश के लोगों ने बन्द गाड़ी को काट दिया। तब उन्होंने गायों को मार डाला। उन्होंने गायों की बलि यहोवा को दी।
लेवीवंशियों ने यहोवा के पवित्र सन्दूक को उतारा। उन्होंने उस थैले को भी उतारा जिसमें सोने के नमूने रखे थे। लेवीवंशियों ने यहोवा के सन्दूक और थैले को विशाल चट्टान पर रखा।
उस दिन बेतशेमेश के लोगों ने यहोवा को होमबलि चढ़ाई।
16 पाँचों पलिश्ती शासकों ने बेतशेमेश के लोगों को यह सब करते देखा। तब वे पाँचों पलिश्ती शासक उसी दिन एक्रोन लौट गए।
15 “इसलिए जब तुम लोग ‘भयानक विनाशकारी वस्तु को,’ जिसका उल्लेख दानिय्येल नबी द्वारा किया गया था, मन्दिर के पवित्र स्थान पर खड़े देखो।” (पढ़ने वाला स्वयं समझ ले कि इसका अर्थ क्या है) 16 “तब जो लोग यहूदिया में हों उन्हें पहाड़ों पर भाग जाना चाहिये। 17 जो अपने घर की छत पर हों, वह घर से बाहर कुछ भी ले जाने के लिए नीचे न उतरें। 18 और जो बाहर खेतों में काम कर रहें हों, वह पीछे मुड़ कर अपने वस्त्र तक न लें।
19 “उन स्त्रियों के लिये, जो गर्भवती होंगी या जिनके दूध पीते बच्चे होंगे, वे दिन बहुत कष्ट के होंगे। 20 प्रार्थना करो कि तुम्हें सर्दियों के दिनों या सब्त के दिन भागना न पड़े। 21 उन दिनों ऐसी विपत्ति आयेगी जैसी जब से परमेश्वर ने यह सृष्टि रची है, आज तक कभी नहीं आयी और न कभी आयेगी।
22 “और यदि परमेश्वर ने उन दिनों को घटाने का निश्चय न कर लिया होता तो कोई भी न बचता किन्तु अपने चुने हुओं के कारण वह उन दिनों को कम करेगा।
23 “उन दिनों यदि कोई तुम लोगों से कहे, ‘देखो, यह रहा मसीह!’ 24 या ‘वह रहा मसीह’ तो उसका विश्वास मत करना। मैं यह कहता हूँ क्योंकि कपटी मसीह और कपटी नबी खड़े होंगे और ऐसे ऐसे आश्चर्य चिन्ह दिखायेंगे और अदभुत काम करेंगे कि बन पड़े तो वह चुने हुओं को भी चकमा दे दें। 25 देखो मैंने तुम्हें पहले ही बता दिया है।
26 “सो यदि वे तुमसे कहें, ‘देखो वह जंगल में है’ तो वहाँ मत जाना और यदि वे कहें, ‘देखो वह उन कमरों के भीतर छुपा है’ तो उनका विश्वास मत करना। 27 मैं यह कह रहा हूँ क्योंकि जैसे बिजली पूरब में शुरू होकर पश्चिम के आकाश तक कौंध जाती है वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी प्रकट होगा!
© 1995, 2010 Bible League International