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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 35:1-10

दाऊद को समर्पित।

हे यहोवा, मेरे मुकद्दमों को लड़।
    मेरे युद्धों को लड़!
हे यहोवा, कवच और ढाल धारण कर,
    खड़ा हो और मेरी रक्षा कर।
बरछी और भाला उठा,
    और जो मेरे पीछे पड़े हैं उनसे युद्ध कर।
हे यहोवा, मेरी आत्मा से कह, “मैं तेरा उद्धार करुँगा।”

कुछ लोग मुझे मारने पीछे पड़े हैं।
    उन्हें निराश और लज्जित कर।
    उनको मोड़ दे और उन्हें भगा दे।
मुझे क्षति पहुँचाने का कुचक्र जो रचा रहे हैं
    उन्हें असमंजस में डाल दे।
तू उनको ऐसा भूसे सा बना दे, जिसको पवन उड़ा ले जाती है।
    उनके साथ ऐसा होने दे कि, उनके पीछे यहोवा के दूत पड़ें।
हे यहोवा, उनकी राह अन्धेरे और फिसलनी हो जाए।
    यहोवा का दूत उनके पीछे पड़े।
मैंने तो कुछ भी बुरा नहीं किया है।
    किन्तु वे मनुष्य मुझे बिना किसी कारण के, फँसाना चाहते हैं। वे मुझे फँसाना चाहते हैं।
सो, हे यहोवा, ऐसे लोगों को उनके अपने ही जाल में गिरने दे।
    उनको अपने ही फंदो में पड़ने दे,
    और कोई अज्ञात खतरा उन पर पड़ने दे।
फिर तो यहोवा मैं तुझ में आनन्द मनाऊँगा।
    यहोवा के संरक्षण में मैं प्रसन्न होऊँगा।
10 मैं अपने सम्पूर्ण मन से कहूँगा,
    हे “यहोवा, तेरे समान कोई नहीं है।
तू सबलों से दुर्बलों को बचाता है।
    जो जन शक्तिशाली होते हैं, उनसे तू वस्तुओं को छीन लेता है और दीन और असहाय लोगों को देता है।”

गिनती 22:1-21

बिलाम और मोआब का राजा

22 तब इस्राएल के लोगों ने मोआब के मैदान की यात्रा की। उन्होंने यरीहो के उस पार यरदन नदी के निकट डेरा डाला।

2-3 सिप्पोर के पुत्र बालाक ने एमोरी लोगों के साथ इस्राएल के लोगों ने जो कुछ किया था, उसे देखा था औ मोआब बहुत अधिक भयभीत था क्योंकि वहाँ इस्राएल के बहुत लोग थे। मोआब इस्राएल के लोगों से बहुत आतंकित था।

मोआब के नेताओं ने मिद्यान के अग्रजों से कहा, “लोगों का यह विशाल समूह हमारे चारों ओर की सभी चीज़ों को वैसे ही नष्ट कर देगा जैसे कोई गाय मैदान की घास चर जाती है।”

इस समय सिप्पोर का पुत्र बालाक मोआब का राजा था। उसने कुछ व्यक्तियों को बोर के पुत्र बिलाम को बुलाने के लिए भेजा। बिलाम नदी के निकट पतोर नाम के क्षेत्र में था। बालाक ने कहा,

“लोगों का एक नया राष्ट्र मिस्र से आया है। वे इतने अधिक हैं कि पूरे प्रदेश में फैल सकते हैं। उन्होंने ठीक हमारे पास डेरा डाला है। आओ और इन लोगों के साथ निपटने में मेरी सहायता करो। वे मेरी शक्ति से बहुत अधिक शक्तिशाली हैं। संभव है कि तब इनको मैं हरा सकूँ। तब मैं उन्हें अपना देश छोड़ने को विवश कर सकता हूँ। मैं जानता हूँ कि तुम बड़ी शक्ति रखते हो। यदि तुम किसी व्यक्ति को आशीर्वाद देते हो तो उसका भला हो जाता है। यदि तुम किसी व्यक्ति के विरुद्ध कहते हो तो उसका बुरा हो जाता है। इसलिए आओ और इन लोगों के विरुद्ध कुछ कहो।”

मोआब और मिद्यान के अग्रज चले। वे बिलाम से बातचीत करने गए। वे उसकी सेवाओं के लिए धन देने को ले गए। तब उन्होंने, बालाक ने जो कुछ कहा था, उससे कहा।

बिलाम ने उनसे कहा, “यहाँ रात में रुको। मैं यहोवा से बातें करुँगा और जो उत्तर, वह मुझे देगा, वह तुमसे कहूँगा।” इसलिए उस रात मोआबी लोगों के नेता उसके साथ ठहरे।

परमेश्वर बिलाम के पास आया और उसने पूछा, “तुम्हारे साथ ये कौन लोग हैं?”

10 बिलाम ने परमेश्वर से कहा, “मोआब के राजा सिप्पोर के पुत्र बालाक ने उन्हें मुझको एक संदेश देने को भेजा है। 11 सन्देश यह हैः लोगों का एक नया राद्र मिस्र से आया है। वे इतने अधिक हैं कि सारे देश में फैल सकते हैं। इसलिए आओ और इन लोगों के विरुद्ध कुछ कहो। तब सम्भ्व है कि उनसे लड़ने में मैं समर्थ हो सकूँ और अपने देश को छोड़ने के लिए उन्हे विवश कर सकूँ।”

12 किन्तु परमेश्वर ने बिलाम से कहा, “उनके साथ मत जाओ। तुम्हें उन लोगों के विरुद्ध कुछ नहीं कहना चाहिए। उन्हें यहोवा से वरदान प्राप्त है।”

13 दूसरे दिन सवेरे बिलाम उठा और बालाक के नेताओं से कहा, “अपने देश को लौट जाओ। यहोवा मुझे तुम्हारे साथ जाने नहीं देगा।”

14 इसलिए मोआबी नेता बालाक के पास लौटे और उससे उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, “बिलाम ने हम लोगों के साथ आने से इन्कार कर दिया।”

15 इसलिए बालाक ने दूसरे नेताओं को बिलाम के पास भेजा। इस बार उसने पहली बार की अपेक्षा बहुत अधिक आदमी भेजे और ये नेता पहली बार के नेताओं की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण थे। 16 वे बिलाम के पास गए और उन्होंने उससे कहा, “सिप्पोर का पुत्र बालाक तुमसे कहता हैः कृपया अपने को यहाँ आने से किसी को रोकने न दें। 17 जो मैं तुमसे माँगता हूँ यदि तुम वह करोगे तो मैं तुम्हें बहुत अधिक भुगतान करूँगा। आओ और इन लोगों के विरुद्ध मेरे लिए कुछ कहो।”

18 किन्तु बिलाम ने उन लोगों को उत्तर दिया। उसने कहा, “मुझे यहोवा मेरे परमेश्वर की आज्ञा माननी चाहिए। मैं उसके आदेश के विरुद्ध कुछ नहीं कर सकता। मैं बड़ा छोटा कुछ भी तब तक नहीं कर सकता जब तक यहोवा नहीं कहता कि मैं उसे कर सकता हूँ। यदि राजा बालाक अपने सोने चाँदी भरे सुन्दर घर को दे तो भी मैं अपने परमेश्वर यहोवा के आदेश के विरुद्ध कुछ नहीं करूँगा। 19 किन्तु तुम भी उन दूसरे लोगों की तरह आज की रात यहाँ ठहर सकते हो और रात में मैं जान जाऊँगा कि यहोवा मुझसे क्या कहलवाना चाहता है।”

20 उस रात परमेश्वर बिलाम के पास आया। परमेश्वर ने कहा, “ये लोग अपने साथ ले जाने के लिए कहने को फिर आ गए हैं। इसलिए तुम उनके साथ जा सकते हो। किन्तु केवल वही करो जो मैं तुमसे करने को कहूँ।”

बिलाम और उसका गधा

21 अगली सुबह, बिलाम उठा और अपने गधे पर काठी रखी। तब वह मोआबी नेताओं के साथ गया।

प्रेरितों के काम 21:17-26

पौलुस की याकूब से भेंट

17 यरूशलेम पहुँचने पर भाईयों ने बड़े उत्साह के साथ हमारा स्वागत सत्कार किया। 18 अगले दिन पौलुस हमारे साथ याकूब से मिलने गया। वहाँ सभी अग्रज उपस्थित थे। 19 पौलुस ने उनका स्वागत सत्कार किया और उन सब कामों के बारे में जो परमेश्वर ने उसके द्वारा विधर्मियों के बीच कराये थे, एक एक करके कह सुनाया।

20 जब उन्होंने यह सुना तो वे परमेश्वर की स्तुति करते हुए उससे बोले, “बंधु तुम तो देख ही रहे हो यहाँ कितने ही हज़ारों यहूदी ऐसे हैं जिन्होंने विश्वास ग्रहण कर लिया है। किन्तु वे सभी व्यवस्था के प्रति अत्यधिक उत्साहित हैं। 21 तेरे विषय में उनसे कहा गया है कि तू विधर्मियों के बीच रहने वाले सभी यहूदियों को मूसा की शिक्षाओं को त्यागने की शिक्षा देता है। और उनसे कहता है कि वे न तो अपने बच्चों का ख़तना करायें और न ही हमारे रीति-रिवाज़ों पर चलें।

22 “सो क्या किया जाये? वे यह तो सुन ही लेंगे कि तू आया हुआ है। 23 इसलिये तू वही कर जो तुझ से हम कह रहे हैं। हमारे साथ चार ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने कोई मन्नत मानी है। 24 इन लोगों को ले जा और उनके साथ शुद्धीकरण समारोह में सम्मिलित हो जा। और उनका खर्चा दे दे ताकि वे अपने सिर मुँडवा लें। इससे सब लोग जान जायेंगे कि उन्होंने तेरे बारे में जो सुना है, उसमें कोई सचाई नहीं है बल्कि तू तो स्वयं ही व्यवस्था के अनुसार जीवन जीता है।

25 “जहाँ तक विश्वास ग्रहण करने वाले ग़ैर यहूदियों का प्रश्न है, हमने उन्हें एक पत्र में लिख भेजा है,

‘मूर्तियों पर चढ़ाया गया भोजन तुम्हें नहीं लेना चाहिये।

गला घोंट कर मारे गये किसी भी पशु का मांस खाने से बचें और लहू को कभी न खायें।

व्यभिचार से बचे रहो।’”

पौलुस का बंदी होना

26 इस प्रकार पौलुस ने उन लोगों को अपने साथ लिया और उन लोगों के साथ अपने आप को भी अगले दिन शुद्ध कर लिया। फिर वह मन्दिर में गया जहाँ उसने घोषणा की कि शुद्धीकरण के दिन कब पूरे होंगे और हममें से हर एक के लिये चढ़ावा कब चढ़ाया जायेगा।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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