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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 111

यहोवा के गुण गाओ!

यहोवा का अपने सम्पूर्ण मन से ऐसी उस सभा में धन्यवाद करता हूँ
    जहाँ सज्जन मिला करते हैं।
यहोवा ऐसे कर्म करता है, जो आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
    लोग हर उत्तम वस्तु चाहते हैं, वही जो परमेश्वर से आती है।
परमेश्वर ऐसे कर्म करता है जो सचमुच महिमावान और आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
    उसका खरापन सदा—सदा बना रहता है।
परमेश्वर अद्भुत कर्म करता है ताकि हम याद रखें
    कि यहोवा करूणापूर्ण और दया से भरा है।
परमेश्वर निज भक्तों को भोजन देता है।
    परमेश्वर अपनी वाचा को याद रखता है।
परमेश्वर के महान कार्य उसके प्रजा को यह दिखाया
    कि वह उनकी भूमि उन्हें दे रहा है।
परमेश्वर जो कुछ करता है वह उत्तम और पक्षपात रहित है।
    उसके सभी आदेश पूरे विश्वास योग्य हैं।
परमेश्वर के आदेश सदा ही बने रहेंगे।
    परमेश्वर के उन आदेशों को देने के प्रयोजन सच्चे थे और वे पवित्र थे।
परमेश्वर निज भक्तों को बचाता है।
    परमेश्वर ने अपनी वाचा को सदा अटल रहने को रचा है, परमेश्वर का नाम आश्चर्यपूर्ण है और वह पवित्र है।
10 विवेक भय और यहोवा के आदर से उपजता है।
    वे लोग बुद्धिमान होतेहैं जो यहोवा का आदर करते हैं।
यहोवा की स्तुति सदा गायी जायेगी।

व्यवस्था विवरण 3:23-29

मूसा को कनान में प्रवेश करने से मना

23 “मैंने उस समय यहोवा से विशेष कृपा की प्रार्थना की। 24 मैंने यहोवा से कहा, ‘मेरे स्वामी, यहोवा, मैं तेरा सेवक हूँ। मैं जानता हूँ कि तूने उन शक्तिशाली और अद्भुत चीजों का एक छोटा भाग ही मुझे दिखाया है जो तू कर सकता है। स्वर्ग या पृथ्वी पर कोई ऐसा दूसरा ईश्वर नहीं है, जो तूने किया है तेरे समान महान और शक्तिशाली कार्य कर सके! 25 मैं तुमसे निवेदन करता हूँ कि तू मुझे पार जाने दे और यरदन नदी के दूसरी ओर के अच्छे प्रदेश, सुन्दर पहड़ी प्रदेश लबानोन को देखने दे।’

26 “किन्तु यहोवा तुम्हारे कारण मुझ पर अप्रसन्न था। उसने मेरी बात सुनने से इन्कार कर दिया। उसने मुझसे कहा, ‘तुम अपनी बात यहीं खत्म करो! इसके बारे में एक शब्द भी न कहो। 27 पिसगा पर्वत की चोटी पर जाओ। पश्चिम की ओर, उत्तर की ओर, दक्षिण की ओर, पूर्व की ओर देखो। सारे प्रदेश को तुम अपनी आँखों से ही देखो क्योंकि तुम यरदन नदी को पार नहीं करोगे। 28 तुम्हें यहोशू को निर्देश देना चाहिए। उसे दृढ़ और साहसी बनाओ! क्यों? क्योंकि यहोशू लोगों को यरदन नदी के पार ले जाएगा। यहोशू उन्हें प्रदेश को लेने और उसमें रहने के लिए ले जाएगा। यही वह प्रदेश है जिसे तुम देखोगे।’

29 “इसलिए हम बेतपोर की दूसरी ओर घाटी में ठहर गये।”

रोमियों 9:6-18

ऐसा नहीं है कि परमेश्वर ने अपना वचन पूरा नहीं किया है क्योंकि जो इस्राएल के वंशज हैं, वे सभी इस्राएली नहीं है। और न ही इब्राहीम के वंशज होने के कारण वे सब सचमुच इब्राहीम की संतान है। बल्कि जैसा परमेश्वर ने कहा, “तेरे वंशज इसहाक के द्वारा अपनी परम्परा बढ़ाएंगे।”(A) अर्थात यह नहीं है कि प्राकृतिक तौर पर शरीर से पैदा होने वाले बच्चे परमेश्वर के वंशज है, बल्कि परमेश्वर के वचन से प्रेरित होने वाले उसके वंशज माने जाते हैं। वचन इस प्रकार कहा गया था: “निश्चित समय पर मैं लौटूँगा और सारा पुत्रवती होगी।”(B)

10 इतना ही नहीं जब रिबका भी एक व्यक्ति, हमारे पूर्व पिता इसहाक से गर्भवती हुई 11 तो बेटों के पैदा होने से पहले और उनके कुछ भी भला बुरा करने से पहले कहा गया था जिससे परमेश्वर का वह प्रयोजन सिद्ध हो जो चुनाव से सिद्ध होता है। 12 और जो व्यक्ति के कर्मों पर नहीं टिका बल्कि उस परमेश्वर पर टिका है जो बुलाने वाला है। रिबका से कहा गया, “बड़ा बेटा छोटे बेटे की सेवा करेगा।”(C) 13 शास्त्र कहता है: “मैंने याकूब को चुना और एसाव को नकार दिया।”(D)

14 तो फिर हम क्या कहें? क्या परमेश्वर अन्यायी है? 15 निश्चय ही नहीं! क्योंकि उसने मूसा से कहा था, “मैं जिस किसी पर भी दया करने की सोचूँगा, दया दिखाऊँगा। और जिस किसी पर भी अनुग्रह करना चाहूँगा, अनुग्रह करूँगा।”(E)

16 इसलिए न तो यह किसी की इच्छा पर निर्भर करता है और न किसी की दौड़ धूप पर बल्कि दयालु परमेश्वर पर निर्भर करता है। 17 क्योंकि शास्त्र में परमेश्वर ने फिरौन से कहा था, “मैंने तुझे इसलिए खड़ा किया था कि मैं अपनी शक्ति तुझ में दिखा सकूँ। और मेरा नाम समूची धरती पर घोषित किया जाये।”(F) 18 सो परमेश्वर जिस पर चाहता है दया करता है और जिसे चाहता है कठोर बना देता है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International