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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 139:1-6

संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का स्तुति गीत।

हे यहोवा, तूने मुझे परखा है।
    मेरे बारे में तू सब कुछ जानता है।
तू जानता है कि मैं कब बैठता और कब खड़ा होता हूँ।
    तू दूर रहते हुए भी मेरी मन की बात जानता है।
हे यहोवा, तुझको ज्ञान है कि मैं कहाँ जाता और कब लेटता हूँ।
    मैं जो कुछ करता हूँ सब को तू जानता है।
हे यहोवा, इससे पहले की शब्द मेरे मुख से निकले तुझको पता होता है
    कि मैं क्या कहना चाहता हूँ।
हे यहोवा, तू मेरे चारों ओर छाया है।
    मेरे आगे और पीछे भी तू अपना निज हाथ मेरे ऊपर हौले से रखता है।
मुझे अचरज है उन बातों पर जिनको तू जानता है।
    जिनका मेरे लिये समझना बहुत कठिन है।

भजन संहिता 139:13-18

13 हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया।
    तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था।
14 हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद,
    और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है।

15 मेरे विषय में तू सब कुछ जानता है।
    जब मैं अपनी माता की कोख में छिपा था, जब मेरी देह रूप ले रही थी तभी तूने मेरी हड्डियों को देखा।
16 हे यहोवा, तूने मेरी देह को मेरी माता के गर्भ में विकसते देखा। ये सभी बातें तेरी पुस्तक में लिखीं हैं।
    हर दिन तूने मुझ पर दृष्टी की। एक दिन भी तुझसे नहीं छूटा।
17 हे परमेश्वर, तेरे विचार मेरे लिये कितने महत्वपूर्ण हैं।
    तेरा ज्ञान अपरंपार है।
18 तू जो कुछ जानता है, उन सब को यदि मैं गिन सकूँ तो वे सभी धरती के रेत के कणों से अधिक होंगे।
    किन्तु यदि मैं उनको गिन पाऊँ तो भी मैं तेरे साथ में रहूँगा।

न्यायियों 2:16-23

16 तब यहोवा ने न्यायाधीश कहे जाने वाले प्रमुखों को चुना। इन प्रमुखों ने इस्राएल के लोगों को उन शत्रुओं से बचाया जिन्होंने इनकी सम्पत्ति ले ली थी। 17 किन्तु इस्राएल के लोगों ने अपने न्यायाधीशों की एक न सुनी। इस्राएल के लोग यहोवा के प्रति वफादार नहीं थे, वे अन्य देवताओं का अनुसरण कर रहे थे।[a] अतीतकाल में इस्राएल के लोगों के पूर्वज यहोवा के आदेशों का पालन करते थे किन्तु अब इस्राएल के लोग बदल गये थे और वे यहोवा की आज्ञा का पालन करना छोड़ चुके थे।

18 इस्राएल के शत्रुओं ने कई बार लोगों के साथ बुरा किया। इसलिए इस्राएल के लोग सहायता के लिये चिल्लाते थे और हर बार यहोवा को लोगों के लिए दुःख होता था। हर बार वह शत्रुओं से लोगों की रक्षा के लिये एक न्यायाधीश भेजता था। इस प्रकार हर बार इस्राएल के लोग अपने शत्रुओं से बच जाते थे। 19 किन्तु जब हर एक न्यायाधीश मर गया, तब इस्राएल के लोगों ने फिर पाप किया और असत्य देवताओं की पूजा आरम्भ की। इस्राएल के लोग बहुत हठी थे, उन्होंने अपने पाप के व्यवहार को बदलने से इन्कार कर दिया।

20 इस प्रकार यहोवा इस्राएल के लोगों पर बहुत क्रोधित हुआ और उसने कहा, “इस राष्ट्र ने उस वाचा को तोड़ा है जिसे मैंने उनके पूर्वजों के साथ की थी। उन्होंने मेरी नहीं सुनी। 21 इसलिए मैं और अधिक राष्ट्रों को पराजित नहीं करूँगा, और न ही इस्राएल के लोगों का रास्ता साफ करुँगा। वे राष्ट्र उन दिनों भी उस प्रदेश में थे जब यहोशू मरा था और मैं उन राष्ट्रों को उस प्रदेश में रहने दूँगा। 22 मैं उन राष्ट्रों का उपयोग इस्राएल के लोगों की परीक्षा के लिये करूँगा। मैं यह देखूँगा कि इस्राएल के लोग अपने यहोवा का आदेश वैसे ही मानते हैं अथवा नहीं जैसे उनके पूर्वज मानते थे।” 23 बीते समय में, यहोवा ने उन राष्ट्रों को उन प्रदेशों में रहने दिया था। यहोवा ने शीघ्रता से उन राष्ट्रों को अपना देश छोड़ने नहीं दिया। उसने उन्हें हराने में यहोशू की सेना की सहायता नहीं की।

प्रेरितों के काम 13:16-25

16 इस पर पौलुस खड़ा हुआ और अपने हाथ हिलाते हुए बोलने लगा, “हे इस्राएल के लोगों और परमेश्वर से डरने वाले ग़ैर यहूदियों सुनो: 17 इन इस्राएल के लोगों के परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को चुना था और जब हमारे लोग मिसरमें ठहरे हुए थे, उसने उन्हें महान् बनाया था और अपनी महान शक्ति से ही वह उनको उस धरती से बाहर निकाल लाया था। 18 और लगभग चालीस वर्ष तक वह जंगल में उनके साथ रहा। 19 और कनान देश की सात जातियों को नष्ट करके उसने वह धरती इस्राएल के लोगों को उत्तराधिकार के रूप में दे दी। 20 इस सब कुछ में कोई लगभग साढ़े चार सौ वर्ष लगे।

“इसके बाद शमूएल नबी के समय तक उसने उन्हें अनेक न्यायकर्ता दिये। 21 फिर उन्होंने एक राजा की माँग की, सो परमेश्वर ने बिन्यामीन के गोत्र के एक व्यक्ति कीश के बेटे शाऊल को चालीस साल के लिये उन्हें दे दिया। 22 फिर शाऊल को हटा कर उसने उनका राजा दाऊद को बनाया जिसके विषय में उसने यह साक्षी दी थी, ‘मैंने यिशे के बेटे दाऊद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पाया है, जो मेरे मन के अनुकूल है। जो कुछ मैं उससे कराना चाहता हूँ, वह उस सब कुछ को करेगा।’

23 “इस ही मनुष्य के एक वंशज को अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार परमेश्वर इस्राएल में उद्धारकर्ता यीशु के रूप में ला चुका है। 24 उसके आने से पहले यूहन्ना इस्राएल के सभी लोगों में मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करता रहा है। 25 यूहन्ना जब अपने काम को पूरा करने को था, तो उसने कहा था, ‘तुम मुझे जो समझते हो, मैं वह नहीं हूँ। किन्तु एक ऐसा है जो मेरे बाद आ रहा है। मैं जिसकी जूतियों के बन्ध खोलने के लायक भी नहीं हूँ।’

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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