Read the New Testament in 24 Weeks
1 मसीह यीसू म फिलिप्पी सहर के जम्मो संत, कलीसिया के अगुवा अऊ डीकन मन ला, मसीह यीसू के सेवक पौलुस अऊ तीमुथियुस कोति ले ए चिट्ठी मिलय। में पौलुस ह ए चिट्ठी ला लिखत हवंव।
2 हमर ददा परमेसर अऊ परभू यीसू मसीह ले तुमन ला अनुग्रह अऊ सांति मिलय।
धनबाद अऊ पराथना
3 जब भी मेंह तुमन ला सुरता करथंव, मेंह अपन परमेसर ला धनबाद देथंव। 4 मेंह हमेसा अपन जम्मो पराथना म तुमन जम्मो झन बर आनंद के संग पराथना करथंव। 5 काबरकि सुरू से लेके अब तक तुमन सुघर संदेस के परचार म सहभागी रहे हवव। 6 अऊ मोला ए बात के भरोसा हवय कि जऊन ह तुमन म ए बने काम सुरू करे हवय, ओह एला मसीह यीसू के आय के दिन तक पूरा करही।
7 एह मोर बर उचित ए कि मेंह तुमन जम्मो झन के बारे म ए किसम ले सोचंव, काबरकि तुमन मोर हिरदय म बसे हवव; अऊ चाहे मेंह जेल म रहंव या सुघर संदेस के बचाव अऊ सुघर संदेस ला मजबूत करे म रहंव, तुमन जम्मो झन मोर संग परमेसर के अनुग्रह म भागीदार हवव। 8 परमेसर ह मोर गवाह ए कि कइसने मेंह मसीह यीसू के मया के संग, तुमन जम्मो झन ला चाहथंव।
9 अऊ मोर ए पराथना अय कि तुम्हर मया ह गियान अऊ समझ के संग अऊ बढ़त जावय, 10 ताकि तुमन समझ सकव कि का ह सबले बने ए अऊ तुमन मसीह के आय के दिन तक सुध अऊ निरदोस बने रहव, 11 अऊ धरमीपन के ओ फर ले भर जावव, जऊन ह यीसू मसीह के जरिये आथे, अऊ ए किसम ले परमेसर के महिमा अऊ परसंसा होवय।
पौलुस के जेल म रहई ह सुघर संदेस के फइलाव म सहायक होथे
12 हे भाईमन हो, मेंह चाहथंव कि तुमन जानव कि जऊन कुछू मोर ऊपर बिते हवय, ओह सही म सुघर संदेस के बढ़ती म मददगार होईस। 13 एकर नतीजा ए होईस कि महल के जम्मो सिपाही अऊ आने जम्मो झन म ए बात ह साफ हो गे हवय कि मेंह मसीह खातिर जेल म हवंव। 14 मोर जेल म रहे के कारन, बहुंते भाईमन के परभू ऊपर बिसवास ह बढ़ गे हवय अऊ ओमन परमेसर के बचन ला अऊ साहस अऊ निडर होके सुनावत हवंय।
15 एह सच ए कि कुछू झन जलन अऊ झगरा के कारन मसीह के परचार करथें, पर आने मन भले मनसा ले परचार करथें। 16 ए मनखेमन मया म अइसने करथें, काबरकि एमन जानथें कि सुघर संदेस के बचाव खातिर मेंह जेल म रखे गे हवंव। 17 पहिली के मनखेमन ईमानदारी से नइं, पर सुवारथी भावना ले मसीह के परचार करथें। ओमन सोचथें कि जब मेंह जेल म हवंव, त मोर बर ओमन समस्या खड़े कर सकथें। 18 पर कोनो बात नइं! बने बात ए अय कि हर किसम ले, चाहे गलत मनसा ले या सही मनसा ले, मसीह के परचार होवथे। अऊ एकरे कारन मेंह आनंदित हवंव।
अऊ मेंह हमेसा आनंदित रहिहूं। 19 काबरकि मेंह जानत हंव कि तुम्हर पराथना के जरिये अऊ यीसू मसीह के आतमा के मदद के दुवारा, मेंह छूट जाहूं[a]। 20 मोर दिली ईछा अऊ आसा हवय कि मेंह बिलकुल झन लजावंव, पर मोर करा पूरा हिम्मत रहय, ताकि मोर देहें म हमेसा मसीह के बड़ई होवत रहय, चाहे मेंह जीयत रहंव या मर जावंव। 21 काबरकि मोर बर जीयत रहई मसीह अय अऊ मर जवई फायदा के बात अय। 22 यदि मेंह सरीर म होके जीयत रहिथंव, त एकर मतलब मोर मिहनत ह फर लानही, तभो ले मेंह नइं जानत हंव कि मेंह कते ला चुनंव? 23 मेंह दूनों के मांझा म अधर म लटके हवंव। मोर जी ह तो चाहथे कि मेंह जावंव अऊ मसीह के संग रहंव, जऊन ह बहुंत बने बात अय, 24 पर एह तुम्हर बर जादा जरूरी अय कि मेंह जीयत रहंव। 25 मोला एकर भरोसा हवय कि मेंह बने रहिहूं, अऊ मेंह तुमन जम्मो झन संग बिसवास म तुम्हर बढ़ती अऊ आनंद खातिर जीयत रहिहूं। 26 ताकि तुम्हर संग मोर फेर रहे के दुवारा, मसीह यीसू म तुम्हर आनंद ह मोर कारन अऊ बढ़ जावय।
27 कुछू भी होवय, तुम्हर चाल-चलन ह मसीह के सुघर संदेस के लइक रहय। तब चाहे, मेंह आके तुमन ला देखंव, चाहे झन आवंव, पर मेंह तुम्हर बारे म सिरिप ए सुनंव कि तुमन एके आतमा म अटल खड़े हवव अऊ एक मन होके, सुघर संदेस के बिसवास खातिर बहुंत मिहनत करत हवव। 28 अऊ तुमन कोनो भी किसम ले, ओमन ले झन डर्रावव, जऊन मन तुम्हर बिरोध करथें। एह ओमन बर एक चिन्हां ए कि ओमन नास हो जाहीं अऊ तुमन उद्धार पाहू। अऊ एह परमेसर के दुवारा होही। 29 काबरकि मसीह कोति ले, तुमन ला ए मऊका देय गे हवय कि न सिरिप तुमन ओकर ऊपर बिसवास करव, पर ओकर बर दुःख घलो उठावव। 30 तुमन घलो ओहीच लड़ई लड़त हवव, जऊन ला तुमन पहिली मोला लड़त देख चुके हवव, अऊ जइसने कि तुमन सुनत हवव, मेंह अभी घलो लड़त हवंव।
मसीह के दीनता के नकल करई
2 कहूं मसीह म तुम्हर करा कोनो उत्साह हवय, कहूं ओकर मया म तुमन ला कोनो सांति मिले हवय, कहूं पबितर आतमा के संग तुम्हर कोनो संगति हवय, कहूं तुमन म कोनो दया अऊ सहानुभूति हवय, 2 त तुमन ए बातमन ला करे के दुवारा मोर आनंद ला पूरा करव: कि तुमन एके मन के रहव, तुमन म एके मया रहय अऊ तुमन आतमा म एक होके एके उदेस्य बर जीयव। 3 सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपन-आप ले उत्तम समझव। 4 तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।
5 जइसने मसीह यीसू के सुभाव रिहिस, वइसने तुम्हर सुभाव घलो होवय।
6 मसीह करा परमेसर के जम्मो सुभाव रिहिस,
फेर ओह अपन-आप ला परमेसर के बरोबर रखे के काबिल नइं समझिस,
7 पर, ओह जम्मो चीज ला तियाग दीस,
अऊ सेवक के जम्मो सुभाव ला लीस
अऊ मनखे के रूप धरके जनमिस।
8 अऊ ओह मनखे के रूप म परगट होके
अपन-आप ला दीन-हीन करिस,
अऊ इहां तक हुकूम मानिस कि मिरतू,
हां ओह कुरुस के मिरतू ला घलो सह लीस।
9 एकरसेति, परमेसर ह ओला अति महान करिस,
अऊ ओला ओ नांव दीस, जऊन ह जम्मो नांव ले उत्तम ए।
10 ताकि स्वरग अऊ धरती अऊ धरती के खाल्हे म,
हर एक झन यीसू के नांव म माड़ी टेकंय,
11 अऊ परमेसर ददा के महिमा खातिर,
हर एक झन ए मान लेवय कि यीसू मसीह ह परभू ए।
तारा के सहीं चमकव
12 एकरसेति, मोर मयारू संगवारीमन हो, जइसने तुमन हमेसा हुकूम मानत आय हवव, जब मेंह तुम्हर संग रहेंव, पर अब, जब मेंह तुम्हर ले दूरिहा हवंव, त तुमन डरत अऊ कांपत, अऊ जादा अपन उद्धार के काम म लगे रहव। 13 काबरकि एह परमेसर ही अय, जऊन ह तुमन म काम करथे कि तुमन ओकर सही उदेस्य के मुताबिक ईछा करव अऊ काम करव।
14 बिगर कुड़कुड़ाय या बिगर बहस करे, जम्मो काम ला करव, 15 ताकि तुमन निरदोस, अऊ सही मनखे बनव अऊ बेईमान अऊ भ्रस्ट मनखेमन के ए संसार म परमेसर के निरदोस संतान बने रहव। ओमन के बीच म, जिनगी के बचन ला पालन करत, तुमन संसार म तारा के सहीं चमकव। 16 ताकि मसीह के दिन म, मेंह घमंड कर सकंव कि मोर दऊड़ या मोर मिहनत ह बेकार नइं गीस। 17 पर कहूं बलिदान म, मोर खून ह एक भेंट के रूप म बहाय जाथे अऊ तुम्हर बिसवास ले परमेसर के सेवा होथे, त मेंह खुस हवंव अऊ तुमन जम्मो झन के संग आनंद मनाथंव। 18 वइसने तुमन घलो खुस होवव अऊ मोर संग आनंद मनावव।
तीमुथियुस अऊ इपफ्रुदीतुस
19 परभू यीसू म मोला आसा हवय कि मेंह तीमुथियुस ला तुम्हर करा जल्दी पठोहूं, ताकि जब मोला तुम्हर खबर मिलय, त मेंह घलो आनंदित होवंव। 20 मोर करा ओकर सहीं अऊ कोनो नइं ए, जऊन ह सही म तुम्हर मामला म रूचि रखय। 21 काबरकि हर एक झन अपन खुद के खियाल रखथें, यीसू मसीह के बारे म नइं। 22 पर तुमन जानथव कि तीमुथियुस ह ए साबित कर चुके हवय अऊ जइसने एक बेटा ह अपन ददा संग सेवा करथे, वइसने ओह मोर संग सुघर संदेस के काम म सेवा करे हवय। 23 एकरसेति, जतेक जल्दी मोला ए मालूम होही कि मोर संग का होवइया हवय, मेंह ओला तुम्हर करा पठोय के आसा करथंव। 24 अऊ मोला परभू म भरोसा हवय कि मेंह घलो जल्दी आहूं।
25 पर में सोचथंव कि इपफ्रुदीतुस ला तुम्हर करा वापिस पठोना जरूरी ए; ओह मोर भाई, सहकरमी अऊ संगी योद्धा ए अऊ ओह तुम्हर संदेसिया घलो ए, जऊन ला तुमन मोर सेवा-टहल करे बर पठोय रहेव। 26 ओकर मन ह तुमन जम्मो झन म लगे रहिथे अऊ ओह बियाकुल हवय काबरकि तुमन सुने रहेव कि ओह बेमार रिहिस। 27 सही म, ओह बेमार रिहिस, इहां तक कि ओह मरइया रिहिस। पर परमेसर ह ओकर ऊपर दया करिस, अऊ सिरिप ओकर ऊपर ही नइं, पर मोर ऊपर घलो दया करिस कि मोला दुःख के ऊपर दुःख झन होवय। 28 एकरसेति, मेंह ओला तुम्हर करा पठोय बर अऊ जादा उत्सुक हवंव, ताकि जब तुमन ओला फेर देखव, त खुस होवव अऊ मोर फिकर घलो कम होवय। 29 परभू म, बड़े आनंद सहित, ओकर सुवागत करव, अऊ ओकर सहीं मनखेमन के आदर करव, 30 काबरकि मसीह के काम खातिर, अपन जिनगी ला जोखिम म डालके, ओह मरे सहीं हो गे रिहिस, ताकि ओह मोर ओ जरूरत ला पूरा करय, जऊन ला तुमन नइं कर सकेव।
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