Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Read the New Testament in 24 Weeks

A reading plan that walks through the entire New Testament in 24 weeks of daily readings.
Duration: 168 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
प्रेरितमन के काम 22-23

22 “हे भाई अऊ ददा मन हो, अब तुमन मोर जबाब ला सुनव।”

जब ओमन ओला इबरानी भासा म गोठियावत सुनिन, त ओमन चुप हो गीन।

तब पौलुस ह कहिस, “मेंह एक यहूदी अंव अऊ किलिकिया के तरसुस म पैदा होएंव, पर ए सहर म पले-बढ़े हवंव। गमलीएल के अधीन म रहिके हमर पुरखामन के कानून ला सही ढंग ले सिखेंव, अऊ परमेसर के अइसने धुन म रहेंव, जइसने आज तुमन हवव। मेंह मरद अऊ माईलोगन जम्मो ला बंदी बना-बनाके जेल म डारेंव, अऊ ए पंथ के बिसवासीमन ला इहां तक सताएंव कि ओमन ला मरवा घलो डारेंव। मोर ए बात के, महा पुरोहित अऊ जम्मो महासभा गवाह हवय। अऊ त अऊ ओमन ले चिट्ठी लेके, मेंह दमिस्क म रहइया यहूदी भाईमन करा जावत रहेंव ताकि मेंह उहां ए मनखेमन ला सजा देवाय बर बंदी बनाके यरूसलेम म लानंव।

लगभग मंझन के बेरा, जब मेंह दमिस्क के लकठा हबरेंव, त अचानक एक बड़े अंजोर अकास ले मोर चारों खूंट चमकिस। मेंह भुइयां म गिर पड़ेंव अऊ ए अवाज सुनेंव, ‘हे साऊल! हे साऊल! तेंह मोला काबर सतावत हस?’

मेंह पुछेंव, ‘हे परभू! तेंह कोन अस?’

ओह कहिस, ‘मेंह नासरत के यीसू अंव, जऊन ला तेंह सतावत हस।’ मोर संगीमन ओ अंजोर ला तो देखिन, पर जऊन ह मोर ले गोठियावत रहय, ओकर बात ला नइं समझिन।

10 मेंह कहेंव, ‘हे परभू! मेंह का करंव?’

त परभू ह कहिस, ‘उठ अऊ दमिस्क जा अऊ जऊन कुछू तोला करे बर हवय, उहां ओ जम्मो बात तोला बताय जाही।’ 11 मोर संगीमन मोर हांथ ला धरके मोला दमिस्क ले गीन काबरकि अंजोर के चमक के मारे मेंह अंधरा हो गे रहेंव।

12 उहां हनन्याह नांव के एक मनखे मोर करा आईस। ओह मूसा के कानून के मुताबिक एक बने भक्त रिहिस अऊ उहां रहइया यहूदीमन ओकर बहुंत आदर करंय। 13 ओह मोर बाजू म ठाढ़ होके कहिस, ‘हे भाई साऊल! तेंह फेर देखे लग।’ अऊ ओहीच बेरा मेंह देखे लगेंव अऊ मेंह ओला देखेंव।

14 तब हनन्याह ह कहिस, ‘हमर पुरखामन के परमेसर ह तोला चुने हवय कि तेंह ओकर ईछा ला जान अऊ ओ धरमी जन ला देख अऊ ओकर मुहूं के बात ला सुन। 15 तेंह जम्मो मनखेमन के आघू म, ओकर ओ बातमन के गवाह होबे, जऊन ला तेंह देखे अऊ सुने हवस। 16 अब तेंह काबर देरी करथस? उठ! बतिसमा ले अऊ ओकर नांव (यीसू) लेके अपन पापमन ला धो डार।’

17 एकर बाद, मेंह यरूसलेम लहुंटंय अऊ जब मंदिर म पराथना करत रहेंव, त मेंह एक दरसन देखेंव। 18 मेंह परभू ला देखेंव अऊ ओह मोला कहिस, ‘जल्दी कर अऊ यरूसलेम ले तुरते निकर जा, काबरकि ओमन मोर बारे म तोर गवाही ला नइं मानंय।’

19 मेंह कहेंव, ‘हे परभू! ओमन तो खुद जानत हवंय कि मेंह सभा घरमन म जा-जाके तोर ऊपर बिसवास करइयामन ला जेल म डारत अऊ मारत रहेंव। 20 जब तोर गवाह स्तिफनुस के लहू बहाय जावत रिहिस, त मेंह घलो उहां ठाढ़े रहेंव अऊ ओ बात म राजी रहेंव अऊ मेंह उहां हतियारामन के कपड़ा के रखवारी करत रहेंव।’

21 तब परभू ह मोला कहिस, ‘जा! मेंह तोला आनजातमन करा बहुंत दूरिहा-दूरिहा पठोहूं।’ ”

पौलुस अऊ ओकर रोमी नागरिकता

22 मनखेमन अब तक पौलुस के बात ला सुनत रिहिन। तब ओमन चिचियाके कहिन, “धरती ले एकर नामो निसान मिटा देवव। ओह जीयत रहे के लइक नो हय।”

23 जब ओमन चिचियावत अऊ अपन-अपन कपड़ा फेंकत अऊ हवा म धूर्रा उड़ावत रहंय, 24 तब सेनापति ह हुकूम दीस, “एला, किला म ले जावव अऊ एला कोर्रा मारके पुछव कि मनखेमन काबर एकर बिरोध म अइसने चिचियावत हवंय।” 25 जब ओमन पौलुस ला कोर्रा मारे बर बांधे लगिन, त ओह उहां ठाढ़े अधिकारी ले कहिस, “का ए उचित ए कि तुमन एक रोमी नागरिक ला कोर्रा म मारव अऊ ओ भी ओला बिगर दोसी ठहिराय[a]?”

26 जब अधिकारी ह ए सुनिस, त ओह सेनापति करा जाके कहिस, “तेंह ए का करथस? ए मनखे ह तो रोमी नागरिक ए।”

27 तब सेनापति ह पौलुस करा आईस अऊ ओकर ले पुछिस, “मोला बता, का तेंह रोमी नागरिक अस?”

पौलुस ह कहिस, “हव जी।”

28 सेनापति ह कहिस, “मेंह अपन रोमी नागरिक के पद ला बहुंत पईसा देके पाय हवंव।”

त पौलुस ह कहिस, “मेंह तो जनम ले रोमी नागरिक अंव।”

29 तब जऊन मन पौलुस के जांच करइया रिहिन, ओमन तुरते उहां ले हट गीन। सेनापति खुद ए सोचके डर्रा गीस कि पौलुस ह रोमी नागरिक ए अऊ ओह ओला संकली म बंधवाय हवय।

30 ओकर आने दिन, सही-सही बात ला जाने बर कि यहूदीमन पौलुस ऊपर काबर दोस लगावत हवंय, सेनापति ह ओकर संकली ला खुलवा दीस अऊ मुखिया पुरोहितमन ला अऊ जम्मो धरम-महासभा के मनखेमन ला जुरे के हुकूम दीस। तब ओह पौलुस ला लानके ओमन के आघू म ठाढ़ करिस।

23 पौलुस ह धरम-महासभा कोति एकटक देखिस अऊ कहिस, “हे भाईमन हो! मेंह आज तक परमेसर खातिर सही मन से काम करे हवंव।” अतकी म महा पुरोहित हनन्याह ह ओमन ला, जऊन मन पौलुस के लकठा म ठाढ़े रहंय, ओकर मुहूं म मारे के हुकूम दीस। तब पौलुस ह ओला कहिस, “हे चूना पोताय भिथी! परमेसर ह तोला मारही। तेंह उहां कानून के मुताबिक मोर नियाय करे बर बईठे हवस, पर कानून के उल्टा मोला मारे के हुकूम देवत हस[b]।”

पौलुस के लकठा म ठाढ़े मनखेमन ओला कहिन, “तेंह परमेसर के महा पुरोहित के बेजत्ती करत हस।”

पौलुस ह कहिस, “हे भाईमन हो! मेंह नइं जानत रहेंव कि एह महा पुरोहित ए, काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, ‘अपन मनखेमन के हाकिम के बारे म खराप बात झन कह।’[c]

तब पौलुस ह ए जानके कि इहां कुछू सदूकी अऊ फरीसी मन घलो हवंय, ओह महासभा म कहिस, “हे मोर भाईमन! मेंह एक फरीसी अंव अऊ एक फरीसी के बेटा अंव। मुरदामन के फेर जी उठे के मोर आसा के बारे म मोर ऊपर मुकदमा चलत हवय।” जब पौलुस ह ए बात कहिस, त फरीसी अऊ सदूकी मन म झगरा होय लगिस अऊ सभा म फूट पड़ गे। (काबरकि सदूकीमन बिसवास करथें कि मुरदामन नइं जी उठंय अऊ न स्‍वरगदूत हवय, न आतमा; पर फरीसीमन ए जम्मो बात म बिसवास करथें)।

तब अब्‍बड़ हो-हल्‍ला होईस अऊ फरीसी दल के कानून के कुछू गुरूमन ठाढ़ होके जोरदार बहस करन लगिन अऊ कहिन, “हमन ए मनखे म कोनो खराप बात नइं पावत हवन। कहूं कोनो आतमा या स्‍वरगदूत एला कुछू कहे हवय, त का होईस?” 10 जब बहुंत झगरा होय लगिस, त सेनापति ह डर्रा गे कि कहूं ओमन पौलुस के कुटी-कुटी झन कर डारंय। एकरसेति, ओह सैनिकमन ला हुकूम दीस कि ओमन उतरके पौलुस ला मनखेमन के बीच ले निकार लें अऊ ओला किला म ले जावंय।

11 ओ रतिहा परभू ह पौलुस के लकठा म ठाढ़ होके कहिस, “हिम्मत रख। जइसने तेंह यरूसलेम म मोर गवाही दे हवस, वइसने तोला रोम म घलो मोर गवाही दे बर पड़ही।”

पौलुस के हतिया के सडयंत्र

12 ओकर दूसर दिन, बिहनियां, यहूदीमन एक सडयंत्र करिन अऊ ए कसम खाईन कि जब तक हमन पौलुस ला नइं मार डारबो, तब तक हमन न तो कुछू खाबो, न पीबो। 13 चालीस ले जादा मनखे ए सडयंत्र म सामिल रिहिन। 14 ओमन मुखिया पुरोहित अऊ अगुवामन करा गीन अऊ कहिन, “हमन कसम खाय हवन कि जब तक हमन पौलुस ला नइं मार डारन, तब तक हमन कुछू नइं खावन। 15 अब तुमन अऊ धरम महासभा के सदस्यमन सेनापति ला समझावव कि ओह पौलुस ला तुम्‍हर आघू म लानय, ए ढोंग करव कि तुमन ओकर बारे म अऊ सही-सही बात जाने चाहत हव। पर ओकर इहां आय के पहिली हमन ओला मार डारे बर तियार हवन।”

16 पर जब पौलुस के भांचा ह ए सडयंत्र के बारे सुनिस, त ओह किला म जाके पौलुस ला बताईस।

17 तब पौलुस ह एक अधिकारी ला बलाके कहिस, “ए जवान ला सेनापति करा ले जावव। एह ओला कुछू बताय चाहत हवय।”

18 ओ अधिकारी ह पौलुस के भांचा ला सेनापति करा ले जाके कहिस, “ओ कैदी पौलुस ह मोला बलाके कहिस कि ए जवान ला तोर करा ले आवंव। एह तोला कुछू बताय चाहत हवय।”

19 सेनापति ह जवान के हांथ ला धरके अलग ले गीस अऊ ओकर ले पुछिस, “तेंह मोला का बताय चाहत हस?”

20 ओह कहिस, “यहूदीमन एका करे हवंय कि ओमन तोर ले बिनती करहीं कि कल पौलुस ला धरम-महासभा म लाने जावय, मानो धरम-महासभा ह ओकर बारे म अऊ सही-सही बात जाने चाहत हवय। 21 पर तेंह ओमन के बात ला झन मानबे, काबरकि ओम ले चालीस ले जादा मनखेमन पौलुस के घात म हवंय। ओमन ए कसम खाय हवंय कि जब तक ओमन पौलुस ला नइं मार डारहीं, तब तक ओमन न तो खाहीं अऊ न पीहीं। ओमन अभी तियार हवंय अऊ तोर हुकूम के बाट जोहत हवंय।”

22 तब सेनापति ह पौलुस के भांचा ला बिदा करिस पर ओला चेताके कहिस, “कोनो ला झन कहिबे कि तेंह मोला ए बात बताय हवस।”

पौलुस ला कैसरिया पठोय जाथे

23 तब सेनापति अपन दू झन अधिकारीमन ला बलाके हुकूम दीस, “दू सौ सैनिक, सत्तर घुड़सवार अऊ दू सौ बरछीधारी मनखेमन ला आज रतिहा लगभग नौ बजे कैसरिया जाय बर तियार रखव। 24 पौलुस के सवारी बर घोड़ा रखव कि ओला राजपाल फेलिक्स करा सही-सलामत पहुंचा दिये जावय।”

25 ओह ए चिट्ठी घलो लिखिस:

26 “महा परतापी,

राजपाल फेलिक्स ला क्लौदियुस लुसियास के जोहार।

27 ए मनखे ला यहूदीमन धरके के मार डारे चाहत रिहिन। पर जब मोला पता चलिस कि एह रोमी नागरिक ए, त मेंह सेना ले जाके एला छुड़ाके ले आएंव। 28 मेंह ए जाने बर चाहत रहेंव कि ओमन एकर ऊपर काबर दोस लगावत रिहिन। एकरसेति एला ओमन के धरम-महासभा म ले गेंव। 29 तब मोला पता चलिस कि ओमन अपन कानून के बारे म कतको ठन सवाल ला लेके ओकर ऊपर दोस लगावत हवंय। पर मार डारे जावय या जेल म डारे जावय लइक ओम कोनो दोस नइं ए। 30 जब मोला ए बताय गीस कि कुछू यहूदीमन ओकर बिरोध म एक सडयंत्र रचे हवंय, त मेंह तुरते ओला तोर करा पठो देंव। मेंह ओकर ऊपर दोस लगइयामन ला घलो हुकूम दे हवंव कि ओमन तोर आघू म एकर ऊपर नालिस करंय।”

31 सैनिकमन ला जइसने हुकूम दिये गे रिहिस, ओमन वइसने करिन। ओमन पौलुस ला रातों-रात अन्तिपतरिस सहर ले आईन। 32 ओकर आने दिन, ओमन घुड़सवारमन ला पौलुस के संग जाय बर छोंड़के, खुद किला म लहुंट गीन। 33 घुड़सवारमन कैसरिया पहुंचके राजपाल फेलिक्स ला चिट्ठी दीन अऊ पौलुस ला घलो ओला सऊंप दीन।

34 राजपाल ह चिट्ठी ला पढ़के पुछिस, “ओह कोन प्रदेस के अय?” जब ओह जानिस कि पौलुस ह किलिकिया के अय, 35 त राजपाल ह ओला कहिस, “जब तोर ऊपर दोस लगइयामन इहां आहीं, तब मेंह तोर मामला ला सुनहूं।” तब ओह हुकूम दीस कि पौलुस ला हेरोदेस के महल म पहरा म रखे जावय।

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)

Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.