Read the New Testament in 24 Weeks
5 एकरसेति, मयारू लइकामन सहीं परमेसर के अनुकरन (नकल) करव, 2 अऊ मया के जिनगी जीयव, जइसने मसीह ह हमन ला मया करिस अऊ अपन-आप ला हमर बर महकत भेंट अऊ बलिदान के रूप म परमेसर ला दे दीस।
3 पर तुम्हर बीच म छिनारी या कोनो किसम के असुध बात या लालच के चरचा तक झन होवय, काबरकि ए बातमन परमेसर के पबितर मनखेमन बर उचित नो हंय। 4 अऊ तुम्हर बीच म न खराप बात, न मूर्खता के बात अऊ न खराप हंसी-ठट्ठा होवय, काबरकि ए बातमन तुम्हर बर ठीक नो हंय, पर तुम्हर बीच म धनबाद के बात होवय। 5 तुमन ए निस्चित जानव कि जऊन ह छिनार, असुध या लालची मनखे अय, ओह एक मूरती-पूजक के सहीं अय अऊ अइसने मनखे बर मसीह के अऊ परमेसर के राज म कोनो भाग नइं ए। 6 कोनो तुमन ला बेकार के बात करके धोखा झन देवय, काबरकि अइसने बात के कारन परमेसर के परकोप ओमन ऊपर भड़कथे, जऊन मन ओकर बात नइं मानंय। 7 एकरसेति, ओमन के संग कोनो नाता झन रखव।
8 काबरकि एक समय रिहिस, जब तुमन अंधियार म रहेव, पर अब तुमन परभू के चेला बने के कारन अंजोर म हवव। एकरसेति अंजोर के संतान सहीं जिनगी बितावव, 9 (काबरकि जिहां अंजोर हवय, उहां जम्मो किसम के भलई, धरमीपन अऊ सच्चई होथे)। 10 अऊ ए पता लगावव कि परभू ह कोन बात ले खुस होथे। 11 अंधियार के बेकार के काम म भागी झन होवव; फेर ओमन के खरापी ला परगट करव। 12 काबरकि जऊन काम ओमन गुपत म करथें, ओकर बारे म चरचा करई घलो सरम के बात अय। 13 पर हर ओ चीज जऊन ह अंजोर के दुवारा परगट करे जाथे, ओह दिखे लगथे, 14 काबरकि अंजोर ह हर एक चीज ला देखे के लइक बनाथे; एकरे कारन, ए कहे गे हवय:
“हे सोवइया, जाग,
मरे मन ले जी उठ,
अऊ मसीह ह तोर ऊपर चमकन लगही।”
15 एकरसेति बहुंत सचेत रहव कि तुमन जिनगी म कइसने चलत हव – मुरुख मनखे सहीं नइं, पर बुद्धिमानमन सहीं चलव। 16 तुमन ला मिले हर मऊका के जादा से जादा फायदा उठावव, काबरकि समय ह खराप हवय। 17 एकरसेति, मुरुख झन बनव, पर जानव कि परभू के मनसा का हवय। 18 मंद पीके मतवाल झन बनव, काबरकि एकर ले बहुंत खराप काममन होथें। एकर बदले अपन-आप ला पबितर आतमा ले भर लेवव। 19 एक-दूसर ले परमेसर के भजन, इस्तुति अऊ आतमिक गीत के संग गोठियावव। परभू बर अपन जम्मो हिरदय ले गावव अऊ बजावव। 20 अऊ हमेसा, हर एक बात बर, हमर परभू यीसू मसीह के नांव म परमेसर ददा ला धनबाद देवव।
घरवाला अऊ घरवाली
21 मसीह के आदर म, एक-दूसर के अधीन रहव।
22 हे घरवालीमन, अपन घरवालामन के अधीन रहव, जइसने कि परभू के अधीन रहिथव। 23 काबरकि घरवाला ह घरवाली के मुड़ी अय, जइसने मसीह ह कलीसिया के मुड़ी अय। कलीसिया ह ओकर देहें अऊ ओह कलीसिया के उद्धार करइया ए। 24 जइसने कलीसिया ह मसीह के अधीन रहिथे, वइसने घरवालीमन घलो हर एक बात म अपन घरवालामन के अधीन रहंय।
25 हे घरवालामन, अपन-अपन घरवाली ला मया करव, जइसने मसीह ह कलीसिया ला मया करिस अऊ अपन-आप ला ओकर बर दे दीस, 26 ताकि बचन के परचार के जरिये ओला पानी म धोके साफ करय अऊ ओला पबितर बनावय; 27 अऊ ओला एक महिमामय कलीसिया के रूप म अपन-आप ला पेस करय, जऊन म न कोनो दाग, न झूर्री, न कोनो आने दोस रहय। पर ओह पबितर अऊ निरदोस होवय। 28 एही किसम ले घरवालामन अपन-अपन घरवालीमन ले अपन खुद के देहें सहीं मया करंय। जऊन ह अपन घरवाली ले मया करथे, ओह अपन-आप ले मया करथे। 29 कोनो मनखे अपन खुद के देहें ले घिन नइं करय, पर ओह ओकर पालन-पोसन करथे अऊ देख-रेख करथे, जइसने कि मसीह ह कलीसिया के संग करथे; 30 काबरकि हमन ओकर देहें के अंग अन। 31 परमेसर के बचन म लिखे हवय: “एकरे कारन मनखे ह अपन दाई-ददा ला छोंड़ दिही अऊ अपन घरवाली के संग मिले रहिही अऊ ओ दूनों एक तन हो जाहीं।”[a] 32 एह एक बड़े भेद के बात अय – पर मेंह मसीह अऊ कलीसिया के बारे म कहत हवंव। 33 पर जइसने घलो होवय, तुमन ले हर एक झन अपन घरवाली ला अपन सहीं मया करय, अऊ घरवाली ह अपन घरवाला के आदर-मान करय।
दाई-ददा अऊ लइकामन
6 हे लइकामन हो, परभू म अपन दाई-ददा के बात मानव, काबरकि एह उचित अय। 2 “अपन दाई अऊ ददा के आदर करव”, जऊन ह एक परतिगियां के संग पहिली हुकूम ए, 3 “ताकि तुम्हर भलई होवय अऊ तुमन धरती म बहुंत दिन तक जीयत रहव।”[b]
4 हे ददामन हो, अपन लइकामन ला गुस्सा झन दिलावव, पर परभू के अनुसासन अऊ सिकछा के मुताबिक ओमन के पालन-पोसन करव।
मालिक अऊ गुलाम
5 हे गुलाममन हो, जइसने तुमन मसीह के बात मानथव, वइसने आदर, भय, अऊ निस्कपट हिरदय ले अपन संसारिक मालिकमन के बात ला मानव। 6 जब ओमन तुमन ला देखत रहिथें, त सिरिप ओमन के दिल जीते बर ही ओमन के बात नइं मानव, पर मसीह के गुलाम सहीं अपन हिरदय ले परमेसर के ईछा म चलव। 7 पूरा हिरदय ले सेवा करव, ए समझके कि तुमन मनखेमन के नइं, पर परभू के सेवा करत हव, 8 काबरकि तुमन जानथव कि हर एक झन चाहे ओह गुलाम होवय या सुतंतर मनखे, जऊन भलई के काम ओह करथे, परभू ह ओला ओकर इनाम दिही।
9 हे मालिकमन हो, ओहीच किसम ले तुमन अपन गुलाममन संग बरताव करव। ओमन ला झन डरावव-धमकावव, काबरकि तुमन जानथव कि ओमन के मालिक अऊ तुम्हर मालिक ओहीच अय, जऊन ह स्वरग म हवय, अऊ ओह काकरो संग पखियपात नइं करय।
परमेसर के हथियार
10 आखिरी बात ए अय कि परभू म अऊ ओकर बड़े सामरथ के परभाव म मजबूत बनव। 11 परमेसर के जम्मो हथियार ला बांध लेवव ताकि तुमन सैतान के छल-कपट के मुकाबला कर सकव। 12 काबरकि हमर लड़ई हाड़ा अऊ मांस ले बने मनखे के बिरोध म नो हय, पर हमर लड़ई ह ए अंधियार संसार के सासन करइयामन ले, अधिकारीमन ले अऊ अंधियार संसार के सक्तिमन के बिरोध म अय। अऊ हमर लड़ई ह अकास म सैतान के आतमिक सेनामन के बिरोध म अय। 13 एकरसेति, परमेसर के जम्मो हथियार ले लव ताकि जब सैतान ह हमला करय, त तुमन अपन जगह म मजबूत ठाढ़े रह सकव, अऊ मजबूत ठाढ़े रहे बर जम्मो चीज करे के बाद, 14 सच के कमर पट्टी ले अपन कनिहां ला कस लेवव। धरमीपन के झिलम पहिर लेवव, 15 अऊ अपन गोड़मन म सांति के सुघर संदेस के पनही पहिर लव। 16 ए जम्मो चीज के अलावा बिसवास के ढाल ले लव, जेकर ले तुमन ओ दुस्ट के जम्मो अगनीबान ला बुथाय सकव। 17 उद्धार के टोप अऊ आतमा के तलवार जऊन ह कि परमेसर के बचन ए, ले लव। 18 जम्मो किसम के पराथना अऊ बिनती के संग हर समय आतमा म पराथना करव। मन म एला रखके सचेत रहव अऊ जम्मो संत मनखेमन बर हमेसा पराथना करत रहव।
19 मोर बर घलो पराथना करव कि जब भी मेंह गोठियावंव, परमेसर ह मोला बचन देवय, ताकि निडर होके मेंह सुघर संदेस के भेद ला बता सकंव, 20 जेकर खातिर मेंह कैद म, एक राजदूत अंव। पराथना करव कि मेंह ए बात ला निधड़क बोलंव, जइसने कि मोला करना चाही।
आखिरी जोहार
21 तुखिकुस ह हमर मयारू भाई अऊ परभू म बिसवास के लइक सेवक ए। ओह तुमन ला हर एक बात बताही ताकि तुमन घलो जान लेवव कि मेंह कइसने हवंव अऊ का करत हवंव। 22 मेंह ओला तुम्हर करा एकर खातिर पठोवत हवंव कि तुमन जान लेवव कि हमन कइसने हवन अऊ ए घलो कि ओह तुमन ला उत्साहित करय।
23 परमेसर ददा अऊ परभू यीसू मसीह कोति ले भाईमन ला सांति अऊ बिसवास के संग मया मिलय। 24 ओ जम्मो झन ला अनुग्रह मिलय, जऊन मन हमर परभू यीसू मसीह ले अइसने मया करथें, जऊन ह कभू खतम नइं होवय।
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