Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
लूकॉ 12:1-31

मसीह येशु का स्पष्ट तथा निडर प्रवचन

12 इसी समय वहाँ हज़ारों लोगों का इतना विशाल समूह इकट्ठा हो गया कि वे एक दूसरे पर गिरे पड़ते थे. मसीह येशु ने सबसे पहिले अपने शिष्यों को सम्बोधित करते हुए कहा, “फ़रीसियों के ख़मीर अर्थात् ढ़ोंग से सावधान रहो. ऐसा कुछ भी ढ़का नहीं, जिसे खोला न जाएगा या ऐसा कोई रहस्य नहीं, जिसे प्रकट न किया जाएगा. वे शब्द, जो तुमने अन्धकार में कहे हैं, प्रकाश में सुने जाएँगे, जो कुछ तुमने भीतरी कमरे में कानों में कहा है, वह छत से प्रचार किया जाएगा.

“मेरे मित्रों, मेरी सुनो: उनसे भयभीत न हो, जो शरीर का तो नाश कर सकते हैं किन्तु इसके बाद इससे अधिक और कुछ नहीं पर मैं तुम्हें समझाता हूँ कि तुम्हारा किससे डरना सही है: उन्हीं से, जिन्हें शरीर का नाश करने के बाद नर्क में झोंकने का अधिकार है. सच मानो, तुम्हारा उन्हीं से डरना उचित है. क्या दो अस्सारिओन में पाँच गौरैयाँ नहीं बेची जातीं? फिर भी परमेश्वर उनमें से एक को भी नहीं भूलते. सच तो यह है कि तुम्हारे सिर का एक-एक बाल तक गिना हुआ है. मत डरो! तुम्हारा दाम अनेक गौरैयों से कहीं अधिक बढ़कर है.

“मैं तुमसे कहता हूँ कि जो कोई मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करता है, मनुष्य का पुत्र उसे परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने स्वीकार करेगा, किन्तु जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करता है, उसका परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने इनकार किया जाएगा. 10 यदि कोई मनुष्य के पुत्र के विरुद्ध एक भी शब्द कहता है, उसे तो क्षमा कर दिया जाएगा किन्तु पवित्रात्मा की निन्दा बिलकुल क्षमा न की जाएगी.

11 “जब तुम उनके द्वारा सभागृहों, शासकों और अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किए जाओ तो इस विषय में कोई चिन्ता न करना कि अपने बचाव में तुम्हें क्या उत्तर देना है या क्या कहना है 12 क्योंकि पवित्रात्मा ही तुम पर प्रकट करेंगे कि उस समय तुम्हारा क्या कहना सही होगा.”

सम्पत्ति के इकट्ठा करने पर विचार

13 उपस्थित भीड़ में से किसी ने मसीह येशु से कहा, “गुरुवर, मेरे भाई से कहिए कि वह मेरे साथ पिता की सम्पत्ति का बँटवारा कर ले.”

14 मसीह येशु ने इसके उत्तर में कहा, “भलेमानुस! किसने मुझे तुम्हारे लिए न्यायकर्ता या मध्यस्थ ठहराया है?” 15 तब मसीह येशु ने भीड़ को देखते हुए उन्हें चेतावनी दी, “स्वयं को हर एक प्रकार के लालच से बचाए रखो. मनुष्य का जीवन उसकी सम्पत्ति की बहुतायत होने पर भला नहीं है.”

16 तब मसीह येशु ने उनके सामने यह दृष्टान्त प्रस्तुत किया: “किसी व्यक्ति की भूमि से अच्छी फसल उत्पन्न हुई. 17 उसने मन में विचार किया, ‘अब मैं क्या करूँ? फसल रखने के लिए तो मेरे पास स्थान ही नहीं है.’

18 “तब उसने विचार किया, ‘मैं ऐसा करता हूँ: मैं इन बखारियों को तोड़ कर बड़े भण्डार निर्मित करूँगा. तब मेरी सारी उपज तथा वस्तुओं का रख रखाव हो सकेगा. 19 तब मैं स्वयं से कहूँगा, “अनेक वर्षों के लिए अब तेरे लिए उत्तम वस्तुएं इकट्ठा हैं. विश्राम कर! खा, पी और आनन्द कर!.”’

20 “किन्तु परमेश्वर ने उससे कहा, ‘अरे मूर्ख! आज ही रात तेरे प्राण तुझ से ले लिए जाएँगे; तब ये सब, जो तूने अपने लिए इकट्ठा कर रखा है, किसका होगा?’

21 “यही है उस व्यक्ति की स्थिति, जो मात्र अपने लिए इस प्रकार इकट्ठा करता है किन्तु जो परमेश्वर की दृष्टि में धनवान नहीं है.”

चिन्ता के विरुद्ध चेतावनी

22 इसके बाद अपने शिष्यों से उन्मुख हो मसीह येशु ने कहा, “यही कारण है कि मैंने तुमसे कहा है, अपने जीवन के विषय में यह चिन्ता न करो कि हम क्या खाएँगे या अपने शरीर के विषय में कि हम क्या पहनेंगे. 23 जीवन भोजन से तथा शरीर वस्त्रों से बढ़कर है. 24 कौवों पर विचार करो: वे न तो बोते हैं और न काटते हैं. उनके न तो खलिहान होते हैं और न भण्ड़ार; फिर भी परमेश्वर उन्हें भोजन प्रदान करते हैं. तुम्हारा दाम पक्षियों से कहीं अधिक बढ़कर है! 25 तुममें से कौन है, जो चिन्ता के द्वारा अपनी आयु में एक पल भी बढ़ा पाया है? 26 जब तुम यह छोटा-सा काम ही नहीं कर सकते तो भला अन्य विषयों के लिए चिन्तित क्यों रहते हो?

27 “जंगली फूलों को देखो! वे न तो कताई करते हैं और न बुनाई; परन्तु मैं कहता हूँ कि राजा शलोमोन तक अपने सारे ऐश्वर्य में इनमें से एक के तुल्य भी सजे न थे. 28 यदि परमेश्वर भूमि की घास को, जो आज तो है किन्तु कल आग में झोंक दी जाएगी, इस रीति से सजाते हैं तो अल्पविश्वासियो! वह तुम्हें और कितना अधिक सुशोभित न करेंगे! 29 इस उधेड़-बुन में लगे न रहो कि तुम क्या खाओगे या क्या पिओगे और न ही इसकी कोई चिन्ता करो. 30 विश्व के सभी राष्ट्र इसी कार्य में लगे हैं. तुम्हारे पिता को पहले ही यह मालूम है कि तुम्हें इन वस्तुओं की ज़रूरत है. 31 इनकी जगह परमेश्वर के राज्य की खोज करो और ये सभी वस्तुएं तुम्हारी हो जाएँगी.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.