Daily Reading for Personal Growth, 40 Days with God
25 बिहान होय के थोरकन पहिली यीसू ह समुंदर ऊपर रेंगत चेलामन करा आईस। 26 जब चेलामन यीसू ला समुंदर ऊपर रेंगत देखिन, त ओमन डर्रा गीन अऊ कहिन, “एह भूत अय।” अऊ ओमन डर के मारे चिचियाय लगिन।
27 तब यीसू ह तुरते ओमन ला कहिस, “हिम्मत रखव। एह में अंव। झन डर्रावव।”[a]
28 पतरस ह कहिस, “हे परभू, यदि तें अस, त मोला पानी ऊपर तोर करा आय के हुकूम दे।”
29 यीसू ह कहिस, “आ।” तब पतरस ह डोंगा ले उतरिस अऊ पानी ऊपर रेंगत यीसू कोति आय लगिस। 30 पर जब ओह गर्रा ला देखिस, त ओह डर्रा गीस अऊ पानी म बुड़न लगिस, त चिचियाके कहिस, “हे परभू! मोला बचा।”
31 यीसू ह तुरते अपन हांथ बढ़ाके ओला थाम लीस अऊ कहिस, “हे अल्प बिसवासी, तेंह संका काबर करय?”
32 जब ओ दूनों डोंगा म चघ गीन, त गर्रा ह थम गीस। 33 तब जऊन मन डोंगा म रिहिन, ओमन यीसू ला दंडवत करिन अऊ कहिन, “सही म तेंह परमेसर के बेटा अस।”
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