Daily Reading for Personal Growth, 40 Days with God
सच्चा विवेक
13 भला तोहमाँ, गियानी अउर समझदार कउन हयेन? जउन हयेन, ओका अपने करमन अपने अच्छे चाल चलन स उ नम्रता स प्रकट करम जउ गियान स उत्पन्न होत ह। 14 परन्तु अगर तू जउने लोगन क हिरदइ कड़वाहट, ईर्सा अउर सुवारथ भरा हुआ बा, तउन ओनके सामने अपने गियान क ढोल न पीटा। अइसेन कइके त तू सत्य प परदा डावत भए असत्य बोलत अहा। 15 अइसेन “गियान” तउ परमेस्सर स नाहीं, बल्कि उ त सांसारिक अहइ। आत्मिक नाहीं अहइ। अउर सइतान क अहइ। 16 काहेकि जहाँ ईर्सा अउर सुवारथ पूर्ण महत्वपूर्ण इच्छा रहत ह, उहाँ अव्यवस्था अउर भरम अउर हर तरह क खराब बात रहत हीं। 17 परन्तु परमेस्सर आवइवाला गियान सबसे पहिले तउ पवित्तर होत ह, फिन सान्तिपूर्ण, सहज-खुस करुना स भरा होत ह। अउर ओसे अच्छा करमन क फसल उपजत ह। उ पच्छपात रहित अउर सच्चा भी होत ह। 18 सान्ति क बरे काम करइवाले लोगन क भी धरमपूर्ण जीवन क फल मिली अगर ओका सान्तिपूर्ण तरीके मँ कीन्ह गवा अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.