Daily Reading for Personal Growth, 40 Days with God
सुनब अउर ओह पर चलब
19 मोर पिआरे भाइयो तथा बाहिनियो, खियाल रखा, हर कीहीउ क तत्परता क साथे सुनइ चाही, बोलइ मँ जल्दी न करा, अउर जल्दी सा किरोध न करा कर। 20 काहेकि मनई जब किरोध करत ह तब उ परमेस्सर क द्वारा बनाए भए रस्ता का पालन नाहीं कइ पावत। 21 सब घिनौना आचरण अउर चारहुँ ओर फइलत दुस्टताई स दूर रहा। अउर नरमी क साथे तोहरे हिरदइ मँ रोपा भवा परमेस्सर क बचन क पालन करा जउन तोहार आतिमन क उद्धार देवाई सकत ह।
22 परमेस्सर क उपदेस पे चलइ वाला बना, न कि केवल ओका सुनइवाला। अगर तू केवल ओका सुनबइ भर रहत ह तउ अपने आप क छलत अहा। 23 काहेकि अगर केउॅ परमेस्सर क उपदेस क सुनत तउ बाटइ मुला ओह प चलत नाहीं, तउ उ ओह मनई क समान बाटइ जउन अपने भौतिक मुँहे क दरपन मँ देखतेइ भर बाटइ। 24 उ खुद क अच्छी तरह देखतइ बा, पर जब उहाँ स चला जात ह तउ तुरन्त भूल जात ह कि उ कइसेन देखॉत रहा। 25 किन्तु जो परमेस्सर क उहइ सम्पूर्ण व्यवस्था क नजदीक स देखत ह, जेससे स्वतन्त्रता प्राप्त होत ह, अउर उही प आचरण भी करत ह अउर सुनिके ओहका भूले बिना आपन आचरण मँ उतार लेत ह, उही अपने करमन क बरे धन्य होइ।
आराधना क सच्चा रस्ता
26 अगर केऊ सोचत ह कि उ भक्त अहइ अउर अपने जीभ प कसिके लगाम नाहीं लगावत त उ धोखा मँ बा। ओकर भक्ति बेकार बा। 27 परमेस्सर क सामने सच्चे अउर सुद्ध आराधना ऊहई अहइ: जेहमाँ अनाथ अउर विधवन क ओनके दुख दर्द मँ सुधि लीन्हि जाइ अउर खुद क कउनउ सांसारीक कलंक न लागइ दीन्ह जाइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.