Daily Reading for Personal Growth, 40 Days with God
17 जेकरे लगे भौतिक सम्पति अहइ, अउर जे अपने भाइयन क दुःखी देखके ओकरे ऊपर दया नाहीं करत, ओहमा परमेस्सर क पिरेम अहइ, एका कइसे कहा जाइ सकत ह? 18 पिआरे बच्चो, हमार पिरेम केवल कथन अउर बात तक न रहइ चाही, ओका करम कइके देखावइ चाही तथा पिरेम क सच्चा होइ चाही।
19-20 इही स हम जान लेब कि हम सच्चाई स जुड़ा अही अउर परमेस्सर क सामने अपने दिल मँ सन्तोस कइ लेब। जिन कामन मँ हमार मन हमका दोसी ठहरावत ह काहेकि परमेस्सर हमरे मन स बड़ा अहइ अउर उ सब कछू जानत ह।
21 जो पिआरे बन्धुओं, जदि बुरा काम करत समइ हमार मन हमका दोसी नाहीं ठहरावत तउ परमेस्सर क सामने हमका बिसवास बना रहत ह। 22 अउर जउन कछू हम ओसे मांगित ह, ओका पाइत ह। काहेकि हम ओकरे हुकुमन क अनुसार काम करत अही अउर ओनही काम करत अही जउन ओका अच्छी लागत ह। 23 ओकर इ हुकुमन अहइ: हम सबे ओकरे पूत ईसू मसीह मँ बिसवास करी, जइसेन कि उ हमका पचे क हुकुम दिहे अहइ, कि हम एक दुसरे स पिरेम करी, 24 जउन मनई ओकरे आदेस क पालन करत ह, उ उही मँ बरकरार रहत ह अउर ओहमाँ परमेस्सर क निवास रहत ह। इ तरह स, उ आतिमा क द्वारा जेका परमेस्सर हमका दिहे अहइ, हम जानितही कि हमरे अन्दर परमेस्सर रहत ह।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.