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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यूहन्ना 2-4

काना मँ बियाह

गलील क काना मँ तीसरे दिन कउनो क घरे मँ बियाह रहा। ईसू क महतारी हुवाँ मौजूद रही। बियाहे मँ ईसू क अउर ओनके चेलन क बोलउवा आइ रहा। हुवाँ जब दाखरस खतम होइ गवा तउ ईसू क महतारी कहेस, “ओनके पास अब दाखरस नाहीं अहइ, सब खतम होइ ग।”

ईसू ओसे कहेस, “इ तू मोसे काहे बतावत अहा? अबहीं मोर समइ नाहीं आवा अहइ।”

फिन ओकर महतारी ऩउकरन स कहेस, “तू पचे उहइ करा जउन इ तोहसे करइ बरे कहइ।”

हुवाँ पानी भरइ बरे पाथर क छ: मटका धरा रहेन। इ मटकन क यहूदियन पवित्तर स्नान क बरे इस्तेमाल करत रहेन। हर मटका मँ लगभग बीस स तीस गैलन पानी आवत रहा।

ईसू नउकरन स कहेस, “मटकन क पानी स भर द्या।” नउकरन मटकन क लबालब भरि दिहेन।

फिन उ ओनसे कहेस, “अब थोड़ा पानी बाहेर निकाला, अउर दावत क इन्तजाम करइवाला मुखिया क पास लइ जा।”

अउर उ पचे थोर क पानी मुखिया क पास लइ गएन। फिन दावत क इन्तजाम करइवाला मुखिया उ पानी क थोरा स चखेस तउ उ पाएस कि इ पानी तउ दाखरस बनि गवा रहा। उ जानि नाहीं पाएस कि दाखरस कहाँ स आइ गवा। मुला ओन नउकरन क तउ पता रहा, जउन पानी निकारे रहेन। 10 फिन दावत क मुखिया दुल्हा क बोलाएस अउर ओसे कहेस, “सब मनई पहिले अच्छी दाखरस परोसत हीं अउर जब मेहमानन क मन भरि जात ह तउ घटिया दाखरस देइ लागत हीं। मुला तउ सबसे बढ़िया वाली दाखरस अबहीं तक बचाए रखे अहा।”

11 ईसू गलील क काना मँ आपन पहिला अदुभुत कारज कइके आपन महिमा परगट किहेस। जेहसे ओकर चेलन ओहमाँ बिसवास करेन्ह।

12 ओकरे पाछे फिन ईसू आपन महतारी, भाइयन अउर चेलन क साथे कफरनहूम चला गवा, जहाँ प उ पचे कछू दिन ठहरेन्ह।

ईसू मंदिर मँ

(मत्ती 21:12-13; मरकुस 11:15-17; लूका 19:45-46)

13 यहूदियन क फसह क त्यौहार निचके रहा। इ करण ईसू यरूसलेम चला गवा। 14 हुवाँ मंदिर मँ ईसू देखेस कि तमाम मनई मवेसियन, भेड़न अउर कबूतरन क बेचत रहेन अउर सिक्का बदलइवाले बयपारी अपनी गदूदी प बइठा रहेन। 15 इ बरे उ रस्सी क एक ठु कोड़ा बनाएस अउर ओन सबका मवेसियन अउर भेड़न समेत बाहर खदेर दिहेस। सिक्का बदलइवाले बयपारियन क सिक्का बिखराइ दिहेस अउर ओनके चौकियन क बिखराइ दिहेस। 16 कबूतरन क बेचइवालेन स कहेस, “एनका सबका हियाँ स बाहेर लइ जा! मोरे परमपिता क घर बजार जिन बनावा!”

17 इ सब देखिके ओकरे चेलन क याद आइ गवा कि पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ:

“तोहरे घर बरे मोर लगन मोका खाइ जाई।” (A)

18 एकरे जवाब मँ यहूदियन ईसू स कहेन, “तू हमका सबेन्ह क कउन अद्भुत चीन्ह क तौर पइ देखाइ सकत ह्या, जइसे इ साबित होइ जाइ कि जउन तू करत अहा, ओकर तू अधिकारी अहा?”

19 ईसु ओनका जवाब दिहेस, “इ मंदिर क तू पचे गिराइ द्या अउर मइँ एका तीन दिन क अन्दर फिन बनाइ देब।”

20 इ सुनिके यहूदियन बोलेन, “इ मंदिर क बनावइ मँ छियालिस बरिस लगा रहेन, अउर तू कहत अहा कि ऍका मइँ तीन दिन मँ बनाइ देब?”

21 मुला ईसू जउने मंदिर क बात करत रहा, उ ओकर आपन देह रही। 22 बाद मँ जब मउत क बाद ईसू फिन जी उठा तउ ओकरे चेलन क याद आवा कि ईसू ऍका कहे रहा, अब तउ उ पचे पवित्तर सास्तर प अउर ईसू क बात पर बिसवास करइ लागेन।

23 फसह क त्यौहार क दिनन जब ईसू यरूसलेम मँ रहा, तउ तमाम मनई ओकर अद्भुत कारजन अउर चीन्हन देखिके ओहमाँ बिसवास करइ लागेन। 24 मुला ईसू अपने आपका ओनके सहारे नाहीं छोड़ेस, काहे स कि उ सबका बखूबी जानत रहा। 25 ओका इ बात क कउनो जरुरत नाहीं रही कि केहू आइके ओका लोगन क बारे मँ बतावइ, ऍह बरे कि उ अच्छी तरह जानत रहा कि लोगन क मन मँ का अहइ।

ईसू अउर नीकुदेमुस

हुआँ फरीसियन क एक ठु मनई रहा, जेकर नाउँ रहा नीकुदेमुस। उ यहूदियन क नेता रहा। उ ईसू क लगे रात मँ आवा अउर ओसे बोला, “गुरू, हम जानत अही कि तु गुरू अह्या अउर परमेस्सर तोहका भेजेस, इहइ कारण अहइ कि तू अइसे अइसे अद्भुत कारजन करत अहा। इ सब कारज परमेस्सर क सहायता क बिना कउनो नाहीं करि सकत।”

एकरे जवाब मँ ईसू ओहसे कहेस, “मइँ तोहका एकदम सच सच बतावत अहउँ कि अगर कउनो मनई एकदम स नवा जनम न लेइ तउ उ परमेस्सर क राज्य नाहीं देख सकत।”

नीकुदेमुस ओसे कहेस, “कउनो मनई बुढ़वा होइ क बाद फिन जनम कइसे लइ सकत ह? कउनो अपनी महतारी क कोख मँ घुसि क जनम कहसे लइ सकत ह?”

ईसू जवाब दिहेस, “मइँ तोहका सच बतावत अहउँ। अगर कउनो मनई पानी अउर आतिमा स जनम नाहीं लेत तउ उ परमेस्सर क राज्य मँ घुसइ नाहीं पावत। जउन सरीर स पइदा होइ सकत ह, उहइ सरीर अहइ जउन आतिमा स पइदा होत ह, उहइ आतिमा अहइ। मइँ तोहसे जउन बताए अहउँ, ओहमाँ कउनो अचरज करइ क जरुरत नाहीं अहइ, ‘तोहका फिन स जनम लेइ क होई।’ हवा जउने तरफ चाहत ह, उहइ तरफ बहत ह। तू ओकर आवाज तउ सुनि सकत ह, मुला तू इ नाहीं जानि सकत ह कि उ कहाँ स आवत अहइ अउर कहाँ जात अहइ। आतिमा स पइदा भवा हर एक मनई इहइ तरह अहइ।”

एकरे जवाब मँ नीकुदेमुस ओसे कहेस, “इ कइसे होइ सकत ह?”

10 ईसू ओका जवाब दिहेस, “तू तउ इस्राएलियन क गुरू अह्या मुला तू इ बात नाहीं जानत रह्या? 11 सच्ची बात मइँ बतावत अहउँ, हम पचे जउन जानत अही, उहइ बतावत अही, जउन हम देखत अही मुला तू पचे हमरी बात मँ कम बिसवास करत अहा। 12 मइँ तोहका धरती क बात बतावत अहउँ, अउर तू ओका नाहीं मानत अहा, अबहीं जब मइँ तोहका पचे क सरग क बात बतावउँ तउ तू ओका कइसे मान लेब्या? 13 सरग मँ कबहुँ कउनो नाहीं गवा, केवल ओका छोड़ कर, जउन सरग स उतरके आवा ह – उहइ मनई क पूत।

14 “जइसे मूसा रेगिस्तान मँ साँप क उठाइ लिहे रहा वइसे मनई क पूत क ऊपर उठाइ लीन्ह जाई। 15 जइसे कि ओहमाँ बिसवास करइवाले सब मनई अनन्त जीवन पाइ सकइँ।”

16 परमेस्सर इ दुनिया स इतना पिरेम करत रहा कि अपने एकलौता पूत क दइ दिहेस, जइसे कि ओहमाँ बिसवास करइवाला कउनो मनई क नास न होइ, ओका अनन्त जीवन मिल जाइ। 17 परमेस्सर आपन पूत इ बरे नाहीं पठएस कि उ दुनिया क अपराधी साबित करइ, उ तउ इ बरे भेजेस अइसे कि समूची दुनिया क उद्धार होइ जाइ। 18 जउन मनई परमेस्सर क पूत मँ बिसवास करत हीं, ओनका दोसी न ठहरावा जाइ, मुला जे ओनके मँ बिसवास नाहीं करतेन, ओका तउ दोसी ठहरावा जाइ चुका अहइ, काहेकि उ परमेस्सर क एकलौता पूत मँ बिसवास नाहीं करत ह। 19 इ निरनय क आधार इ बाटइ कि ज्योति इ दुनिया मँ आइ गइ अहइ, मुला कछू मनई अइसे अहइँ कि ज्योति क न देखिके आँधियारे क जियादा महत्व देत अहइँ काहेकि ओनके सब करम बुरा अहइँ। 20 पाप करइवाला मनई हमेसा ज्योति स घिणा करत ह अउर ओकरे पास कबहूँ नाहीं आवत, एह बरे कि ओकरे पाप क उजागिर होइ क डर बना रहत ह। 21 मुला जउन मनई सच्चाई क रस्ता प चलत ह उ परमेस्सर क द्वारा ज्योति क किरन क लगे अइहीं जइसे इ उजागिर होइ जाइ कि ओके सब कारज परमेस्सर करावत अहइ।

यूहन्ना ईसू क बपतिस्मा दिहेस

22 ओकरे बाद ईसू अपने चेलन क साथ यहूदिया क इलाका मँ चला गवा। हुवाँ ओनके साथ ठहरिके उ सब लोगन्ह क बपतिस्मा देइ लाग। 23 हुवाँ प सालेम क नजदीक ऐनोन मँ यूहन्ना भी बपतिस्मा देत रहा, एह बरे कि हुवाँ इफरात मँ पानी रहा। तमाम मनई हुवाँ आवत रहेन अउर बपतिस्मा लेत रहेन। 24 (अब तक यूहन्ना क बंदी नाहीं बनावा ग रहा।)

25 अब यूहन्ना क कछू चेलन अउर एक ठु यहूदी क बीच स्वच्छताकरण क लइके बहस होइ लाग। 26 एह बरे उ सब यूहन्ना क लगे आएन अउर कहेन, “गुरु, जउन मनई यरदन क ओहॅ पार तोहरे साथ रहा अउर जेकरे बारे मँ तू बताए रह्या, उ लोगन्ह क बपतिस्मा देत अहइ, अउर सब मनई ओकरे पास जात अहइँ।”

27 एकरे जवाब मँ यूहन्ना कहेस, “कउनो मनई क तब तक कछू नाहीं मिल सकत जब तक कि ओका परमेस्सर स न दीन्ह ग होइ। 28 तू पचे इ बात क साच्छी अहा कि मइँ कहे रहेउँ, ‘मइँ मसीह न अहउँ मोका तउ ओकरे बरे रस्ता बनाइ बरे पठवा गवा अहइ।’ 29 दूल्हा तउ उहइ बा, जेका दुलहिन मिलइ। मुला दूल्हा क दोस्त जउन ओकरे अगुवाई मँ खड़ा रहत ह जब दूल्हा क आवाज सुनत ह, तउ बहुत खुस होत ह। इहइ मोर खुसी अहइ जउन अब पूरी भइ। 30 अब इ जरुरी अहइ कि ओकर महिमा बढ़इ अउर मोर कम होइ।

उ जउन सरग स उतर

31 “जउन ऊपर स आवत ह, उ सबसे महान अहइ। उ जउन घरती स बाटइ, धरती स जुड़ा अहइ। एह बरे उ धरती क चीजन क बारे माँ बात करत ह। जउन सरग स उतरा ह, सबके ऊपर अहइँ, 32 उ जउन कछू देखे अहइ, अउर सुने अहइ, उ ओकर साच्छी देत ह अउर ओकर साच्छी क कउनो मनई नाहीं चाहत। 33 जउन ओकरी साच्छी क मानत ह, उ प्रमाणित करत ह कि परमेस्सर सच्चा अहइ। 34 काहे बरे कि जेका परमेस्सर पठए अहइ, परमेस्सर क बातन करत ह। काहेकि परमेस्सर ओका आतिमा क अनन्त दान दिहे अहइ। 35 परमपिता अपने पूत क स पिरेम करत ह अउर ओकरे हाथे मँ उ सब कछू क अधिकार सौंपि दिहेस। 36 एह बरे जउन ओकरे पूत मँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पइहइँ मुला जे परमेस्सर क पूत क बात नाहीं मानत ओका इ जीवन नाहीं मिली। एकरे बजाय उ परमेस्सर क कोप का भाजन बनी।”

ईसू अउर सामरी स्त्री

अउर जब ईसू क पता चला कि फरीसियन इ सुने अहइँ कि ईसू यूहन्ना स जियादा लोगन क बपतिस्मा देत अहइ अउर ओनका आपन चेलन बनावत अहइ। (वइसे ईसू खुदइ बपतिस्मा नाहीं देत रहा। बल्कि ओकर चेलन इ कारज करत रहेन्ह।) उ यहूदिया छोड़िके एक बार फिन गलील लौट ग रहा। इ दाईं ओका सामरिया होइके जाइका पड़ा।

एह बरे उ सामरिया क एक नगर सूखार मँ आवा। इ नगर उहइ भुइँया क पास रहा। जउने क याकूब अपने बेटवा यूसुफ क दिहे रहा हुवाँ याकूब क कुआँ रहा। ईसू इ जात्रा मँ एकदम थक ग रहा, एह बरे उ कुआँ क पास बइठ गवा। उ समइ करीब करीब दुपहरिया रही। एक ठु सामरी[a] स्त्री पानी भरइ क बास्ते आइ! ईसू ओसे कहेस, “मोका पिअइ क पानी दइ द्या।” उ समइ सब चेलन खाना बेसहइ क बरे सहर चला गवा रहेन।

सामरी स्त्री ओसे कहेस, “तू यहूदी होइके मोसे पानी काहे मांगत अहा, मइँ तउ सामरी स्त्री अहउँ?” (यहूदी तउ सामरियन स कउनो मतलब नाहीं रखत रहेन।)

10 ओकरे जवाब मँ ईसू ओसे कहेस, “जदी तू ऍतना जनतेउ कि परमेस्सर का दिहेस अउर उ कउन अहइ जउन तोहसे कहत अहइ कि ‘मोका पानी द्या’ तउ तू ओसे खुदइ मँगतिउ, अउर उ तोहका जीवन जल दइ देत।”

11 उ स्त्री ओसे कहेस, “महासय, तोहरे लगे तउ कउनो बासन तक नाहीं बाटइ अउर कुआँ बहुत गहिर अहइ फिन तोहरे पास जीवन जल कइसे होइ सकत ह? 12 जरूर तू हमरे पूर्वज याकूब स बड़ा अहा जेक हमका कुआँ दिहेन अउर अपने लड़िकन्ह अउर जानवरन्ह क साथ खुदइ एकर पानी पिए रहेन्ह।”

13 ईसू एकरे जवाब मँ कहेस, “जउन मनई इ कुआँ क पानी पिअत ह, ओका फिन पियास लगी। 14 मुला जउन मनई उ पानी क पी लेई जउन पानी मइँ देब, ओका फिन कबहूँ पियासन लगी। मोर दीन्ह पानी ओकरे दिल मँ एक पानी क झरना क नाई बन जाई जउन घुमड़ घुमड़ क ओका अनन्त जीवन देई।”

15 तब उ स्त्री ओसे कहेस, “हे महासय, मोका उहइ पानी दइ द्या जेहसे कि मइँ कबहूँ पियासी न रही अउर मोका फिन पानी खँइचे क बरे न आवइ क पड़इ।”

16 इ सुनके ईसू ओसे कहेस, “जा अपने पति क बोलावा अउर हियाँ आवा।”

17 एकरे जवाब मँ स्त्री कहेस, “मोर कउनो पति नाहीं बाटइ।”

ईसू ओसे कहेस, “जब तू कहति अहा कि तोहार कउनो पति नाहीं बाटइ, तउ तू ठीक कहति अहा 18 तोहरे पाँच पति रहेन अउर जउने पुरूस क साथ तू रहित अहा, उ तोहार पति न अहइ, एह बरे जउन तू कहति अहा उ ठीक अहइ।”

19 इ सुनिके उ स्त्री ओसे कहेस, “महासय, मोका तउ लागत अहइ कि तू कउनो नबी अहा। 20 हमरे पूर्वजन इ पर्वत प आराधना किए रहेन्ह मुला तू कहत अहा कि यरूरलेम आराधना क स्थान अहइ।”

21 ईसू ओसे कहेस, “हे स्त्री मोरी बात माँ बिसवास करा। उ समइ आवइवाला अहइ जब तू परमपिता क आराधना न तउ एहि पर्वत प करइ पउबू अउर न तउ यरूसलेम मँ। 22 तू सामरी लोगन्ह ओका नाहीं जानत अहइँ जेकर आराधना करति अह। मुला हम यहूदी ओका जानित ह जेकर आराधना करति अहा। सबन क उद्धार यहूदियन स मिली। 23 मुला उहइ समइ आवत अहइ, ‘अउर आइ ग’ बाटइ जब सच्चे आराधकन परमपिता क आराधना, आतिमा अउर सच्चाई मँ करिहीं। परमपिता अइसे आराधक चाहत ह। 24 परमपिता आतिमा अहइ अउर एह बरे जउन ओकर आराधना करी ओका आतिमा अउर सच्चाइन मँ आराधना करइ क पड़ी।”

25 फिन स्त्री ओसे कहेस, “मइँ जानत अहउँ कि मसीह आवइवाला अहइ।” (यानी “ख्रीष्ट”) “जब उ आई तउ हम पचन क सब कछू बताई।”

26 ईसू ओसे कहेस, “मइँ जउन तोहसे बतियात अहउँ मइँ उहइ अहउँ।”

27 उहइ समइ ओकर चेलन लौट आएन। अउर ओनका इ देखिके बहुत अचरज भवा कि उ एक ठु स्त्री स बात करत अहइ। मुला कउनो ओह इ नाहीं कहेस, “तोहका इ स्त्री स का मतलब अहइ?” अउर या “ई स्त्री स तू काहे बरे बतियात अहा?”

28 उ स्त्री आपन पानी भरइवाली गगरी छोड़िके सहर चली गइ अउर मनइयन स कहेस, 29 “आवा जा अउर देखा, एक ठु अइसा मनई अहइ, जउन मोर कीन्ह सच मोका बताइ दिहेस। का तू इ नाहीं सोचत अहा कि उ मसीह अहइ?” 30 इ सुनिके सब लोगन्ह सहर छोड़िके ईसू क लगे जाइ पहुँचेन।

31 उहइ समइ ईसू क चेलन ओसे बिनती करत रहेन्ह, “गुरू कछू खाइ ल्या!”

32 मुला ईसू ओनसे कहेस, “मोरे पास खाइ बरे, अइसा खाना अहइ जेकरे बारे मँ तू पचे कछू नाहीं जानत अहा।”

33 इ सुनिके सब चेलन आपस मँ एक दूसरे स पूछइ लागेन, “का ओकरे बरे कउनो खाइ बरे कछू लिआवा होई?”

34 ईसू ओनसे कहेस, “मोर खाना ओकर (परमेस्सर) इच्छा क पूरी करब अहइ जउन मोका पठएस ह। जउन कारज मोका सौंपा गवा बाटइ, ओका मोका पूरा करइ क अहइ, 35 तू पचे अक्सर कहत ह, ‘चार महीना बाकी बा तब जाइके फसल आई’ मुला मइँ तोहका पचेन्क बतावत अही कि आपन आपन आँखी खोला अउर खेतन क तरफ देखा उ सब काटइ क बरे तइयार होइ गवा अहइँ। उ जउन कटाई करत अहइ आपन मजूरी पावत अहइ। 36 अउर अनन्त जीवन क बरे फसल इकट्ठा करत बा, एह बरे कि फसल बोवइवाला अउर ओका काटइवाला दुइनउँ साथे साथे खुस रहइँ। 37 इ हमार बात एकदम स सच्ची निकरी, ‘एक मनई बोवत ह अउर दूसर मनई ओका काटत ह।’ 38 मइँ तोहका इ फसल काटइ क बरे भेजे अही जेहि पइ तोहार मेहनत नाहीं लागी बाटइ। जेहि पइ दूसरे क मेहनत लगी अहइ अउर ओकरी मेहनत क फल तोहका मिला अहइ।”

39 उ सहर क तमाम मनइयन ईसू मँ बिसवास किहेन, एह बरे कि उ स्त्री क बात क सच्ची मान लिहेन जउन कहेस, “मइँ जउन कछू करे रहेउँ, उ ओका ओकरे बारे मँ सब बताइ दिहेस।” 40 जब सामरी ओकरे पास आएन तउ ओन सबे ओसे ठहरइ क बरे चिरौरी करेन्ह ऍकरे बाद उ दुइ दिन हुवाँ ठहर गवा। 41 ओकरी बात स प्रभावित होइके तमाम जने ओहमाँ बिसवास करइ लागेन। 42 ओन सब उ स्त्री स कहेन, “अब हम सिरिफ तोहरी साच्छी क नाईं बिसवास ही नाहीं करत अही, मुला अब तउ हम सब खुदइ सुनि अउर देख लीन्ह। अब हम पचे जान लीन्ह कि सचमुच उ मनई संसार क उद्धार करइवाला बाटइ।”

राजकर्मचारी क बेटवा क जीवन दान

(मत्ती 8:5-13; लूका 7:1-10)

43 दुइ दिन क बाद उ हुवाँ स गलील क चल दिहेस। 44 (एक बरे कि ईसू खुद कहे रहा कि कउनो नबी अपने देस मँ कबहुँ आदर नाहीं पावत।) 45 इ तरह जब उ गलील आवा तउ गलील क रहइवाले ओकर स्वागत करेन्ह काहे बरे उ पचे उ सबइ कछू लखे रहेन्ह जउन कछु फसह क त्यौहार यरूसलेम मँ उ किहे रहा: काहेकि उ पचे सबहिं त्यौहार मँ सामिल रहेन।

46 ईसू एक बार फिन गलील मँ काना गवा जहाँ उ पानी क दाखरस बनाइ दिहे रहा। अब की दाई कफरनहूम मँ एक ठु राजकर्मचारी रहा जेकर बेटवा बीमार रहा। 47 जब राजकर्मचारी सुनेस कि यहूदिया स ईसू गलील आवा अहइ तउ उ ओकरे पास आवा अउर इ विनती किहेस कि उ कफरनहूम जाइके ओकरे बेटवा क चंगा कइ दे ओकर बेटवा एकदम मरइ क किनारे आइ गवा रहा। 48 ईसू ओसे कहेस, “अद्भुत कारजन अउर अचरजे कारजन क देखे बिना तू पचे बिसवास न करब्या।”

49 राजकर्मचारी ओसे कहेस, “महासय, एकरे पहले कि मोर बेटवा मरि जाइ, तू मोरे साथे घरे चला।”

50 ईसू जवाब दिहेस, “जा तोहार बेटवा जिअत रही।” ईसू जउन कहे रहा, उ पचे ओह पइ बिसवास किहेस अउर घर चला गवा। 51 उ घर लौटत ही रास्ते मँ रहा कि ओकर नउकर मिल गएन अउर इ समाचार सुनाएन, “तोहार बेटवा चंगा होइ गवा।”

52 उ पूछेस, “ओकर हालत कब स ठीक होइ लाग ह?”

उ जवाब दिहसे, “कल दुपहरिया मँ एक बजे ओकर बुखार उतर गवा।”

53 उ लरिका क बाप क इ याद आइ गवा कि इहइ ठीक समइ रहा जब ईसू ओसे कहेस, “तोहार बेटवा जिअत रही।” इ तरीका स ओकर पूरा परिवार ईसू मँ बिसवास करइ लाग।

54 इ दूसर अद्भुत कारज रहा जउन ईसू यहूदियन क गलील आए क बाद देखाएस।

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