Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
लूका 12-13

फरीसियन जइसा जिन बना

12 अउर फिन जब हजारन मनइयन क भारी भीड़ जुटि गइ तउ एक दुसरे क रौंदे जात रही तब ईसू पहिले आपन चेलन स कहइ लाग, “फरीसियन क खमीरे स, जउन ओनकइ कपट बा, बचा रहा। कछू छुपा नाहीं अहइ जउन परगट नाहीं कइ दीन्ह जाइ। अइसा कछू अनजाना नाहीं अहइ जेका बतावा नाहीं दीन्ह जाइ। एह बरे हर उ बात जेका तू अँधियारे मँ कह्या ह, उजिआरे मँ सुनी जाइ। अउर एकांत खोली मँ जउन कछू भी तू चुप्पे स कउनो क काने मँ कह्या ह, घरे क छते स ऍलान कइ दीन्ह जाइ।”

परमेस्सर स डेराअ

(मत्ती 10:28-31)

“मुला मोर मीतो, मइँ तोहसे कहत हउँ ओनसे जिन डेराअ जउन तोहरे तन क मारि डाइ सकत हीं अउर ओकरे पाछे अइसा कछू नाहीं अहइ जउन ओनके बस मँ होइ। मइँ तोहका देखाउब कि तोहका कउनो स डेराइ चाही। ओसे (परमेस्सर) डेराअ अउर तोहका मारिके नरक मँ नावइ क सक्ती राखत ह। हाँ, मइँ तोहका बतावत हउँ, बस उहइ स डेराअ।

“का दुइ पइसा मँ पाँच ठु चिरइयन नाहीं बिकतिन? फिन भी परमेस्सर ओहमाँ स एक क भी नाहीं बिसरत। अउर लखा तोहरे मूँड़े प क एक एक बारि तलक गना भवा अहइँ। डेराअ जिन तू बहोत सी चिरइयन स कहूँ जिआदा कीमत क अहा।”

ईसू क नाउँ प जिन सर्मा

(मत्ती 10:32-33; 12:32; 10:19-20)

“मुला मइँ तोहसे कहत हउँ जउन कउनो मनई सबहीं क समन्वा मोका मानत ह, मनई क पूत भी उ मनई क परमेस्सर क दूतन क समन्वा मानी। मुला ज जउन मोका दुसरे क समन्वा न मानी, ओका परमेस्सर क दूतन क समन्वा इन्कार कइ दीन्ह जाइ।

10 “अउर हर उ मनई क तो छमा कइ दीन्ह जाइ जउन मनई क पूत क खिलाफ कउनो सब्द बोलत ह, मुला जउन पवित्तर आतिमा क बुराई करत ह, ओका छमा नाहीं कीन्ह जाइ।

11 “तउ जब उ पचे तोहका आराधनालय मँ, राज्य क करइवालन अउर अधिकारियन क समन्वा लइ जाइँ तउ फिकिर जिन कर्या काहे तू आपन क कइसे बचउब्या या तोहका का कछू कहे होइ। 12 चिंता जिन करा काहेकि पवित्तर आतिमा तोहका सिखाइ कि उ समइया तोहका का बोलइ चाही।”

सुआरथ क खिलाफ चिताउनी

13 फिन भीड़ मँ स ओसे कउनो कहेस, “गुरु, मोरे भइया स मोरे बाप क धन दौलत क हींसा बाँटइ बरे कहि द्या।”

14 ऍह प ईसू ओसे कहेस, “अरे भले मनई, मोका तोहरे बरे निआववाला या पंच कउन बनएस ह” 15 तउ ईसू ओनसे कहेस, “होसियारी क संग आपन क लालच स दूर राखा। काहेकि जरूरत स जिआदा धन-दौलत होइ प जिन्नगी क आधार ओकर संग्रह नाहीं होत।”

16 फिन उ ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस: “कउनो धनी मनई क धरती प खूब पैदावार भइ। 17 उ आपन मनवा मँ सोचत भवा कहइ लाग, ‘मइँ का करुँ, मोरे लगे फसिल क रखइ बरे ठउर तउ अहइ नाहीं।’

18 “फिन उ बोला, ‘ठीक अहइ मइँ इ करब कि आपन अनाज क कोठिला गिराइके बड़का कोठा बनवाउब अउर आपन समूचा अनाज क अउर सामान हुवाँ रखब। 19 फिन आपन आतिमा स कहब, अरे मोर आतिमा अब बहोत स उत्तिम बस्तु, बहोत स बरिस बरे तोहरे लगे ऍकट्ठी अहइँ। घबरा जिन, खावा, पिआ अउर मउज उड़ावा!’

20 “मुला परमेस्सर ओसे बोला, ‘अरे मूर्ख! इहइ राति मँ तोहार आतिमा तोहसे लइ लीन्ह जाइ। जउन कछू तू तइयार किहे अहा, ओका कउन लेइ?’

21 “लखा, उ मनई क संग भी कछू अइसा ही भवा ह, उ अपने बरे बटोरत ह मुला परमेस्सर क निगाह मँ उ धनी नाहीं।”

परमेस्सर क राज क महत्ता

(मत्ती 6:25-34,19-21)

22 तब उ आपन चेलन स कहेस, “एह बरे मइँ तोहसे हउँ, आपन जिन्नगी क फिकिर जिन करा कि तू का पहिनब्या? 23 काहेकि जिन्नगी खइया स अउर तन ओढ़ना स जिआदा जरूरी अहइ। 24 कउअन क लखा, न उ पचइ बोवत हीं, न ही उ पचे काटत हीं। न ओनके लगे भण्डारा बा अउर न आजु अन्न क कोठिला, फिन भी परमेस्सर ओनका भोजन देत ह। तू तउ चिरइयन स केतॅना जिआदा कीमती अहा। 25 चिन्ता कइके, तू पचन मँ स कउन अइसा अहइ, जउन आपन उमिर मँ एक घड़ी भी अउर जोर सकत ह? 26 काहेकि तू जदि छोटका काम क भी नाहीं कइ सकत्या तउ बाकी बरे काहे फिकिर करत ह?

27 “कोका बेली क लखा, उ कइसे उगत हीं? न उ सबइ मेहनत करत हीं, न कताई, फिन भी मइँ तोहसे कहत हउँ कि सुलैमान आपन समूचे धन दौलत क संग ओहमाँ स कउनो एक क नाई नाहीं सज पाएस। 28 एह बरे जब मैदान क घास क, जउन आज हिआँ बा अउर भियान ही ओका भार मँ झोंक दीन्ह जाइ, परमेस्सर अइसे ओढ़नन स सजावत ह तउ अरे ओ कम बिसवास करइया मनइयो! तोहका तउ उ केतॅना अउर जिआदा ओढ़ना पहिराइ।

29 “अउर फिकिर जिन करा कि तू का खाब्या अउर का पीब्या। ऍनके बरे जिन सोचा। 30 काहेकि संसार क अउर सबहीं मनई चीजन्क क पाछे धावत अहइँ मुला तोहार परमपिता तउ जानत ही अहइ कि तोहका इ चीजन्क जरूरत अहइ। 31 मुला तू तउ परमेस्सर क राज्य क चिन्ता करा। इ चीजन तउ तोहका दइ दीन्ह जइहीं।

धने प भरोसा जिन करा

32 “हे भोली भेड़ी क झुण्ड! जिन डेराअ, काहेकि तोहार परमपिता तोहका राज्य देइ क तइयार अहइ। 33 तउ आपन धन दौलत बेंचिके धन गरीबन मँ बाँटि द्या। आपन लगे अइसी झोरी राखा जउन पुरान न होई अरथ बा कबहुँ न टूटइवाला सरगे मँ खजाना जहाँ ओह तलक कउनो चोर क पहुँच न होइ। अउर न ओका न किरवा नास कइ पावइँ। 34 काहेकि जहाँ तोहार खजाना अहइ, हुवँई तोहार मनवा भी रही।

सदा तइयार रहा

(मत्ती 24:42-44)

35 “काम करइ क सदा तइयार रहा। अउर आपन दिया बारे रहा। 36 अउर ओ मनइयन जइसा बना जउन बियाह क भोज स लौटिके आवत आपन स्वामी क जोहत होइँ जेहसे उ जब आवइ अउर दुआर खटखटावइ तउ उ पचे फउरन खोलि सकइँ। 37 उ नउकर धन्य अहइँ जेका स्वामी वापस आइके जागत अउर तइयार पइहीं। मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि उ भी ओनकर सेवा बरे करिहाउँ बाँधि लेइ अउर ओनका खइया क पीढ़ा प जेवइं बरे बइठाई। उ आई अउर ओनका जेंवाइ। 38 उ चाहे आधी राति स पहिले आवइ अउर चाहे आधी राति क पाछे जदि उ ओनका तइयार पावत ह तउ उ सबइ धन्य अहइँ।

39 “इ बात बरे निस्चित रहा कि जदि घरे क स्वामी क इ पता होइ कि चोर कउनो घड़ी आवत अहइ, तउ उ ओका आपन घरे मँ सेंध नाहीं लगावइ देइ। 40 तउ तू भी तइयार रहा काहेकि मनई क पूत अइसी घड़ी मँ आई जेका तू सोच नाहीं सकत्या।”

बिसवास क जोग्ग सेवक कउन?

41 तब पतरस पूछेस, “पर्भू इ दिस्टान्त कथा तू हमरे बरे कहत अहा या सब बरे?”

42 ऍह प पर्भू कहेस, “तउ फिन अइसा बिसवास क जोग्ग, बुद्धिमान संरजाम अधिकारी कउन होइ जेका पर्भू आपन नउकरन क ठीक समइ प खइया क चीज देइ बरे ठहराइ? 43 उ नउकर धन्य अहइ जेका ओकर स्वामी जब आवइ तउ ओका वइसा ही करत पावइ। 44 मइँ सच कहत हउँ कि उ ओका आपन सबहिं धन दौलत क अधिकारी ठहराइ।

45 “मुला उ नउकर आपन मनवा मँ सोचइ कि मोर स्वामी तउ आवइ मँ देर करत अहइ अउर उ दूसर पुरुस अउर स्त्री नउकरन क मारब पीटब सुरु कइ देइ अउर खाइ पिअइ अउर नसा मँ चूर होइ। 46 तउ उ जउकर क स्वामी अइसे दिन आइ जाइ जेका उ सोचत नाहीं। एक ठु अइसी घरी जेकरे बारे मँ निसाखातिर अहइ। फिन भी ओकर टुकरा टुकरा कइ डाइ अउर ओका न बिसवास करइयन क बीच ठउर देइ।

47 “उ नउकर जउन आपन स्वामी क इच्छा जानत ह अउर ओकरे बरे तइयार नाहीं होत या जइसा ओकर स्वामी चाहत ह, वइसहु नाहीं करत, तउ नउकर प जमिके मार परी। 48 मुला उ जेका आपन स्वामी क इच्छा क ग्यान नाहीं अउर कउनो अइसा काम कइ डावइ जउन मार खाइ काबिल होइ तउ उ नउकर प हल्की मार परी। काहेकि उ हर मनई स जेका बहोत जिआदा दीन्ह ग अहइ, जिआदा माँगा जाइ। उ मनई जेका ढेर सौंपा ग अहइ ओसे जिआदा ही माँगा जाइ।”

मनइयन क मत ईसू स मेल नाहीं खात

(मत्ती 10:34-36)

49 “मइँ धरती प एक आगी बारइ आवा हउँ मोर केतॅनी इच्छा अहइ कि उ साइद अबहुँ ताई बरि जात। 50 मोरे लगे एक बपतिस्मा अहइ जउन मोका लेब बा जब ताईं उ पूरा नाहीं होइ जात, मइँ केतॅना बियाकुल हउँ। 51 तू का सोचत बाट्या कि मइँ इ धरती प सान्ति लइ आवइ क बरे आवा हउँ? नाहीं, मइँ तोहका बतावत हउँ, मइँ अलगावइ आवा हउँ। 52 काहेकि अब स आगे एक घरे क पाँच आदमी एक दूसर क खिलाफ बँटि जइहीं। तीन दुइ क बिरोध मँ अउर दुइ तीन क बिरोध मँ होइ जइहीं।

53 बाप बेटवा क बिरोध मँ,
    अउर बेटवा बाप क बिरोध मँ,
महतारी बिटिया क बिरोध मँ,
    अउर बिटिया महतारी क बिरोध मँ,
सास दुलहिन क बिरोध मँ
    अउर दुलहिन सास क बिरोध मँ होइ जइहीं।”

समइ क पहिचान

(मत्ती 16:2-3)

54 फिन उ भीड़ स बोला, “जब तू पच्छूँ कइँती कउनो बदरे क उठत भइ लखत ह तउ कहि देत ह, ‘बरखा आवति अहइ।’ अउर फिन अइसा ही होत ह। 55 अउर फिन जब दखिनी हवा चलत ह, तू कहत ह, ‘गरमी पड़ी’ अउर अइसा ही होत ह। 56 अरे कपटी मनइयो! तू धरती अउर अकासे क रूपे क समझाउब तउ जानत बाट्या, फिन अइसा काहेकि इ जुग क बारे मँ समझउत्या नाहीं?”

आपन समसिया हल करा

(मत्ती 5:25-26)

57 “जउन नीक अहइ, ओकर फैसला करइवाला तू खुद काहे नाहीं बनत्या? 58 जब तू आपन बैरी क संग न्यायाधीस क लगे जात रहब्या तउ रास्ता मँ ही ओकरे संग समझौता करइ क जतन करया। नाहीं तउ कहूँ अइसा न होइ कि उ तोहका न्यायाधीस क लगे खैंच लइ जाइँ अउर न्यायाधीस एक अधिकारी क सौंपि देइ। अउर अधिकारी तोहका जेलि मँ धाँध देइ। 59 मइँ तोहका बतावत हउँ, तू हुवाँ स तब ताईं छूटि नाहीं पउब्या जब तलक आखिरी दमड़ी तक न चुकाइ द्या।”

मनफिरावा

13 उ समइया हुवाँ हाजिर कछू मनइयन ईसू क ओन गलीलियन क बारे मँ बताएस जेनकइ लहू पिलातुस ओनके बलिदान क संग मिलाइ दिहे रहा। तउ ईसू ओनसे कहेस, “तू का सोचत ह कि सबइ गलीलियन दूसर सबइ गलीलियन स जिआदा पापी रहेन काहेकि ओनका इ सबइ बातन भीजे पड़ी? नाहीं! मइँ तोहका बतावत हउँ, जदि तू भी मनफिरावा नाहीं करब्या तउ तू भी वइसी ही मउत स मरब्या जइसी उ सबइ मरे रहेन! या ओन अट्ठारह मनइयन क बारे मँ तू का सोचत ह जेनके ऊपर सीलोह क बुर्ज गिरिके ओनका मारि डाएस। का सोचत ह, उ सबइ यरूसलेम मँ बसइया दूसर सबइ ही मनइयन स जिआदा अपराधी रहेन? नाहीं! मइँ तोहका बतावत हउँ कि जदि तू मनवा न फिरउब्या तउ तू भी वइसे ही मरब्या!”

बँझउ बृच्छ

फिन उ इ दिस्टान्त कथा कहेस: “कउनो मनई आपन अँगूरे क बारी मँ एक ठु अंजीरे क बृच्छ रोपे रहा। तउ उ ओह पइ फल ढूँढ़इ आवा पर ओका कछू नाहीं मिल पावा। ऍह पइ उ माली स कहेस, ‘अब लखा मइँ तीन बरिस स अँजीरे क बृच्छ प फल टटोरत आवत हउँ मुला मोका एक ठु भी नाहीं मिलि पावा। एह बरे ऍका काटि डावा। इ धरती क अइसी ही वृथा काहे करत रहइ?’ माली ओका जवाब दिहेस, ‘स्वामी ऍका इ बरिस तब ताईं तजि द्या, जब तलक मइँ ऍकरे चारिहुँ कइँती खनिके एहमाँ पाँस नउबउँ। फिन जदि उ अगवा बरिस फल देइ तउ नीक बा अउर जदि नाहीं देत तउ तू ऍका काटि डाइ सकत ह।’”

सबित क दिन स्त्री क चंगा करब

10 कउनो आराधनालय मँ सबित क दिन ईसू जब उपदेस देत रहा। 11 तउ हुवँई एक अइसी स्त्री रही जेहमाँ दुस्ट आतिमा समाइ ग रही। जउन ओका अट्ठारह बरिस स पंगु बनाइ दिहे रही। उ निहुरिके कुबड़ी होइ गइ अउर तनिकउ सोझ नाहीं होइ सकत रही। 12 ईसू ओका जब निहारेस तउ आपन लगे बोलाएस अउर कहेस, “हे स्त्री, तोहका आपन बेरामी स छुटकारा मिलि गवा!” इ कहत भवा 13 ओह पइ आपन हाथ रखेस। अउर उ फउरन सीध होइ गइ। उ परमेस्सर क गुन गावइ लाग।

14 ईसू काहेकि सबित क दिन ओका बेरामी स जरटुट किहेस, एह बरे आराधनालय क नेता किरोध मँ आइके मनइयन स कहेस, “काम करइ क बरे छ: दिन होत हीं तउ ओनही दिनम मँ आवा अउर आपन बेरामी क दूर करावा पर सबित क दिन नीरोग होइ बरे जिन आवा।”

15 पर्भू जवाब देत भवा ओसे कहेस, “अरे कपटियो! का तोहमाँ स हर कउनो सबित क दिन आपन बर्धा अउर गदहा क बारा स निकारिके कहूँ पानी पिआवइ नाहीं लइ जात ह? 16 अब इ स्त्री जउन इब्राहीम क बिटिया अहइ अउर जेका सइतान अट्ठारह बरिस स जकरिके राखे बा, का ऍका सबित क दिन ऍका बंधन स छुटकारा नाहीं देइ क चाही?” 17 जब उ इ कहेस तउ ओकर खिलाफत करइवालन सबइ सर्माइ गएन। ओह कइँती समूची भीड़ ओकरे अचरजे स भरे कामन स जेनका उ किहे रहा, खुस होइ गइ।

सरग क राज्य कइसा अहइ

(मत्ती 13:31-33; मरकुस 4:30-32)

18 तउ ईसू कहेस, “परमेस्सर क राज्य का अहइ अउर मइँ ऍकर तुलना कइसे करउँ? 19 उ सरसई क दाना क नाई अहइ, जेका कउनो लइके आपन बगिया मँ बोएस। उ बड़ा भवा अउर एक बृच्छ होइ गवा। फिन अकासे क चिरइयन ओकर डारी प घोंसला बनाइ लिहन।”

20 उ फिन ईसू कहेस, “परमेस्सर क राज्य क बरोबरी मइँ कइसे करउँ? 21 इ उ खमीरे क नाई अहइ जेका एक स्त्री तीन हींसा पिसान मँ सान दिहेस अउर उ समूचा पिसान खमीरे स भरि गवा।”

साँकर दुआर

(मत्ती 7:13-14,21-23)

22 ईसू जब सहरन अउर गाँउन स होत भवा उपदेस देत भवा यरूसलेम जात रहा। 23 तबहीं ओसे कउनो पूछेस, “पर्भू क केवल कछू मनइयन क ही उद्धार होइ?”

ईसू कहेस, 24 “साँकर दुआरे स घुसइ क होइ सकइवाला जतन करा, काहेकि मइँ तोहका बतावत हउँ कि भीतर जाइ क जतन बहोत स करिहीं पर जाइ न पइहीं। 25 जब एक दाईं घरे क स्वामी उठिके दुआर बंद कइ देत ह, तउ तू बाहेर ही खड़ा दुआर खटखटावत कहब्या, ‘महासय, हमरे बरे खोलि द्या!’ मुला उ तोहका जवाब देइ, ‘मइँ नाहीं जानत तू कहाँ ले आवा बाट्या?’ 26 तब तू कहइ लगब्या, ‘हम तोहर संग खावा ह, तोहर संग पिआ ह, तू हमरी गलियन मँ हमका सीख दिहा ह।’ 27 पर उ तोसे कही, ‘मइँ नाहीं जानत तू कहाँ स आवा अहा? अरे कुकर्मी मनइयो! मोरे लगे स पराइ जा!’

28 “जब तू इब्राहीम, इसहाक, याकूब अउर दूसर सबहीं नबियन क परमेस्सरे क राज्य मँ निहरब्या मुला तोहका बाहेर ढकेल दीन्ह जाइ। तउ हुवाँ बस रोउब अउर दाँत पीसब होई। 29 फिन पूरब अउर पच्छूँ, उत्तर अउर दक्खिन स मनइयन परमेस्सर क राज्य मँ आइ आइके खइया क चउकी प आपन आसन ग्रहण करिहीं। 30 धियान रहइ कि हुवाँ जउन आखिरी अहइ पहिले होइ जइहीं अउर जउन पहिले अहइँ उ पचे आखिरी होइ जइहीं।”

ईसू क मउत यरूसलेम मँ

(मत्ती 23:27-39)

31 उहइ समइ ईसू क लगे कछू फरीसियन आएन अउर ओसे बोलेन, “हेरोदेस तोहका मारि डावइ चाहत ह, एह बरे हुवाँ स कहूँ अउर चला जा।”

32 तब उ ओनसे कहेस, “जा अउर उ लोखरी[a] स कहा, ‘मइँ मनइयन मँ स दुस्ट आतिमन क निकारब, मइँ आज ही चंगा करब अउर भियान भी। फिन तीसर दिन मइँ आपन काम पूरा करब।’ 33 फिन भी मोका आजु, भियान अउर परउँ चलत ही रहइ क अहइ। काहेकि कउनो नबियन बरे इ नीक नाहीं कि उ यरूसलेम स बाहेर प्रान तजि देइ।

34 “यरूसलेम अरे ओ यरूसलेम! तू नबियन क कतल करत ह अउर परमेस्सर जेका तोहरे लगे पठएस ह, ओन प पाथर बरिसावत ह। मइँ केतॅनी दाईं तोहरे मनइयन क वइसे ही आपुस मँ बटोरइ चाहा ह जइसे एक ठु मुर्गी आपन बचवन क आपन पखना तरे बटोरत ह। मुला तू नाहीं चाह्या। 35 लखा तोहरे बरे तोहार घर तोहरे लिए उजरा पड़ा अहइ। मइँ तोहका बतावत हउँ तू मोका उ समइया तलक फिन नाहीं देखब्या। जब ताईं उ समइ न आइ जाइ जब तू कहब्या, ‘धन्य अहइ उ, पर्भू क नाउँ प जउन आवत बा।’”(A)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.